एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द क्या है?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। यह दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है और आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के मुख्य कारण:
- एकिलीज़ टेंडिनाइटिस (Achilles Tendinitis): यह एकिलीज़ टेंडन (वह ऊतक जो पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ता है) में सूजन और दर्द है। यह अक्सर अत्यधिक उपयोग, जैसे दौड़ने या कूदने से होता है।
- बर्साइटिस (Bursitis): एड़ी के पिछले हिस्से में मौजूद तरल पदार्थ से भरी छोटी थैलियां (बर्सा) होती हैं जो घर्षण को कम करती हैं। जब इन बर्सा में सूजन आ जाती है, तो इसे बर्साइटिस कहते हैं। यह भी अक्सर अत्यधिक उपयोग या गलत जूते पहनने से होता है।
- हैगलुंड की विकृति (Haglund’s Deformity): यह एड़ी की हड्डी के पिछले हिस्से में एक हड्डी का बढ़ा हुआ हिस्सा (बोन स्पूर) होता है। यह बढ़ा हुआ हिस्सा टेंडन और बर्सा पर दबाव डाल सकता है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है। इसे “पंप बंप” भी कहते हैं।
- प्लांटर फ़ेशियाइटिस (Plantar Fasciitis): हालांकि यह मुख्य रूप से एड़ी के निचले हिस्से को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में दर्द एड़ी के पिछले हिस्से तक भी फैल सकता है। यह प्लांटर फ़ेशिया (एड़ी से पैर की उंगलियों तक फैले ऊतक) में सूजन है।
- सेवर्स रोग (Sever’s Disease): यह बच्चों और किशोरों में होने वाली एक स्थिति है, जिसमें एड़ी की हड्डी के बढ़ने वाले हिस्से में सूजन आ जाती है।
- तनाव फ्रैक्चर (Stress Fracture): एड़ी की हड्डी में छोटे-छोटे फ्रैक्चर भी दर्द का कारण बन सकते हैं, खासकर अत्यधिक शारीरिक गतिविधि के बाद।
- नर्व एंट्रैपमेंट (Nerve Entrapment): कभी-कभी तंत्रिका (नर्व) दब जाने से भी एड़ी में दर्द हो सकता है, जिसके साथ जलन, झुनझुनी या सुन्नता भी महसूस हो सकती है।
- गलत जूते: ऐसे जूते पहनना जो बहुत तंग हों, एड़ी पर रगड़ खाते हों, या पर्याप्त सपोर्ट न देते हों, दर्द का कारण बन सकते हैं।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लक्षण:
- एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द या संवेदनशीलता।
- सुबह उठते ही या आराम के बाद पहले कदम पर दर्द।
- शारीरिक गतिविधि (दौड़ना, चलना) के साथ दर्द का बढ़ना।
- एड़ी के पीछे सूजन, लालिमा या गर्माहट।
- चलने में कठिनाई या लंगड़ाना।
- एड़ी का अकड़ जाना।
- टेंडन का मोटा होना।
दर्द का इलाज:
इलाज दर्द के कारण पर निर्भर करता है और इसमें शामिल हो सकते हैं:
- आराम: प्रभावित पैर को आराम देना और उन गतिविधियों से बचना जो दर्द को बढ़ाती हैं।
- बर्फ की सिकाई: एड़ी पर 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाने से सूजन और दर्द कम हो सकता है।
- दर्द निवारक दवाएं: ओवर-द-काउंटर नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (NSAIDs) जैसे इबुप्रोफेन दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- सही फुटवियर: आरामदायक, सपोर्टिव जूते पहनना जो एड़ी पर दबाव न डालें। ऊँची एड़ी के जूते या बहुत पतले सोल वाले जूते पहनने से बचें।
- स्ट्रेचिंग और व्यायाम: पिंडली की मांसपेशियों और एकिलीज़ टेंडन को स्ट्रेच करने से लचीलापन बढ़ सकता है और दर्द कम हो सकता है।
- ऑर्थोटिक्स: शू इंसर्ट या हील कप पैरों को सही संरेखण में रखने और एड़ी पर दबाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
- फिजिकल थेरेपी: एक फिजियोथेरेपिस्ट विशिष्ट व्यायाम और तकनीकों की सलाह दे सकता है।
- स्टेरॉयड इंजेक्शन: कुछ मामलों में, सूजन और दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में स्टेरॉयड इंजेक्शन दिए जा सकते हैं।
- सर्जरी:
यदि आपको एड़ी के पिछले हिस्से में लगातार दर्द हो रहा है या दर्द गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। वे सटीक कारण का निदान कर सकते हैं और उचित उपचार योजना की सिफारिश कर सकते हैं।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द क्यों होता है?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से ज़्यादातर अत्यधिक उपयोग, चोट या कुछ शारीरिक स्थितियों से संबंधित होते हैं। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:
- एकिलीज़ टेंडिनाइटिस:
- एथलीट और बास्केटबॉल खिलाड़ी इस समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- बर्साइटिस (Bursitis): एड़ी के पीछे और एकिलीज़ टेंडन के नीचे तरल पदार्थ से भरी छोटी थैलियां होती हैं जिन्हें बर्सा कहते हैं। ये बर्सा घर्षण को कम करने में मदद करते हैं। जब इनमें सूजन आ जाती है, तो इसे बर्साइटिस कहते हैं। यह अक्सर अत्यधिक उपयोग, गलत जूते पहनने, या सीधे एड़ी पर चोट लगने से हो सकता है।
- हैगलुंड की विकृति (Haglund’s Deformity): यह एड़ी की हड्डी के पिछले हिस्से में एक हड्डी का बढ़ा हुआ हिस्सा (बोन स्पूर) होता है। यह बढ़ा हुआ हिस्सा एकिलीज़ टेंडन और बर्सा पर रगड़ खा सकता है, जिससे दर्द और सूजन हो सकती है। इसे अक्सर “पंप बंप” भी कहा जाता है क्योंकि यह ऊँची एड़ी के जूते पहनने वालों में अधिक आम होता है।
