पित्ताशय की पथरी
पित्ताशय की पथरी क्या है?
पित्ताशय की पथरी, जिसे कोलेलिथियासिस भी कहा जाता है, पित्ताशय में बनने वाले कठोर जमाव होते हैं। पित्ताशय एक छोटा, नाशपाती के आकार का अंग है जो आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में, आपके जिगर के ठीक नीचे स्थित होता है। पित्ताशय पित्त नामक एक पाचक द्रव को संग्रहीत करता है, जो छोटी आंत में वसा को पचाने में मदद करता है।
पित्ताशय की पथरी आकार में रेत के दाने से लेकर गोल्फ की गेंद तक हो सकती है। कुछ लोगों में केवल एक पित्ताशय की पथरी विकसित होती है, जबकि अन्य में एक ही समय में कई पथरी विकसित हो सकती हैं।
पित्ताशय की पथरी के मुख्य प्रकार हैं:
- कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी: ये सबसे आम प्रकार हैं और आमतौर पर पीले रंग के होते हैं। ये मुख्य रूप से अघुलित कोलेस्ट्रॉल से बने होते हैं, लेकिन इनमें अन्य घटक भी हो सकते हैं।
- वर्णक पित्ताशय की पथरी: ये गहरे भूरे या काले रंग के पत्थर होते हैं जो तब बनते हैं जब आपके पित्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन होता है। बिलीरुबिन एक रसायन है जो तब बनता है जब आपका शरीर लाल रक्त कोशिकाओं को तोड़ता है।
पित्ताशय की पथरी बनने के संभावित कारण:
- आपके पित्त में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल: आम तौर पर, आपके पित्त में आपके जिगर द्वारा उत्सर्जित कोलेस्ट्रॉल को घोलने के लिए पर्याप्त रसायन होते हैं। लेकिन अगर आपका जिगर आपके पित्त की तुलना में अधिक कोलेस्ट्रॉल का उत्सर्जन करता है, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल और अंततः पथरी बना सकता है।
- आपके पित्त में बहुत अधिक बिलीरुबिन: कुछ स्थितियां आपके जिगर को बहुत अधिक बिलीरुबिन बनाने का कारण बनती हैं, जिसमें यकृत सिरोसिस, पित्त नली में संक्रमण और कुछ रक्त विकार शामिल हैं। अतिरिक्त बिलीरुबिन पित्ताशय की पथरी के गठन में योगदान कर सकता है।
- आपका पित्ताशय ठीक से खाली नहीं होता: यदि आपका पित्ताशय पूरी तरह से या अक्सर पर्याप्त रूप से खाली नहीं होता है, तो पित्त बहुत अधिक गाढ़ा हो सकता है, जिससे पित्ताशय की पथरी बन सकती है।
कई लोगों में पित्ताशय की पथरी कोई लक्षण पैदा नहीं करती है और उन्हें उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। इन पत्थरों को “साइलेंट” पित्ताशय की पथरी कहा जाता है। हालांकि, यदि पित्ताशय की पथरी पित्त नली में फंस जाती है और रुकावट पैदा करती है, तो इसके कारण अचानक और गंभीर दर्द हो सकता है, जिसे पित्ताशय का दौरा या पित्त संबंधी शूल कहा जाता है।
पित्ताशय की पथरी के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेजी से तेज दर्द जो तेजी से बढ़ता है और 30 मिनट से लेकर कई घंटों तक रह सकता है।
- पेट के मध्य भाग में, छाती की हड्डी के ठीक नीचे अचानक और तेजी से तेज दर्द।
- कंधे के ब्लेड के बीच पीठ दर्द।
- दाहिने कंधे में दर्द।
- जी मिचलाना या उल्टी।
- बुखार।
- ठंड लगना।
- पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)।
- पेट फूलना।
- वसायुक्त खाद्य पदार्थों के प्रति असहिष्णुता।
- डकार या गैस।
- अपच।
पित्ताशय की पथरी के कारण क्या हैं?
