हाथ के जोड़ों में दर्द
हाथ के जोड़ों में दर्द क्या है?
हाथ के जोड़ों में दर्द एक सामान्य समस्या है जिसमें हाथ की उंगलियों, कलाई या कोहनी के जोड़ों में बेचैनी या पीड़ा महसूस होती है। यह दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है और आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
हाथ के जोड़ों में दर्द के मुख्य कारण:
- गठिया (Arthritis): यह जोड़ों के दर्द का सबसे आम कारण है। गठिया के विभिन्न प्रकार होते हैं जो जोड़ों को प्रभावित करते हैं, जैसे:
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह तब होता है जब जोड़ों के बीच की सुरक्षात्मक कार्टिलेज (उपास्थि) समय के साथ खराब हो जाती है। यह उम्र बढ़ने के साथ अधिक होता है।
- रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis – RA): यह एक पुरानी ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही जोड़ों पर हमला करती है, जिससे सूजन और दर्द होता है।
- गाउट (Gout): यह एक प्रकार का गठिया है जो यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा होने से होता है, जिससे अचानक गंभीर दर्द, सूजन और लालिमा होती है।
- चोटें (Injuries):
- मोच या खिंचाव (Sprains or Strains): लिगामेंट्स (स्नायुबंधन) या मांसपेशियों में खिंचाव या टूट-फूट से दर्द हो सकता है।
- फ्रैक्चर (Fractures): हड्डियों के टूटने से जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- बार-बार होने वाली चोटें (Repetitive Strain Injuries): बार-बार एक ही तरह की गतिविधियों के कारण भी जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- सूजन (Inflammation):
- टेंडिनाइटिस (Tendonitis): मांसपेशियों और हड्डियों को जोड़ने वाले टेंडन में सूजन।
- बर्साइटिस (Bursitis): जोड़ों में मौजूद तरल युक्त थैली (बर्सा) में सूजन।
- अन्य कारण:
- संक्रमण (Infection): जोड़ों में संक्रमण से दर्द और सूजन हो सकती है।
- कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome): कलाई में एक तंत्रिका पर दबाव के कारण हाथ में दर्द और सुन्नपन।
- विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency): इसकी कमी से भी जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- अधिक या कम शारीरिक गतिविधि (Excessive or Low Physical Activity): दोनों ही जोड़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
- मोटापा (Obesity): अधिक वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
हाथ के जोड़ों में दर्द के लक्षण:
- जोड़ों में दर्द और बेचैनी
- अकड़न, खासकर सुबह में
- जोड़ों में सूजन
- जोड़ों के आसपास लालिमा या गर्मी महसूस होना
- जोड़ों की गति की क्षमता में कमी
- जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी
हाथ के जोड़ों में दर्द का इलाज:
इलाज दर्द के कारण पर निर्भर करता है। कुछ सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
- आराम: प्रभावित जोड़ों को आराम देना।
- हीट और कोल्ड थेरेपी: सूजन कम करने और दर्द से राहत के लिए गर्म या ठंडी सिकाई।
- दवाएं: दर्द और सूजन कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक (जैसे NSAIDs) या डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं।
- भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy)।
- जीवनशैली में बदलाव:
- स्वस्थ आहार, जिसमें हल्दी, अदरक, ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों।
- स्वस्थ वजन बनाए रखना।
- धूम्रपान छोड़ना।
- अन्य उपचार: कुछ गंभीर मामलों में इंजेक्शन या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपके हाथ के जोड़ों में गंभीर, लगातार या बार-बार दर्द होता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है ताकि सही निदान और उपचार मिल सके।