- सेवर्स रोग (Sever’s Disease/Calcaneal Apophysitis): यह मुख्य रूप से बढ़ते बच्चों और किशोरों में होने वाली एक स्थिति है। एड़ी की हड्डी में एक विकास प्लेट होती है, और अत्यधिक शारीरिक गतिविधि (जैसे दौड़ना या कूदना) इस विकास प्लेट को परेशान कर सकती है, जिससे सूजन और दर्द होता है।
- प्लांटर फ़ेशियाइटिस (Plantar Fasciitis): हालांकि यह मुख्य रूप से एड़ी के निचले हिस्से (तलवे) में दर्द का कारण बनता है, लेकिन कुछ मामलों में दर्द एड़ी के पिछले हिस्से तक भी फैल सकता है। यह प्लांटर फ़ेशिया नामक ऊतक के बैंड में सूजन होती है जो एड़ी से पैर की उंगलियों तक फैला होता है।
- तनाव फ्रैक्चर (Stress Fracture): एड़ी की हड्डी में छोटे-छोटे फ्रैक्चर भी दर्द का कारण बन सकते हैं, खासकर दौड़ने या कूदने जैसी दोहराव वाली गतिविधियों के बाद।
- नर्व एंट्रैपमेंट (Nerve Entrapment/Tarsal Tunnel Syndrome): कभी-कभी एड़ी के पास से गुजरने वाली तंत्रिकाएं दब सकती हैं, जिससे दर्द, जलन, झुनझुनी या सुन्नता महसूस हो सकती है।
- गलत फुटवियर: ऐसे जूते पहनना जो ठीक से फिट न हों, पर्याप्त सपोर्ट न दें, या एड़ी पर रगड़ खाते हों, दर्द का कारण बन सकते हैं। विशेष रूप से ऊँची एड़ी के जूते या कठोर, बिना कुशन वाले जूते समस्या बढ़ा सकते हैं।
- असामान्य चलने का तरीका (Foot Mechanics): पैर की संरचना या चलने का तरीका (जैसे सपाट पैर या बहुत ऊँचा आर्च) एड़ी पर असामान्य दबाव डाल सकता है, जिससे दर्द हो सकता है।
- मोटापा: अधिक वजन होने से पैरों और एड़ी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे दर्द का खतरा बढ़ जाता है।
- चोट: एड़ी पर सीधा आघात या चोट भी दर्द का कारण बन सकती है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ, जैसे गठिया (आर्थराइटिस), गाउट, या मधुमेह, भी पैरों और एड़ी में दर्द का कारण बन सकती हैं।
यदि आपको एड़ी के पिछले हिस्से में लगातार दर्द हो रहा है, तो सही निदान और उपचार के लिए डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लक्षण और संकेत क्या हैं?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लक्षण और संकेत कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन यहाँ कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए:
सामान्य लक्षण और संकेत:
- दर्द:
- स्थान: एड़ी के ठीक पीछे, जहाँ पिंडली की मांसपेशियाँ एड़ी की हड्डी से जुड़ती हैं (एकिलीज़ टेंडन का क्षेत्र)।
- प्रकृति: यह हल्का दर्द, जलन, तेज दर्द या चुभने वाला दर्द हो सकता है।
- समय:
- सुबह का दर्द: सुबह बिस्तर से उठते ही या आराम करने के बाद पहले कुछ कदम चलने पर दर्द बहुत तीव्र हो सकता है।
- गतिविधि से संबंधित: चलने, दौड़ने, कूदने या सीढ़ियाँ चढ़ने जैसी गतिविधियों के दौरान दर्द बढ़ सकता है।
- आराम से सुधार: कुछ लोगों को आराम करने पर दर्द में कमी महसूस हो सकती है, लेकिन गतिविधि शुरू करने पर यह फिर से लौट सकता है।
- लगातार दर्द: गंभीर मामलों में, दर्द लगातार बना रह सकता है, यहाँ तक कि आराम करते समय भी।
- सूजन (Swelling):
- एड़ी के पिछले हिस्से या एड़ी की हड्डी के ऊपर सूजन दिखाई दे सकती है।
- सूजन के कारण क्षेत्र थोड़ा फूला हुआ या लाल दिख सकता है।
- कोमलता (Tenderness):
- प्रभावित क्षेत्र को छूने या हल्का दबाव डालने पर दर्द महसूस होना। यह विशेष रूप से एकिलीज़ टेंडन या एड़ी की हड्डी के ठीक ऊपर वाले हिस्से में हो सकता है।
- जकड़न (Stiffness):
- विशेष रूप से सुबह में या लंबे समय तक बैठने के बाद एड़ी और टखने में जकड़न महसूस होना।
- टखने को मोड़ने या पैर को ऊपर-नीचे करने में मुश्किल हो सकती है।
- लालपन और गर्माहट (Redness and Warmth):
- सूजन और जलन के कारण प्रभावित क्षेत्र लाल और छूने पर गर्म महसूस हो सकता है।
- चलने में कठिनाई:
- दर्द के कारण सामान्य रूप से चलने में परेशानी हो सकती है।
- आप दर्द से बचने के लिए लंगड़ाकर चल सकते हैं।
- गाँठ या उभार (Lump or Bump):
- हैगलुंड की विकृति के मामले में, एड़ी की हड्डी के पीछे एक हड्डी का उभार (बोन स्पूर) महसूस हो सकता है।
- कुछ मामलों में, एकिलीज़ टेंडन खुद मोटा या गांठदार महसूस हो सकता है।
विशिष्ट स्थितियों के आधार पर अतिरिक्त संकेत:
- एकिलीज़ टेंडिनाइटिस:
- पिंडली की मांसपेशियों में जकड़न।
- टेंडन के साथ छोटा, दर्दनाक गांठ।
- गतिविधि के साथ दर्द का बढ़ना, खासकर दौड़ते समय या सीढ़ियाँ चढ़ते समय।
- बर्साइटिस:
- एड़ी के ठीक पीछे, टेंडन के ऊपर या नीचे सूजन और कोमलता।
- जूते पहनने पर दर्द का बढ़ना, खासकर जो एड़ी पर रगड़ खाते हों।
- हैगलुंड की विकृति:
- एड़ी के पिछले हिस्से पर एक कठोर, बोनी गांठ।
- जूतों के कारण इस गांठ पर दबाव पड़ने से दर्द।
- सेवर्स रोग (बच्चों में):
- शारीरिक गतिविधि (दौड़ना, कूदना) के बाद एड़ी के पीछे दर्द।
- एड़ी की हड्डी के निचले हिस्से पर कोमलता।
- बच्चे अक्सर लंगड़ाकर चलते हैं या पैर के अंगूठे पर चलते हैं।
- तनाव फ्रैक्चर:
- तीव्र दर्द जो गतिविधि के साथ बढ़ता है और आराम करने पर कम हो सकता है।
- प्रभावित हड्डी पर सटीक बिंदु पर कोमलता।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, खासकर अगर दर्द गंभीर हो, लगातार बना रहे, या आपकी सामान्य गतिविधियों में बाधा डाल रहा हो, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। वे सही निदान कर सकते हैं और आपके लिए सबसे अच्छा उपचार सुझा सकते हैं।
एड़ी के पीछे दर्द का खतरा किन लोगों को अधिक होता है?