पित्ताशय की पथरी बनने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य निम्नलिखित शामिल हैं:
- पित्त में कोलेस्ट्रॉल की अधिकता: यह पित्ताशय की पथरी का सबसे आम कारण है। पित्त में कोलेस्ट्रॉल घुलनशील होता है, लेकिन जब लिवर बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है और पित्त उसे पूरी तरह से घोल नहीं पाता, तो अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगता है और धीरे-धीरे पथरी का रूप ले लेता है।
- पित्त में बिलीरुबिन की अधिकता: बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है। कुछ स्थितियों, जैसे लिवर सिरोसिस, पित्त नली में संक्रमण या कुछ रक्त विकारों के कारण लिवर बहुत अधिक बिलीरुबिन बना सकता है। अतिरिक्त बिलीरुबिन वर्णक पित्ताशय की पथरी (पिगमेंट गॉलस्टोन) के गठन में योगदान कर सकता है, जो गहरे भूरे या काले रंग की होती हैं।
- पित्ताशय का ठीक से खाली न होना: यदि पित्ताशय नियमित रूप से और पूरी तरह से खाली नहीं होता है, तो पित्त गाढ़ा हो सकता है और क्रिस्टल बना सकता है, जो बाद में पथरी में विकसित हो सकते हैं। यह पित्ताशय की मांसपेशियों के संकुचन में समस्या या पित्त नलिकाओं में रुकावट के कारण हो सकता है।
- पित्त लवणों का असंतुलन: पित्त लवण पित्त में कोलेस्ट्रॉल को घुलनशील रखने में मदद करते हैं। यदि पित्त में पर्याप्त पित्त लवण नहीं हैं, तो कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टलीकृत हो सकता है और पथरी बन सकती है।
इन मुख्य कारणों के अलावा, कुछ अन्य कारक भी पित्ताशय की पथरी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मोटापा या अधिक वजन होना
- तेजी से वजन कम करना
- उपवास या भोजन छोड़ना
- महिला होना (एस्ट्रोजन का स्तर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित कर सकता है)
- बढ़ती उम्र (40 वर्ष से अधिक)
- पित्ताशय की पथरी का पारिवारिक इतिहास
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ जैसे मधुमेह, सिरोसिस, क्रोहन रोग और कुछ रक्त विकार
- कुछ दवाएं जैसे एस्ट्रोजन युक्त दवाएं और कुछ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं
- उच्च वसा और कोलेस्ट्रॉल वाला और कम फाइबर वाला आहार
पित्ताशय की पथरी के संकेत और लक्षण क्या हैं?
पित्ताशय की पथरी होने पर कई लोगों में कोई संकेत या लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इन पत्थरों को “साइलेंट” पित्ताशय की पथरी कहा जाता है। हालांकि, यदि पित्ताशय की पथरी पित्त नली में फंस जाती है और रुकावट पैदा करती है, तो इसके कारण अचानक और गंभीर दर्द हो सकता है, जिसे पित्ताशय का दौरा या पित्त संबंधी शूल कहा जाता है।
पित्ताशय की पथरी के सामान्य संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेजी से तेज दर्द: यह दर्द आमतौर पर पसलियों के ठीक नीचे महसूस होता है और तेजी से बढ़ता है। यह 30 मिनट से लेकर कई घंटों तक रह सकता है।
- पेट के मध्य भाग में दर्द: कुछ लोगों को पेट के बीच में, छाती की हड्डी के ठीक नीचे दर्द महसूस हो सकता है।
- पीठ दर्द: दर्द कंधे के ब्लेड के बीच पीठ में फैल सकता है।
- दाहिने कंधे में दर्द: दर्द दाहिने कंधे में भी महसूस हो सकता है।
- जी मिचलाना या उल्टी: पित्ताशय के दौरे के दौरान उल्टी या मतली हो सकती है।
यदि पित्ताशय की पथरी पित्त नली में लंबे समय तक फंसी रहती है, तो अधिक गंभीर लक्षण विकसित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पीलिया (Jaundice): त्वचा और आंखों का पीला होना।
- तेज बुखार: संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- ठंड लगना: बुखार के साथ हो सकता है।
- लगातार दर्द: जो कई घंटों से अधिक समय तक रहता है।
- मिट्टी के रंग का मल: पित्त के प्रवाह में रुकावट के कारण हो सकता है।
- गहरे रंग का मूत्र: बिलीरुबिन के स्तर में वृद्धि के कारण हो सकता है।
पित्ताशय की पथरी का दर्द अक्सर वसायुक्त भोजन खाने के बाद या रात में होता है। यह दर्द लगातार हो सकता है या रुक-रुक कर आ सकता है।
पित्ताशय की पथरी का खतरा किसे अधिक होता है?
