रोटेटर कफ चोट

रोटेटर कफ चोट

रोटेटर कफ चोट क्या हैं?

रोटेटर कफ चोट कंधे के आसपास की मांसपेशियों और टेंडन को प्रभावित करने वाली एक आम समस्या है। रोटेटर कफ चार मांसपेशियों और उनके टेंडन का एक समूह है जो कंधे के जोड़ को स्थिर करते हैं और हाथ को घुमाने और ऊपर उठाने में मदद करते हैं।

रोटेटर कफ चोट में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  • टेंडिनिटिस: रोटेटर कफ टेंडन में सूजन।
  • बरसाइटिस: कंधे में बर्सा (एक तरल पदार्थ से भरी थैली जो हड्डियों और नरम ऊतकों के बीच घर्षण को कम करती है) की सूजन।
  • खिंचाव (स्ट्रेन): रोटेटर कफ मांसपेशियों या टेंडन में खिंचाव।
  • आंशिक या पूर्ण रूप से फटना (टियर): रोटेटर कफ मांसपेशियों या टेंडन का फट जाना।

संक्षेप में, रोटेटर कफ चोट कंधे के आसपास के इन महत्वपूर्ण संरचनाओं को नुकसान या जलन को संदर्भित करती है, जिससे दर्द, कमजोरी और गति की सीमा में कमी आ सकती है।

रोटेटर कफ चोट के कारण क्या हैं?

रोटेटर कफ की चोट के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

1. अचानक चोट (Acute Injury):

  • गिरना: सीधे कंधे पर गिरना या हाथ के बल गिरना।
  • भारी वस्तु उठाना: अचानक या गलत तरीके से बहुत भारी वस्तु उठाना।
  • झटका लगना: कंधे पर सीधा झटका लगना, जैसे कि किसी दुर्घटना में।
  • कंधे का खिसकना (Dislocation): कंधे के जोड़ से हड्डी का निकल जाना।

इस प्रकार की चोटें आमतौर पर युवा लोगों में अधिक देखी जाती हैं।

2. लगातार उपयोग और घिसाव (Chronic Degeneration):

  • बार-बार होने वाली गतिविधियाँ: ऐसी खेलकूद या काम जिसमें बार-बार कंधे के ऊपर हाथ ले जाना पड़ता है, जैसे:
    • फेंकने वाले खेल (क्रिकेट, बेसबॉल, भाला फेंक)।
    • तैराकी।
    • टेनिस (सर्विस)।
    • पेंटिंग।
    • बढ़ईगीरी।
    • भारी सामान को बार-बार उठाना।
  • उम्र बढ़ना: उम्र के साथ रोटेटर कफ के टेंडन कमजोर हो जाते हैं और उनमें टूट-फूट होने की संभावना बढ़ जाती है। यह 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम है।
  • हड्डी का बढ़ना (Bone Spurs): कंधे की हड्डियों (विशेषकर एक्रोमियन) पर हड्डी का बढ़ना रोटेटर कफ टेंडन को रगड़ सकता है और उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसे इम्पिंजमेंट सिंड्रोम भी कहा जाता है।
  • कम रक्त प्रवाह: उम्र के साथ रोटेटर कफ टेंडन में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे उनकी मरम्मत की क्षमता कम हो जाती है।
  • खराब मुद्रा (Poor Posture): लंबे समय तक खराब मुद्रा में रहने से कंधे पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
  • आनुवंशिकी: कुछ लोगों में रोटेटर कफ की चोटों की संभावना आनुवंशिक रूप से अधिक हो सकती है।

रोटेटर कफ चोट के संकेत और लक्षण क्या हैं?

रोटेटर कफ की चोट के संकेत और लक्षण चोट की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण शामिल हैं:

  • कंधे में दर्द: यह दर्द हल्का हो सकता है और केवल कुछ गतिविधियों के दौरान महसूस हो सकता है, या यह लगातार और गंभीर हो सकता है, खासकर रात में या बांह को हिलाने पर। दर्द कंधे के ऊपरी और बाहरी हिस्से में महसूस हो सकता है और बांह के नीचे तक भी फैल सकता है।
  • बांह उठाने या घुमाने में कमजोरी: आपको अपनी बांह को ऊपर उठाने, बाजू से दूर ले जाने या घुमाने में कठिनाई हो सकती है। यह कमजोरी दैनिक गतिविधियों जैसे कपड़े पहनना, कंघी करना या किसी शेल्फ पर पहुंचना मुश्किल बना सकती है।
  • गति की सीमित सीमा: आपका कंधा सामान्य रूप से जितना घूमता है, उससे कम घूम सकता है। कुछ खास दिशाओं में घुमाना विशेष रूप से दर्दनाक हो सकता है।
  • रात में दर्द: लेटने पर या जिस तरफ चोट लगी है उस तरफ सोने पर दर्द बढ़ सकता है।
  • कुछ गतिविधियों के दौरान दर्द: विशिष्ट गतिविधियाँ, जैसे ओवरहेड पहुंचना, भारी वस्तुएं उठाना या फेंकना, दर्द को बढ़ा सकती हैं।
  • कंधे में कर्कश या चटकने की आवाज: कुछ मामलों में, कंधे को हिलाते समय कर्कश या चटकने की आवाज सुनाई दे सकती है।
  • मांसपेशियों में शोष (एट्रोफी): पुरानी या गंभीर चोटों में, कंधे के आसपास की मांसपेशियां कमजोर होकर सिकुड़ सकती हैं।

रोटेटर कफ चोट का खतरा किसे अधिक होता है?

रोटेटर कफ की चोट का खतरा निम्नलिखित लोगों में अधिक होता है:

1. बढ़ती उम्र वाले लोग:

  • उम्र बढ़ने के साथ रोटेटर कफ के टेंडन कमजोर और कम लचीले हो जाते हैं, जिससे उनमें टूटने का खतरा बढ़ जाता है। 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में रोटेटर कफ की चोटें अधिक आम हैं, और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में यह और भी आम हो जाती हैं।

2. कुछ खास खेल खेलने वाले एथलीट:

  • ऐसे खेल जिनमें बार-बार कंधे के ऊपर हाथ घुमाना या फेंकना शामिल होता है, जैसे:
    • बेसबॉल (पिचर्स)
    • टेनिस (सर्विस)
    • तैराकी
    • वॉलीबॉल
    • भाला फेंक

3. कुछ खास तरह के काम करने वाले लोग:

  • ऐसे व्यवसाय जिनमें बार-बार कंधे के ऊपर हाथ ले जाना या भारी सामान उठाना शामिल होता है, जैसे:
    • पेंटर
    • बढ़ई
    • निर्माण श्रमिक
    • गोदाम कर्मचारी

4. जिन्हें कंधे पर पहले चोट लगी हो:

  • कंधे का खिसकना या कोई अन्य कंधे की चोट रोटेटर कफ को कमजोर कर सकती है और भविष्य में चोट लगने का खतरा बढ़ा सकती है।

5. जिनके परिवार में रोटेटर कफ की चोट का इतिहास रहा हो:

  • कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आनुवंशिक कारक भी रोटेटर कफ की चोटों में भूमिका निभा सकते हैं।

6. खराब मुद्रा वाले लोग:

  • लंबे समय तक खराब मुद्रा में रहने से कंधे के आसपास की मांसपेशियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।

7. धूम्रपान करने वाले लोग:

  • धूम्रपान रोटेटर कफ टेंडन में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है, जिससे उनके कमजोर होने और टूटने का खतरा बढ़ जाता है।

8. कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ वाले लोग:

  • मधुमेह और थायरॉइड विकार जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ रोटेटर कफ की चोटों के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हुई हैं।