एड़ी के पीछे दर्द का खतरा कुछ विशेष समूहों के लोगों में अधिक होता है। इसके कई कारण हैं, जिनमें जीवनशैली, शारीरिक बनावट और स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ शामिल हैं। यहाँ उन लोगों की सूची दी गई है जिन्हें एड़ी के पीछे दर्द (जैसे एकिलीज़ टेंडिनाइटिस, बर्साइटिस, या हैगलुंड की विकृति) का अधिक खतरा होता है:
- एथलीट और शारीरिक रूप से सक्रिय लोग:
- धावक और कूदने वाले खेल: दौड़ने, कूदने या ऐसी गतिविधियाँ जिनमें अचानक रुकना और शुरू करना शामिल हो (जैसे बास्केटबॉल, टेनिस, फुटबॉल), एड़ी के टेंडन और ऊतकों पर अत्यधिक दबाव डालती हैं।
- “वीकेंड वॉरियर्स”: जो लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते लेकिन सप्ताहांत में अचानक उच्च तीव्रता वाली गतिविधियाँ करते हैं, उन्हें चोट लगने का अधिक खतरा होता है क्योंकि उनके शरीर ऐसी गतिविधियों के लिए तैयार नहीं होते।
- गलत प्रशिक्षण: अचानक व्यायाम की तीव्रता या अवधि बढ़ाना, या अपर्याप्त वार्म-अप और स्ट्रेचिंग भी जोखिम को बढ़ाता है।
- मध्यम आयु वर्ग के लोग और वृद्ध:
- उम्र के साथ, टेंडन और लिगामेंट कम लचीले हो जाते हैं और टूट-फूट के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह एकिलीज़ टेंडिनाइटिस और बर्साइटिस के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- मोटापे से ग्रस्त या अधिक वजन वाले व्यक्ति:
- शरीर का अतिरिक्त वजन पैरों और एड़ी पर अधिक दबाव डालता है, जिससे तनाव और सूजन का खतरा बढ़ जाता है।
- लंबे समय तक खड़े रहने वाले लोग:
- जिन नौकरियों में लंबे समय तक खड़े रहना पड़ता है, खासकर कठोर सतहों पर (जैसे कारखाने के कर्मचारी, दुकानदार), उनके पैरों पर लगातार दबाव पड़ता है।
- गलत फुटवियर पहनने वाले:
- अनुचित जूते: ऐसे जूते पहनना जो खराब फिटिंग वाले हों, अपर्याप्त आर्च सपोर्ट देते हों, या एड़ी पर रगड़ खाते हों।
- ऊँची एड़ी के जूते: ये एड़ी के टेंडन पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं और हैगलुंड की विकृति का कारण बन सकते हैं।
- कठोर या पुराने जूते: जो जूते पर्याप्त कुशनिंग या सपोर्ट नहीं देते, वे भी जोखिम कारक हो सकते हैं।
- पैर की संरचना या बायोमैकेनिक्स की समस्याएँ:
- सपाट पैर (Flat feet) या अत्यधिक ऊँचे आर्च: दोनों ही एड़ी और टेंडन पर असामान्य तनाव डाल सकते हैं।
- पिंडली की मांसपेशियों का कसाव: तंग पिंडली की मांसपेशियाँ एड़ी के टेंडन पर अधिक तनाव डाल सकती हैं।
- असामान्य चलने का तरीका (गेल): यदि कोई व्यक्ति अपने पैर को असामान्य तरीके से रोल करता है (जैसे अंदर की ओर या बाहर की ओर), तो इससे एड़ी पर असमान दबाव पड़ सकता है।
- हड्डी के स्पर्स (Bone Spurs): एड़ी की हड्डी पर अतिरिक्त हड्डी की वृद्धि टेंडन या बर्सा को परेशान कर सकती है।
- बच्चों और किशोरों (विशेषकर 8-13 वर्ष की आयु):
- क्योंकि उनकी एड़ी की हड्डी में वृद्धि प्लेटें अभी तक पूरी तरह से जुड़ी नहीं हैं, इसलिए वे सेवेर्स रोग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, विशेष रूप से वे जो सक्रिय होते हैं।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ:
- मधुमेह (Diabetes): खराब रक्त परिसंचरण और तंत्रिका क्षति का खतरा बढ़ा सकता है।
- गठिया (Arthritis): ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटीइड गठिया, गाउट जैसी स्थितियाँ जोड़ों और आसपास के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकती हैं।
- सोरायसिस (Psoriasis) या उच्च रक्तचाप/कोलेस्ट्रॉल (High blood pressure/cholesterol): कुछ अध्ययनों ने इन स्थितियों को एकिलीज़ टेंडिनाइटिस से जोड़ा है।
- कुछ दवाएँ: कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक्स (जैसे फ्लोरोक्विनोलोन) एड़ी के टेंडन की समस्याओं से जुड़ी हुई हैं।
- गर्भवती महिलाएँ:
- गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ने और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण एड़ी में दर्द का खतरा बढ़ सकता है।
इन जोखिम कारकों को समझना एड़ी के पीछे दर्द को रोकने और उसका प्रबंधन करने में मदद कर सकता है।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द से कौन सी बीमारियाँ जुड़ी हो सकती हैं?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द कई बीमारियों या स्थितियों से जुड़ा हो सकता है। इनमें से कुछ मुख्य कारण और संबंधित बीमारियाँ इस प्रकार हैं:
- एकिलीज़ टेंडिनाइटिस (Achilles Tendinitis): यह एड़ी के पीछे स्थित एकिलीज़ टेंडन (जो पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ता है) में सूजन और जलन है। यह सबसे आम कारणों में से एक है। यह अक्सर अत्यधिक उपयोग या दोहराव वाली गतिविधियों के कारण होता है।
- बर्साइटिस (Bursitis): एड़ी के पीछे स्थित बर्सा (तरल पदार्थ से भरी छोटी थैलियाँ) में सूजन। ये बर्सा टेंडन और हड्डी के बीच घर्षण को कम करते हैं। जब उनमें सूजन आ जाती है, तो दर्द होता है।
- हैगलुंड की विकृति (Haglund’s Deformity): यह एड़ी की हड्डी के पिछले हिस्से में एक हड्डी का बढ़ा हुआ हिस्सा (बोन स्पूर) होता है। यह बढ़ा हुआ हिस्सा एकिलीज़ टेंडन और बर्सा पर दबाव डाल सकता है, जिससे दर्द और सूजन होती है। इसे अक्सर “पंप बंप” भी कहते हैं।
- सेवर्स रोग (Sever’s Disease/Calcaneal Apophysitis): यह बच्चों और किशोरों में होने वाली एक स्थिति है। एड़ी की हड्डी में बढ़ने वाली प्लेट (growth plate) में सूजन आ जाती है, खासकर शारीरिक गतिविधि के कारण।