पित्ताशय की पथरी होने का खतरा कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में अधिक होता है। निम्नलिखित कारक पित्ताशय की पथरी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं:
गैर-परिवर्तनीय जोखिम कारक (जिन्हें बदला नहीं जा सकता):
- लिंग: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में पित्ताशय की पथरी विकसित होने की संभावना दोगुनी होती है। यह एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण हो सकता है, जो पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा सकता है और पित्ताशय के खाली होने की गति को धीमा कर सकता है।
- आयु: 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में पित्ताशय की पथरी होने का खतरा बढ़ जाता है।
- पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को पित्ताशय की पथरी हुई है, तो आपको भी यह होने की संभावना अधिक है। यह आनुवंशिक कारकों के कारण हो सकता है जो पित्त की संरचना को प्रभावित करते हैं।
- जातीयता: कुछ जातीय समूहों में पित्ताशय की पथरी की दर अधिक होती है, जैसे कि मूल अमेरिकी और मैक्सिकन अमेरिकी।
परिवर्तनीय जोखिम कारक (जिन्हें बदला जा सकता है):
- मोटापा या अधिक वजन: अधिक वजन होने से पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पित्ताशय की पथरी बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- तेजी से वजन कम करना: जब शरीर तेजी से वसा को तोड़ता है, तो यह पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल छोड़ता है, जिससे पथरी बन सकती है।
- उपवास या भोजन छोड़ना: नियमित रूप से भोजन छोड़ने से पित्ताशय कम बार सिकुड़ता है, जिससे पित्त अधिक गाढ़ा हो जाता है और पथरी बन सकती है।
- उच्च वसा और कोलेस्ट्रॉल वाला आहार: हालांकि सीधा संबंध पूरी तरह से स्थापित नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार का आहार पित्ताशय की पथरी के विकास में योगदान कर सकता है।
- कम फाइबर वाला आहार: फाइबर पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन पित्ताशय की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- कुछ दवाएं: एस्ट्रोजन युक्त दवाएं (जैसे गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी) और कुछ कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं पित्ताशय की पथरी के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: मधुमेह, सिरोसिस, क्रोहन रोग और कुछ रक्त विकार जैसे सिकल सेल एनीमिया पित्ताशय की पथरी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- बैठने की जीवनशैली: शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने से पित्ताशय की पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
पित्ताशय की पथरी से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
पित्ताशय की पथरी से जुड़ी कई बीमारियां और जटिलताएं हो सकती हैं, खासकर यदि उनका इलाज न किया जाए या यदि वे पित्त नली को अवरुद्ध कर दें। इनमें शामिल हैं:
- पित्ताशय की सूजन (Cholecystitis): यह पित्ताशय की सबसे आम जटिलता है। जब एक पित्ताशय की पथरी पित्ताशय की गर्दन या सिस्टिक डक्ट में फंस जाती है, तो पित्त जमा हो सकता है, जिससे पित्ताशय में सूजन और संक्रमण हो सकता है। इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में लगातार तेज दर्द, बुखार और ठंड लगना शामिल हैं। गंभीर मामलों में, पित्ताशय फट सकता है।
- पित्त नली में रुकावट (Choledocholithiasis): पित्ताशय की पथरी पित्ताशय से निकलकर सामान्य पित्त नली में फंस सकती है, जिससे पित्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इससे तेज पेट दर्द, पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना) और पित्त नली में संक्रमण (कोलांगाइटिस) हो सकता है।
- पित्त नली में संक्रमण (Cholangitis): पित्त नली में रुकावट के कारण बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे गंभीर संक्रमण हो सकता है। इसके लक्षणों में पीलिया, तेज बुखार, ठंड लगना और पेट दर्द शामिल हैं। यह एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
- अग्नाशयशोथ (Pancreatitis): सामान्य पित्त नली और अग्नाशयी नली छोटी आंत में एक ही छिद्र से खुलती हैं। यदि एक पित्ताशय की पथरी इस छिद्र के पास फंस जाती है, तो यह अग्नाशयी रस के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकती है, जिससे अग्न्याशय में सूजन (अग्नाशयशोथ) हो सकती है। इसके लक्षणों में पेट के ऊपरी हिस्से में तेज, लगातार दर्द शामिल है जो पीठ तक फैल सकता है, साथ ही मतली और उल्टी भी हो सकती है।
- पित्ताशय का कैंसर (Gallbladder Cancer): पित्ताशय की पथरी का इतिहास पित्ताशय के कैंसर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है, हालांकि पित्ताशय का कैंसर अपेक्षाकृत दुर्लभ है। बड़े पित्ताशय की पथरी वाले लोगों में जोखिम थोड़ा अधिक हो सकता है।
- गॉलस्टोन इलियस (Gallstone Ileus): यह एक दुर्लभ जटिलता है जिसमें एक बड़ी पित्ताशय की पथरी पित्ताशय से निकलकर आंत में चली जाती है और रुकावट पैदा कर देती है, आमतौर पर छोटी आंत में। इसके लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी और कब्ज शामिल हैं। इसके लिए आमतौर पर सर्जरी की आवश्यकता होती है।
- मिर्ज़ी सिंड्रोम (Mirizzi Syndrome): यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें पित्ताशय की गर्दन में फंसी हुई एक पित्ताशय की पथरी सामान्य यकृत नली पर बाहरी दबाव डालती है, जिससे पीलिया और पित्त नली में रुकावट होती है।
पित्ताशय की पथरी का निदान कैसे करें?
पित्ताशय की पथरी का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा:
- डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में विस्तार से पूछेंगे, जिसमें दर्द का स्थान, प्रकार, अवधि और क्या इसे कुछ खास चीजें (जैसे वसायुक्त भोजन) खाने से ट्रिगर होता है।
- वे आपके चिकित्सा इतिहास और आपके परिवार के चिकित्सा इतिहास के बारे में भी पूछेंगे।
- शारीरिक परीक्षा के दौरान, डॉक्टर आपके पेट को छूकर दर्द या कोमलता की जांच कर सकते हैं, खासकर ऊपरी दाहिने हिस्से में। वे मर्फी के संकेत (Murphy’s sign) की भी जांच कर सकते हैं, जो पित्ताशय की सूजन का संकेत दे सकता है।
2. इमेजिंग परीक्षण:
- पेट का अल्ट्रासाउंड: यह पित्ताशय की पथरी का पता लगाने के लिए सबसे आम और सबसे अच्छी इमेजिंग तकनीक है। यह उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करके पित्ताशय और पित्त नलिकाओं की तस्वीरें बनाता है। अल्ट्रासाउंड पित्ताशय की पथरी के आकार और स्थान को दिखा सकता है।
- कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन: सीटी स्कैन एक्स-रे और कंप्यूटर तकनीक का उपयोग करके पित्ताशय, पित्त नलिकाओं और आसपास के अंगों की विस्तृत तस्वीरें बनाता है। यह पित्ताशय की पथरी या जटिलताओं जैसे संक्रमण या रुकावट को दिखा सकता है, लेकिन यह छोटी कोलेस्ट्रॉल पथरी को अल्ट्रासाउंड जितना अच्छी तरह से नहीं दिखा पाता है।
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई): एमआरआई रेडियो तरंगों और मैग्नेट का उपयोग करके अंगों और कोमल ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें बनाता है। यह पित्त नलिकाओं में पित्ताशय की पथरी को दिखाने में उपयोगी हो सकता है, खासकर मैग्नेटिक रेजोनेंस कोलेंजियोपैंक्रेटोग्राफी (एमआरसीपी) नामक एक विशेष प्रकार का एमआरआई।
- एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (ईयूएस): इस प्रक्रिया में, एक पतली, लचीली ट्यूब (एंडोस्कोप) को मुंह के माध्यम से पाचन तंत्र में डाला जाता है। ट्यूब के सिरे पर एक छोटा अल्ट्रासाउंड उपकरण होता है जो आसपास के ऊतकों की सटीक तस्वीरें बनाता है। यह छोटी पथरी का पता लगाने में मदद कर सकता है जो पेट के अल्ट्रासाउंड पर दिखाई नहीं देती हैं।
- कोलेसिंटिग्राफी (एचआईडीए स्कैन): इस स्कैन में, एक सुरक्षित रेडियोधर्मी सामग्री को नस में इंजेक्ट किया जाता है। एक विशेष कैमरा इस सामग्री को पित्त नलिकाओं और पित्ताशय से गुजरते हुए ट्रैक करता है। यह पित्ताशय के संकुचन की असामान्यताओं या पित्त नलिकाओं में रुकावट का निदान करने में मदद कर सकता है।
- एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियोपैंक्रेटोग्राफी (ईआरसीपी): यह एक अधिक आक्रामक प्रक्रिया है जिसमें एक एंडोस्कोप को मुंह के माध्यम से छोटी आंत में डाला जाता है। पित्त नलिकाओं और अग्नाशयी नली में एक डाई इंजेक्ट की जाती है, और फिर एक्स-रे लिए जाते हैं। ईआरसीपी पित्त नलिकाओं में फंसी पथरी का पता लगाने और उन्हें हटाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. रक्त परीक्षण:
- रक्त परीक्षण सीधे पित्ताशय की पथरी का पता नहीं लगाते हैं, लेकिन वे संक्रमण, सूजन, पीलिया (लिवर फंक्शन टेस्ट के माध्यम से) या अग्नाशयशोथ जैसी पित्ताशय की पथरी से संबंधित जटिलताओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
पित्ताशय की पथरी का इलाज क्या है?
पित्ताशय की पथरी का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको लक्षण हैं या नहीं और यदि हैं तो वे कितने गंभीर हैं।
यदि आपको कोई लक्षण नहीं हैं (साइलेंट गॉलस्टोन):
- आमतौर पर, यदि आपको पित्ताशय की पथरी है लेकिन कोई लक्षण नहीं हैं, तो उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। डॉक्टर “प्रतीक्षा करें और देखें” का दृष्टिकोण अपना सकते हैं। हालांकि, यदि आपको पित्ताशय के कैंसर का खतरा अधिक है, तो निवारक सर्जरी पर विचार किया जा सकता है।
यदि आपको लक्षण हैं (सिम्प्टोमैटिक गॉलस्टोन):
यदि आपको पित्ताशय की पथरी के कारण दर्द या अन्य लक्षण हो रहे हैं, तो उपचार की सिफारिश की जाएगी। मुख्य उपचार विकल्प हैं:
- सर्जरी (कोलेसिस्टेक्टोमी): पित्ताशय को हटाने के लिए सर्जरी पित्ताशय की पथरी के लिए सबसे आम और प्रभावी इलाज है। पित्ताशय को हटाने के बाद, पित्त सीधे यकृत से छोटी आंत में बहता है। अधिकांश लोगों को पित्ताशय के बिना सामान्य रूप से जीने में कोई समस्या नहीं होती है। कोलेसिस्टेक्टोमी दो मुख्य तरीकों से की जा सकती है:
- लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी: यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। सर्जन पेट में छोटे चीरे लगाते हैं और एक विशेष उपकरण (लैप्रोस्कोप) डालते हैं जिसमें एक कैमरा और सर्जिकल उपकरण जुड़े होते हैं। सर्जन मॉनिटर पर देखकर पित्ताशय को हटाते हैं। इस प्रक्रिया में आमतौर पर छोटे चीरे लगते हैं, अस्पताल में कम समय रुकना पड़ता है और तेजी से ठीक होना होता है। यह अधिकांश मामलों में पसंदीदा तरीका है।
- ओपन कोलेसिस्टेक्टोमी: इस प्रक्रिया में पेट में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है ताकि सर्जन सीधे पित्ताशय तक पहुंच सकें और उसे हटा सकें। यह तब आवश्यक हो सकता है जब पित्ताशय में गंभीर सूजन हो, संक्रमण हो या पिछली पेट की सर्जरी के कारण लैप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव न हो। ओपन सर्जरी में आमतौर पर अस्पताल में अधिक समय रुकना पड़ता है और ठीक होने में अधिक समय लगता है।
- गैर-सर्जिकल उपचार (आमतौर पर कम उपयोग किया जाता है): इन विकल्पों का उपयोग आमतौर पर तभी किया जाता है जब सर्जरी संभव न हो या बहुत अधिक जोखिम भरी हो, या कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में।
- मौखिक पित्त अम्ल गोलियां (Oral Bile Acid Pills): ये दवाएं (जैसे उर्सोडिओल और चेनोडिओल) कोलेस्ट्रॉल पित्ताशय की पथरी को घोलने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, यह उपचार में महीनों या वर्षों लग सकते हैं, और पथरी अक्सर दवा बंद करने के बाद फिर से बन जाती हैं। ये वर्णक पथरी के लिए प्रभावी नहीं हैं।
- शॉक वेव लिथोट्रिप्सी (Shock Wave Lithotripsy): इस प्रक्रिया में, उच्च-ऊर्जा ध्वनि तरंगों का उपयोग शरीर के बाहर से पित्ताशय की पथरी को छोटे टुकड़ों में तोड़ने के लिए किया जाता है। फिर ये छोटे टुकड़े पित्त नलिकाओं से गुजर सकते हैं। यह विधि पित्ताशय की पथरी के लिए बहुत आम नहीं है और आमतौर पर केवल कुछ विशिष्ट प्रकार की छोटी कोलेस्ट्रॉल पथरी के लिए ही उपयोग की जाती है।
पित्त नली में फंसी पथरी का इलाज:
यदि पित्ताशय की पथरी पित्त नली में फंस गई है, तो इसे हटाने के लिए अतिरिक्त प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है, जैसे:
- एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियोपैंक्रेटोग्राफी (ईआरसीपी): इस प्रक्रिया में, एक एंडोस्कोप को मुंह के माध्यम से छोटी आंत में डाला जाता है। पित्त नली में एक चीरा लगाया जा सकता है और फिर एक छोटा जाल या गुब्बारा का उपयोग करके पथरी को हटाया जा सकता है।
पित्ताशय की पथरी का घरेलू इलाज क्या है?
पित्ताशय की पथरी (Gallstones) एक ऐसी स्थिति है जिसके लिए आमतौर पर चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, खासकर यदि आपको लक्षण महसूस हो रहे हैं। पित्ताशय की पथरी को पूरी तरह से घोलने या हटाने के लिए कोई सिद्ध घरेलू इलाज नहीं है।
इंटरनेट पर आपको कई घरेलू उपचार मिल सकते हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश वैज्ञानिक रूप से समर्थित नहीं हैं और कुछ तो हानिकारक भी हो सकते हैं। पित्ताशय की पथरी का प्रबंधन हमेशा डॉक्टर की देखरेख में होना चाहिए।
हालांकि, कुछ जीवनशैली और आहार परिवर्तन ऐसे हैं जिन्हें आप डॉक्टर की सलाह के साथ अपना सकते हैं जो पित्ताशय के स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं और शायद कुछ लोगों में हल्के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये घरेलू उपचार चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं और लक्षणों को अनदेखा करना या डॉक्टर से सलाह न लेना खतरनाक हो सकता है।
यहां कुछ संभावित सहायक घरेलू उपाय दिए गए हैं:
आहार परिवर्तन:
- स्वस्थ आहार लें: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार पित्ताशय के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें।
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं: फाइबर पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। अपने आहार में फल, सब्जियां, दालें और साबुत अनाज शामिल करें।
- स्वस्थ वसा शामिल करें: एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून के तेल जैसे स्वस्थ वसा पित्ताशय को ठीक से खाली करने में मदद कर सकते हैं।
- छोटे और बार-बार भोजन करें: बड़े भोजन करने के बजाय, दिन भर में छोटे और बार-बार भोजन करने से पित्ताशय पर कम दबाव पड़ता है।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पित्त को पतला रखने में मदद कर सकता है।
अन्य जीवनशैली परिवर्तन:
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा पित्ताशय की पथरी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है। धीरे-धीरे और स्वस्थ तरीके से वजन कम करने का प्रयास करें। तेजी से वजन कम करना भी पित्ताशय की पथरी का कारण बन सकता है, इसलिए सतर्क रहें।
- नियमित व्यायाम करें: नियमित शारीरिक गतिविधि पित्ताशय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
अस्वीकृत या संभावित रूप से हानिकारक घरेलू उपचार:
इंटरनेट पर आपको कुछ ऐसे घरेलू उपचार भी मिल सकते हैं जिनकी सिफारिश नहीं की जाती है और जो संभावित रूप से हानिकारक हो सकते हैं, जैसे:
- ऑलिव ऑयल और नींबू के रस का फ्लश: यह दावा किया जाता है कि यह मिश्रण पित्ताशय की पथरी को बाहर निकालने में मदद करता है, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और यह पेट खराब कर सकता है।
- सेब का रस का सिरका: इसके भी पित्ताशय की पथरी को घोलने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है और यह एसिडिटी बढ़ा सकता है।
- विभिन्न प्रकार की हर्बल उपचार: कुछ जड़ी-बूटियाँ पित्त प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं, लेकिन पित्ताशय की पथरी को घोलने या हटाने में उनकी प्रभावशीलता सिद्ध नहीं हुई है और कुछ जड़ी-बूटियों के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण चेतावनी:
- यदि आपको पित्ताशय की पथरी के लक्षण (जैसे पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में तेज दर्द, पीलिया, बुखार) महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- किसी भी प्रकार के घरेलू उपचार को आजमाने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। वे आपकी स्थिति का आकलन कर सकते हैं और आपको उचित सलाह दे सकते हैं।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए चिकित्सा उपचार को कभी भी अपने आप से बंद न करें या बदलें।
पित्ताशय की पथरी में क्या खाएं और क्या न खाएं?
पित्ताशय की पथरी होने पर आपके आहार में कुछ बदलाव करने से लक्षणों को प्रबंधित करने और पित्ताशय के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आहार अकेले पित्ताशय की पथरी को ठीक नहीं कर सकता है।
क्या खाएं:
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: फल, सब्जियां, साबुत अनाज (जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ), और फलियां (जैसे दालें, बीन्स)। फाइबर पाचन को स्वस्थ रखने और पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- कम वसा वाले खाद्य पदार्थ: लीन प्रोटीन (जैसे मछली, चिकन बिना त्वचा के), कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (जैसे स्किम्ड या सेमी-स्किम्ड दूध, कम वसा वाला दही)।
- स्वस्थ वसा: एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून का तेल जैसे असंतृप्त वसा पित्ताशय को ठीक से खाली करने में मदद कर सकते हैं।
- विटामिन सी और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ: खट्टे फल, बेरीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स और बीज पित्ताशय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
- पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पित्त को पतला रखने में मदद करता है।
- कॉफी ( умеренно): कुछ शोध बताते हैं कि умеренно मात्रा में कॉफी का सेवन पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम कर सकता है।
क्या न खाएं:
- उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ: तले हुए खाद्य पदार्थ, वसायुक्त मांस (जैसे रेड मीट, सॉसेज, बेकन), पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद (जैसे पनीर, क्रीम, मक्खन, आइसक्रीम)। ये खाद्य पदार्थ पित्ताशय पर अधिक दबाव डालते हैं और दर्द को बढ़ा सकते हैं।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: ये अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और कृत्रिम तत्वों से भरपूर होते हैं।
- परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट: सफेद ब्रेड, सफेद पास्ता और मीठे बेक्ड सामान। इनमें फाइबर कम होता है।
- अत्यधिक चीनी: मीठे पेय, कैंडी और डेसर्ट पित्ताशय की पथरी के गठन के बढ़ते जोखिम से जुड़े हो सकते हैं।
- शराब: अत्यधिक शराब का सेवन पित्ताशय की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
- तेजी से वजन घटाने वाले आहार: बहुत कम कैलोरी वाले आहार तेजी से वजन घटाने का कारण बन सकते हैं, जिससे पित्ताशय की पथरी का खतरा बढ़ सकता है। यदि आपको वजन कम करने की आवश्यकता है, तो धीरे-धीरे और स्वस्थ तरीके से करें।
अन्य सुझाव:
- छोटे और बार-बार भोजन करें: बड़े भोजन करने के बजाय, दिन भर में छोटे-छोटे भोजन करने से पित्ताशय पर कम दबाव पड़ता है।
- धीरे-धीरे खाएं और अच्छी तरह चबाएं: यह पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है।
- भोजन की डायरी रखें: यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि कौन से विशिष्ट खाद्य पदार्थ आपके लक्षणों को ट्रिगर करते हैं।
पित्ताशय की पथरी के जोखिम को कैसे कम करें?
