भूख में कमी
भूख में कमी क्या हैं?
भूख में कमी का मतलब है खाने की इच्छा में कमी होना। इसे अरुचि या क्षुधाहीनता भी कहा जा सकता है। यह कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक लक्षण है जो विभिन्न शारीरिक और मानसिक स्थितियों के कारण हो सकता है।
भूख में कमी के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
शारीरिक कारण:
- संक्रमण: सर्दी, फ्लू या अन्य संक्रमण भूख को कम कर सकते हैं।
- पेट की समस्याएं: अपच, कब्ज, गैस या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं भूख को प्रभावित कर सकती हैं।
- कुछ दवाएं: कुछ एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक और अन्य दवाएं भूख कम कर सकती हैं।
- पुरानी बीमारियां: कैंसर, किडनी रोग, हृदय रोग और अन्य पुरानी बीमारियां भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था, मासिक धर्म या थायरॉइड की समस्याएं भूख को प्रभावित कर सकती हैं।
मानसिक कारण:
- तनाव और चिंता: भावनात्मक तनाव और चिंता भूख को कम कर सकते हैं।
- अवसाद: उदासी और निराशा की भावना भूख में कमी ला सकती है।
- भोजन विकार: एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया जैसे भोजन विकार भूख को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
अन्य कारण:
- उम्र: बड़े वयस्कों में भूख कम लगना आम है।
- स्वाद और गंध में बदलाव: कुछ चिकित्सा उपचार या स्थितियां स्वाद और गंध की भावना को बदल सकती हैं, जिससे भूख कम लग सकती है।
भूख में कमी के कारण क्या हैं?
भूख में कमी के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है: शारीरिक कारण और मानसिक कारण:
शारीरिक कारण:
- संक्रमण: सर्दी, फ्लू, पेट का संक्रमण (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) और अन्य संक्रमण भूख को कम कर सकते हैं।
- दवाएं: कुछ एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक (ओपिओइड्स), अवसादरोधी, कीमोथेरेपी दवाएं और अन्य दवाएं भूख में कमी का दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं।
- पेट और पाचन संबंधी समस्याएं: अपच, कब्ज, एसिडिटी, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस), क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, आदि भूख को प्रभावित कर सकते हैं।
- पुरानी बीमारियां: कैंसर (विशेषकर पेट, कोलन, ओवेरियन और अग्नाशय का कैंसर), किडनी रोग, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारियां (जैसे सीओपीडी), लिवर रोग, मधुमेह, थायरॉइड की समस्याएं (हाइपोथायरायडिज्म), एचआईवी/एड्स, आदि भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था (विशेषकर पहली तिमाही में), मासिक धर्म चक्र में बदलाव, आदि भूख को प्रभावित कर सकते हैं।
- मुंह और दांतों की समस्याएं: दांत दर्द, मसूड़ों की बीमारी, मुंह के छाले या अन्य समस्याएं खाने में कठिनाई पैदा कर सकती हैं, जिससे भूख कम हो सकती है।
- स्वाद और गंध में बदलाव: कुछ बीमारियों या उपचारों के कारण स्वाद और गंध की भावना में बदलाव आने से भोजन अरुचिकर लग सकता है।
- उम्र: बड़े वयस्कों में भूख स्वाभाविक रूप से कम हो सकती है।
- दर्द: पुराना दर्द (जैसे गठिया, फाइब्रोमायल्जिया) भूख को कम कर सकता है।
- थकान: अत्यधिक थकान भी भूख में कमी का कारण बन सकती है।
मानसिक कारण:
- तनाव और चिंता: भावनात्मक तनाव, चिंता और घबराहट भूख को कम कर सकते हैं।
- अवसाद: उदासी, निराशा और रुचि की कमी भूख में कमी ला सकती है।
- भोजन विकार: एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलिमिया जैसे भोजन विकार भूख को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
- शोक और दुख: किसी प्रियजन की मृत्यु या अन्य दुखद घटनाएं भूख को कम कर सकती हैं।
- सामाजिक अलगाव: अकेलेपन और सामाजिक संपर्क की कमी से भी भूख कम लग सकती है।
भूख में कमी के संकेत और लक्षण क्या हैं?
भूख में कमी के संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:
शारीरिक लक्षण:
- भोजन में रुचि कम होना: आपको खाने का मन नहीं करता या आपको भोजन के बारे में सोचने में भी अरुचि हो सकती है।
- खाने या निगलने में कठिनाई: कुछ मामलों में, शारीरिक समस्याएं जैसे गले में खराश या निगलने में कठिनाई के कारण भूख कम लग सकती है।
- खाने के बाद पेट भरा हुआ या फूला हुआ महसूस होना: थोड़ा सा खाने के बाद भी आपको पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है।
- वजन कम होना या कुपोषण: यदि आप पर्याप्त भोजन नहीं कर रहे हैं, तो आपका वजन कम हो सकता है और आपको कुपोषण हो सकता है।
- थकान या सुस्ती: भोजन ऊर्जा का स्रोत है, इसलिए कम खाने से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- मुश्किल से ध्यान देना: पर्याप्त पोषण के बिना, ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
- मतली या उल्टी: कुछ मामलों में, भूख में कमी के साथ मतली या उल्टी भी हो सकती है।
- कब्ज या दस्त: पाचन संबंधी समस्याएं भी भूख को प्रभावित कर सकती हैं।
- स्वाद या गंध में परिवर्तन: कुछ बीमारियों या दवाओं के कारण भोजन का स्वाद या गंध बदल सकता है, जिससे भूख कम हो सकती है।
मनोवैज्ञानिक लक्षण:
- अवसाद: उदासी या निराशा की भावना भूख को कम कर सकती है।
- चिंता: तनाव और चिंता मतली और भूख में कमी का कारण बन सकती है।
- तनाव: दीर्घकालिक तनाव पाचन को बाधित कर सकता है और भूख के संकेतों को बदल सकता है।
- भोजन विकार: एनोरेक्सिया नर्वोसा जैसे भोजन विकार भूख में कमी का कारण बन सकते हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भूख में अस्थायी कमी आना सामान्य है, खासकर बीमारी या तनाव के दौरान। हालांकि, यदि भूख में कमी लंबे समय तक बनी रहती है या इसके साथ अन्य चिंताजनक लक्षण भी दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यदि आपको निम्नलिखित लक्षण अनुभव होते हैं तो आपको चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए:
- दो सप्ताह से अधिक समय तक भूख न लगना और कोई सुधार न होना।
- थोड़े समय के भीतर अनजाने में वजन कम होना (शरीर के वजन का 5% या उससे अधिक)।
- गंभीर मतली, उल्टी या निगलने में कठिनाई।
- अपर्याप्त पोषण के कारण लगातार थकान, चक्कर आना या कमजोरी महसूस होना।
- पेट फूलना, पेट दर्द या पाचन संबंधी समस्याएं जो खाने में बाधा डालती हैं।
- स्वाद या गंध में परिवर्तन के कारण भोजन अरुचिकर हो जाना।
- मानसिक स्वास्थ्य लक्षण जैसे अवसाद या अत्यधिक तनाव, खान-पान की आदतों को प्रभावित करते हैं।
भूख में कमी से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
भूख में कमी (Loss of Appetite) कई बीमारियों से जुड़ी हो सकती है। कुछ सामान्य बीमारियों में शामिल हैं:
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं:
- अवसाद (Depression): भूख में कमी अवसाद का एक आम लक्षण है।
- तनाव और चिंता (Stress and Anxiety): अत्यधिक तनाव और चिंता भी भूख को कम कर सकती है।
- एनोरेक्सिया नर्वोसा (Anorexia Nervosa): यह एक गंभीर ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को वजन बढ़ने का अत्यधिक डर होता है और वे बहुत कम खाते हैं, जिससे भूख में कमी आती है।
शारीरिक बीमारियाँ:
- संक्रमण (Infections): सर्दी, फ्लू या अन्य प्रकार के संक्रमण भूख को कम कर सकते हैं।
- पेट की समस्याएं (Stomach Problems): गैस्ट्रोएंटेराइटिस, कब्ज या अन्य पाचन संबंधी समस्याएं भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- कैंसर (Cancer): कुछ प्रकार के कैंसर, विशेष रूप से पेट, अग्न्याशय या अंडाशय का कैंसर, भूख में कमी का कारण बन सकते हैं।