हाथ के जोड़ों में दर्द के कारण
हाथ के जोड़ों में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और कुछ अधिक गंभीर होते हैं। यहाँ मुख्य कारणों की जानकारी दी गई है:
1. गठिया (Arthritis)
यह हाथ के जोड़ों में दर्द का सबसे आम कारण है। गठिया के विभिन्न प्रकार होते हैं जो जोड़ों को प्रभावित कर सकते हैं:
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह तब होता है जब जोड़ों के बीच की सुरक्षात्मक कार्टिलेज (उपास्थि) समय के साथ घिस जाती है। यह अक्सर उम्र बढ़ने के साथ होता है और हाथ की उंगलियों के सबसे बाहरी जोड़ों (डिजिटल जॉइंट्स) को प्रभावित कर सकता है।
- रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis – RA):
- दर्द और अकड़न होती है, खासकर सुबह के समय। यह आमतौर पर हाथ और पैर के छोटे जोड़ों को प्रभावित करता है।
- गाउट (Gout): यह एक प्रकार का गठिया है जो यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा होने से होता है। इससे अचानक गंभीर दर्द, सूजन और लालिमा होती है, हालांकि यह अक्सर पैर के अंगूठे को प्रभावित करता है, लेकिन हाथों में भी हो सकता है।
- सोरियाटिक आर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis): यह सोरायसिस नामक त्वचा रोग से जुड़ा गठिया का एक प्रकार है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बन सकता है।
2. चोटें (Injuries)
हाथ के जोड़ों में चोटें भी दर्द का एक प्रमुख कारण हैं:
- मोच या खिंचाव (Sprains or Strains): लिगामेंट्स (जो हड्डियों को जोड़ते हैं) या मांसपेशियों में खिंचाव या टूट-फूट से दर्द हो सकता है।
- फ्रैक्चर (Fractures): हाथ की हड्डियों के टूटने से जोड़ों में तीव्र दर्द और सूजन हो सकती है।
- बार-बार होने वाली चोटें (Repetitive Strain Injuries – RSIs): बार-बार एक ही तरह की गति करने से (जैसे टाइपिंग, लेखन, या कुछ खेल गतिविधियों में) टेंडन और जोड़ों पर दबाव पड़ता है।
3. सूजन (Inflammation)
जोड़ों के आसपास की संरचनाओं में सूजन भी दर्द का कारण बनती है:
- टेंडिनाइटिस (Tendonitis): मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ने वाले टेंडन में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द और कोमलता महसूस होती है।
- बर्साइटिस (Bursitis): जोड़ों में मौजूद तरल युक्त थैली (बर्सा) में सूजन आ जाती है, जो जोड़ों को कुशनिंग प्रदान करती है।
4. अन्य कारण
कुछ अन्य स्थितियां भी हाथ के जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती हैं:
- संक्रमण (Infection): जोड़ों में संक्रमण से दर्द, सूजन, लालिमा और बुखार हो सकता है।
- कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome): कलाई में एक मुख्य तंत्रिका (मीडियन नर्व) पर दबाव पड़ने से हाथ में दर्द, सुन्नपन और झुनझुनी होती है, जो कभी-कभी जोड़ों के दर्द जैसा महसूस हो सकता है।
- विटामिन डी की कमी (Vitamin D Deficiency): शरीर में विटामिन डी की कमी से भी जोड़ों में दर्द और हड्डियों की कमजोरी हो सकती है।
- अधिक या कम शारीरिक गतिविधि (Excessive or Low Physical Activity): बहुत अधिक या बहुत कम शारीरिक गतिविधि दोनों ही जोड़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
- मोटापा (Obesity): शरीर का अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है।
- उम्र बढ़ना (Aging): उम्र के साथ जोड़ों में घिसाव स्वाभाविक रूप से होता है, जिससे दर्द की संभावना बढ़ जाती है।
यदि आपके हाथ के जोड़ों में लगातार दर्द, सूजन, लालिमा या गति करने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। वे सही निदान करके उचित उपचार बता सकते हैं।
हाथ के जोड़ों में दर्द के लक्षण
हाथ के जोड़ों में दर्द के लक्षण, दर्द के कारण और उसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण ऐसे हैं जिन्हें पहचानना ज़रूरी है।
