सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस
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सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस

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सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस क्या है?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस कंधे के रोटेटर कफ की चार मांसपेशियों में से एक सुप्रास्पिनैटस मांसपेशी के टेंडन की सूजन या जलन है। यह एक आम स्थिति है जो कंधे में दर्द, कमजोरी और गति की सीमा में कमी का कारण बन सकती है।

लक्षण:

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • कंधे के ऊपरी और बाहरी हिस्से में दर्द
  • दर्द जो हाथ को ऊपर उठाने या घुमाने पर बढ़ जाता है
  • रात में दर्द, खासकर प्रभावित कंधे पर लेटने पर
  • कंधे में अकड़न
  • हाथ को ऊपर उठाने या घुमाने में कमजोरी
  • कंधे में क्लिक या पॉपिंग की आवाज

कारण:

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बार-बार होने वाली ओवरहेड गतिविधियाँ (जैसे तैराकी, टेनिस, पेंटिंग)
  • कंधे पर अचानक चोट या आघात
  • उम्र के कारण होने वाले अपक्षयी परिवर्तन
  • खराब मुद्रा या बायोमैकेनिक्स
  • इम्पेंजमेंट सिंड्रोम, जहाँ आसपास की संरचनाएं टेंडन को पिंच करती हैं

निदान:

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का निदान आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षा और आपके लक्षणों के इतिहास के आधार पर किया जाता है। आपका डॉक्टर आपकी गति की सीमा और दर्द के क्षेत्रों का आकलन करेगा। कुछ मामलों में, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षण अन्य स्थितियों को दूर करने और टेंडन की स्थिति का आकलन करने के लिए किए जा सकते हैं।

उपचार:

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के उपचार का लक्ष्य दर्द और सूजन को कम करना और कंधे के कार्य को बहाल करना है। उपचार में शामिल हो सकते हैं:

  • आराम: ऐसी गतिविधियों से बचें जो आपके दर्द को बढ़ाती हैं।
  • बर्फ: सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाएं।
  • दर्द निवारक दवाएं: ओवर-द-काउंटर या प्रिस्क्रिप्शन दर्द निवारक दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • शारीरिक थेरेपी: एक भौतिक चिकित्सक आपको ऐसे व्यायाम सिखा सकता है जो आपकी गति की सीमा, ताकत और कंधे के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन: कुछ मामलों में, दर्द और सूजन को कम करने के लिए सीधे टेंडन में कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्ट किया जा सकता है।
  • सर्जरी: यदि अन्य उपचार प्रभावी नहीं हैं, तो टेंडन की मरम्मत या आसपास की संरचनाओं पर दबाव को दूर करने के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के कारण क्या हैं?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: आंतरिक और बाहरी कारक।

बाहरी कारण:

  • बार-बार होने वाली ओवरहेड गतिविधियाँ: ऐसी गतिविधियाँ जिनमें बार-बार कंधे को सिर के ऊपर उठाना या घुमाना शामिल होता है, जैसे कि तैराकी, टेनिस, बेसबॉल फेंकना, वॉलीबॉल, पेंटिंग, या भारी वस्तुओं को ऊपर उठाना, सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर अत्यधिक तनाव डाल सकती हैं और सूजन या जलन का कारण बन सकती हैं। इसे अक्सर “ओवरयूज़” चोट कहा जाता है।
  • कंधे पर आघात: कंधे पर सीधा झटका या गिरना सुप्रास्पिनैटस टेंडन को घायल कर सकता है।
  • इम्पेंजमेंट सिंड्रोम: यह तब होता है जब सुप्रास्पिनैटस टेंडन और आसपास की बर्सा (एक तरल पदार्थ से भरी थैली जो हड्डियों और नरम ऊतकों के बीच घर्षण को कम करती है) कंधे की हड्डियों (अक्रोमियन और ह्यूमरस) के बीच दब जाती हैं। यह बार-बार होने वाली ओवरहेड गतिविधियों या असामान्य कंधे की संरचनाओं के कारण हो सकता है।
  • खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में रहने से कंधे के आसपास की मांसपेशियों का संतुलन बिगड़ सकता है और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
  • कमजोर रोटेटर कफ मांसपेशियां: यदि रोटेटर कफ की अन्य मांसपेशियां कमजोर हैं, तो सुप्रास्पिनैटस टेंडन को कंधे के जोड़ को स्थिर करने के लिए अधिक काम करना पड़ सकता है, जिससे उस पर तनाव बढ़ जाता है।
  • स्कैपुलर डिस्काइनेसिया: स्कैपुला (कंधे का ब्लेड) की असामान्य गति कंधे के जोड़ के बायोमैकेनिक्स को बदल सकती है और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर तनाव बढ़ा सकती है।

आंतरिक कारण:

  • उम्र: उम्र बढ़ने के साथ, टेंडन कमजोर और कम लचीले हो जाते हैं, जिससे वे चोट के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
  • टेंडन का अध: पतन: समय के साथ, टेंडन में सूक्ष्म आँसू और पहनने और आंसू जमा हो सकते हैं, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं।
  • खराब रक्त आपूर्ति: सुप्रास्पिनैटस टेंडन में अपेक्षाकृत खराब रक्त आपूर्ति होती है, जो इसकी ठीक होने की क्षमता को कम कर सकती है और इसे अध: पतन के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है।
  • आनुवंशिक कारक: कुछ लोगों में टेंडन की कमजोरी या कंधे की संरचनाओं में जन्मजात असामान्यताएं हो सकती हैं जो उन्हें सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती हैं।
  • कैलसिफिक टेंडोनाइटिस: कुछ मामलों में, टेंडन में कैल्शियम जमा हो सकता है, जिससे सूजन और दर्द हो सकता है।
  • अन्य चिकित्सा स्थितियाँ: मधुमेह जैसी कुछ चिकित्सा स्थितियाँ टेंडन को कमजोर कर सकती हैं और सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के संकेत और लक्षण क्या हैं?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के संकेत और लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण हैं जो इस स्थिति की विशेषता बताते हैं:

मुख्य लक्षण:

  • कंधे का दर्द: यह सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का सबसे आम लक्षण है। दर्द आमतौर पर कंधे के ऊपरी और बाहरी हिस्से में महसूस होता है।
    • प्रकृति: दर्द सुस्त, दर्दनाक या तेज हो सकता है।
    • बढ़ना: दर्द अक्सर तब बढ़ जाता है जब आप अपने हाथ को ऊपर उठाते हैं, विशेष रूप से सिर के ऊपर, या जब आप अपने हाथ को शरीर से दूर घुमाते हैं (बाहरी घुमाव)।
    • रात का दर्द: कई लोगों को रात में दर्द का अनुभव होता है, खासकर प्रभावित कंधे पर लेटने पर। यह नींद में खलल डाल सकता है।
  • कमजोरी: प्रभावित हाथ में कमजोरी महसूस हो सकती है, खासकर जब आप किसी वस्तु को उठाने या ले जाने की कोशिश करते हैं, या जब आप अपने हाथ को ऊपर या बाहर की ओर घुमाते हैं।
  • गति की सीमा में कमी: कंधे को हिलाने में कठिनाई हो सकती है, खासकर ऊपर की ओर या बाहर की ओर। आपको कंधे को पूरी तरह से घुमाने में परेशानी हो सकती है।

अन्य संभावित लक्षण:

  • कंधे में अकड़न: सुबह या निष्क्रियता की अवधि के बाद कंधे में जकड़न महसूस हो सकती है।
  • क्लिक या पॉपिंग की आवाज: कुछ लोगों को कंधे को हिलाते समय क्लिक या पॉपिंग की आवाज सुनाई दे सकती है, हालांकि यह हमेशा दर्द से जुड़ा नहीं होता है।
  • दर्द का विकिरण: दर्द कंधे से नीचे हाथ की ओर भी फैल सकता है, हालांकि यह आमतौर पर कोहनी से आगे नहीं जाता है।
  • कोमलता: कंधे के ऊपरी और बाहरी हिस्से को छूने पर दर्द महसूस हो सकता है।
  • मांसपेशियों में ऐंठन: कंधे के आसपास की मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का खतरा किसे अधिक होता है?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का खतरा कुछ खास लोगों और परिस्थितियों में अधिक होता है। इनमें शामिल हैं:

आयु: 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में टेंडन कमजोर और कम लचीले हो जाते हैं, जिससे वे चोट के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

व्यवसाय: ऐसे व्यवसायों में काम करने वाले लोग जिनमें बार-बार कंधे के ऊपर हाथ उठाना, भारी सामान उठाना या ले जाना, या दोहराव वाली हरकतें शामिल होती हैं, उनमें सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

  • निर्माण श्रमिक
  • चित्रकार
  • बढ़ई
  • यांत्रिक मरम्मत करने वाले
  • असेंबली लाइन कार्यकर्ता
  • रखरखाव कर्मचारी
  • लाइब्रेरियन
  • गोदाम कर्मचारी

खेलकूद: ऐसे खेल जिनमें बार-बार कंधे के ऊपर हाथ उठाना या फेंकना शामिल होता है, सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर तनाव डाल सकते हैं और टेंडोनाइटिस का खतरा बढ़ा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • टेनिस
  • बेसबॉल (विशेषकर पिचर)
  • तैराकी (विशेषकर फ्रीस्टाइल और बटरफ्लाई)
  • वॉलीबॉल
  • बैडमिंटन
  • क्रिकेट (गेंदबाजी)
  • भारोत्तोलन (ओवरहेड प्रेस)

अन्य कारक:

  • पिछली कंधे की चोट: यदि आपको पहले कंधे में कोई चोट लगी है, तो सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।
  • खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में रहने से कंधे के आसपास की मांसपेशियों का संतुलन बिगड़ सकता है और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
  • कमजोर रोटेटर कफ मांसपेशियां: यदि कंधे की आसपास की मांसपेशियां कमजोर हैं, तो सुप्रास्पिनैटस टेंडन को अधिक काम करना पड़ सकता है, जिससे उस पर तनाव बढ़ जाता है।
  • जन्मजात असामान्यताएं: कुछ लोगों में कंधे की हड्डियों की संरचना में ऐसी असामान्यताएं हो सकती हैं जो सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर दबाव बढ़ाती हैं।
  • चिकित्सा स्थितियाँ: मधुमेह जैसी कुछ चिकित्सा स्थितियाँ टेंडन को कमजोर कर सकती हैं और सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
  • धूम्रपान: धूम्रपान टेंडन में रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और चोट के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस कई अन्य बीमारियों और स्थितियों से जुड़ी हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • रोटेटर कफ टियर (Rotator Cuff Tear): सुप्रास्पिनैटस टेंडन रोटेटर कफ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और टेंडोनाइटिस से कमजोर हुआ टेंडन फट सकता है। वास्तव में, सुप्रास्पिनैटस टेंडन रोटेटर कफ में सबसे अधिक फटने वाला टेंडन है।
  • शोल्डर इम्पेंजमेंट सिंड्रोम (Shoulder Impingement Syndrome): इस स्थिति में, सुप्रास्पिनैटस टेंडन और बर्सा (एक तरल पदार्थ से भरी थैली) कंधे की हड्डियों के बीच दब जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द होता है। सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस अक्सर इम्पेंजमेंट सिंड्रोम का एक चरण माना जाता है।
  • कैल्सिफिक टेंडोनाइटिस (Calcific Tendonitis): यह स्थिति तब होती है जब सुप्रास्पिनैटस टेंडन में कैल्शियम जमा हो जाता है, जिससे दर्द और सूजन होती है। कैल्सिफिक टेंडोनाइटिस सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के साथ सह-अस्तित्व में हो सकता है या इसका कारण बन सकता है।
  • बर्साइटिस (Bursitis): कंधे में बर्सा की सूजन, विशेष रूप से सबक्रोमियल बर्सा, सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के साथ हो सकती है क्योंकि ये संरचनाएं एक-दूसरे के करीब स्थित हैं और समान गतिविधियों से प्रभावित हो सकती हैं।
  • फ्रोजन शोल्डर (Adhesive Capsulitis): पुरानी कंधे की समस्याओं, जिसमें सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस भी शामिल है, से कभी-कभी फ्रोजन शोल्डर विकसित हो सकता है, जिसमें कंधे का जोड़ कठोर और दर्दनाक हो जाता है।
  • स्कैपुलर डिस्काइनेसिया (Scapular Dyskinesia): कंधे के ब्लेड (स्कैपुला) की असामान्य गति कंधे के जोड़ के बायोमैकेनिक्स को बदल सकती है और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर अतिरिक्त तनाव डाल सकती है, जिससे टेंडोनाइटिस हो सकता है या बढ़ सकता है।
  • ओस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): हालांकि सीधे सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का कारण नहीं बनता है, कंधे के जोड़ में ओस्टियोआर्थराइटिस आसपास की संरचनाओं को प्रभावित कर सकता है और टेंडन पर तनाव बढ़ा सकता है।
  • डायबिटीज (Diabetes): मधुमेह टेंडन सहित शरीर के ऊतकों को कमजोर कर सकता है, जिससे सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का खतरा बढ़ सकता है और ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का निदान कैसे करें?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का निदान आमतौर पर कई चरणों में किया जाता है, जिसमें रोगी का इतिहास, शारीरिक परीक्षा और कुछ मामलों में इमेजिंग परीक्षण शामिल होते हैं। अहमदाबाद में एक डॉक्टर इस प्रक्रिया का पालन कर सकता है:

1. रोगी का इतिहास (Patient History):

डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे, जिसमें शामिल हैं:

  • दर्द का स्थान और प्रकार: दर्द कहाँ महसूस होता है (कंधे के ऊपरी और बाहरी हिस्से में)? दर्द कैसा महसूस होता है (सुस्त, तेज, दर्दनाक)?
  • दर्द की शुरुआत: दर्द कब शुरू हुआ? क्या यह धीरे-धीरे विकसित हुआ या अचानक चोट के बाद शुरू हुआ?
  • बढ़ाने वाले और कम करने वाले कारक: कौन सी गतिविधियाँ दर्द को बढ़ाती हैं (जैसे हाथ ऊपर उठाना, फेंकना, रात में लेटना)? क्या कुछ ऐसा है जो दर्द को कम करता है (जैसे आराम, बर्फ)?
  • लक्षणों की अवधि और प्रगति: आपको यह समस्या कितने समय से है? क्या लक्षण समय के साथ बेहतर या बदतर हुए हैं?
  • पिछली चोटें या चिकित्सा स्थितियाँ: क्या आपको पहले कभी कंधे में चोट लगी है? क्या आपको कोई अन्य चिकित्सा स्थितियाँ हैं (जैसे मधुमेह)?
  • आपकी दैनिक गतिविधियाँ और व्यवसाय: आपकी नौकरी या शौक में क्या शामिल है? क्या आप कोई ऐसी गतिविधियाँ करते हैं जिनमें बार-बार कंधे का उपयोग होता है?

2. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination):

डॉक्टर आपके कंधे की सावधानीपूर्वक जांच करेंगे, जिसमें शामिल हैं:

  • अवलोकन: वे आपके कंधे में किसी भी दृश्यमान सूजन, विकृति या मांसपेशियों की बर्बादी की तलाश करेंगे।
  • स्पर्श (Palpation): वे आपके कंधे के विभिन्न हिस्सों को धीरे से दबाकर दर्द या कोमलता के क्षेत्रों की पहचान करेंगे, विशेष रूप से सुप्रास्पिनैटस टेंडन के आसपास।
  • गति की सीमा का आकलन: वे आपसे अपने हाथ को विभिन्न दिशाओं में हिलाने के लिए कहेंगे ताकि यह देखा जा सके कि आप कितनी दूर तक और कितनी आसानी से अपने कंधे को हिला सकते हैं। वे सक्रिय गति (आप स्वयं हिलाते हैं) और निष्क्रिय गति (डॉक्टर आपके हाथ को हिलाते हैं) दोनों का आकलन करेंगे।
  • विशिष्ट परीक्षण (Special Tests): डॉक्टर कई विशिष्ट शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं जो सुप्रास्पिनैटस टेंडन की समस्याओं की पहचान करने में मदद करते हैं। कुछ सामान्य परीक्षणों में शामिल हैं:
    • जॉब का खाली कैन टेस्ट (Jobe’s Empty Can Test): इस परीक्षण में, आप अपने हाथ को 90 डिग्री तक आगे उठाते हैं और फिर थोड़ा अंदर की ओर घुमाते हैं जैसे कि एक खाली कैन को नीचे कर रहे हों। डॉक्टर नीचे की ओर प्रतिरोध प्रदान करेंगे, और दर्द या कमजोरी सुप्रास्पिनैटस टेंडन की समस्या का संकेत दे सकती है।
    • फुल कैन टेस्ट (Full Can Test): यह खाली कैन टेस्ट के समान है, लेकिन आपकी हथेली ऊपर की ओर होती है।
    • नीर का इम्पेंजमेंट टेस्ट (Neer Impingement Test): डॉक्टर आपके हाथ को सीधा आगे की ओर उठाते हैं। यदि इससे दर्द होता है, तो यह इम्पेंजमेंट का सुझाव दे सकता है, जो अक्सर सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस से जुड़ा होता है।
    • हॉकिन्स-केनेडी टेस्ट (Hawkins-Kennedy Test): डॉक्टर आपके हाथ को 90 डिग्री तक आगे उठाते हैं और फिर आपकी कोहनी को मोड़ते हैं और आपके हाथ को अंदर की ओर घुमाते हैं। यह सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर दबाव डालता है।

3. इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests) (आवश्यक होने पर):

शारीरिक परीक्षा अक्सर निदान के लिए पर्याप्त होती है, लेकिन कुछ मामलों में, डॉक्टर अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने या अन्य स्थितियों को दूर करने के लिए इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:

आर्थ्रोग्राम (Arthrogram): इस प्रक्रिया में कंधे के जोड़ में डाई इंजेक्ट करना और फिर एक्स-रे या एमआरआई लेना शामिल है। यह रोटेटर कफ के आँसू को और अधिक स्पष्ट रूप से दिखा सकता है।

एक्स-रे (X-ray): एक्स-रे हड्डियों की समस्याओं, जैसे गठिया या फ्रैक्चर को दिखाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे टेंडन जैसे नरम ऊतकों को स्पष्ट रूप से नहीं दिखाते हैं। कैल्सिफिक टेंडोनाइटिस के मामलों में कैल्शियम जमाव एक्स-रे पर दिखाई दे सकता है।

अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): अल्ट्रासाउंड टेंडन और बर्सा सहित नरम ऊतकों की छवियों को बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह टेंडन में आँसू या सूजन दिखाने में मदद कर सकता है। यह एक गतिशील परीक्षण है, जिसका अर्थ है कि डॉक्टर गति में कंधे का आकलन कर सकते हैं।

चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI): एमआरआई टेंडन, मांसपेशियों और अन्य नरम ऊतकों की विस्तृत छवियां प्रदान करता है। यह रोटेटर कफ के आँसू, टेंडोनाइटिस और अन्य असामान्यताओं का पता लगाने के लिए बहुत उपयोगी है।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का इलाज क्या है?

गैर-सर्जिकल उपचार (Non-Surgical Treatment): अधिकांश मामलों में, गैर-सर्जिकल उपचार प्रभावी होते हैं, खासकर शुरुआती चरणों में।

  • आराम (Rest): दर्दनाक गतिविधियों से बचना महत्वपूर्ण है जो सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर तनाव डालती हैं। इसका मतलब कुछ समय के लिए खेलकूद या भारी उठाने जैसी गतिविधियों को संशोधित करना या उनसे बचना हो सकता है।
  • बर्फ (Ice): सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए प्रभावित कंधे पर बर्फ लगाएं। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; इसे कपड़े में लपेट लें।
  • दर्द निवारक दवाएं (Pain Medication):
    • ओवर-द-काउंटर दवाएं: इबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) जैसे गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • प्रिस्क्रिप्शन दवाएं: यदि ओवर-द-काउंटर दवाएं पर्याप्त नहीं हैं, तो डॉक्टर मजबूत NSAIDs या अन्य दर्द निवारक दवाएं लिख सकते हैं।
  • शारीरिक थेरेपी (Physical Therapy): यह सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक योग्य भौतिक चिकित्सक आपको निम्नलिखित सिखाएगा:
    • कोमल गति की सीमा व्यायाम: ये व्यायाम कंधे के जोड़ की लचीलापन और गति को बहाल करने में मदद करते हैं।
    • स्ट्रेचिंग व्यायाम: ये कंधे के आसपास की मांसपेशियों को लंबा करने में मदद करते हैं, जिससे टेंडन पर दबाव कम होता है।
    • मजबूती व्यायाम: ये रोटेटर कफ और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो कंधे के जोड़ को स्थिर करने और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • मुद्रा सुधार व्यायाम: अच्छी मुद्रा बनाए रखने से कंधे पर अनावश्यक तनाव कम हो सकता है।
    • बायोमैकेनिक्स में सुधार: आपकी गतिविधियों के तरीके को समायोजित करना, खासकर खेलकूद या काम से संबंधित गतिविधियों में, टेंडन पर तनाव को कम कर सकता है।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन (Corticosteroid Injections): कुछ मामलों में, डॉक्टर दर्द और सूजन को कम करने के लिए सीधे सुप्रास्पिनैटस टेंडन या सबक्रोमियल बर्सा में कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्ट कर सकते हैं। हालांकि ये इंजेक्शन त्वरित राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन ये दीर्घकालिक समाधान नहीं हैं और इनका उपयोग सीमित होना चाहिए क्योंकि बार-बार इंजेक्शन टेंडन को कमजोर कर सकते हैं।
  • प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (PRP) इंजेक्शन: कुछ डॉक्टर PRP इंजेक्शन का उपयोग करते हैं, जिसमें रोगी के अपने रक्त से प्लेटलेट-समृद्ध प्लाज्मा को निकालकर प्रभावित क्षेत्र में इंजेक्ट किया जाता है। माना जाता है कि यह उपचार ऊतक की मरम्मत को बढ़ावा देता है, लेकिन सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के लिए इसकी प्रभावशीलता पर अभी भी शोध चल रहा है।

सर्जिकल उपचार (Surgical Treatment):

सर्जरी आमतौर पर तभी आवश्यक होती है जब गैर-सर्जिकल उपचार 6-12 महीनों तक प्रभावी नहीं होते हैं और लगातार दर्द और कार्य में कमी बनी रहती है। सर्जरी के प्रकार में शामिल हो सकते हैं:

  • आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी (Arthroscopic Surgery): यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें छोटे चीरों के माध्यम से एक छोटा कैमरा और उपकरण डाला जाता है। सर्जन कंधे के जोड़ के अंदर देख सकते हैं और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर दबाव डालने वाली किसी भी हड्डी की स्पर (bone spur) को हटा सकते हैं या क्षतिग्रस्त टेंडन की मरम्मत कर सकते हैं।
  • ओपन सर्जरी (Open Surgery): कुछ मामलों में, अधिक जटिल मरम्मत के लिए एक बड़ा चीरा आवश्यक हो सकता है।

सुप्रास्पिनैटस टेंडिनाइटिस का फिजियोथेरेपी उपचार क्या है?

सुप्रास्पिनैटस टेंडिनाइटिस के लिए फिजियोथेरेपी उपचार का उद्देश्य दर्द को कम करना, कंधे की कार्यक्षमता में सुधार करना और आगे की चोटों को रोकना है। उपचार में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:

दर्द और सूजन का प्रबंधन:

  • आराम: दर्द को बढ़ाने वाली गतिविधियों से बचना महत्वपूर्ण है, खासकर सिर के ऊपर की गतिविधियों से।
  • बर्फ चिकित्सा (क्रायोथेरेपी): सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए कंधे पर बर्फ पैक लगाया जाता है।
  • गर्मी चिकित्सा: कुछ मामलों में, मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए गर्मी का उपयोग किया जा सकता है।
  • ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (TENS): यह थेरेपी त्वचा पर कम-वोल्टेज विद्युत धाराओं को भेजकर दर्द से राहत दिला सकती है। यह दर्द संकेतों को मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकने और एंडोर्फिन (शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारक) की रिहाई को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड थेरेपी: उच्च-आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करके, यह थेरेपी ऊतकों के भीतर गहरी गर्मी उत्पन्न करती है, जिससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।
  • इंटरफेरेंशियल करंट थेरेपी (IFC): यह थेरेपी दर्द और सूजन को कम करने और मांसपेशियों के कार्य में सुधार करने के लिए मध्यम-आवृत्ति विद्युत धाराओं का उपयोग करती है जो गहरे ऊतकों में प्रवेश करने वाली कम-आवृत्ति धारा बनाने के लिए प्रतिच्छेद करती हैं।
  • लेजर थेरेपी (लो-लेवल लेजर थेरेपी – LLLT): यह थेरेपी दर्द और सूजन को कम करने और ऊतक उपचार को बढ़ावा देने के लिए कम-तीव्रता वाले लेजर प्रकाश का उपयोग करती है।
  • पल्सड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड थेरेपी (PEMF): यह थेरेपी दर्द और सूजन को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने के लिए विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों का उपयोग करती है।
  • आयनटोफोरेसिस: इस तकनीक का उपयोग सूजनरोधी दवाओं को सीधे प्रभावित क्षेत्र में त्वचा के माध्यम से पहुंचाने के लिए किया जाता है।

गति की सीमा में सुधार:

  • पेंडुलम व्यायाम: यह व्यायाम कंधे के जोड़ को बिना तनाव दिए गतिशील रखने में मदद करता है।
  • पैसिव रेंज ऑफ मोशन व्यायाम: ये सहायक गतिविधियां लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करती हैं।
  • स्ट्रेचिंग व्यायाम:
    • पोस्टीरियर कैप्सूल स्ट्रेच: कंधे के लचीलेपन में सुधार करता है।
    • क्रॉस-बॉडी शोल्डर स्ट्रेच: पोस्टीरियर कंधे की मांसपेशियों को खींचता है।
    • डोरवे स्ट्रेच: एंटीरियर कंधे और पेक्टोरल मांसपेशियों को खींचता है।
  • जॉइंट मोबिलाइजेशन: फिजियोथेरेपिस्ट कंधे के जोड़ की गति को बढ़ाने और जकड़न को कम करने के लिए कोमल तकनीकें कर सकते हैं।

मांसपेशियों को मजबूत बनाना:

  • आइसोमेट्रिक व्यायाम: ये कोमल मांसपेशी संकुचन होते हैं जिनमें जोड़ की कोई गति शामिल नहीं होती है।
  • रेजिस्टेंस बैंड व्यायाम: धीरे-धीरे प्रतिरोध पेश करके रोटेटर कफ और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत किया जाता है।
  • स्कैपुलर स्टेबिलाइजेशन व्यायाम: कंधे के ब्लेड के नियंत्रण और कार्य में सुधार करते हैं।
  • भारोत्तोलन व्यायाम: धीरे-धीरे वजन बढ़ाकर मांसपेशियों की ताकत का निर्माण किया जाता है।
  • प्लायोमेट्रिक व्यायाम: खेल में लौटने वाले लोगों के लिए, यह शक्ति और समन्वय में सुधार करता है।

मैनुअल थेरेपी:

  • सॉफ्ट टिश्यू मोबिलाइजेशन: मांसपेशियों के तनाव को कम करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने के लिए तकनीकें।
  • जॉइंट मोबिलाइजेशन: जोड़ की गति को बढ़ाने और जकड़न को कम करने के लिए तकनीकें।
  • डीप फ्रिक्शन मसाज: सुप्रास्पिनैटस कण्डरा पर किया जा सकता है।
  • स्कैपुलर मोबिलाइजेशन: कंधे के ब्लेड की गतिशीलता में सुधार करता है।
  • ग्लेनोह्यूमरल जॉइंट मोबिलाइजेशन: कंधे के जोड़ की गतिशीलता में सुधार करता है।
  • प्रोप्रियोसेप्टिव न्यूरोमस्कुलर फैसिलिटेशन (PNF): मांसपेशियों की ताकत और समन्वय में सुधार के लिए तकनीकें।
  • नर्व ग्लाइडिंग/स्लाइडिंग तकनीकें: दर्द को कम करने और गति की सीमा में सुधार करने में मदद कर सकती हैं।

अन्य पहलू:

  • कार्यात्मक प्रशिक्षण: खेल-विशिष्ट या गतिविधि-विशिष्ट व्यायाम सामान्य गतिविधियों में लौटने की तैयारी करते हैं।
  • प्रोप्रियोसेप्टिव प्रशिक्षण: संतुलन बोर्ड का उपयोग करके या अस्थिर सतहों पर व्यायाम करके कंधे की स्थिरता और जोड़ जागरूकता को बढ़ाता है।
  • एर्गोनॉमिक समायोजन: कार्यस्थलों, खेल तकनीकों और दैनिक गतिविधियों को कंधे पर तनाव कम करने के लिए समायोजित करना।
  • रोगी शिक्षा: शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से पहले उचित वार्म-अप और स्ट्रेचिंग के बारे में शिक्षित करना। उचित बॉडी मैकेनिक्स और मूवमेंट पैटर्न सिखाना ताकि अत्यधिक उपयोग की चोटों से बचा जा सके।

पुनर्वास की अवधि व्यक्ति की चोट की गंभीरता पर निर्भर करती है, लेकिन इसमें आमतौर पर 6-12 सप्ताह लगते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट एक व्यक्तिगत उपचार योजना विकसित करेगा जो आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप हो। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने फिजियोथेरेपिस्ट के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें और अपनी गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि पुन: चोट से बचा जा सके।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस का घरेलू इलाज क्या है?

अहमदाबाद में रहते हुए, सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के लक्षणों को प्रबंधित करने और राहत पाने के लिए आप घर पर कई कदम उठा सकते हैं। ये घरेलू उपचार चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं, लेकिन ये दर्द और सूजन को कम करने और उपचार प्रक्रिया का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं।

1. आराम (Rest):

  • सबसे महत्वपूर्ण घरेलू उपचार है अपने कंधे को आराम देना। ऐसी गतिविधियों से बचें जो आपके दर्द को बढ़ाती हैं। इसमें खेलकूद, भारी सामान उठाना और बार-बार कंधे को ऊपर उठाने वाली गतिविधियाँ शामिल हो सकती हैं।
  • यदि कोई विशेष गतिविधि आपके दर्द को बढ़ाती है, तो उसे पूरी तरह से बंद कर दें या कम से कम तब तक संशोधित करें जब तक आपका दर्द कम न हो जाए।

2. बर्फ (Ice):

  • सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार (हर 2-3 घंटे में) 15-20 मिनट के लिए प्रभावित कंधे पर बर्फ लगाएं।
  • बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; इसे हमेशा एक पतले तौलिये या कपड़े में लपेटें ताकि त्वचा को ठंड से बचाया जा सके।

3. गर्मी (Heat):

  • बर्फ के बाद, या पुराने दर्द के लिए, आप गर्मी का उपयोग कर सकते हैं। गर्म पानी की बोतल, हीटिंग पैड (कम सेटिंग पर) या गर्म स्नान मांसपेशियों को आराम देने और अकड़न को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • ध्यान दें कि यदि आपका कंधा सूजा हुआ और लाल है, तो पहले कुछ दिनों के लिए बर्फ का उपयोग करना बेहतर है।

4. ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं (Over-the-Counter Pain Relievers):

  • इबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) जैसी दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • इन दवाओं का उपयोग लेबल पर दिए गए निर्देशों के अनुसार करें और यदि आपको कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या है या आप अन्य दवाएं ले रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें।

5. कोमल स्ट्रेचिंग और व्यायाम (Gentle Stretching and Exercises):

  • जब आपका दर्द थोड़ा कम हो जाए, तो आप कुछ कोमल स्ट्रेचिंग और व्यायाम शुरू कर सकते हैं ताकि कंधे के जोड़ की गति की सीमा को बनाए रखा जा सके और अकड़न को रोका जा सके।
  • पेंडुलम व्यायाम: सीधे खड़े हों और प्रभावित हाथ को ढीला लटका दें। धीरे-धीरे अपने शरीर को आगे-पीछे और अगल-बगल घुमाएं, जिससे आपका हाथ एक छोटा वृत्त बनाएगा।
  • उंगली की दीवार पर चढ़ना: दीवार के सामने खड़े हों और अपनी उंगलियों को दीवार पर रखें। धीरे-धीरे अपनी उंगलियों को ऊपर की ओर “चलाएं” जब तक आपको कंधे में खिंचाव महसूस न हो। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आ जाएं।
  • क्रॉस-बॉडी स्ट्रेच: अपने प्रभावित हाथ को सीधे रखें और इसे अपने शरीर के सामने विपरीत कंधे की ओर खींचें। अपने दूसरे हाथ का उपयोग करके खिंचाव को थोड़ा और गहरा करें।
  • ध्यान रखें कि कोई भी व्यायाम करते समय दर्द नहीं होना चाहिए। यदि आपको दर्द महसूस होता है, तो रुक जाएं और आराम करें।

6. अच्छी मुद्रा बनाए रखें (Maintain Good Posture):

  • दिन भर अच्छी मुद्रा बनाए रखने से आपके कंधे की मांसपेशियों और टेंडन पर अनावश्यक तनाव कम हो सकता है।
  • बैठते और खड़े होते समय अपनी पीठ सीधी रखें और अपने कंधों को पीछे और नीचे की ओर रखें।

7. सोते समय ध्यान दें (Be Mindful While Sleeping):

  • प्रभावित कंधे पर सोने से बचें। अपनी पीठ या गैर-प्रभावित कंधे पर सोने की कोशिश करें।
  • यदि आपको करवट लेकर सोना ही है, तो अपने प्रभावित हाथ को सहारा देने के लिए एक तकिया का उपयोग करें।

8. धीरे-धीरे गतिविधि बढ़ाएं (Gradually Increase Activity):

  • जैसे-जैसे आपका दर्द कम होता जाता है, धीरे-धीरे अपनी सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करें। अचानक अपनी पिछली गतिविधि के स्तर पर वापस न आएं, क्योंकि इससे आपकी स्थिति बिगड़ सकती है।

महत्वपूर्ण नोट:

  • ये घरेलू उपचार सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये चिकित्सा सलाह या उपचार का विकल्प नहीं हैं।
  • यदि आपका दर्द गंभीर है, लंबे समय तक बना रहता है, या आपकी दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करता है, तो आपको अहमदाबाद में एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वे आपकी स्थिति का सही निदान कर सकते हैं और एक उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं जिसमें शारीरिक थेरेपी या अन्य चिकित्सा हस्तक्षेप शामिल हो सकते हैं।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं?

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के इलाज में आहार सीधे भूमिका नहीं निभाता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने और उपचार का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं, जबकि अन्य सूजन को बढ़ा सकते हैं और उपचार में बाधा डाल सकते हैं। अहमदाबाद में रहते हुए, अपनी रिकवरी को बढ़ावा देने के लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव कर सकते हैं:

क्या खाएं:

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ:
    • फल: जामुन (ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी), चेरी, संतरा, अनानास। इनमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
    • सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल), ब्रोकली, फूलगोभी, गाजर, शकरकंद। ये विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं जो उपचार के लिए आवश्यक हैं।
    • ओमेगा-3 फैटी एसिड: वसायुक्त मछली (सामन, मैकेरल, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया बीज, अखरोट। इनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं।
    • स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स (बादाम, अखरोट)।
    • हल्दी और अदरक: इन मसालों में सूजन-रोधी यौगिक होते हैं। आप इन्हें अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं या इनकी चाय पी सकते हैं।
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ:
    • लीन प्रोटीन (चिकन, टर्की, मछली), बीन्स, दालें, टोफू। प्रोटीन ऊतक की मरम्मत के लिए आवश्यक है।
  • विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ:
    • खट्टे फल (संतरा, नींबू), शिमला मिर्च, कीवी, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली। विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है, जो टेंडन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • जिंक युक्त खाद्य पदार्थ:
    • बीफ, कद्दू के बीज, पालक, पनीर, बीन्स, साबुत अनाज। जिंक ऊतक की मरम्मत और विकास में मदद करता है।
  • कोलेजन युक्त खाद्य पदार्थ:
    • बोन ब्रोथ। कोलेजन टेंडन सहित संयोजी ऊतकों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • पर्याप्त पानी: हाइड्रेटेड रहना उपचार और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

क्या न खाएं:

  • प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ: ये अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और योजक से भरपूर होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं। इनमें फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स और प्रोसेस्ड मीट शामिल हैं।
  • अस्वास्थ्यकर वसा: तला हुआ भोजन और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद सूजन को बढ़ा सकते हैं।
  • अतिरिक्त चीनी: मीठे पेय और खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं और उपचार को धीमा कर सकते हैं।
  • अत्यधिक सोडियम: उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ शरीर में पानी की मात्रा बढ़ा सकते हैं और सूजन को बढ़ा सकते हैं।
  • शराब: शराब सूजन को बढ़ा सकती है और उपचार प्रक्रिया में बाधा डाल सकती है।
  • रेड मीट (सीमित मात्रा में): रेड मीट में सैचुरेटेड फैट होता है, जो कुछ लोगों में सूजन को बढ़ा सकता है।

अतिरिक्त सुझाव:

  • एक संतुलित और विविध आहार लें जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों।
  • अपने भोजन में विभिन्न प्रकार के रंगीन फल और सब्जियां शामिल करें।
  • यदि आपको कोई विशिष्ट खाद्य संवेदनशीलता या एलर्जी है, तो उनसे बचें।

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के जोखिम को कैसे कम करें?

