मल्टीपल स्क्लेरोसिस
मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्या है?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। यह बीमारी तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से तंत्रिका तंतुओं के आसपास के सुरक्षात्मक आवरण, जिसे मायलिन कहा जाता है, पर हमला करती है। इससे मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच संचार में समस्याएँ होती हैं।
लक्षण:
एमएस के लक्षण व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न होते हैं और बीमारी के दौरान बदल सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- थकान
- कमज़ोरी
- सुन्नता या झुनझुनी
- दृष्टि संबंधी समस्याएँ
- चलने में कठिनाई
- मांसपेशियों में ऐंठन
- दर्द
- संतुलन की समस्याएँ
- मूत्राशय या आंत्र समस्याएँ
- संज्ञानात्मक समस्याएँ
कारण:
एमएस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह माना जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण होता है।
उपचार:
एमएस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे उपचार उपलब्ध हैं जो लक्षणों को प्रबंधित करने और बीमारी की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकते हैं।
एमएस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- एमएस एक प्रगतिशील बीमारी है, जिसका अर्थ है कि यह समय के साथ खराब हो जाती है।
- एमएस महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम है।
- एमएस आमतौर पर 20 और 40 की उम्र के बीच निदान किया जाता है।
- एमएस से पीड़ित लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिसमें नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद शामिल है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के कारण क्या हैं?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक जटिल बीमारी है और इसके सटीक कारण पूरी तरह से समझ में नहीं आए हैं। हालाँकि, यह माना जाता है कि कई कारक एमएस के विकास में योगदान करते हैं:
1. प्रतिरक्षा प्रणाली की शिथिलता:
- एमएस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका अर्थ है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही ऊतकों पर हमला करती है। एमएस में, प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में तंत्रिका तंतुओं के आसपास के सुरक्षात्मक आवरण, जिसे मायलिन कहा जाता है, पर हमला करती है।
- यह मायलिन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे तंत्रिका संकेतों का संचार बाधित होता है।
2. आनुवंशिक कारक:
- एमएस विकसित होने का जोखिम उन लोगों में अधिक होता है जिनके परिवार के सदस्य को यह बीमारी है।
- शोधकर्ताओं ने एमएस से जुड़े कई जीनों की पहचान की है, लेकिन इनमें से कोई भी जीन अकेले बीमारी का कारण नहीं बनता है।
- यह संभावना है कि कई जीनों के संयोजन और पर्यावरणीय कारकों के कारण एमएस होता है।
3. पर्यावरणीय कारक:
- विटामिन डी की कमी: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन डी की कमी एमएस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है।
- संक्रमण: कुछ वायरस, जैसे कि एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी), को एमएस के विकास से जोड़ा गया है।
- धूम्रपान: धूम्रपान एमएस के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है और बीमारी की प्रगति को तेज कर सकता है।
- जलवायु: एमएस कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में अधिक आम है, जो यह सुझाव देता है कि पर्यावरणीय कारक भूमिका निभा सकते हैं।
4. अन्य कारक:
- आयु: एमएस आमतौर पर 20 और 40 की उम्र के बीच निदान किया जाता है।
- लिंग: एमएस महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक आम है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के संकेत और लक्षण क्या हैं?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) के संकेत और लक्षण व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न होते हैं और बीमारी के दौरान बदल सकते हैं। कुछ सामान्य संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं:
संवेदी लक्षण:
- सुन्नता या झुनझुनी: शरीर के विभिन्न हिस्सों में सुन्नता, झुनझुनी या “पिन और सुई” की अनुभूति।
- दर्द: मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन या तंत्रिका दर्द।
- स्पर्श संवेदना में परिवर्तन: स्पर्श, तापमान या दर्द के प्रति संवेदनशीलता में कमी।
दृश्य लक्षण:
- धुंधली या दोहरी दृष्टि: दृष्टि में धुंधलापन, दोहरी दृष्टि या दृष्टि हानि।
- ऑप्टिक न्यूरिटिस: ऑप्टिक तंत्रिका की सूजन, जिससे आंखों में दर्द और दृष्टि हानि हो सकती है।
- आंखों का अनैच्छिक हिलना (निस्टागमस): आंखों की अनैच्छिक, तेज गति।
मोटर लक्षण:
- कमजोरी: मांसपेशियों में कमजोरी, विशेष रूप से अंगों में।
- चलने में कठिनाई: चलने में कठिनाई, संतुलन की समस्या या समन्वय की कमी।
- मांसपेशियों में ऐंठन या जकड़न (स्पैस्टिसिटी): मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन या जकड़न।
- कंपन: अनैच्छिक कंपन, विशेष रूप से हाथों में।
अन्य लक्षण:
- थकान: अत्यधिक थकान, जो दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप कर सकती है।
- चक्कर आना या चक्कर आना: चक्कर आना, चक्कर आना या असंतुलन की भावना।
- मूत्राशय या आंत्र समस्याएँ: मूत्राशय या आंत्र को नियंत्रित करने में कठिनाई, जैसे कि बार-बार पेशाब आना या कब्ज।
- संज्ञानात्मक समस्याएँ: याददाश्त, ध्यान या एकाग्रता में समस्याएँ।
- भावनात्मक परिवर्तन: अवसाद, चिंता या मूड स्विंग।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा किसे अधिक होता है?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) का खतरा कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में अधिक होता है। निम्नलिखित कारक एमएस के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं:
जनसांख्यिकी:
- लिंग: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में एमएस विकसित होने की संभावना लगभग दोगुनी होती है।
- आयु: एमएस का निदान आमतौर पर 20 से 50 वर्ष की आयु के लोगों में किया जाता है, हालांकि यह किसी भी उम्र में विकसित हो सकता है।
- जाति: कोकेशियान लोगों में एमएस विकसित होने की संभावना अन्य जातियों के लोगों की तुलना में अधिक होती है।
पारिवारिक इतिहास:
- यदि आपके माता-पिता, भाई-बहन या बच्चे को एमएस है, तो आपको भी यह बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
भौगोलिक कारक:
- भूमध्य रेखा से दूर रहने वाले लोगों में एमएस विकसित होने की संभावना अधिक होती है। यह विटामिन डी के कम संपर्क से संबंधित हो सकता है।
कुछ चिकित्सा स्थितियाँ और कारक:
- कुछ संक्रमण: एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) से संक्रमण एमएस के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ: थायरॉइड रोग, टाइप 1 मधुमेह या इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज जैसी अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों वाले लोगों में एमएस विकसित होने का खतरा थोड़ा अधिक होता है।
- धूम्रपान: धूम्रपान न केवल एमएस विकसित होने के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है, बल्कि यह बीमारी की प्रगति को भी तेज कर सकता है।
- मोटापा: बचपन और किशोरावस्था में मोटापा महिलाओं में एमएस के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हो सकता है।
- विटामिन डी का निम्न स्तर: रक्त में विटामिन डी का निम्न स्तर एमएस के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का निदान कैसे करें?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) का निदान एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई कारकों का मूल्यांकन शामिल होता है। कोई एक विशिष्ट परीक्षण नहीं है जो निश्चित रूप से एमएस का निदान कर सके। इसके बजाय, डॉक्टर निदान करने के लिए जानकारी के संयोजन का उपयोग करते हैं। निदान प्रक्रिया में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा:
- विस्तृत चिकित्सा इतिहास: डॉक्टर आपके लक्षणों, उनके शुरू होने के समय, उनकी अवधि, गंभीरता और पैटर्न के बारे में विस्तार से पूछेंगे। वे आपकी पिछली चिकित्सा स्थितियों, पारिवारिक इतिहास (विशेष रूप से एमएस या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का) और आपके द्वारा ली जा रही किसी भी दवा के बारे में भी जानकारी एकत्र करेंगे।
- न्यूरोलॉजिकल परीक्षा: यह एक व्यापक मूल्यांकन है जिसमें डॉक्टर आपके तंत्रिका तंत्र के विभिन्न पहलुओं की जांच करेंगे, जिनमें शामिल हैं:
- मानसिक स्थिति: जागरूकता, स्मृति और सोच की क्षमता का आकलन।
- दृष्टि: आंखों की गति, दृश्य तीक्ष्णता और रंग दृष्टि का परीक्षण।
- आंखों की हरकतें: अनैच्छिक नेत्र आंदोलनों (निस्टागमस) की जांच।
- शक्ति: विभिन्न मांसपेशी समूहों की ताकत का मूल्यांकन।
- समन्वय: संतुलन और समन्वय परीक्षण, जैसे कि चलना और उंगली-नाक परीक्षण।
- संवेदना: स्पर्श, दर्द, तापमान, कंपन और स्थिति की भावना का परीक्षण।
- रिफ्लेक्स: कण्डरा रिफ्लेक्स की जांच।
- चाल: चलने के तरीके का अवलोकन।
2. नैदानिक परीक्षण:
न्यूरोलॉजिकल परीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर एमएस के निदान का समर्थन करने या अन्य स्थितियों को दूर करने के लिए विभिन्न नैदानिक परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (एमआरआई): यह एमएस के निदान के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण है। एमआरआई मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की विस्तृत छवियां बनाता है। एमएस वाले लोगों में अक्सर सफेद पदार्थ में घाव (प्लाक या स्क्लेरोसिस) दिखाई देते हैं। एमआरआई स्कैन में कभी-कभी गैडोलिनियम नामक कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है ताकि सक्रिय सूजन वाले घावों को उजागर किया जा सके।
- रीढ़ की हड्डी का टैप (लम्बर पंक्चर): इस प्रक्रिया में रीढ़ की हड्डी के नहर से मस्तिष्कमेरु द्रव (सीएसएफ) का एक छोटा सा नमूना निकाला जाता है। सीएसएफ का विश्लेषण असामान्यताओं की तलाश के लिए किया जाता है जो एमएस का सुझाव दे सकती हैं, जैसे कि ओलिगोक्लोनल बैंड (प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उत्पादित प्रोटीन) और बढ़ी हुई आईजीजी (इम्युनोग्लोबुलिन जी)।
- प्रेरित क्षमता परीक्षण: ये परीक्षण मस्तिष्क को संवेदी उत्तेजनाओं (जैसे कि दृष्टि, श्रवण या स्पर्श) के जवाब में विद्युत गतिविधि को मापते हैं। एमएस वाले लोगों में, तंत्रिका पथों में माइलिन के नुकसान के कारण इन प्रतिक्रियाओं की गति धीमी हो सकती है। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले प्रेरित क्षमता परीक्षणों में शामिल हैं:
- दृश्य प्रेरित क्षमता (वीईपी): ऑप्टिक तंत्रिका के कार्य का आकलन करता है।
- श्रवण मस्तिष्क स्टेम प्रेरित क्षमता (बीएईपी): श्रवण मार्ग के कार्य का आकलन करता है।
- सोमैटोसेंसरी प्रेरित क्षमता (एसएसईपी): स्पर्श और अन्य संवेदनाओं के लिए तंत्रिका पथों के कार्य का आकलन करता है।
3. निदान के लिए मानदंड:
एमएस का निदान करने के लिए, डॉक्टरों को आमतौर पर “मैकडॉनल्ड मानदंड” नामक स्थापित दिशानिर्देशों का पालन करना होता है। इन मानदंडों के लिए साक्ष्य की आवश्यकता होती है:
- समय में प्रसार (डिससेमिनेशन इन टाइम – डीआईटी): एमएस के लक्षण अलग-अलग समय पर हुए हों। इसका मतलब है कि कम से कम दो अलग-अलग एमएस हमलों के प्रमाण होने चाहिए। एमआरआई स्कैन समय के साथ नए घावों को दिखाकर डीआईटी का भी प्रदर्शन कर सकता है।
- स्थान में प्रसार (डिससेमिनेशन इन स्पेस – डीआईएस): एमएस के घाव मस्तिष्क और/या रीढ़ की हड्डी के कम से कम दो अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित हों। यह नैदानिक परीक्षा और/या एमआरआई स्कैन के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है।
- कोई बेहतर स्पष्टीकरण नहीं: डॉक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि रोगी के लक्षणों को बेहतर ढंग से समझाने वाली कोई अन्य चिकित्सा स्थिति मौजूद नहीं है।
निदान प्रक्रिया में लगने वाला समय अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोगों का अपेक्षाकृत जल्दी निदान हो जाता है, जबकि दूसरों को निदान तक पहुंचने में कई महीने या साल भी लग सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एमएस के लक्षण परिवर्तनशील हो सकते हैं और अन्य स्थितियों की नकल कर सकते हैं।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का इलाज क्या है?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे कई उपचार उपलब्ध हैं जो बीमारी के मार्ग को संशोधित करने, लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। एमएस के उपचार का लक्ष्य निम्नलिखित है:
- रोग गतिविधि को कम करना और रिलैप्स (रोग का बढ़ना) की आवृत्ति और गंभीरता को कम करना: यह रोग-संशोधित करने वाली थेरेपी (डीएमटी) नामक दवाओं के माध्यम से किया जाता है।
- रिलैप्स का प्रबंधन करना: जब रिलैप्स होता है, तो लक्षणों की गंभीरता और अवधि को कम करने के लिए उपचार का उपयोग किया जाता है।
- एमएस के लक्षणों का प्रबंधन करना: थकान, मांसपेशियों में ऐंठन, दर्द, मूत्राशय और आंत्र की समस्याएं, संज्ञानात्मक समस्याएं और अवसाद जैसे विभिन्न लक्षणों को दूर करने के लिए उपचार उपलब्ध हैं।
- कार्यात्मक क्षमता और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना: पुनर्वास और सहायक थेरेपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यहां एमएस के मुख्य उपचार दृष्टिकोण दिए गए हैं:
1. रोग-संशोधित करने वाली थेरेपी (डीएमटी):
ये दवाएं एमएस के प्राकृतिक इतिहास को बदलने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। वे प्रतिरक्षा प्रणाली की गतिविधि को कम करके काम करती हैं, जिससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर होने वाले हमलों और क्षति को कम करने में मदद मिलती है। कई डीएमटी उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:
- इंजेक्टेबल दवाएं: इंटरफेरॉन बीटा-1ए, इंटरफेरॉन बीटा-1बी, ग्लैटिरामेर एसीटेट।
- मौखिक दवाएं: टेरीफ्लुनामाइड, डाइमिथाइल फ्यूमरेट, सिपोनिमोड, ओज़ानिमोड, क्लैड्रिबाइन।
- इन्फ्यूजन दवाएं: नैटलिज़ुमैब, एलेमटुज़ुमैब, ओक्रेलिज़ुमैब, यूब्लिटुक्सीमैब।
डीएमटी का चुनाव व्यक्ति की एमएस के प्रकार (जैसे रिलैप्सिंग-रेमिटिंग एमएस, सेकेंडरी प्रोग्रेसिव एमएस, प्राइमरी प्रोग्रेसिव एमएस), बीमारी की गतिविधि, संभावित दुष्प्रभावों और रोगी की प्राथमिकताओं जैसे कारकों पर निर्भर करता है।
2. रिलैप्स का उपचार:
जब एमएस का रिलैप्स होता है (नए या बिगड़ते लक्षणों का अनुभव), तो लक्षणों की गंभीरता और अवधि को कम करने के लिए निम्नलिखित उपचारों का उपयोग किया जा सकता है:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: जैसे कि मिथाइलप्रेडनिसोलोन या प्रेडनिसोन, सूजन को कम करने और रिलैप्स की तीव्रता को कम करने के लिए आमतौर पर उच्च खुराक में अंतःशिरा (IV) या मौखिक रूप से दिए जाते हैं।
- प्लाज्मा एक्सचेंज (प्लास्मफेरेसिस): गंभीर रिलैप्स के लिए उपयोग किया जा सकता है जो कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का जवाब नहीं देते हैं। इस प्रक्रिया में रक्त से एंटीबॉडी को फ़िल्टर किया जाता है।
3. लक्षण प्रबंधन:
एमएस कई तरह के लक्षण पैदा कर सकता है, और प्रत्येक लक्षण के प्रबंधन के लिए विशिष्ट उपचार उपलब्ध हैं:
- थकान: दवाएं (जैसे कि एमैंटैडिन, मोडाफिनिल), ऊर्जा संरक्षण तकनीकें और व्यायाम।
- मांसपेशियों में ऐंठन (स्पास्टिकिटी): दवाएं (जैसे कि बैक्लोफेन, टिज़ैनिडाइन), भौतिक चिकित्सा और बोटुलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन।
- दर्द: दवाएं (ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक, न्यूरोपैथिक दर्द की दवाएं), भौतिक चिकित्सा, व्यावसायिक चिकित्सा और पूरक उपचार।
- मूत्राशय की समस्याएं: दवाएं, व्यवहारिक तकनीकें और कैथीटेराइजेशन।
- आंत्र की समस्याएं: आहार परिवर्तन, दवाएं और आंत्र प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- संज्ञानात्मक समस्याएं: संज्ञानात्मक पुनर्वास और रणनीतियाँ।
- अवसाद और चिंता: दवाएं, थेरेपी और सहायता समूह।
- चलने में कठिनाई: भौतिक चिकित्सा, सहायक उपकरण (जैसे कि बेंत, वॉकर) और ऑर्थोटिक्स।
- निगलने में कठिनाई (डिस्फेजिया): स्पीच थेरेपी और आहार में बदलाव।
- बोली में कठिनाई (डिस्आर्थ्रिया): स्पीच थेरेपी।
- दृष्टि समस्याएं: लक्षणों के आधार पर उपचार।
4. पुनर्वास और सहायक थेरेपी:
पुनर्वास एमएस प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें शामिल हो सकते हैं:
- भौतिक चिकित्सा: ताकत, संतुलन, समन्वय और गतिशीलता में सुधार के लिए व्यायाम और तकनीकें।
- व्यावसायिक चिकित्सा: दैनिक जीवन की गतिविधियों को करने की क्षमता में सुधार के लिए रणनीतियाँ और अनुकूलन।
- स्पीच थेरेपी: निगलने और बोलने की समस्याओं को दूर करने के लिए तकनीकें।
- संज्ञानात्मक पुनर्वास: स्मृति, ध्यान और समस्या-समाधान कौशल में सुधार के लिए रणनीतियाँ।
- मनोवैज्ञानिक परामर्श: भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए।
5. जीवनशैली में बदलाव:
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना एमएस वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है:
- संतुलित आहार: पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना।
- नियमित व्यायाम: अपनी क्षमता के अनुसार शारीरिक रूप से सक्रिय रहना।
- पर्याप्त नींद: अच्छी नींद लेना।
- तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के तरीके खोजना।
- धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान एमएस की प्रगति को तेज कर सकता है।
एमएस का उपचार अत्यधिक व्यक्तिगत है, और एक न्यूरोलॉजिस्ट रोगी की विशिष्ट आवश्यकताओं और बीमारी की प्रगति के आधार पर एक उपचार योजना विकसित करेगा। नियमित निगरानी और उपचार योजना में समायोजन आवश्यक हो सकता है। अनुसंधान लगातार जारी है, और एमएस के लिए नए और बेहतर उपचार विकसित किए जा रहे हैं।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का घरेलू इलाज क्या है?
यह समझना महत्वपूर्ण है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक जटिल ऑटोइम्यून बीमारी है जिसका कोई सिद्ध घरेलू इलाज नहीं है जो चिकित्सा उपचार की जगह ले सके। एमएस के प्रबंधन के लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं और थेरेपी आवश्यक हैं ताकि रोग की प्रगति को धीमा किया जा सके और रिलैप्स को कम किया जा सके।
हालांकि, कुछ घरेलू उपाय और जीवनशैली में बदलाव हैं जो एमएस वाले लोगों को उनके लक्षणों को प्रबंधित करने, समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने और चिकित्सा उपचारों के पूरक के रूप में मदद कर सकते हैं। इन उपायों को हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही अपनाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हैं और आपकी निर्धारित दवाओं के साथ कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।
यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जो एमएस वाले लोगों के लिए सहायक हो सकते हैं:
1. स्वस्थ आहार:
- पोषक तत्वों से भरपूर भोजन: फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा (जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड) से भरपूर संतुलित आहार लें।
- एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ: जामुन, पत्तेदार साग और रंगीन फल और सब्जियां शामिल करें जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- विटामिन डी: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन डी का पर्याप्त स्तर एमएस वाले लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है। अपने डॉक्टर से विटामिन डी के स्तर की जांच कराने और सप्लीमेंट लेने के बारे में सलाह लें यदि आवश्यक हो।
- प्रसंस्कृत और सूजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचें: उच्च मात्रा में संतृप्त वसा, ट्रांस वसा, चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें।
- पर्याप्त पानी पिएं: हाइड्रेटेड रहना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और मूत्राशय की समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
2. नियमित व्यायाम:
- अपनी क्षमता के अनुसार सक्रिय रहें: डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से सलाह लेकर एक उपयुक्त व्यायाम योजना बनाएं। हल्के से मध्यम व्यायाम, जैसे चलना, तैराकी, योग या ताई ची, थकान को कम करने, मांसपेशियों की ताकत और संतुलन में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
- अति न करें: अत्यधिक परिश्रम से बचें, खासकर जब आप थका हुआ महसूस कर रहे हों। अपने शरीर को सुनें और आवश्यकतानुसार आराम करें।
3. तनाव प्रबंधन:
- तनाव कम करने की तकनीकें अपनाएं: योग, ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम, मालिश या शौक में शामिल होना तनाव को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
- पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-9 घंटे की गुणवत्ता वाली नींद लेना महत्वपूर्ण है।
4. गर्मी से बचें:
- गर्मी के प्रति संवेदनशीलता (उहथॉफ का फेनोमेनन) एमएस वाले लोगों में आम है और लक्षणों को अस्थायी रूप से खराब कर सकती है। गर्म स्नान, सौना और अत्यधिक गर्मी से बचें। ठंडे स्नान या कूलिंग वेस्ट का उपयोग सहायक हो सकता है।
5. पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा (सीएएम):
- सावधानी बरतें: कई लोग एमएस के लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हैं, जैसे कि एक्यूपंक्चर, हर्बल सप्लीमेंट या मालिश। हालांकि, इनमें से कई उपचारों की प्रभावशीलता के वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, और कुछ आपके निर्धारित दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं।
- हमेशा अपने डॉक्टर को किसी भी सीएएम उपचार के बारे में बताएं जिसका आप उपयोग करने पर विचार कर रहे हैं।
6. धूम्रपान छोड़ें:
- धूम्रपान एमएस की प्रगति को तेज कर सकता है और लक्षणों को खराब कर सकता है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ने के लिए मदद लें।
7. शराब का सेवन सीमित करें:
- अत्यधिक शराब का सेवन कुछ एमएस लक्षणों को खराब कर सकता है और कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। अपने डॉक्टर से शराब के सेवन के बारे में सलाह लें।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्या खाएं और क्या न खाएं?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) के लिए कोई विशिष्ट “आहार योजना” नहीं है जो सभी के लिए काम करे, और न ही कोई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध आहार है जो एमएस को ठीक कर सके। हालांकि, स्वस्थ और संतुलित आहार खाना समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है, और यह एमएस वाले लोगों को उनके लक्षणों को प्रबंधित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
यहां कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं कि एमएस वाले लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए:
क्या खाएं (Eat More Of):
- फल और सब्जियां: विभिन्न प्रकार के रंगीन फल और सब्जियां एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं जो सूजन को कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। प्रतिदिन कम से कम 5 सर्विंग का लक्ष्य रखें।
- साबुत अनाज: ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स, और साबुत गेहूं की ब्रेड और पास्ता जैसे साबुत अनाज फाइबर, विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत हैं। वे रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने और ऊर्जा प्रदान करने में भी मदद कर सकते हैं।
- लीन प्रोटीन: मछली (विशेष रूप से ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर), चिकन, टर्की, बीन्स, दाल और टोफू जैसे लीन प्रोटीन मांसपेशियों के स्वास्थ्य और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- स्वस्थ वसा:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड: वसायुक्त मछली (सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया सीड्स और अखरोट में पाए जाते हैं। इनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
- मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड वसा: जैतून का तेल, एवोकाडो और नट्स में पाए जाते हैं।
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने और कब्ज को रोकने में मदद करते हैं, जो एमएस वाले लोगों में एक आम समस्या हो सकती है।
- पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हाइड्रेटेड रहने और मूत्राशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या कम खाएं या परहेज करें (Eat Less Of or Avoid):
- उच्च संतृप्त वसा वाले खाद्य पदार्थ: लाल मांस, प्रसंस्कृत मांस (जैसे सॉसेज, बेकन), पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद और तले हुए खाद्य पदार्थों में संतृप्त वसा अधिक होती है, जो सूजन को बढ़ा सकती है। इनका सेवन सीमित करें।
- ट्रांस वसा: आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेलों में पाए जाते हैं, जो कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में मौजूद होते हैं। ये सूजन को बढ़ाते हैं और हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं। इनसे बचें।
- उच्च प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: पैकेज्ड स्नैक्स, फास्ट फूड और रेडी-टू-ईट भोजन में अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और सोडियम की मात्रा अधिक होती है और पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है। इनका सेवन सीमित करें।
- अतिरिक्त चीनी: मीठे पेय, कैंडी, बेक्ड सामान और अन्य खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त चीनी सूजन को बढ़ा सकती है और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकती है। इनका सेवन सीमित करें।
- उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और नमकीन स्नैक्स में सोडियम की मात्रा अधिक हो सकती है, जो कुछ लोगों में रक्तचाप बढ़ा सकती है। सोडियम का सेवन सीमित करें।
- शराब: अत्यधिक शराब का सेवन कुछ एमएस लक्षणों को खराब कर सकता है और कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। अपने डॉक्टर से शराब के सेवन के बारे में सलाह लें।
- कृत्रिम मिठास (कुछ लोगों में): कुछ लोगों को कृत्रिम मिठास से लक्षण बढ़ सकते हैं। यदि आपको ऐसा लगता है, तो इनका सेवन सीमित करें।
- ग्लूटेन (यदि संवेदनशील हों): कुछ छोटे अध्ययनों ने एमएस और सीलिएक रोग के बीच संबंध का सुझाव दिया है, और कुछ लोगों को ग्लूटेन-मुक्त आहार से लाभ हो सकता है। हालांकि, सभी एमएस वाले लोगों के लिए ग्लूटेन से परहेज करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपको ग्लूटेन संवेदनशीलता का संदेह है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- डेयरी (यदि संवेदनशील हों): कुछ लोगों को डेयरी उत्पादों से लक्षण बढ़ सकते हैं। यदि आपको डेयरी से संवेदनशीलता महसूस होती है, तो इसका सेवन सीमित करें या डेयरी-मुक्त विकल्प आजमाएं।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के जोखिम को कैसे कम करें?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। जबकि एमएस का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, कुछ जीवनशैली में बदलाव और सावधानियां इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं:
1. विटामिन डी का पर्याप्त सेवन:
- विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है और अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन डी के पर्याप्त स्तर वाले लोगों में एमएस विकसित होने का जोखिम कम होता है।
- सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से, विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों (जैसे वसायुक्त मछली, अंडे की जर्दी और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ) का सेवन करके या विटामिन डी सप्लीमेंट लेकर विटामिन डी के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
2. धूम्रपान से बचें:
- धूम्रपान एमएस विकसित होने के जोखिम को बढ़ाता है और एमएस वाले लोगों में बीमारी के बढ़ने का खतरा भी बढ़ाता है।
- धूम्रपान छोड़ने से एमएस विकसित होने के जोखिम को कम किया जा सकता है और एमएस वाले लोगों में बीमारी के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है।
3. स्वस्थ वजन बनाए रखें:
- मोटापा एमएस विकसित होने के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।
- संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से एमएस के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
4. तनाव का प्रबंधन करें:
- तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है और एमएस के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- योग, ध्यान, गहरी सांस लेने और अन्य विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव का प्रबंधन करने से एमएस के जोखिम को कम किया जा सकता है।
5. संक्रमण से बचें:
- कुछ संक्रमण, जैसे कि एपस्टीन-बार वायरस, एमएस विकसित होने के जोखिम को बढ़ाने में शामिल हैं।
- अच्छी स्वच्छता प्रथाओं का पालन करके और बीमार लोगों के संपर्क से बचकर संक्रमण के जोखिम को कम करें।
6. संतुलित आहार लें:
- एक स्वस्थ आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद कर सकता है।
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार लें।
7. नियमित व्यायाम करें:
- नियमित व्यायाम प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले व्यायाम का लक्ष्य रखें।
8. पर्याप्त नींद लें:
- पर्याप्त नींद प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्रति रात 7-8 घंटे की नींद लेने का लक्ष्य रखें।
9. अपने डॉक्टर से बात करें:
- यदि आपके पास एमएस के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- वे आपके जोखिम को कम करने और आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तिगत सलाह दे सकते हैं।
सारांश
मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है। इसका कोई ज्ञात इलाज नहीं है, लेकिन कुछ जीवनशैली में बदलाव और सावधानियां इसके जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- अपने डॉक्टर से बात करें: यदि आपके पास एमएस के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- विटामिन डी का पर्याप्त सेवन: विटामिन डी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान एमएस विकसित होने के जोखिम को बढ़ाता है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: मोटापा एमएस विकसित होने के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है।
- तनाव का प्रबंधन करें: तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है।
- संक्रमण से बचें: कुछ संक्रमण, जैसे कि एपस्टीन-बार वायरस, एमएस विकसित होने के जोखिम को बढ़ाने में शामिल हैं।
- संतुलित आहार लें: स्वस्थ आहार प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद कर सकता है।
- नियमित व्यायाम करें: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।
- पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त नींद प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।