हाथ के जोड़ों में दर्द के मुख्य लक्षण
- दर्द और बेचैनी: यह सबसे स्पष्ट लक्षण है। दर्द हल्का, लगातार होने वाला या तेज़, अचानक होने वाला हो सकता है। यह हाथ की उंगलियों, अंगूठे, कलाई या कोहनी के जोड़ों में कहीं भी महसूस हो सकता है।
- अकड़न (Stiffness): सुबह के समय या लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के बाद जोड़ों में अकड़न महसूस होना एक आम लक्षण है, खासकर रुमेटीइड गठिया में। गतिविधि शुरू करने के बाद यह धीरे-धीरे कम हो सकती है।
- सूजन (Swelling): प्रभावित जोड़ के आसपास सूजन या फुलावट दिख सकती है। यह आमतौर पर अंदरूनी सूजन के कारण होती है।
- लालिमा और गर्मी (Redness and Warmth): जोड़ के ऊपर की त्वचा लाल दिख सकती है और छूने पर गर्म महसूस हो सकती है। यह सूजन या संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- गति की सीमा में कमी (Reduced Range of Motion): दर्द या अकड़न के कारण हाथ के जोड़ों को पूरी तरह से मोड़ने या सीधा करने में परेशानी हो सकती है। रोज़मर्रा के काम जैसे मुट्ठी बनाना, वस्तुओं को पकड़ना या उठाना मुश्किल हो सकता है।
- कमजोरी (Weakness): प्रभावित हाथ में या जोड़ों के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है, जिससे वस्तुओं को पकड़ने की ताकत कम हो जाती है।
- स्पर्श करने पर दर्द (Tenderness to Touch): प्रभावित जोड़ को छूने पर या उस पर दबाव पड़ने पर दर्द हो सकता है।
- करकर की आवाज (Crepitus): कुछ प्रकार के गठिया (जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस) में, जोड़ों को हिलाने पर रगड़ने या चटकने जैसी आवाज़ें (करकर) आ सकती हैं।
- विकृति (Deformity): कुछ गंभीर और लंबे समय से चले आ रहे गठिया (जैसे रुमेटीइड गठिया) के मामलों में, जोड़ों का आकार बिगड़ सकता है या उनमें स्थायी विकृति आ सकती है।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
अगर आपको हाथ के जोड़ों में इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव होता है, खासकर यदि:
- दर्द गंभीर हो और घरेलू उपचार से ठीक न हो।
- सूजन, लालिमा और गर्मी के साथ बुखार हो।
- जोड़ में अचानक और तेज़ दर्द हो।
- जोड़ का आकार बिगड़ गया हो।
- रोज़मर्रा के काम करने में बहुत ज़्यादा परेशानी हो रही हो।
इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें, क्योंकि सही समय पर निदान और उपचार से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
हाथ के जोड़ों में दर्द का निदान
हाथ के जोड़ों में दर्द का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसका उद्देश्य दर्द के मूल कारण का पता लगाना है ताकि सही और प्रभावी इलाज शुरू किया जा सके।
1. शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा इतिहास
निदान का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम यही होता है। डॉक्टर आपसे विस्तृत प्रश्न पूछेंगे और आपके हाथों की जांच करेंगे:
- लक्षणों की जानकारी:
- दर्द कब शुरू हुआ?
- दर्द कितना तीव्र है और क्या यह लगातार बना रहता है या रुक-रुक कर होता है?
- दर्द किस प्रकार का है (जैसे, तेज, चुभने वाला, हल्का)?
- क्या कोई विशेष गतिविधि दर्द को बढ़ाती या घटाती है?
- क्या दर्द सुबह में या दिन के किसी विशेष समय में ज़्यादा होता है?
- क्या आपको अकड़न, सूजन, लालिमा या गर्मी जैसे अन्य लक्षण भी हैं?
- क्या दर्द शरीर के किसी और हिस्से में भी फैलता है?
- चिकित्सा इतिहास:
- क्या आपको पहले कोई चोट लगी है?
- क्या आपके परिवार में गठिया या जोड़ों से संबंधित कोई बीमारी का इतिहास है?
- क्या आपको कोई अन्य पुरानी बीमारी (जैसे मधुमेह, थायराइड की समस्या) है?
- आप कौन सी दवाएं ले रहे हैं?
- आपकी जीवनशैली (जैसे, आपकी नौकरी में क्या दोहराव वाली गतिविधियाँ शामिल हैं?)