अहमदाबाद में सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के जोखिम को कम करने के लिए आप कई सक्रिय कदम उठा सकते हैं। इनमें जीवनशैली में बदलाव, व्यायाम की आदतें और काम या खेलकूद की गतिविधियों में सावधानी बरतना शामिल है:

1. उचित तकनीक और बायोमैकेनिक्स का उपयोग करें:

  • खेलकूद: यदि आप ऐसे खेल खेलते हैं जिनमें ओवरहेड गतिविधियाँ शामिल हैं (जैसे टेनिस, बैडमिंटन, क्रिकेट, वॉलीबॉल), तो सुनिश्चित करें कि आप उचित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। एक कोच या प्रशिक्षक से मार्गदर्शन प्राप्त करें ताकि आपकी तकनीक कुशल हो और आपके कंधे पर अनावश्यक तनाव न पड़े।
  • काम: यदि आपके काम में बार-बार हाथ उठाना या भारी सामान उठाना शामिल है, तो उचित उठाने की तकनीकों का उपयोग करें। अपनी पीठ सीधी रखें, अपनी कोहनी को अपने शरीर के करीब रखें और अपनी पैरों की मांसपेशियों का उपयोग करें।
  • दैनिक गतिविधियाँ: साधारण दैनिक कार्यों में भी अपने शरीर की यांत्रिकी पर ध्यान दें ताकि आपके कंधों पर अनावश्यक दबाव न पड़े।

2. नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग:

  • रोटेटर कफ को मजबूत करें: मजबूत रोटेटर कफ मांसपेशियां आपके कंधे के जोड़ को स्थिर करने और सुप्रास्पिनैटस टेंडन पर तनाव को कम करने में मदद करती हैं। हल्के वजन और उच्च पुनरावृत्ति वाले व्यायाम करें, जैसे बाहरी घुमाव, आंतरिक घुमाव, और स्कैपुला रिट्रैक्शन।
  • कंधे की गति की सीमा बनाए रखें: नियमित स्ट्रेचिंग व्यायाम आपके कंधे के जोड़ को लचीला और मोबाइल रखने में मदद करते हैं। पेंडुलम व्यायाम, क्रॉस-बॉडी स्ट्रेच और हाथ को ऊपर की ओर खींचना जैसे व्यायाम करें।
  • ऊपरी पीठ और गर्दन को मजबूत करें: मजबूत ऊपरी पीठ और गर्दन की मांसपेशियां अच्छी मुद्रा बनाए रखने में मदद करती हैं, जिससे कंधे पर तनाव कम होता है। रोइंग और स्कैपुला स्क्वीज़ जैसे व्यायाम करें।
  • वार्म-अप और कूल-डाउन: किसी भी ज़ोरदार गतिविधि से पहले हमेशा अच्छी तरह से वार्म-अप करें और बाद में धीरे-धीरे कूल-डाउन करें। इसमें कोमल स्ट्रेचिंग शामिल होनी चाहिए।

3. धीरे-धीरे गतिविधि बढ़ाएं:

  • यदि आप कोई नई गतिविधि शुरू कर रहे हैं या अपनी मौजूदा गतिविधि की तीव्रता या अवधि बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें। अपने शरीर को समायोजित होने का समय दें ताकि टेंडन पर अचानक तनाव न पड़े।

4. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:

  • बैठते और खड़े होते समय अच्छी मुद्रा बनाए रखने का अभ्यास करें। अपने कंधों को पीछे और नीचे की ओर रखें और अपनी पीठ सीधी रखें। खराब मुद्रा आपके कंधे की मांसपेशियों और टेंडन पर अतिरिक्त तनाव डाल सकती है।
  • यदि आप लंबे समय तक डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका कार्यक्षेत्र एर्गोनॉमिक रूप से व्यवस्थित है। आपकी कुर्सी और डेस्क की ऊंचाई ऐसी होनी चाहिए कि आपके कंधे आराम से रहें।

5. पर्याप्त आराम लें:

  • अपने शरीर को ज़ोरदार गतिविधियों के बाद ठीक होने के लिए पर्याप्त समय दें। ओवरट्रेनिंग से बचें, क्योंकि यह टेंडन पर अत्यधिक तनाव डाल सकता है।

6. स्वस्थ वजन बनाए रखें:

  • अधिक वजन या मोटापा आपके जोड़ों और टेंडन पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिसमें आपके कंधे भी शामिल हैं। स्वस्थ वजन बनाए रखने से सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

7. धूम्रपान छोड़ें:

  • धूम्रपान टेंडन सहित शरीर के ऊतकों में रक्त की आपूर्ति को कम करता है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं और चोट के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। धूम्रपान छोड़ने से आपके टेंडन के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

8. अपने शरीर को सुनें:

  • यदि आप अपने कंधे में दर्द महसूस करते हैं, तो उस गतिविधि को तुरंत रोक दें जो दर्द पैदा कर रही है। दर्द को अनदेखा करने से आपकी स्थिति और खराब हो सकती है।

9. नियमित ब्रेक लें:

  • यदि आपके काम या शौक में दोहराव वाली गतिविधियाँ शामिल हैं, तो नियमित ब्रेक लें और अपने कंधों को स्ट्रेच करें।

10. संभावित जोखिम कारकों से बचें:

  • यदि आपको पता है कि कुछ खास गतिविधियाँ या आंदोलनों से आपके कंधे में दर्द होता है, तो उनसे बचने या उन्हें संशोधित करने का प्रयास करें।

सारांश

सुप्रास्पिनैटस टेंडोनाइटिस कंधे के रोटेटर कफ की एक मांसपेशी के टेंडन की सूजन है, जिससे कंधे में दर्द, कमजोरी और गति की कमी होती है। यह बार-बार ओवरहेड गतिविधियों, चोट या उम्र के कारण हो सकता है। निदान शारीरिक परीक्षा और कभी-कभी इमेजिंग से होता है।

इलाज में आराम, बर्फ, दर्द निवारक, शारीरिक थेरेपी और कभी-कभी इंजेक्शन या सर्जरी शामिल हैं। घरेलू उपचार में आराम, बर्फ, गर्मी और कोमल व्यायाम मदद कर सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए उचित तकनीक, नियमित व्यायाम और अच्छी मुद्रा महत्वपूर्ण हैं।

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