- प्लांटर फ़ेशियाइटिस (Plantar Fasciitis): हालांकि यह मुख्य रूप से एड़ी के निचले हिस्से (तलवे) में दर्द का कारण बनता है, लेकिन कुछ मामलों में दर्द एड़ी के पिछले हिस्से तक भी फैल सकता है। यह प्लांटर फ़ेशिया नामक ऊतक के बैंड में सूजन होती है।
- तनाव फ्रैक्चर (Stress Fracture): एड़ी की हड्डी में छोटे-छोटे फ्रैक्चर भी दर्द का कारण बन सकते हैं, खासकर दोहराव वाली गतिविधियों या अत्यधिक दबाव के बाद।
- नर्व एंट्रैपमेंट (Nerve Entrapment): एड़ी के पास से गुजरने वाली तंत्रिकाओं (नर्व्स) का दब जाना, जिससे दर्द के साथ-साथ जलन, झुनझुनी या सुन्नता भी महसूस हो सकती है। टार्सल टनल सिंड्रोम इसका एक उदाहरण हो सकता है, हालाँकि यह आमतौर पर एड़ी के अंदरूनी हिस्से को प्रभावित करता है।
- गठिया (Arthritis):
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): जोड़ों में घिसाव।
- रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis): एक ऑटोइम्यून बीमारी जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है।
- गाउट (Gout): जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल जमा होने के कारण होने वाला एक प्रकार का गठिया, जो अक्सर पैर के अंगूठे में शुरू होता है लेकिन एड़ी को भी प्रभावित कर सकता है।
- एंकाइलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) या सोरियाटिक आर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis): ये रीढ़ और अन्य जोड़ों को प्रभावित करने वाले गठिया के प्रकार हैं जो एड़ी के टेंडन को भी प्रभावित कर सकते हैं।
- हील स्पर्स (Heel Spurs): एड़ी की हड्डी पर कैल्शियम का जमाव, जिससे हड्डी में एक छोटा सा नुकीला उभार बन जाता है। ये अक्सर प्लांटर फ़ेशियाइटिस के साथ जुड़े होते हैं।
- तंत्रिका संबंधी समस्याएँ (Neuropathy): जैसे कि मधुमेह से संबंधित तंत्रिका क्षति, जो पैरों और एड़ी में दर्द, सुन्नता या झुनझुनी का कारण बन सकती है।
- टेंडिनोपैथी (Tendinopathy): यह एकिलीज़ टेंडिनाइटिस का एक दीर्घकालिक रूप है, जिसमें टेंडन में डीजनरेशन (क्षति) हो जाती है। इसमें सूजन कम होती है और टेंडन कमजोर या मोटा हो सकता है।
यह महत्वपूर्ण है कि यदि आपको एड़ी के पीछे दर्द हो रहा है, तो आप एक डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे, शारीरिक परीक्षण करेंगे, और आवश्यकता पड़ने पर एक्स-रे या अन्य इमेजिंग टेस्ट करवाकर दर्द के सटीक कारण का पता लगाएंगे और उचित उपचार की सलाह देंगे।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द का निदान कैसे करें?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द का सही निदान करने के लिए एक चिकित्सक (डॉक्टर) की आवश्यकता होती है, जो विभिन्न चरणों का पालन करते हैं। निदान का मुख्य उद्देश्य दर्द के अंतर्निहित कारण की पहचान करना है, क्योंकि कई अलग-अलग स्थितियाँ एड़ी के पीछे दर्द का कारण बन सकती हैं।
यहां एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के निदान के लिए आमतौर पर अपनाए जाने वाले चरण दिए गए हैं:
- चिकित्सा इतिहास (Medical History):
- दर्द की प्रकृति: डॉक्टर आपसे दर्द के बारे में विस्तार से पूछेंगे – यह कब शुरू हुआ, कितना तीव्र है, यह कैसा महसूस होता है (तेज, जलन, चुभन), यह कब सबसे खराब होता है (सुबह, गतिविधि के दौरान, आराम करने पर)।
- गतिविधि का स्तर: आप कितनी शारीरिक गतिविधि करते हैं, क्या आप दौड़ते हैं, कूदते हैं, या लंबे समय तक खड़े रहते हैं।
- जूते: आप किस प्रकार के जूते पहनते हैं, और क्या वे दर्द को प्रभावित करते हैं।
- पिछली चोटें: क्या आपको पैर या एड़ी में पहले कोई चोट लगी है।
- अन्य स्वास्थ्य स्थितियाँ: क्या आपको मधुमेह, गठिया, या कोई अन्य पुरानी बीमारी है, या क्या आप कोई दवा ले रहे हैं (जैसे कुछ एंटीबायोटिक्स)।
- शारीरिक परीक्षण (Physical Examination):
- निरीक्षण: डॉक्टर एड़ी और पैर के पिछले हिस्से को देखेंगे कि क्या कोई सूजन, लालिमा, या हड्डी का उभार (जैसे हैगलुंड की विकृति में) है।
- स्पर्श (Palpation): वे प्रभावित क्षेत्र को छूकर दर्द के विशिष्ट बिंदु, कोमलता, या टेंडन में किसी भी गांठ या गाढ़ापन की तलाश करेंगे।
- गति की सीमा (Range of Motion): डॉक्टर आपके टखने और पैर को विभिन्न दिशाओं में हिलाकर देखेंगे कि क्या गति में कोई प्रतिबंध या दर्द है।
- मांसपेशी की ताकत: वे पिंडली की मांसपेशियों की ताकत का आकलन करेंगे।
- गेल विश्लेषण (Gait Analysis): डॉक्टर आपको थोड़ी दूर चलने के लिए कह सकते हैं ताकि वे आपके चलने के तरीके (गेल) का निरीक्षण कर सकें और देख सकें कि पैर जमीन पर कैसे पड़ता है।
- विशेष टेस्ट: एकिलीज़ टेंडन के लिए विशिष्ट परीक्षण किए जा सकते हैं, जैसे कि थॉम्पसन टेस्ट (जो एकिलीज़ टेंडन के फटने का पता लगाता है)।
- इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests):
- एक्स-रे (X-ray): यह एड़ी की हड्डी में किसी भी हड्डी के स्पर्स (जैसे हैगलुंड की विकृति या हील स्पर्स), फ्रैक्चर (तनाव फ्रैक्चर), या गठिया से जुड़े हड्डी के परिवर्तनों को देखने में मदद कर सकता है। यह नरम ऊतक की समस्याओं को सीधे नहीं दिखाता है, लेकिन हड्डी की समस्याओं को बाहर करने के लिए उपयोगी है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): यह एकिलीज़ टेंडन और बर्सा जैसे नरम ऊतकों को देखने के लिए एक अच्छा साधन है। यह सूजन, टेंडन में तरल पदार्थ, या टेंडन में किसी भी आंसू को दिखा सकता है। यह एक गतिशील अध्ययन भी हो सकता है, जिससे डॉक्टर टेंडन को हिलते हुए देख सकते हैं।