- गुर्दे की बीमारी (Kidney Disease): क्रोनिक किडनी रोग भूख को कम कर सकता है।
- लिवर की बीमारी (Liver Disease): लिवर की गंभीर बीमारियाँ भी भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- हृदय रोग (Heart Disease): कुछ हृदय रोग भूख को प्रभावित कर सकते हैं।
- हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism): अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि भूख में कमी का कारण बन सकती है।
- एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS): यह बीमारी भूख और वजन घटाने का कारण बन सकती है।
अन्य कारण:
- दवाएं (Medications): कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, कीमोथेरेपी दवाएं और ओपिओइड, भूख में कमी का दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं।
- उम्र (Age): बड़े वयस्कों में भूख कम लगना आम हो सकता है।
- गर्भावस्था (Pregnancy): खासकर पहली तिमाही में, कुछ महिलाओं को भूख कम लगती है।
भूख में कमी का निदान कैसे करें?
भूख में कमी का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें शामिल हैं:
1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपसे आपकी भूख में कमी कब से शुरू हुई, इसके साथ होने वाले अन्य लक्षण (जैसे वजन घटना, थकान, मतली, उल्टी, पेट दर्द, आदि) और आपकी पिछली चिकित्सा स्थितियों, दवाओं और जीवनशैली के बारे में पूछेंगे।
- वे आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे, जिसमें आपके वजन, नाड़ी, रक्तचाप और पेट की जांच शामिल हो सकती है।
2. रक्त परीक्षण:
- भूख में कमी के संभावित कारणों की जांच के लिए कई रक्त परीक्षण किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पूर्ण रक्त गणना (CBC): संक्रमण, एनीमिया या अन्य रक्त विकारों का पता लगाने के लिए।
- विस्तृत चयापचय पैनल (CMP): गुर्दे और यकृत के कार्य, इलेक्ट्रोलाइट संतुलन और रक्त शर्करा के स्तर की जांच के लिए।
- थायरॉइड फंक्शन टेस्ट: थायरॉइड ग्रंथि की समस्याओं का पता लगाने के लिए।
- लिवर फंक्शन टेस्ट (LFTs): यकृत स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए।
- किडनी फंक्शन टेस्ट: गुर्दे के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए।
- एचआईवी परीक्षण: यदि जोखिम कारक मौजूद हैं।
- कैंसर मार्कर: यदि कैंसर का संदेह हो।
- विटामिन और खनिज स्तर: कुछ पोषक तत्वों की कमी भूख को प्रभावित कर सकती है।
3. मूत्र और मल परीक्षण:
- संक्रमण या पाचन संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए इन परीक्षणों का उपयोग किया जा सकता है।
4. इमेजिंग परीक्षण:
- यदि डॉक्टर को पेट, आंतों या अन्य अंगों में कोई समस्या होने का संदेह है, तो वे इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं, जैसे:
- पेट का अल्ट्रासाउंड
- सीटी स्कैन
- एक्स-रे
5. ऊपरी जठरांत्र एंडोस्कोपी:
- इस प्रक्रिया में, एक पतली, लचीली ट्यूब जिसमें एक कैमरा लगा होता है, अन्नप्रणाली, पेट और ग्रहणी में डाली जाती है ताकि अंदर से देखा जा सके। बायोप्सी भी ली जा सकती है।
6. मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन:
- यदि डॉक्टर को संदेह है कि भूख में कमी का कारण कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जैसे कि अवसाद या चिंता, तो वे आपको एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के पास भेज सकते हैं।
भूख में कमी का इलाज क्या है?
भूख में कमी का इलाज इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। इसलिए, सबसे पहले भूख में कमी के कारण का निदान करना महत्वपूर्ण है। एक बार कारण की पहचान हो जाने के बाद, डॉक्टर उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं। कुछ सामान्य उपचार विधियाँ इस प्रकार हैं:
अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का इलाज:
- संक्रमण: यदि भूख में कमी किसी संक्रमण के कारण है, तो एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल या एंटीफंगल दवाएं निर्धारित की जाएंगी।
- पेट की समस्याएं: एसिडिटी, कब्ज या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं के लिए दवाएं या जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जा सकती है।
- कैंसर: कैंसर के उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी या लक्षित थेरेपी शामिल हो सकती है।
- गुर्दे या लिवर की बीमारी: इन बीमारियों के प्रबंधन के लिए दवाएं, आहार परिवर्तन या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं आवश्यक हो सकती हैं।
- हाइपोथायरायडिज्म: थायरॉइड हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से भूख सामान्य हो सकती है।
- एचआईवी/एड्स: एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी भूख और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज:
- अवसाद और चिंता: थेरेपी (जैसे संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी या सीबीटी), दवाएं (जैसे एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एंजायटी दवाएं) या दोनों का उपयोग किया जा सकता है।
- एनोरेक्सिया नर्वोसा: इस गंभीर ईटिंग डिसऑर्डर के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है जिसमें थेरेपी, पोषण संबंधी परामर्श और चिकित्सा निगरानी शामिल होती है।
दवाओं के दुष्प्रभावों का प्रबंधन:
- यदि कोई दवा भूख में कमी का कारण बन रही है, तो डॉक्टर खुराक को समायोजित कर सकते हैं या एक अलग दवा लिख सकते हैं।
सामान्य रणनीतियाँ जो भूख बढ़ाने में मदद कर सकती हैं:
- छोटे और बार-बार भोजन करना: बड़े भोजन की बजाय दिन भर में कई छोटे भोजन करना आसान हो सकता है।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ चुनना: सुनिश्चित करें कि आप कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खा रहे हैं, भले ही आप कम मात्रा में ही खा रहे हों।
- पसंदीदा खाद्य पदार्थ खाना: जो आपको पसंद है उसे खाने से आपकी भूख बढ़ सकती है।
- भोजन को स्वादिष्ट बनाना: विभिन्न मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करके भोजन को अधिक आकर्षक बनाएं।
- भोजन का समय निर्धारित करना: हर दिन एक ही समय पर भोजन करने से आपके शरीर को भूख लगने का संकेत मिल सकता है।
- व्यायाम करना: हल्की शारीरिक गतिविधि भूख को उत्तेजित कर सकती है।
- तरल पदार्थों का सेवन: भोजन से पहले बहुत अधिक तरल पदार्थ पीने से बचें, क्योंकि इससे पेट भर सकता है। भोजन के बीच में तरल पदार्थ पिएं।
- ओरल न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स: यदि आप पर्याप्त कैलोरी और पोषक तत्व प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर आपको ओरल न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं।
- दवाएं जो भूख बढ़ाती हैं: कुछ दवाएं हैं जो भूख को उत्तेजित कर सकती हैं, लेकिन इनका उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।
सहायक देखभाल:
- पोषण संबंधी परामर्श: एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ आपको स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने और पर्याप्त कैलोरी और पोषक तत्व प्राप्त करने के बारे में मार्गदर्शन कर सकता है।
- मनोवैज्ञानिक सहायता: थेरेपी आपको भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कारकों से निपटने में मदद कर सकती है जो आपकी भूख को प्रभावित कर रहे हैं।
भूख में कमी का घरेलू इलाज क्या है?
भूख में कमी का घरेलू इलाज लक्षणों को प्रबंधित करने और भूख को थोड़ा बढ़ाने में मदद कर सकता है, लेकिन यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यदि भूख में कमी किसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण है, तो डॉक्टर से सलाह लेना और उचित चिकित्सा उपचार करवाना आवश्यक है। घरेलू उपचार केवल सहायक हो सकते हैं।
यहाँ कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जो भूख बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:
आहार संबंधी बदलाव:
- छोटे और बार-बार भोजन करें: बड़े भोजन की बजाय दिन भर में 5-6 छोटे भोजन करें। इससे पेट पर दबाव कम पड़ेगा और भूख लगने की संभावना बढ़ेगी।
- पोषक तत्वों से भरपूर भोजन चुनें: ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें कैलोरी और पोषक तत्व भरपूर हों, जैसे नट्स, बीज, एवोकाडो, पनीर, अंडे और पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद।
- पसंदीदा भोजन खाएं: जब आपको भूख न लगे, तो भी अपनी पसंद का कुछ खाने से भूख उत्तेजित हो सकती है।
- भोजन को आकर्षक बनाएं: भोजन को रंगीन और स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें।
- तरल पदार्थों का सेवन सीमित करें: भोजन से ठीक पहले बहुत अधिक पानी या अन्य तरल पदार्थ पीने से बचें, क्योंकि इससे पेट भर सकता है। भोजन के बीच में तरल पदार्थ पिएं।
- उच्च कैलोरी वाले पेय पदार्थ: स्मूदी या मिल्कशेक जैसे उच्च कैलोरी वाले पेय पदार्थ पोषक तत्व और कैलोरी प्रदान कर सकते हैं जब ठोस भोजन खाना मुश्किल हो।
जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम करें: हल्की शारीरिक गतिविधि, जैसे टहलना, भूख को उत्तेजित कर सकती है।
- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी भूख को प्रभावित कर सकती है। सुनिश्चित करें कि आपको पर्याप्त आराम मिले।
- तनाव का प्रबंधन करें: तनाव और चिंता भूख को कम कर सकते हैं। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।
- भोजन का समय निर्धारित करें: हर दिन एक ही समय पर भोजन करने की कोशिश करें ताकि आपके शरीर को भूख लगने का संकेत मिले।
पारंपरिक और हर्बल उपचार (सावधानी से उपयोग करें):
- अदरक: अदरक पाचन को बेहतर बनाने और भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या भोजन में ताजा अदरक शामिल कर सकते हैं।
- नींबू: नींबू का रस पाचन एंजाइमों को उत्तेजित कर सकता है और भूख बढ़ाने में मदद कर सकता है। भोजन से पहले थोड़ा नींबू का रस पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
- जीरा: जीरा पाचन में सुधार करता है और भूख को बढ़ाता है। इसे भोजन में शामिल किया जा सकता है या जीरे का पानी पिया जा सकता है।
- अजवाइन: अजवाइन भी भूख बढ़ाने और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकती है।
- त्रिफला: त्रिफला चूर्ण पाचन तंत्र को साफ करने और भूख को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- इलायची: इलायची की खुशबू और स्वाद भूख को उत्तेजित कर सकते हैं।
अन्य सुझाव:
- भोजन के लिए एक शांत और सुखद वातावरण बनाएं: शांत जगह पर आराम से भोजन करने से भूख लग सकती है।
- दूसरों के साथ भोजन करें: सामाजिक रूप से भोजन करने से भूख बढ़ सकती है।
महत्वपूर्ण चेतावनी:
- यदि आपकी भूख में कमी लगातार बनी रहती है या इसके साथ वजन घटना, थकान, पेट दर्द या अन्य चिंताजनक लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- किसी भी हर्बल उपचार को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, खासकर यदि आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है या आप कोई दवा ले रहे हैं।
- घरेलू उपचार केवल लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का इलाज नहीं कर सकते हैं।
भूख में कमी में क्या खाएं और क्या न खाएं?
भूख में कमी होने पर सही खाद्य पदार्थों का चुनाव करना महत्वपूर्ण है ताकि आपको पर्याप्त पोषण मिल सके, भले ही आप कम मात्रा में खा रहे हों। यहाँ एक विस्तृत गाइड दी गई है कि भूख में कमी होने पर क्या खाएं और किन खाद्य पदार्थों से बचें:
क्या खाएं:
- पोषक तत्वों से भरपूर छोटे भोजन: बड़े, भारी भोजन की बजाय दिन भर में 5-6 छोटे, पौष्टिक भोजन करें। इससे पेट पर दबाव कम पड़ेगा और पचाना आसान होगा।
- उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ: यदि आपका लक्ष्य वजन बनाए रखना या बढ़ाना है, तो स्वस्थ उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें:
- नट्स और बीज: बादाम, अखरोट, काजू, चिया सीड्स, सूरजमुखी के बीज।
- एवोकाडो: स्वस्थ वसा और कैलोरी का अच्छा स्रोत।
- पनीर: विभिन्न प्रकार के पनीर कैलोरी और प्रोटीन प्रदान करते हैं।
- अंडे: प्रोटीन और पोषक तत्वों से भरपूर।
- पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद: पूर्ण वसा वाला दूध, दही, पनीर।
- जैतून का तेल और अन्य स्वस्थ तेल: सलाद ड्रेसिंग, खाना पकाने या भोजन में अतिरिक्त कैलोरी जोड़ने के लिए उपयोग करें।
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन मांसपेशियों को बनाए रखने और तृप्ति की भावना को कम करने में मदद करता है:
- लीन मीट: चिकन, मछली, टर्की।
- बीन्स और दालें: प्रोटीन और फाइबर का अच्छा स्रोत।
- टोफू और सोया उत्पाद: प्रोटीन का शाकाहारी विकल्प।
- अंडे: बहुमुखी और प्रोटीन से भरपूर।
- डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर।
- आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ: यदि पाचन संबंधी समस्याएं भूख में कमी का कारण बन रही हैं, तो आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों का चयन करें:
- उबले हुए या भाप में पकाए गए फल और सब्जियां: सेब सॉस, मसले हुए आलू, उबली हुई गाजर।
- सफेद चावल और पास्ता: साबुत अनाज की तुलना में पचाने में आसान।
- दही और प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ: पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- पतली सूप और शोरबा: हाइड्रेटिंग और आसानी से पचने योग्य।
- अपनी पसंद के खाद्य पदार्थ: जब आपको भूख न लगे, तो भी अपनी पसंदीदा चीजें खाने से कुछ खाने की इच्छा हो सकती है।
- विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियां: विटामिन और खनिजों के लिए रंगीन फल और सब्जियां शामिल करें, भले ही आप कम मात्रा में ही खा रहे हों।
- स्मूदी और शेक: फल, दही, दूध या प्रोटीन पाउडर मिलाकर उच्च कैलोरी और पोषक तत्वों से भरपूर स्मूदी बनाना आसान है।
क्या न खाएं:
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (अधिक मात्रा में): जबकि फाइबर स्वस्थ है, बहुत अधिक फाइबर पेट को भरा हुआ महसूस करा सकता है और भूख को कम कर सकता है। साबुत अनाज, कच्ची सब्जियां और फल अधिक मात्रा में खाने से बचें, खासकर जब आपको भूख कम लग रही हो।
- उच्च वसा वाले और तले हुए खाद्य पदार्थ: ये पचने में अधिक समय लेते हैं और पेट को भारी महसूस करा सकते हैं, जिससे भूख कम हो सकती है।
- प्रसंस्कृत और जंक फूड: ये खाद्य पदार्थ आमतौर पर पोषक तत्वों में कम और कैलोरी में उच्च होते हैं, लेकिन ये भूख को उत्तेजित नहीं करते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- बहुत मीठे खाद्य पदार्थ और पेय: ये तेजी से पेट भर सकते हैं लेकिन आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं करते हैं।
- कैफीन और शराब: ये भूख को कम कर सकते हैं और निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
- भोजन से ठीक पहले बहुत अधिक तरल पदार्थ: भोजन से ठीक पहले पानी या अन्य पेय पीने से पेट भर सकता है और आप कम भोजन कर पाएंगे। भोजन के बीच में तरल पदार्थ पिएं।
- मसालेदार और तीखे खाद्य पदार्थ (यदि पेट खराब हो): यदि आपकी भूख में कमी पेट खराब होने के कारण है, तो मसालेदार भोजन से बचें जो लक्षणों को बढ़ा सकते हैं।
अतिरिक्त सुझाव:
- भोजन का समय निर्धारित करें: हर दिन एक ही समय पर भोजन करने की कोशिश करें ताकि आपके शरीर को भूख लगने का संकेत मिले।
- भोजन को आकर्षक बनाएं: भोजन को रंगीन और स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें।
- शांत और सुखद माहौल में खाएं: तनावमुक्त वातावरण में भोजन करने से भूख लग सकती है।
- धीरे-धीरे खाएं और अच्छी तरह चबाएं: यह पाचन में मदद करता है और आपको यह महसूस करने में मदद करता है कि आप कब भर गए हैं।
भूख में कमी के जोखिम को कैसे कम करें?
भूख में कमी के जोखिम को कम करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं, हालांकि कुछ मामलों में यह अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों या दवाओं के कारण हो सकता है जिन्हें पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता है। यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं जिनसे आप भूख में कमी के जोखिम को कम कर सकते हैं:
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- संतुलित आहार लें: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार लें। यह सुनिश्चित करता है कि आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलें और भूख सामान्य रहे।
- नियमित भोजन करें: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का भोजन नियमित समय पर करें। भोजन छोड़ने से भूख नियंत्रण बिगड़ सकता है।
- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी आपके हार्मोन को बाधित कर सकती है जो भूख को नियंत्रित करते हैं, जिससे भूख में कमी हो सकती है। हर रात 7-9 घंटे की नींद लें।
- तनाव का प्रबंधन करें: अत्यधिक तनाव भूख को कम कर सकता है। योग, ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम या शौक में समय बिताकर तनाव का प्रबंधन करें।
- नियमित व्यायाम करें: मध्यम तीव्रता वाला नियमित व्यायाम भूख को उत्तेजित कर सकता है और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
अपनी स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
- नियमित चिकित्सा जांच कराएं: वार्षिक शारीरिक जांच से अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का पता लगाने में मदद मिल सकती है जो भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- पुरानी स्थितियों का प्रबंधन करें: यदि आपको कोई पुरानी चिकित्सा स्थिति है (जैसे मधुमेह, गुर्दे की बीमारी), तो अपनी उपचार योजना का पालन करें और अपनी स्थिति को अच्छी तरह से प्रबंधित करें।
- दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक रहें: यदि आप कोई नई दवा लेना शुरू करते हैं और भूख में कमी का अनुभव करते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे खुराक समायोजित कर सकते हैं या एक अलग दवा लिख सकते हैं।
- संक्रमण से बचाव करें: अच्छे स्वच्छता प्रथाओं का पालन करके, जैसे बार-बार हाथ धोना, आप उन संक्रमणों के जोखिम को कम कर सकते हैं जो भूख में कमी का कारण बन सकते हैं।
आहार संबंधी आदतें विकसित करें:
- धीरे-धीरे खाएं और अच्छी तरह चबाएं: यह पाचन में मदद करता है और आपको यह महसूस करने में मदद करता है कि आप कब भर गए हैं, जिससे अत्यधिक खाने से बचा जा सकता है जो बाद में भूख को कम कर सकता है।
- भोजन को आकर्षक बनाएं: भोजन को स्वादिष्ट और दिखने में आकर्षक बनाने के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करें।
- शांत और सुखद माहौल में खाएं: भोजन के दौरान विकर्षणों से बचें और आराम से भोजन करें।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, लेकिन भोजन से ठीक पहले बहुत अधिक तरल पदार्थ पीने से बचें।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज कराएं: यदि आप अवसाद, चिंता या किसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्या का अनुभव कर रहे हैं, तो पेशेवर मदद लें। ये स्थितियां भूख को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती हैं।
- स्वस्थ शरीर की छवि विकसित करें: खाने के विकारों के जोखिम को कम करने के लिए अपने शरीर के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें।
विशेष परिस्थितियों में सावधानी:
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी भूख को प्रभावित कर सकती है। छोटे, बार-बार भोजन करें और उन खाद्य पदार्थों से बचें जो आपको परेशान करते हैं।
- बुजुर्ग: उम्र बढ़ने के साथ भूख कम हो सकती है। छोटे, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन हो।
सारांश
भूख में कमी एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सामान्य से कम भूख लगती है। यह एक लक्षण है जो कई अलग-अलग अंतर्निहित चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक स्थितियों से जुड़ा हो सकता है।
भूख में कमी से जुड़ी कुछ सामान्य बीमारियाँ शामिल हैं:
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: अवसाद, तनाव, चिंता और एनोरेक्सिया नर्वोसा।
- शारीरिक बीमारियाँ: संक्रमण, पेट की समस्याएं, कैंसर, गुर्दे की बीमारी, लिवर की बीमारी, हृदय रोग, हाइपोथायरायडिज्म और एचआईवी/एड्स।
- अन्य कारण: कुछ दवाएं, उम्र और गर्भावस्था।
भूख में कमी का निदान में चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, मूत्र और मल परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण और ऊपरी जठरांत्र एंडोस्कोपी शामिल हो सकते हैं। मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन भी किया जा सकता है।
भूख में कमी का इलाज अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। इसमें संक्रमण का इलाज, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का प्रबंधन, दवाओं के दुष्प्रभावों को संबोधित करना और सहायक रणनीतियाँ शामिल हो सकती हैं जैसे छोटे और बार-बार भोजन करना, पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ चुनना और भूख बढ़ाने वाली दवाओं का उपयोग करना (डॉक्टर की सलाह पर)।
भूख में कमी के जोखिम को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित चिकित्सा जांच कराना, आहार संबंधी अच्छी आदतें विकसित करना और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
भूख में कमी के लिए कुछ घरेलू उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं, जैसे छोटे और बार-बार भोजन करना, पसंदीदा भोजन खाना, अदरक और नींबू का उपयोग करना, और तनाव का प्रबंधन करना। हालांकि, यदि भूख में कमी बनी रहती है या गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है।
भूख में कमी होने पर क्या खाएं में पोषक तत्वों से भरपूर छोटे भोजन, उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ शामिल हैं। क्या न खाएं में उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (अधिक मात्रा में), उच्च वसा वाले और तले हुए खाद्य पदार्थ, प्रसंस्कृत और जंक फूड, बहुत मीठे खाद्य पदार्थ और पेय, कैफीन और शराब शामिल हैं।
संक्षेप में, भूख में कमी एक जटिल समस्या हो सकती है जिसके लिए उचित निदान और अंतर्निहित कारण के आधार पर उपचार की आवश्यकता होती है। यदि आपको लगातार भूख में कमी का अनुभव हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।