पित्ताशय की पथरी के जोखिम को कम करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से जीवनशैली और आहार में बदलाव शामिल हैं:
1. स्वस्थ वजन बनाए रखें:
- मोटापा पित्ताशय की पथरी के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। धीरे-धीरे और स्वस्थ तरीके से वजन कम करने का प्रयास करें यदि आपका वजन अधिक है।
- तेजी से वजन कम करने से बचें, क्योंकि यह वास्तव में पित्ताशय की पथरी के गठन के जोखिम को बढ़ा सकता है। प्रति सप्ताह 0.5 से 1 किलोग्राम की दर से वजन कम करना सुरक्षित माना जाता है।
2. स्वस्थ आहार लें:
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं: फल, सब्जियां, साबुत अनाज (जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ), और फलियां (जैसे दालें, बीन्स) को अपने आहार में शामिल करें। फाइबर पित्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें: तले हुए खाद्य पदार्थ, वसायुक्त मांस और पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों से बचें।
- स्वस्थ वसा शामिल करें: एवोकाडो, नट्स, बीज और जैतून का तेल जैसे असंतृप्त वसा पित्ताशय को ठीक से खाली करने में मदद कर सकते हैं।
- शर्करा और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट का सेवन सीमित करें: मीठे पेय, कैंडी, सफेद ब्रेड और सफेद पास्ता जैसे खाद्य पदार्थों से बचें।
3. नियमित भोजन करें:
- भोजन न छोड़ें और नियमित समय पर भोजन करें। भोजन छोड़ने या उपवास करने से पित्ताशय कम बार सिकुड़ता है, जिससे पित्त गाढ़ा हो सकता है और पथरी बन सकती है।
4. हाइड्रेटेड रहें:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना पित्त को पतला रखने में मदद कर सकता है।
5. नियमित व्यायाम करें:
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से स्वस्थ वजन बनाए रखने और समग्र चयापचय को बेहतर बनाने में मदद मिलती है, जिससे पित्ताशय की पथरी का खतरा कम हो सकता है।
कुछ अन्य संभावित सुझाव:
- कॉफी का सेवन (उचित मात्रा में): कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि умеренно मात्रा में कॉफी का सेवन पित्ताशय की पथरी के खतरे को कम कर सकता है।
- नट्स का सेवन: नियमित रूप से नट्स (जैसे मूंगफली या काजू) खाने से पित्ताशय की पथरी का खतरा कम हो सकता है।
सारांश
पित्ताशय की पथरी पित्ताशय में बनने वाले ठोस जमाव हैं, जो मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन से बने होते हैं। कई लोगों में ये लक्षण रहित होते हैं, लेकिन यदि पथरी पित्त नली को अवरुद्ध कर दे तो पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में तेज दर्द, मतली और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं।
निदान आमतौर पर अल्ट्रासाउंड द्वारा किया जाता है। लक्षण होने पर मुख्य इलाज पित्ताशय को सर्जरी से हटाना (कोलेसिस्टेक्टोमी) है। स्वस्थ आहार और जीवनशैली में बदलाव जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन घरेलू उपचार पथरी को घोल नहीं सकते।