- एमआरआई (MRI – Magnetic Resonance Imaging): यदि अन्य परीक्षण अस्पष्ट हैं या अधिक विस्तृत जानकारी की आवश्यकता है, तो एमआरआई की सलाह दी जा सकती है। यह टेंडन, बर्सा, लिगामेंट्स, मांसपेशियों और हड्डियों सहित सभी नरम ऊतकों और हड्डियों की विस्तृत छवियां प्रदान करता है। यह टेंडन के आंसू, डीजनरेशन, सूजन, या तनाव फ्रैक्चर को देखने के लिए बहुत प्रभावी है।
- सीटी स्कैन (CT Scan): कुछ मामलों में, हड्डियों की अधिक विस्तृत 3डी छवियां प्राप्त करने के लिए सीटी स्कैन का उपयोग किया जा सकता है, हालांकि यह एड़ी के दर्द के निदान में एक्स-रे या एमआरआई जितना आम नहीं है।
- प्रयोगशाला टेस्ट (Laboratory Tests):
- यदि डॉक्टर को गठिया (जैसे रुमेटीइड गठिया या गाउट) या संक्रमण जैसी प्रणालीगत बीमारी का संदेह है, तो रक्त परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है। इसमें सूजन के मार्कर (जैसे ईएसआर या सीआरपी), यूरिक एसिड का स्तर, या ऑटोइम्यून मार्कर शामिल हो सकते हैं।
इन सभी जानकारियों को मिलाकर, डॉक्टर एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के सटीक कारण का निदान कर सकते हैं और उसके अनुसार एक उचित उपचार योजना बना सकते हैं।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द का इलाज क्या है?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द का इलाज दर्द के अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। एक डॉक्टर सही निदान के बाद ही सबसे उपयुक्त उपचार योजना सुझा सकते हैं। आमतौर पर, उपचार रूढ़िवादी (गैर-सर्जिकल) तरीकों से शुरू होता है, और यदि वे प्रभावी नहीं होते हैं तो अधिक आक्रामक विकल्पों पर विचार किया जा सकता है।
यहाँ एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लिए सामान्य उपचार के तरीके दिए गए हैं:
1. रूढ़िवादी उपचार (Conservative Treatments):
- आराम (Rest): दर्द पैदा करने वाली गतिविधियों से बचें। यदि आवश्यक हो, तो कुछ समय के लिए शारीरिक गतिविधियों को कम करें या रोक दें।
- बर्फ की सिकाई (Ice Application): प्रभावित क्षेत्र पर 15-20 मिनट के लिए दिन में कई बार बर्फ लगाएं। यह सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; उसे एक कपड़े या तौलिये में लपेट लें।
- दर्द निवारक दवाएँ (Pain Medications):
- NSAIDs (Nonsteroidal Anti-inflammatory Drugs): इबुप्रोफेन (ibuprofen), नेप्रोक्सन (naproxen) जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएं दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं।
- सामयिक (Topical) क्रीम/जेल: दर्द और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर सीधे लगाने वाले जेल का उपयोग किया जा सकता है।
- सही फुटवियर (Supportive Footwear):
- आरामदायक जूते: अच्छी कुशनिंग और आर्च सपोर्ट वाले जूते पहनें।
- ऊँची एड़ी से बचें: ऊँची एड़ी वाले जूते या बहुत सपाट जूते पहनने से बचें, क्योंकि वे एड़ी पर दबाव बढ़ा सकते हैं।
- जूते बदलना: पुराने या घिसे हुए जूतों को बदल दें जो पर्याप्त सपोर्ट नहीं देते।
- ऑर्थोटिक्स (Orthotics) और शू इंसर्ट्स (Shoe Inserts):
- हील कप/पैड: एड़ी के निचले हिस्से में कुशनिंग और शॉक एब्जॉर्प्शन प्रदान कर सकते हैं।
- आर्च सपोर्ट: ओवर-द-काउंटर या कस्टम-मेड ऑर्थोटिक्स पैर के आर्च को सहारा देकर पैर के यांत्रिकी को सही करने और एड़ी पर दबाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हील लिफ्ट: कुछ मामलों में, एकिलीज़ टेंडन पर तनाव कम करने के लिए हील लिफ्ट का उपयोग किया जा सकता है।
- स्ट्रेचिंग और व्यायाम (Stretching and Exercises):
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग: पिंडली की मांसपेशियों और एकिलीज़ टेंडन को स्ट्रेच करने से लचीलापन बढ़ता है और दर्द कम होता है।
- प्लांटर फ़ेशिया स्ट्रेचिंग: यदि दर्द प्लांटर फ़ेशियाइटिस से संबंधित है, तो प्लांटर फ़ेशिया को स्ट्रेच करने वाले व्यायाम महत्वपूर्ण होते हैं।
- स्ट्रेंथनिंग व्यायाम: पैर और टखने के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम।
- नाइट स्प्लिंट्स (Night Splints):
- यह सुबह के दर्द और जकड़न को कम करने में मदद करता है।
- टेपिंग (Taping): कुछ मामलों में, एड़ी और आर्च को सहारा देने के लिए एथलेटिक टेप का उपयोग किया जा सकता है।
- शारीरिक चिकित्सा (Physical Therapy): एक फिजियोथेरेपिस्ट दर्द को कम करने, लचीलापन बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक व्यक्तिगत व्यायाम कार्यक्रम और अन्य उपचार (जैसे अल्ट्रासाउंड थेरेपी, डीप टिश्यू मसाज) प्रदान कर सकता है।
2. अधिक आक्रामक उपचार (More Aggressive Treatments – जब रूढ़िवादी विफल हों):
- स्टेरॉयड इंजेक्शन (Steroid Injections): कुछ मामलों में, दर्द और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवा का इंजेक्शन लगाया जा सकता है। हालांकि, टेंडन में सीधे इंजेक्शन से टेंडन के फटने का जोखिम हो सकता है, खासकर एकिलीज़ टेंडन के लिए।
- प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (PRP) इंजेक्शन: इस प्रक्रिया में, रोगी के रक्त से निकाले गए प्लेटलेट-समृद्ध प्लाज्मा को क्षतिग्रस्त ऊतक में इंजेक्ट किया जाता है ताकि उपचार प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा सके।
- एक्स्ट्राकॉर्पोरियल शॉकवेव थेरेपी (ESWT):
- यह अक्सर उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है जिन्हें दीर्घकालिक प्लांटर फ़ेशियाइटिस है।
- सूखी नीडलिंग (Dry Needling): कुछ चिकित्सक मांसपेशियों में “ट्रिगर पॉइंट” को लक्षित करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।
3. सर्जिकल उपचार (Surgical Treatment – दुर्लभ मामलों में):
- यदि रूढ़िवादी उपचार 6-12 महीने के बाद भी प्रभावी नहीं होते हैं और दर्द गंभीर और अक्षम करने वाला बना रहता है, तो सर्जरी पर विचार किया जा सकता है। सर्जरी का प्रकार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करेगा:
- टेंडन की मरम्मत: एकिलीज़ टेंडन में बड़े आंसू या गंभीर डीजनरेशन के लिए।
- बोन स्पूर हटाना: हैगलुंड की विकृति या हील स्पर्स को हटाने के लिए।
- प्लांटर फ़ेशिया रिलीज: प्लांटर फ़ेशियाइटिस के गंभीर मामलों में प्लांटर फ़ेशिया के एक हिस्से को काटना।
रोकथाम के उपाय (Prevention Tips):
- सही जूते पहनें।
- नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करें, खासकर व्यायाम से पहले और बाद में।
- धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाएं।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
हमेशा याद रखें कि किसी भी उपचार योजना को शुरू करने से पहले एक योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (जैसे आर्थोपेडिक सर्जन या पोडियाट्रिस्ट) से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे आपके लिए सबसे उपयुक्त और सुरक्षित उपचार विकल्प निर्धारित करने में मदद करेंगे।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लिए फिजियोथेरेपी उपचार क्या है?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लिए फिजियोथेरेपी एक बहुत ही प्रभावी उपचार विकल्प है, खासकर जब दर्द अति प्रयोग, मांसपेशियों में असंतुलन या बायोमैकेनिकल समस्याओं के कारण होता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट दर्द के कारण का मूल्यांकन करता है और फिर एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करता है।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लिए फिजियोथेरेपी उपचार में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- दर्द और सूजन प्रबंधन (Pain and Inflammation Management):
- बर्फ की सिकाई (Ice Application): सूजन और दर्द को कम करने के लिए बर्फ पैक या आइस मसाज का उपयोग।
- अल्ट्रासाउंड थेरेपी (Ultrasound Therapy):
- टेन्स (TENS – Transcutaneous Electrical Nerve Stimulation): दर्द संकेतों को रोकने के लिए त्वचा पर विद्युत धारा लगाना।
- लेजर थेरेपी (Laser Therapy): निम्न-स्तर के लेजर का उपयोग कोशिकाओं में उपचार को बढ़ावा देने और दर्द कम करने के लिए।
- मैनुअल थेरेपी (Manual Therapy): प्रभावित क्षेत्र में तनाव कम करने और रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए कोमल गतिशीलता (mobilization) और मालिश (massage) तकनीकें।
- स्ट्रेचिंग व्यायाम (Stretching Exercises):
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग (Calf Muscle Stretches): गैस्ट्रोकेनेमियस (gastrocnemius) और सोलियस (soleus) मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग, क्योंकि कसौटी वाली पिंडली की मांसपेशियां एकिलीज़ टेंडन पर दबाव बढ़ा सकती हैं।
- वॉल स्ट्रेच (Wall Stretch): दीवार के सामने खड़े होकर एक पैर को पीछे करके पिंडली को फैलाना।
- स्टेप स्ट्रेच (Step Stretch): सीढ़ी के किनारे एड़ी को नीचे करके टेंडन को फैलाना।
- एकिलीज़ टेंडन स्ट्रेच:
- प्लांटर फ़ेशिया स्ट्रेच (Plantar Fascia Stretch): यदि प्लांटर फ़ेशिया भी प्रभावित है, तो पैर के अंगूठे को ऊपर खींचकर प्लांटर फ़ेशिया को स्ट्रेच करना।
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग (Calf Muscle Stretches): गैस्ट्रोकेनेमियस (gastrocnemius) और सोलियस (soleus) मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग, क्योंकि कसौटी वाली पिंडली की मांसपेशियां एकिलीज़ टेंडन पर दबाव बढ़ा सकती हैं।
- मजबूतीकरण व्यायाम (Strengthening Exercises):
- एड़ी उठाना (Heel Raises/Calf Raises): पिंडली की मांसपेशियों और एकिलीज़ टेंडन को मजबूत करने के लिए। धीरे-धीरे और नियंत्रित तरीके से करें।
- उत्केंद्रित व्यायाम (Eccentric Exercises):
- पैर की छोटी मांसपेशियों को मजबूत करना (Intrinsic Foot Muscle Strengthening): पैर के आर्च को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम।
- बायोमैकेनिकल करेक्शन और पोस्चरल ट्रेनिंग (Biomechanical Correction and Postural Training):
- चाल विश्लेषण (Gait Analysis): फिजियोथेरेपिस्ट आपके चलने या दौड़ने के तरीके का विश्लेषण कर सकता है ताकि पैर, टखने और निचले अंग में किसी भी बायोमैकेनिकल समस्या या असंतुलन की पहचान की जा सके।
- फुटवियर सलाह (Footwear Advice): सही प्रकार के जूते पहनने के बारे में सलाह, जिसमें पर्याप्त कुशनिंग, आर्च सपोर्ट और एड़ी पर सही फिटिंग हो।
- ऑर्थोटिक्स (Orthotics): यदि आवश्यक हो, तो पैर के संरेखण को बेहतर बनाने और एड़ी पर दबाव कम करने के लिए कस्टम या ओवर-द-काउंटर शू इंसर्ट (ऑर्थोटिक्स) की सिफारिश की जा सकती है।
- पोस्चरल और संतुलन व्यायाम (Postural and Balance Exercises): पूरे शरीर के संरेखण और संतुलन में सुधार करना, जो निचले अंगों पर तनाव को कम कर सकता है।
- शिक्षा और आत्म-प्रबंधन (Education and Self-Management):
- फिजियोथेरेपिस्ट आपको अपनी स्थिति के बारे में शिक्षित करेगा, जिसमें दर्द के कारण, उसे बढ़ाने वाली गतिविधियाँ और उसे रोकने के तरीके शामिल हैं।
- आपको घर पर करने के लिए व्यायाम और स्ट्रेचिंग का एक कार्यक्रम दिया जाएगा।
- आपको यह भी बताया जाएगा कि गतिविधियों को धीरे-धीरे कैसे बढ़ाएं ताकि फिर से चोट लगने से बचा जा सके।
फिजियोथेरेपी के लाभ:
- दर्द कम करना और सूजन नियंत्रित करना।
- एड़ी और टखने की गतिशीलता और लचीलेपन में सुधार।
- कमजोर मांसपेशियों को मजबूत करना।
- पैर और टखने के बायोमैकेनिक्स को सही करना।
- भविष्य में चोटों को रोकना।
- आपको अपनी सामान्य गतिविधियों और खेलों में सुरक्षित रूप से लौटने में मदद करना।
एक फिजियोथेरेपी कार्यक्रम की अवधि और तीव्रता आपकी स्थिति की गंभीरता और आपके शरीर की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी। धैर्य रखना और फिजियोथेरेपिस्ट के निर्देशों का नियमित रूप से पालन करना।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द का घरेलू उपचार क्या है?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के लिए कई घरेलू उपचार हैं जो शुरुआती राहत प्रदान कर सकते हैं और हल्के से मध्यम दर्द के प्रबंधन में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यदि दर्द गंभीर है, लगातार बना रहता है, या आपकी दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
घरेलू उपचार दिए गए हैं:
- आराम (Rest):
- सबसे महत्वपूर्ण घरेलू उपचारों में से एक है दर्द पैदा करने वाली गतिविधियों से बचना। यदि दर्द दौड़ने या कूदने जैसी गतिविधियों के कारण है, तो उन्हें तब तक रोक।
- जितना हो सके अपने पैरों को आराम दें और उन पर कम से कम दबाव डालें।
- बर्फ की सिकाई (Ice Application):
- संपीड़न (Compression):
- एड़ी के आसपास एक हल्की संपीड़न पट्टी या इलास्टिक बैंडेज लपेटने से सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सुनिश्चित करें कि पट्टी बहुत कसकर न बंधी हो, जिससे रक्त संचार बाधित न हो।
- ऊँचाई पर रखना (Elevation):
- जब आप आराम कर रहे हों, तो अपने पैर को तकिए के सहारे अपने दिल के स्तर से ऊपर उठाएं। यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
- दर्द निवारक दवाएँ (Over-the-Counter Pain Relievers):
- आप इबुप्रोफेन (ibuprofen), नेप्रोक्सन (naproxen) या एसिटामिनोफेन (acetaminophen) जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं। ये दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- हमेशा खुराक निर्देशों का पालन करें।
- सही फुटवियर (Appropriate Footwear):
- आरामदायक जूते: अच्छी कुशनिंग और आर्च सपोर्ट वाले जूते पहनें। सुनिश्चित करें कि जूते आपकी एड़ी पर रगड़ न खाते हों।
- ऊँची एड़ी से बचें: ऊँची एड़ी वाले जूते या बहुत सपाट और बिना सपोर्ट वाले जूते पहनने से बचें।
- जूते बदलें: पुराने या घिसे हुए जूते तुरंत बदल दें, खासकर यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं।
- स्ट्रेचिंग व्यायाम (Stretching Exercises):
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग: पिंडली की मांसपेशियों (गैस्ट्रोकेनेमियस और सोलियस) और एकिलीज़ टेंडन को स्ट्रेच करने से लचीलापन बढ़ सकता है और तनाव कम हो सकता है।
- वॉल स्ट्रेच: एक दीवार के सामने खड़े हों, एक पैर को पीछे की ओर रखें और दीवार की ओर झुकें, जिससे पीछे की पिंडली में खिंचाव महसूस हो। 30 सेकंड के लिए रुकें, 3-4 बार दोहराएं।
- स्टेप स्ट्रेच: किसी सीढ़ी के किनारे पर खड़े हों, एड़ी को नीचे की ओर लटकने दें और खिंचाव महसूस करें।
- प्लांटर फ़ेशिया स्ट्रेच: यदि दर्द प्लांटर फ़ेशियाइटिस से भी संबंधित है, तो अपने पैर के अंगूठे को अपनी ओर खींचकर प्लांटर फ़ेशिया को फैलाएं।
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग: पिंडली की मांसपेशियों (गैस्ट्रोकेनेमियस और सोलियस) और एकिलीज़ टेंडन को स्ट्रेच करने से लचीलापन बढ़ सकता है और तनाव कम हो सकता है।
- हील कप या ऑर्थोटिक्स (Heel Cups or Orthotics):
- जूते में हील कप या आर्च सपोर्ट इंसर्ट (ऑर्थोटिक्स) का उपयोग करने से एड़ी पर दबाव कम हो सकता है और शॉक एब्जॉर्प्शन में सुधार हो सकता है। आप इन्हें दवा की दुकानों पर या खेल के सामान की दुकानों पर पा सकते हैं।
- सोते समय नाइट स्प्लिंट्स (Night Splints):
- यदि सुबह के समय दर्द सबसे तीव्र होता है, तो रात में नाइट स्प्लिंट पहनने से एकिलीज़ टेंडन और प्लांटर फ़ेशिया रात भर फैला हुआ रह सकता है, जिससे सुबह की जकड़न और दर्द कम हो सकता है।
- गर्म पानी की सिकाई (Warm Water Soak):
- दर्द वाले क्षेत्र में रक्त संचार को बेहतर बनाने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए गर्म पानी में पैर भिगोना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, यदि सूजन अधिक है, तो पहले बर्फ की सिकाई अधिक प्रभावी होगी।
कब डॉक्टर को दिखाना है:
यदि घरेलू उपचार के बावजूद:
- दर्द कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर बेहतर नहीं होता है।
- दर्द बहुत गंभीर है या आपको चलने में बाधा डालता है।
- एड़ी में गंभीर सूजन, लालिमा या गर्माहट है।
- आपको बुखार है या दर्द के साथ अन्य असामान्य लक्षण हैं।
- आपको मधुमेह जैसी कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति है जो आपके पैरों को प्रभावित कर सकती है।
डॉक्टर सही निदान कर सकते हैं और अधिक प्रभावी उपचार या फिजियोथेरेपी की सलाह दे सकते हैं।
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के जोखिम को कैसे कम करें?
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के जोखिम को कम करने के लिए कई निवारक उपाय किए जा सकते हैं, खासकर यदि आप सक्रिय जीवनशैली जीते हैं या कुछ जोखिम कारकों से ग्रस्त हैं। इन उपायों का उद्देश्य एड़ी और उसके आसपास के ऊतकों पर पड़ने वाले तनाव को कम करना और उनकी ताकत व लचीलेपन में सुधार करना है।
यहाँ जोखिम कम करने के प्रमुख तरीके दिए गए हैं:
- सही जूते पहनें (Wear Proper Footwear):
- आरामदायक और सपोर्टिव जूते: ऐसे जूते चुनें जो आपके पैर के आकार के अनुरूप हों, जिनमें पर्याप्त आर्च सपोर्ट, कुशनिंग और एड़ी पर अच्छी फिटिंग हो।
- ऊँची एड़ी से बचें: ऊँची एड़ी वाले जूते, जो एकिलीज़ टेंडन को छोटा कर सकते हैं और उस पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं, उन्हें कम पहनें।
- पुराने जूते बदलें: यदि आप नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, तो अपने एथलेटिक जूतों को हर 500-800 किलोमीटर या हर 6-12 महीने में बदल दें, क्योंकि समय के साथ उनकी कुशनिंग और सपोर्ट खत्म हो जाता है।
- ज़रूरत पड़ने पर ऑर्थोटिक्स: यदि आपको सपाट पैर या उच्च आर्च जैसी संरचनात्मक समस्याएँ हैं, तो आर्च सपोर्ट या कस्टम ऑर्थोटिक्स का उपयोग करने पर विचार करें।
- धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाएं (Gradually Increase Exercise Intensity):
- धीरे-धीरे शुरुआत करें: यदि आप एक नई व्यायाम दिनचर्या शुरू कर रहे हैं या अपनी वर्तमान दिनचर्या की तीव्रता बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें। अपने शरीर को नई मांगों के अनुकूल होने दें।
- “10 प्रतिशत नियम” का पालन करें: अपने साप्ताहिक प्रशिक्षण की मात्रा (दूरी, समय या तीव्रता) को 10 प्रतिशत से अधिक न बढ़ाएँ।
- क्रॉस-ट्रेनिंग: विभिन्न प्रकार के व्यायामों में संलग्न हों (जैसे दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना) जो आपके पैरों पर अलग-अलग तनाव डालते हैं। यह एक ही मांसपेशी समूह पर अत्यधिक दबाव पड़ने से बचाता है।
- नियमित स्ट्रेचिंग और मजबूतीकरण (Regular Stretching and Strengthening):
- पिंडली की मांसपेशियों की स्ट्रेचिंग: नियमित रूप से अपनी पिंडली की मांसपेशियों (गैस्ट्रोकेनेमियस और सोलियस) और एकिलीज़ टेंडन को स्ट्रेच करें। यह लचीलेपन में सुधार करता है और टेंडन पर तनाव कम करता है।
- एकिलीज़ टेंडन को मजबूत करना: उत्केंद्रित (eccentric) व्यायाम (जैसे धीरे-धीरे एड़ी ऊपर उठाना और नीचे करना) टेंडन को मजबूत करने और चोट के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- पैर की छोटी मांसपेशियों को मजबूत करना: पैर के आर्च को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें (Maintain a Healthy Weight):
- शरीर का अतिरिक्त वजन आपके पैरों, टखनों और एड़ी पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे तनाव और चोट का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने से यह जोखिम कम हो सकता है।
- उचित वार्म-अप और कूल-डाउन:
- व्यायाम के बाद कूल-डाउन और स्ट्रेचिंग करें ताकि मांसपेशियों को आराम मिल सके और लचीलेपन में सुधार हो सके।
- सतह का चयन (Choose Appropriate Surfaces):
- कठोर सतहों (जैसे कंक्रीट या डामर) पर लगातार दौड़ने या व्यायाम करने से बचें, क्योंकि वे पैरों पर अधिक झटका पैदा करते हैं।
- नरम सतहों (जैसे घास, ट्रैक या मिट्टी) पर व्यायाम करने की कोशिश करें, जो अधिक सदमे को अवशोषित करती हैं।
- अपने शरीर की सुनें:
- यदि आपको दर्द या बेचैनी महसूस होती है, तो उसे नज़रअंदाज़ न करें। तुरंत आराम करें और उन गतिविधियों को कम करें जो दर्द को बढ़ाती हैं।
- यदि दर्द बना रहता है, तो चिकित्सा सलाह लें। जल्दी हस्तक्षेप से अक्सर स्थिति को बदतर होने से रोका जा सकता है।
- संतुलित आहार और पर्याप्त हाइड्रेशन (Balanced Diet and Adequate Hydration):
- संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, जिसमें ऊतक की मरम्मत और पुनर्प्राप्ति शामिल है।
इन निवारक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके, आप एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द के विकास के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं।
सारांश
एड़ी के पिछले हिस्से में दर्द एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है। यह दर्द हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है और आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
मुख्य कारण:
- एकिलीज़ टेंडिनाइटिस: एकिलीज़ टेंडन (पिंडली की मांसपेशियों को एड़ी की हड्डी से जोड़ने वाला ऊतक) में सूजन। यह आमतौर पर अत्यधिक उपयोग (जैसे दौड़ने) के कारण होता है।
- बर्साइटिस: एड़ी के पीछे की बर्सा (तरल पदार्थ से भरी थैली) में सूजन। यह भी अत्यधिक उपयोग या गलत जूते पहनने से हो सकता है।
- हैगलुंड की विकृति: एड़ी की हड्डी पर एक हड्डी का बढ़ा हुआ हिस्सा (बोन स्पूर) जो टेंडन और बर्सा पर दबाव डालता है।
- सेवर्स रोग: बच्चों और किशोरों में एड़ी की हड्डी की ग्रोथ प्लेट में सूजन।
- प्लांटर फ़ेशियाइटिस: हालांकि यह मुख्य रूप से एड़ी के निचले हिस्से में होता है, लेकिन इसका दर्द पीछे भी फैल सकता है।
- तनाव फ्रैक्चर: एड़ी की हड्डी में छोटे-छोटे फ्रैक्चर।
- नर्व एंट्रैपमेंट: एड़ी के पास तंत्रिका का दब जाना।
- गलत जूते: असुविधाजनक या अपर्याप्त सपोर्ट वाले जूते।
- अन्य स्थितियाँ: गठिया, मधुमेह या मोटापा भी एक कारण हो सकता है।
लक्षण और संकेत:
- एड़ी के पीछे दर्द या संवेदनशीलता, खासकर सुबह या गतिविधि के बाद।
- सूजन, लालिमा या एड़ी का गर्म होना।
- एड़ी या टखने में जकड़न।
- चलने या खड़े होने में कठिनाई।
- कभी-कभी गाँठ या हड्डी का उभार महसूस होना।
जोखिम कारक:
- एथलीट (खासकर धावक), मध्यम आयु वर्ग के लोग, अधिक वजन वाले व्यक्ति।
- लंबे समय तक खड़े रहने वाले लोग।
- गलत फुटवियर पहनना।
- पैर की असामान्य संरचना या बायोमैकेनिक्स।
- कुछ स्वास्थ्य स्थितियाँ जैसे गठिया या मधुमेह।
निदान:
डॉक्टर आपके चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर निदान करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड या एमआरआई जैसे इमेजिंग टेस्ट किए जा सकते हैं ताकि हड्डी या नरम ऊतक की समस्याओं का पता चल सके।
इलाज और रोकथाम:
- घरेलू उपचार: आराम, बर्फ की सिकाई, दर्द निवारक दवाएं (जैसे इबुप्रोफेन), सही जूते पहनना और स्ट्रेचिंग व्यायाम करना।
- फिजियोथेरेपी: स्ट्रेचिंग, मजबूतीकरण व्यायाम और बायोमैकेनिकल सुधार के माध्यम से दर्द प्रबंधन और कार्यक्षमता में सुधार।
- अन्य उपचार: गंभीर या लगातार दर्द के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन, शॉकवेव थेरेपी, या दुर्लभ मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
रोकथाम के उपाय:
- धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाना।
- नियमित रूप से स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों को मजबूत करना।
- स्वस्थ वजन बनाए रखना।
- उचित वार्म-अप और कूल-डाउन करना।
- कठोर सतहों पर व्यायाम से बचना।
- अपने शरीर की सुनना और दर्द होने पर आराम करना।
यदि एड़ी का दर्द लगातार बना रहता है या गंभीर हो जाता है, तो उचित निदान और उपचार योजना के लिए डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।