रोटेटर कफ चोट से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

रोटेटर कफ की चोट से कई अन्य बीमारियाँ या स्थितियाँ जुड़ी हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कंधे का इम्पिंजमेंट सिंड्रोम (Shoulder Impingement Syndrome): यह तब होता है जब रोटेटर कफ टेंडन कंधे की हड्डियों (विशेषकर एक्रोमियन) के नीचे दब जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द होता है। रोटेटर कफ की चोटें इम्पिंजमेंट सिंड्रोम का कारण बन सकती हैं और इसके विपरीत भी हो सकता है।
  • बरसाइटिस (Bursitis): बर्सा कंधे में तरल पदार्थ से भरी छोटी थैली होती है जो हड्डियों और नरम ऊतकों के बीच घर्षण को कम करती है। रोटेटर कफ की चोट के कारण बर्सा में सूजन (बरसाइटिस) हो सकती है, जिससे दर्द और तकलीफ बढ़ सकती है।
  • टेंडिनिटिस (Tendinitis): यह रोटेटर कफ टेंडन की सूजन है। रोटेटर कफ की चोटें टेंडिनिटिस का कारण बन सकती हैं, और बार-बार होने वाली गतिविधियों या उम्र बढ़ने के कारण टेंडिनिटिस रोटेटर कफ में कमजोरी और संभावित रूप से चोट का कारण बन सकता है।
  • फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) या एडहेसिव कैप्सुलिटिस (Adhesive Capsulitis): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे का जोड़ सख्त हो जाता है और उसकी गति की सीमा कम हो जाती है। हालांकि सीधा संबंध हमेशा स्पष्ट नहीं होता है, लेकिन रोटेटर कफ की चोट के बाद फ्रोजन शोल्डर विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है, खासकर यदि कंधे को लंबे समय तक स्थिर रखा जाए।
  • कंधे का आर्थराइटिस (Shoulder Arthritis):
    • रोटेटर कफ टीयर आर्थ्रोपैथी (Rotator Cuff Tear Arthropathy): यह एक प्रकार का आर्थराइटिस है जो लंबे समय तक और बड़े रोटेटर कफ टियर के बाद विकसित हो सकता है। टियर के कारण कंधे के जोड़ में असामान्य गति होती है, जिससे हड्डियों की सतहों पर घिसाव होता है और आर्थराइटिस हो जाता है।
    • पोस्ट-ट्रॉमेटिक आर्थराइटिस (Post-traumatic Arthritis): कंधे में फ्रैक्चर, डिसलोकेशन या अन्य चोटों के बाद आर्थराइटिस विकसित हो सकता है। रोटेटर कफ की चोटें भी इस प्रकार के आर्थराइटिस के विकास में योगदान कर सकती हैं।
  • बाइसेप्स टेंडन की समस्याएं: रोटेटर कफ और बाइसेप्स टेंडन कंधे के आसपास निकटता से स्थित होते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित कर सकते हैं। रोटेटर कफ की चोटें बाइसेप्स टेंडिनिटिस या यहां तक कि बाइसेप्स टेंडन के फटने से भी जुड़ी हो सकती हैं।
  • मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ी बीमारियाँ: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मधुमेह, थायरॉइड रोग और इंफ्लेमेटरी आर्थराइटिस जैसी मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ी बीमारियाँ रोटेटर कफ की चोटों के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हो सकती हैं।

रोटेटर कफ चोट का निदान कैसे करें?

रोटेटर कफ चोट का निदान आमतौर पर निम्नलिखित चरणों के माध्यम से किया जाता है:

1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:

  • डॉक्टर आपसे आपकी चोट के बारे में विस्तार से पूछेंगे, जिसमें कब और कैसे चोट लगी, आपके लक्षण क्या हैं, और कौन सी गतिविधियाँ आपके दर्द को बढ़ाती या कम करती हैं।
  • वे आपके कंधे का शारीरिक परीक्षण करेंगे, जिसमें शामिल हो सकता है:
    • निरीक्षण: कंधे में किसी भी दृश्यमान विकृति, सूजन या मांसपेशियों के क्षीण होने की जांच करना।
    • स्पर्श (Palpation): दर्द या कोमलता के क्षेत्रों को महसूस करना।
    • गति की सीमा का आकलन: यह देखना कि आप अपने कंधे को कितनी दूर तक हिला सकते हैं (सक्रिय और निष्क्रिय दोनों तरह से)।
    • मांसपेशियों की ताकत का परीक्षण: विभिन्न आंदोलनों के दौरान आपके कंधे और हाथ की मांसपेशियों की ताकत का आकलन करना।
    • विशिष्ट परीक्षण (Special Tests): कुछ विशेष चालें करना जिनसे रोटेटर कफ की विशिष्ट मांसपेशियों और टेंडन की समस्याओं का पता चल सके। इनमें शामिल हो सकते हैं:
      • ड्रॉप आर्म टेस्ट (Drop Arm Test): सुप्रास्पिनैटस टेंडन में कमजोरी या पूर्ण रूप से फटने का आकलन करने के लिए।
      • एम्प्टी कैन टेस्ट (Empty Can Test) और फुल कैन टेस्ट (Full Can Test): सुप्रास्पिनैटस मांसपेशी और टेंडन की ताकत का आकलन करने के लिए।
      • एक्सटर्नल रोटेशन लैग साइन (External Rotation Lag Sign): इन्फ्रास्पिनैटस और टेरेस माइनर टेंडन में फटने का आकलन करने के लिए।
      • लिफ्ट-ऑफ टेस्ट (Lift-off Test) और बेली प्रेस टेस्ट (Belly Press Test): सबस्कैपुलरिस टेंडन की समस्याओं का आकलन करने के लिए।
      • नीयर इम्पिंजमेंट टेस्ट (Neer Impingement Test) और हॉकिन्स-केनेडी टेस्ट (Hawkins-Kennedy Test): कंधे के टकराव (इम्पिंजमेंट) का आकलन करने के लिए, जो अक्सर रोटेटर कफ की चोटों से जुड़ा होता है।