- शारीरिक जांच:
- डॉक्टर आपके हाथों और जोड़ों को देखेंगे और छूकर जांच करेंगे कि कहीं सूजन, लालिमा, या कोमलता (tenderness) तो नहीं है।
- वे आपके जोड़ों की गति की सीमा (range of motion) की जांच करेंगे।
- हाथ की पकड़ की ताकत और मांसपेशियों की कमजोरी का आकलन भी किया जा सकता है।
2. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
ये टेस्ट जोड़ों और हड्डियों की आंतरिक संरचना की विस्तृत तस्वीरें लेने में मदद करते हैं:
- एक्स-रे (X-ray): यह हड्डियों और जोड़ों में किसी भी तरह के नुकसान, जैसे कि कार्टिलेज का घिसना, हड्डियों में बदलाव (जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस में बोन स्पर्स), फ्रैक्चर या विकृति को देखने में मदद करता है।
- एमआरआई (MRI – Magnetic Resonance Imaging): एमआरआई हड्डियों के साथ-साथ नरम ऊतकों (जैसे लिगामेंट्स, टेंडन, कार्टिलेज और बर्सा) की विस्तृत तस्वीरें दिखाता है। यह सूजन, चोटों और कुछ प्रकार के गठिया का पता लगाने में बहुत उपयोगी है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): यह जोड़ों के आसपास के नरम ऊतकों, जैसे टेंडन और लिगामेंट्स में सूजन या चोट का पता लगाने में मदद कर सकता है। यह अक्सर टेंडिनाइटिस या बर्साइटिस जैसी स्थितियों में उपयोग किया जाता है।
- सीटी स्कैन (CT Scan – Computed Tomography Scan): यह एक्स-रे की तुलना में हड्डियों की अधिक विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल तस्वीरें प्रदान करता है और फ्रैक्चर या हड्डी के अन्य असामान्यताओं का बेहतर आकलन करने में मदद कर सकता है।
3. रक्त परीक्षण (Blood Tests)
कुछ रक्त परीक्षण जोड़ों के दर्द के अंतर्निहित कारणों का पता लगाने में सहायक होते हैं, खासकर गठिया के मामलों में:
- एरिथ्रोसाइट सेडिमेंटेशन रेट (ESR) और सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP): ये दोनों सूजन के सामान्य मार्कर हैं। उच्च स्तर शरीर में सूजन का संकेत देते हैं, जो रुमेटीइड गठिया या अन्य सूजन संबंधी बीमारियों में देखा जा सकता है।
- रुमेटीइड फैक्टर (RF) और एंटी-सीसीपी एंटीबॉडी (Anti-CCP Antibodies): ये विशिष्ट एंटीबॉडी रुमेटीइड गठिया के निदान में मदद करते हैं।
- यूरिक एसिड स्तर (Uric Acid Level): यदि डॉक्टर को गाउट का संदेह होता है, तो रक्त में यूरिक एसिड का उच्च स्तर इसकी पुष्टि कर सकता है।
- एना (ANA – Antinuclear Antibodies): यह टेस्ट ल्यूपस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों का पता लगाने में मदद कर सकता है, जो जोड़ों के दर्द का कारण बन सकती हैं।
- विटामिन डी स्तर (Vitamin D Level): विटामिन डी की कमी भी जोड़ों और हड्डियों में दर्द का कारण बन सकती है।
4. जोड़ द्रव विश्लेषण (Joint Fluid Analysis)
यदि जोड़ में सूजन बहुत अधिक है और उसमें तरल पदार्थ जमा हो गया है, तो डॉक्टर उस तरल पदार्थ का एक छोटा सा नमूना निकाल सकते हैं (जिसे आर्थ्रोसेंटेसिस कहते हैं)। इस तरल पदार्थ का विश्लेषण:
- संक्रमण (Infection) का पता लगा सकता है।
- यूरिक एसिड क्रिस्टल (Uric Acid Crystals) की उपस्थिति की जांच कर सकता है, जो गाउट का संकेत है।
- अन्य क्रिस्टल या असामान्यताओं की पहचान कर सकता है।
इन सभी परीक्षणों और जांचों के आधार पर डॉक्टर आपके हाथ के जोड़ों में दर्द का सही कारण निर्धारित कर सकते हैं और उसके अनुसार एक उचित उपचार योजना बना सकते हैं। यदि आपको हाथ के जोड़ों में दर्द है, तो घबराएं नहीं, लेकिन निदान और उपचार के लिए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा सबसे अच्छा होता है।
हाथों के जोड़ो में दर्द का इलाज
हाथों के जोड़ों में दर्द का इलाज इसके मूल कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। आमतौर पर, इसमें जीवनशैली में बदलाव, घरेलू उपचार, दवाएं और कुछ मामलों में सर्जरी भी शामिल हो सकती है।
1. जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
ये तरीके अक्सर हल्के से मध्यम दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं:
- आराम: प्रभावित हाथों को आराम देना ज़रूरी है, खासकर यदि दर्द किसी विशेष गतिविधि के कारण हो रहा हो।
- गर्म और ठंडी सिकाई:
- गर्म सिकाई: अकड़न और मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल, गर्म तौलिया, या गर्म पानी से नहाना फायदेमंद हो सकता है।
- ठंडी सिकाई: सूजन और तेज दर्द को कम करने के लिए बर्फ के टुकड़े को कपड़े में लपेटकर 15-20 मिनट के लिए लगाना चाहिए।
- हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग: फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह पर हाथ और उंगलियों के लिए हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग करने से जोड़ों में लचीलापन बना रहता है और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। इससे जोड़ों पर तनाव कम होता है।
- स्वस्थ आहार:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड: अलसी, चिया सीड्स, अखरोट और कुछ मछलियों (जैसे सैल्मन) में पाए जाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ: हल्दी, अदरक, चेरी, ग्रीन टी, प्याज, लहसुन, शिमला मिर्च, मशरूम, कीवी, पपीता, अनानास और खट्टे फल (साइट्रस फल) जैसे खाद्य पदार्थ सूजन और दर्द को कम करने में सहायक होते हैं।
- विटामिन डी: पर्याप्त विटामिन डी का सेवन हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखना: शरीर का अतिरिक्त वजन जोड़ों पर दबाव डालता है, इसलिए वजन कम करना दर्द को कम करने में मददगार हो सकता है।
- धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान से गठिया सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
- हल्दी और अदरक का उपयोग: हल्दी को गर्म करके लेप लगाने या हल्दी वाला दूध पीने से दर्द कम हो सकता है। अदरक की चाय या उसका पेस्ट लगाना भी फायदेमंद हो सकता है।
- जैतून का तेल: जैतून के तेल से मालिश करने से भी दर्द में आराम मिल सकता है।
2. दवाएं (चिकित्सकीय उपचार)
डॉक्टर दर्द के कारण और गंभीरता के आधार पर विभिन्न दवाएं लिख सकते हैं:
- ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक:
- एसिटामिनोफेन (Paracetamol): हल्के दर्द से राहत के लिए।
- नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): आइबुप्रोफेन (Ibuprofen), डाइक्लोफेनाक (Diclofenac) या नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसी दवाएं दर्द और सूजन दोनों को कम करती हैं। ये मुंह से लेने वाली गोलियों या जेल/क्रीम (जैसे मूव स्ट्रोंग) के रूप में उपलब्ध होती हैं।
- प्रिस्क्रिप्शन वाली दवाएं: गंभीर दर्द के लिए डॉक्टर ओपिओइड (बहुत कम मामलों में) या अन्य NSAIDs लिख सकते हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids): ये शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं हैं। इन्हें मौखिक रूप से लिया जा सकता है या सीधे प्रभावित जोड़ में इंजेक्शन के रूप में दिया जा सकता है। ये सूजन और दर्द को तेजी से कम करते हैं।
- रोग-संशोधित एंटीरुमेटिक ड्रग्स (DMARDs): रुमेटीइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए डॉक्टर मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate), हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) जैसी दवाएं लिख सकते हैं। ये बीमारी की प्रगति को धीमा करती हैं।
- बायोलॉजिक एजेंट्स (Biologic Agents): ये नवीनतम दवाएं हैं जो रुमेटीइड गठिया जैसी बीमारियों में संयुक्त क्षति को धीमा करती हैं।
3. अन्य उपचार
- फिजिकल थेरेपी
- स्प्लिंट्स या ब्रेसेस (Splints or Braces): ये हाथ या कलाई को सहारा देते हैं और जोड़ों को स्थिर रखते हैं, जिससे दर्द कम होता है और आगे की चोट से बचाव होता है। इन्हें अक्सर रात में पहना जाता है।
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Occupational Therapy): यह आपको दैनिक गतिविधियों को दर्द कम करते हुए करने के तरीके सीखने में मदद करती है, जैसे विशेष उपकरणों का उपयोग करना।
- सर्जरी (Surgery): यदि जोड़ों को गंभीर नुकसान हुआ हो और अन्य सभी उपचार विफल हो गए हों, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। इसमें क्षतिग्रस्त जोड़ को हटाकर कृत्रिम जोड़ लगाना या जोड़ों को स्थिर करना शामिल हो सकता है।