2. इमेजिंग परीक्षण:

शारीरिक परीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर निदान की पुष्टि करने और चोट की सीमा का आकलन करने के लिए इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:

  • एक्स-रे (X-ray): एक्स-रे रोटेटर कफ को सीधे नहीं दिखाते हैं, लेकिन वे हड्डी की समस्याओं, जैसे कि हड्डी का बढ़ना (बोन स्पर) या आर्थराइटिस, को देखने में मदद कर सकते हैं जो रोटेटर कफ की चोट में योगदान कर सकते हैं। वे अन्य संभावित कारणों को भी खारिज करने में मदद करते हैं।
  • मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI): एमआरआई नरम ऊतकों, जैसे कि रोटेटर कफ की मांसपेशियों और टेंडन, की विस्तृत तस्वीरें प्रदान करता है। यह रोटेटर कफ में आंशिक या पूर्ण रूप से फटने (टियर) की पहचान करने, टियर के आकार और स्थान का आकलन करने और मांसपेशियों की गुणवत्ता का मूल्यांकन करने के लिए सबसे उपयोगी इमेजिंग परीक्षण है।
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): अल्ट्रासाउंड ध्वनि तरंगों का उपयोग करके कंधे के नरम ऊतकों की गतिशील छवियां बना सकता है। यह पूर्ण रूप से फटने की पहचान करने में प्रभावी हो सकता है और शारीरिक परीक्षण के दौरान कंधे की गति का आकलन करने में उपयोगी हो सकता है। हालांकि, यह एमआरआई जितना विस्तृत जानकारी प्रदान नहीं कर सकता है, खासकर आंशिक रूप से फटने के मामले में।
  • सीटी स्कैन (CT Scan) आर्थ्रोग्राफी (Arthrography): कभी-कभी, यदि एमआरआई उपलब्ध नहीं है या स्पष्ट जानकारी प्रदान नहीं करता है, तो सीटी स्कैन आर्थ्रोग्राफी का उपयोग किया जा सकता है। इसमें कंधे के जोड़ में कंट्रास्ट डाई इंजेक्ट करना और फिर सीटी स्कैन करना शामिल है। यह रोटेटर कफ के फटने को दिखाने में मदद कर सकता है, लेकिन यह एमआरआई जितना आम तौर पर उपयोग नहीं किया जाता है।

3. अन्य परीक्षण (शायद ही कभी आवश्यक):

  • इलेक्ट्रोमोग्राफी (EMG) और नर्व कंडक्शन स्टडीज (Nerve Conduction Studies): यदि डॉक्टर को लगता है कि कंधे के दर्द और कमजोरी का कारण कोई नस की समस्या हो सकती है, तो इन परीक्षणों का आदेश दिया जा सकता है।

रोटेटर कफ चोट का इलाज क्या है?

रोटेटर कफ की चोट का इलाज चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। कई मामलों में, गैर-सर्जिकल उपचार प्रभावी हो सकते हैं।

गैर-सर्जिकल उपचार में शामिल हो सकते हैं:

  • आराम: प्रभावित कंधे का उपयोग करने से बचें।
  • बर्फ: सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार बर्फ लगाएं।
  • दर्द निवारक दवाएं: ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक जैसे इबुप्रोफेन या नेप्रोक्सन दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर मजबूत दवाएं भी लिख सकते हैं।
  • शारीरिक थेरेपी: एक भौतिक चिकित्सक आपको ऐसे व्यायाम सिखाएगा जो आपके कंधे की ताकत और लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।
  • स्टेरॉयड इंजेक्शन: कुछ मामलों में, डॉक्टर कंधे के जोड़ में कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्ट कर सकते हैं ताकि दर्द और सूजन को कम किया जा सके। हालांकि, ये इंजेक्शन लंबे समय तक चलने वाला समाधान नहीं हैं।

सर्जिकल उपचार की आवश्यकता हो सकती है यदि:

  • गैर-सर्जिकल उपचार से आपके दर्द में सुधार नहीं होता है।
  • आपकी चोट गंभीर है, जैसे कि पूर्ण रोटेटर कफ आंसू।
  • आप एक एथलीट हैं या ऐसे काम करते हैं जिसमें आपके कंधे का बहुत अधिक उपयोग होता है।

रोटेटर कफ की मरम्मत के लिए कई प्रकार की सर्जरी उपलब्ध हैं। सर्जरी का प्रकार आंसू के आकार और स्थान पर निर्भर करेगा। सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं में शामिल हैं:

  • आर्थ्रोस्कोपी: यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें सर्जन छोटे चीरे लगाते हैं और एक छोटा कैमरा और उपकरण डालते हैं ताकि आंसू की मरम्मत की जा सके।
  • ओपन सर्जरी: कुछ मामलों में, आंसू की मरम्मत के लिए एक बड़ा चीरा आवश्यक हो सकता है।

सर्जरी के बाद, आपको अपने कंधे को ठीक होने देने के लिए कुछ हफ्तों या महीनों तक स्लिंग या ब्रेस पहननी पड़ सकती है। आपको अपनी पूरी ताकत और गति की सीमा को वापस पाने के लिए शारीरिक थेरेपी भी करानी होगी।

रोटेटर कफ चोट का घरेलू इलाज क्या है?

रोटेटर कफ की मामूली चोटों के लिए, आप कुछ घरेलू उपचार आजमा सकते हैं ताकि दर्द और सूजन को कम किया जा सके। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपचार चिकित्सा देखभाल का विकल्प नहीं हैं, खासकर यदि आपकी चोट गंभीर है या आपके लक्षणों में सुधार नहीं हो रहा है। यदि आपको गंभीर दर्द हो रहा है या आपकी बांह उठाने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो रोटेटर कफ की मामूली चोटों में मदद कर सकते हैं:

  • आराम: प्रभावित कंधे का उपयोग करने से बचें। ऐसी गतिविधियों से बचें जो दर्द को बढ़ाती हैं। यह आपके कंधे के ऊतकों को ठीक होने का समय देगा।
  • बर्फ: सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार (लगभग 15-20 मिनट के लिए) बर्फ लगाएं। बर्फ को सीधे अपनी त्वचा पर न लगाएं; इसे तौलिये में लपेट लें।
  • गर्मी: प्रारंभिक सूजन कम होने के बाद (आमतौर पर पहले 2-3 दिनों के बाद), आप मांसपेशियों को आराम देने और अकड़न को कम करने के लिए गर्म सेक या गर्म स्नान का उपयोग कर सकते हैं।
  • ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक: इबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन) या नेप्रोक्सन (एलेव) जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। पैकेज पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  • धीरे-धीरे व्यायाम: जैसे ही आपका दर्द कम होता है, हल्के व्यायाम शुरू करें जो आपके कंधे की गति की सीमा को बनाए रखने में मदद करें। इसमें पेंडुलम व्यायाम (अपनी बांह को बगल में लटकाकर धीरे-धीरे आगे-पीछे और गोलाकार घुमाना) शामिल हो सकता है। हालांकि, कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से सलाह लें।
  • अच्छी मुद्रा बनाए रखें: खराब मुद्रा आपके कंधे पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है। सीधे बैठें और खड़े हों।

रोटेटर कफ चोट में क्या खाएं और क्या न खाएं?

रोटेटर कफ की चोट में आपके शरीर को ठीक होने और सूजन को कम करने में मदद करने के लिए सही खाद्य पदार्थों का सेवन करना महत्वपूर्ण है। कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं, इसलिए उनसे बचना भी महत्वपूर्ण है।

रोटेटर कफ की चोट में क्या खाएं:

  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन मांसपेशियों और ऊतकों की मरम्मत के लिए आवश्यक है। चिकन, मछली, टर्की, अंडे, डेयरी उत्पाद, फलियां, नट्स और बीज जैसे दुबले प्रोटीन स्रोत शामिल करें।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ: ओमेगा-3 फैटी एसिड में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। वसायुक्त मछली (जैसे सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया बीज और अखरोट खाएं।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां: रंगीन फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो कोशिकाओं को क्षति से बचाने और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। जामुन, खट्टे फल, पत्तेदार साग, ब्रोकली और शिमला मिर्च शामिल करें।
  • विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ: विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन के लिए आवश्यक है, जो टेंडन और लिगामेंट्स को मजबूत करने में मदद करता है। खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी, कीवी, बेल मिर्च और ब्रोकली खाएं।
  • विटामिन डी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: ये पोषक तत्व हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन के लिए एक स्थिर आधार प्रदान करते हैं। डेयरी उत्पाद, पत्तेदार साग और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ शामिल करें।
  • जिंक युक्त खाद्य पदार्थ: जिंक घाव भरने और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मांस, शेलफिश, फलियां, बीज और नट्स खाएं।
  • हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ और पेय: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ (जैसे फल और सब्जियां) खाना महत्वपूर्ण है ताकि पोषक तत्वों को कोशिकाओं तक पहुंचाया जा सके और ऊतकों को हाइड्रेटेड रखा जा सके।

रोटेटर कफ की चोट में क्या न खाएं:

  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: ये खाद्य पदार्थ अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, अतिरिक्त शर्करा और कृत्रिम सामग्री से भरपूर होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं और उपचार प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं। चिप्स, पटाखे, स्नैक बार, फास्ट फूड और प्रसंस्कृत मांस से बचें।
  • उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद: उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद (जैसे पनीर, क्रीम और मक्खन) में संतृप्त वसा और एराकिडोनिक एसिड होता है, जो सूजन को बढ़ा सकता है। कम वसा वाले या गैर-डेयरी विकल्प चुनें।
  • शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ और पेय: अतिरिक्त शर्करा सूजन को बढ़ावा दे सकती है और उपचार प्रक्रिया को बाधित कर सकती है। सोडा, कैंडी, पेस्ट्री और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें अतिरिक्त शर्करा होती है।
  • तले हुए खाद्य पदार्थ: तले हुए खाद्य पदार्थों में अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा होती है जो सूजन को बढ़ा सकती है।
  • अत्यधिक शराब: शराब निर्जलीकरण कर सकती है और शरीर की उपचार करने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती है।
  • कैफीन: अत्यधिक कैफीन निर्जलीकरण कर सकता है, जो उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
  • नाइटशेड सब्जियां (कुछ लोगों के लिए): कुछ लोगों को टमाटर, बैंगन, मिर्च और आलू जैसे नाइटशेड सब्जियों से सूजन का अनुभव हो सकता है। यदि आपको संदेह है कि ये सब्जियां आपकी स्थिति को खराब कर रही हैं, तो अस्थायी रूप से उनसे बचने पर विचार करें।
  • लाल और प्रसंस्कृत मांस: इनमें संतृप्त वसा और अन्य यौगिक होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।

रोटेटर कफ चोट के जोखिम को कैसे कम करें?

रोटेटर कफ की चोट के जोखिम को कम करने के लिए कई रणनीतियाँ हैं, जिनमें आपकी शारीरिक गतिविधियों, आदतों और समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देना शामिल है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:

1. उचित तकनीक और रूप का उपयोग करें:

  • खेल और व्यायाम: यदि आप ऐसे खेल खेलते हैं या व्यायाम करते हैं जिनमें बार-बार ओवरहेड गति शामिल होती है (जैसे टेनिस, बेसबॉल, तैराकी, भारोत्तोलन), तो सुनिश्चित करें कि आप उचित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। एक कोच या प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लें।
  • कामकाजी गतिविधियाँ: यदि आपके काम में बार-बार ओवरहेड लिफ्टिंग या ज़ोरदार हाथ की गतिविधियाँ शामिल हैं, तो उचित शरीर यांत्रिकी का उपयोग करें और भारी वस्तुओं को उठाते समय सहायता लें।

2. अपनी मांसपेशियों को मजबूत करें:

  • कंधे की मांसपेशियों को मजबूत करना: रोटेटर कफ की मांसपेशियों (सुप्रास्पिनैटस, इन्फ्रास्पिनैटस, टेरेस माइनर और सबस्कैपुलरिस) को मजबूत करने वाले नियमित व्यायाम करें। इसमें प्रतिरोध बैंड, हल्के डम्बल या बॉडीवेट व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
  • ऊपरी पीठ और छाती की मांसपेशियों को संतुलित करें: मजबूत ऊपरी पीठ की मांसपेशियां (जैसे रोम्बोइड्स और ट्रेपेजियस) अच्छी मुद्रा बनाए रखने और कंधे के ब्लेड को स्थिर करने में मदद करती हैं, जिससे रोटेटर कफ पर तनाव कम होता है। अपनी छाती की मांसपेशियों को बहुत अधिक मजबूत करने से बचें, क्योंकि इससे कंधे आगे की ओर झुक सकते हैं और समस्या बढ़ सकती है।

3. अपनी लचीलापन और गति की सीमा में सुधार करें:

  • नियमित स्ट्रेचिंग: कंधे और ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को नियमित रूप से स्ट्रेच करें। इसमें आर्म सर्कल, क्रॉस-बॉडी स्ट्रेच और डोरवे स्ट्रेच जैसे व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
  • गति की सीमा वाले व्यायाम: ऐसे व्यायाम करें जो आपके कंधे के जोड़ की पूरी गति की सीमा को बनाए रखने में मदद करें।

4. धीरे-धीरे प्रगति करें:

  • अचानक वृद्धि से बचें: अपनी प्रशिक्षण तीव्रता या अवधि में अचानक वृद्धि न करें। धीरे-धीरे प्रगति करें ताकि आपकी मांसपेशियां और टेंडन नई मांगों के अनुकूल हो सकें।
  • सुनें अपने शरीर को: यदि आपको व्यायाम या गतिविधि के दौरान दर्द महसूस होता है, तो रुकें और आराम करें। दर्द को नज़रअंदाज़ करने से चोट लग सकती है।

5. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:

  • बैठते और खड़े होते समय सीधे रहें: खराब मुद्रा आपके कंधे के जोड़ पर अतिरिक्त तनाव डाल सकती है। अपने कंधों को पीछे और नीचे रखें, और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
  • स्क्रीन समय को सीमित करें: लंबे समय तक स्क्रीन पर झुकने से बचें, क्योंकि इससे खराब मुद्रा हो सकती है।

6. पर्याप्त आराम और रिकवरी:

  • अपने शरीर को ठीक होने दें: ज़ोरदार गतिविधियों के बीच अपने शरीर को पर्याप्त आराम दें।
  • नींद: पर्याप्त नींद लेना ऊतक मरम्मत और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

7. चोटों का प्रबंधन करें:

  • शुरुआती उपचार: यदि आपको मामूली कंधे में दर्द या खिंचाव महसूस होता है, तो आराम करें, बर्फ लगाएं और दर्द निवारक दवाएं लें। शुरुआती हस्तक्षेप गंभीर चोटों को रोकने में मदद कर सकता है।
  • चिकित्सा सलाह लें: यदि आपका दर्द गंभीर है या कुछ दिनों के बाद भी बेहतर नहीं होता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

8. एर्गोनॉमिक्स पर ध्यान दें:

  • अपने कार्यस्थल को समायोजित करें: यदि आप डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी, डेस्क और मॉनिटर सही ऊंचाई पर हैं ताकि आपके कंधों पर तनाव कम हो।
  • बार-बार ब्रेक लें: लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से बचें और नियमित रूप से स्ट्रेच करें।

9. स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें:

  • संतुलित आहार: एक स्वस्थ आहार आपके शरीर को ठीक होने और सूजन को कम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान रक्त प्रवाह को कम करता है और ऊतक उपचार को धीमा कर सकता है।

सारांश

रोटेटर कफ की चोट कंधे के आसपास की मांसपेशियों और टेंडन को प्रभावित करती है, जिससे दर्द और गति में कमी आ सकती है। इसका इलाज गंभीरता पर निर्भर करता है, जिसमें आराम, बर्फ, दर्द निवारक, शारीरिक थेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल है। घरेलू उपचार में आराम, बर्फ, गर्मी और हल्के व्यायाम शामिल हो सकते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सा सलाह लेना ज़रूरी है।

रोटेटर कफ की चोट के जोखिम को कम करने के लिए उचित तकनीक का उपयोग करना, कंधे की मांसपेशियों को मजबूत करना, लचीलापन बनाए रखना, धीरे-धीरे प्रगति करना, अच्छी मुद्रा रखना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है। स्वस्थ आहार और जीवनशैली भी इसमें भूमिका निभाते हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *