कुब्जता
कुब्जता क्या है?
कुब्जता, जिसे अंग्रेजी में काइफोसिस (Kyphosis) कहा जाता है, रीढ़ की हड्डी से संबंधित एक विकार है। इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी का ऊपरी हिस्सा सामान्य से अधिक झुक जाता है, जिससे पीठ गोल या झुकी हुई दिखाई देती है।
कुब्जता के प्रकार:
- जन्मजात कुब्जता: यह जन्म से पहले रीढ़ की हड्डी के विकास में गड़बड़ी के कारण होता है।
- पोस्चरल काइफोसिस: यह खराब मुद्रा के कारण होता है।
- शेउरमन की काइफोसिस: यह किशोरावस्था के दौरान होता है और रीढ़ की हड्डी के कशेरुकाओं के असामान्य विकास के कारण होता है।
- अपक्षयी काइफोसिस: यह उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी के कशेरुकाओं के घिसने के कारण होता है।
कुब्जता के लक्षण:
- पीठ का ऊपरी हिस्सा गोल या झुका हुआ दिखना।
- पीठ दर्द
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)
कुब्जता का उपचार:
- शारीरिक व्यायाम: पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और मुद्रा में सुधार करने के लिए।
- ब्रेसिंग: रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में, रीढ़ की हड्डी को सीधा करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपको कुब्जता के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कुब्जता के कारण क्या हैं?
कुब्जता कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
- खराब मुद्रा:
- लंबे समय तक झुककर बैठना या खड़ा रहना।
- कंप्यूटर या मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग।
- भारी बैग या सामान उठाना।
- उम्र से संबंधित परिवर्तन:
- ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना)।
- रीढ़ की हड्डी के डिस्क का घिसना।
- मांसपेशियों की कमजोरी।
- जन्मजात विकार:
- जन्म से ही रीढ़ की हड्डी में असामान्यताएं।
- शेउरमन की बीमारी:
- यह एक ऐसी स्थिति है जो किशोरावस्था के दौरान रीढ़ की हड्डी के विकास को प्रभावित करती है।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां:
- रीढ़ की हड्डी में चोट या संक्रमण।
- कुछ न्यूरोमस्कुलर रोग।
- अन्य कारण:
- पीठ की मांसपेशियों की कमजोरी।
- रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर।
- कुछ संयोजी ऊतक विकार।
कुब्जता के संकेत और लक्षण क्या हैं?
कुब्जता के संकेत और लक्षण व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- दृश्य संकेत:
- पीठ के ऊपरी हिस्से में एक ध्यान देने योग्य वक्र या कूबड़।
- गोल कंधे।
- झुकी हुई मुद्रा।
- शारीरिक लक्षण:
- पीठ दर्द, विशेष रूप से ऊपरी पीठ में।
- पीठ में अकड़न।
- थकान।
- मांसपेशियों में कमजोरी।
- सांस लेने में कठिनाई (गंभीर मामलों में)।
- जोड़ों से कट-कट आवाज़ आना।
- अन्य लक्षण:
- शरीर की छवि के बारे में चिंता।
- सीमित शारीरिक गतिविधि।
कुब्जता का खतरा किसे अधिक होता है?
कुब्जता का खतरा कई कारकों पर निर्भर करता है, और कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में इसका खतरा अधिक होता है। यहाँ कुछ समूह दिए गए हैं जिनमें कुब्जता विकसित होने का खतरा अधिक होता है:
- वृद्ध वयस्क:
- उम्र के साथ, ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) और डिस्क का घिसना जैसी स्थितियां कुब्जता का कारण बन सकती हैं।
- किशोर:
- शेउरमन की बीमारी, जो किशोरावस्था के दौरान रीढ़ की हड्डी के विकास को प्रभावित करती है, कुब्जता का एक सामान्य कारण है।
- जिन लोगों की मुद्रा खराब है:
- लंबे समय तक झुककर बैठने या खड़े रहने से रीढ़ की हड्डी में असामान्यताएं हो सकती हैं।
- जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस है:
- ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर करता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर और कुब्जता हो सकती है।
- जिन लोगों को रीढ़ की हड्डी में चोट या संक्रमण है:
- ये स्थितियां रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकती हैं और कुब्जता का कारण बन सकती हैं।
- जिन लोगों को कुछ न्यूरोमस्कुलर रोग हैं:
- कुछ मांसपेशी और तंत्रिका संबंधी रोग रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकते हैं और कुब्जता का कारण बन सकते हैं।
कुब्जता से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
कुब्जता (Kyphosis) रीढ़ की हड्डी से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें पीठ का ऊपरी हिस्सा असामान्य रूप से झुक जाता है। यह कई तरह की बीमारियों से जुड़ा हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- ऑस्टियोपोरोसिस: यह एक हड्डी की बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो सकता है और कुब्जता हो सकती है।
- अपक्षयी डिस्क रोग: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी में डिस्क टूट जाती हैं, जिससे दर्द और कुब्जता हो सकती है।
- स्कोलियोसिस: यह रीढ़ की हड्डी का एक असामान्य वक्र है, जो कुब्जता का कारण बन सकता है।
- जन्मजात कुब्जता: यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें बच्चा रीढ़ की हड्डी में असामान्यताओं के साथ पैदा होता है, जो कुब्जता का कारण बन सकता है।
- न्यूरोमस्कुलर रोग: कुछ न्यूरोमस्कुलर रोग, जैसे कि सेरेब्रल पाल्सी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, कुब्जता का कारण बन सकते हैं।
- रीढ़ की हड्डी में चोट: रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से कुब्जता हो सकती है।
- ट्यूमर: रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर कुब्जता का कारण बन सकते हैं।
कुब्जता के लक्षण:
- पीठ के ऊपरी हिस्से में झुकना
- पीठ दर्द
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई
- चलने में कठिनाई
यदि आपको कुब्जता के लक्षण हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान कर सकते हैं और उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।
कुब्जता का निदान कैसे करें?
कुब्जता (Kyphosis) का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित चरणों का पालन करते हैं:
1. शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपकी पीठ की सावधानीपूर्वक जांच करेंगे, यह देखने के लिए कि क्या कोई स्पष्ट वक्रता है।
- वे आपकी मुद्रा का आकलन करेंगे और देखेंगे कि क्या आपके कंधे गोल हैं या आपकी पीठ झुकी हुई है।
- वे आपकी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन और गति की सीमा का परीक्षण करेंगे।
- वे यह देखने के लिए तंत्रिका संबंधी परीक्षण भी कर सकते हैं कि क्या कोई तंत्रिका संपीड़न है।
2. चिकित्सा इतिहास:
- डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे, जैसे कि पीठ दर्द, थकान या सांस लेने में कठिनाई।
- वे आपके चिकित्सा इतिहास के बारे में भी पूछेंगे, जिसमें कोई पिछली चोट, बीमारी या पारिवारिक इतिहास शामिल है।
3. इमेजिंग परीक्षण:
- एक्स-रे: एक्स-रे रीढ़ की हड्डी की वक्रता को मापने और किसी भी हड्डी की असामान्यता का पता लगाने के लिए सबसे आम इमेजिंग परीक्षण है।
- एमआरआई या सीटी स्कैन: ये परीक्षण रीढ़ की हड्डी और आसपास के ऊतकों की अधिक विस्तृत छवियां प्रदान कर सकते हैं, जो ट्यूमर, संक्रमण या अन्य समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
4. अन्य परीक्षण:
- हड्डी घनत्व परीक्षण: यदि ऑस्टियोपोरोसिस एक संभावित कारण है, तो डॉक्टर हड्डी घनत्व परीक्षण का आदेश दे सकते हैं।
- तंत्रिका चालन अध्ययन: यदि तंत्रिका संपीड़न का संदेह है, तो डॉक्टर तंत्रिका चालन अध्ययन का आदेश दे सकते हैं।
कुब्जता के प्रकार के आधार पर निदान प्रक्रिया भिन्न हो सकती है:
- पोस्चरल कुब्जता: यह सबसे आम प्रकार है और आमतौर पर शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा इतिहास के आधार पर निदान किया जाता है।
- शेउरमन रोग: यह किशोरों में होता है और एक्स-रे पर विशिष्ट निष्कर्षों द्वारा निदान किया जाता है।
- जन्मजात कुब्जता: यह जन्म के समय मौजूद होता है और एक्स-रे और अन्य इमेजिंग परीक्षणों द्वारा निदान किया जाता है।
- अपक्षयी कुब्जता: यह उम्र से संबंधित पहनने और आंसू के कारण होता है और एक्स-रे और अन्य इमेजिंग परीक्षणों द्वारा निदान किया जाता है।
यदि आपको कुब्जता के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे एक सटीक निदान कर सकते हैं और उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।
कुब्जता का इलाज क्या है?
कुब्जता (Kyphosis) का इलाज इसके प्रकार, गंभीरता और व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार विकल्प दिए गए हैं:
1. गैर-सर्जिकल उपचार:
- शारीरिक चिकित्सा:
- यह उपचार पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलेपन में सुधार करने में मदद करता है।
- योग और पिलेट्स जैसे व्यायाम विशेष रूप से सहायक हो सकते हैं।
- ब्रेसिंग:
- यह उपचार किशोरों में शेउरमन रोग के लिए अधिक प्रभावी है।
- ब्रेस रीढ़ की हड्डी को सहारा देता है और वक्रता को और बिगड़ने से रोकता है।
- दर्द निवारक दवाएं:
- दर्द और सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं ली जा सकती हैं।
- ऑस्टियोपोरोसिस का उपचार:
- यदि ऑस्टियोपोरोसिस कुब्जता का कारण है, तो डॉक्टर हड्डियों को मजबूत करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
2. सर्जिकल उपचार:
- स्पाइनल फ्यूजन:
- यह प्रक्रिया रीढ़ की हड्डी को सीधा करने और स्थिर करने के लिए की जाती है।
- यह गंभीर कुब्जता या तंत्रिका संपीड़न के मामलों में आवश्यक हो सकता है।
- ओस्टियोटॉमी:
- इस प्रक्रिया में अधिक प्राकृतिक रीढ़ संरेखण प्राप्त करने के लिए हड्डियों को काटना और पुनः संरेखित करना शामिल है।
घरेलू उपचार:
- सही मुद्रा बनाए रखें: बैठते और खड़े होते समय अपनी पीठ को सीधा रखें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें।
- पौष्टिक आहार लें: कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
- पर्याप्त नींद लें: मांसपेशियों को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद लें।
- वजन नियंत्रण: अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है।
महत्वपूर्ण बातें:
- कुब्जता का इलाज एक डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए।
- स्व-उपचार से बचें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
- नियमित जांच और उपचार से कुब्जता के लक्षणों को कम किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
कुब्जता का घरेलू इलाज क्या है?
कुब्जता (Kyphosis) के घरेलू उपचार लक्षणों को कम करने और मुद्रा में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन वे चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं। यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो सहायक हो सकते हैं:
1. सही मुद्रा:
- बैठते या खड़े होते समय अपनी पीठ को सीधा रखें।
- अपने कंधों को पीछे और नीचे रखें।
- नियमित रूप से अपनी मुद्रा की जाँच करें और यदि आवश्यक हो तो सुधार करें।
2. व्यायाम:
- नियमित रूप से व्यायाम करना पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलेपन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
- योग और पिलेट्स जैसे व्यायाम विशेष रूप से सहायक हो सकते हैं।
- ऐसे व्यायामों पर ध्यान दें जो पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जैसे कि बैक एक्सटेंशन, प्लैंक और सुपरमैन एक्सरसाइज।
3. मालिश:
- नियमित मालिश पीठ की मांसपेशियों में तनाव को कम करने और दर्द को दूर करने में मदद कर सकती है।
- एक प्रशिक्षित मालिश चिकित्सक से मालिश करवाएं।
4. गर्म और ठंडा उपचार:
- दर्द और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर गर्म या ठंडा पैक लगाएं।
- गर्म स्नान या शॉवर भी मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है।
5. पौष्टिक आहार:
- कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार हड्डियों को मजबूत रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, पनीर और मछली जैसे खाद्य पदार्थ खाएं।
6. पर्याप्त नींद:
- पर्याप्त नींद लेना मांसपेशियों को आराम देने और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- हर रात 7-8 घंटे की नींद लेने का लक्ष्य रखें।
7. वजन नियंत्रण:
- अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे कुब्जता बढ़ सकती है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
8. सहायक उपकरण:
- यदि आपको गंभीर दर्द है, तो आपका डॉक्टर ब्रेस या अन्य सहायक उपकरण पहनने की सलाह दे सकता है।
- यह उपकरण रीढ़ की हड्डी को सहारा देने और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
ध्यान दें:
- यदि आपको कुब्जता के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- वे एक सटीक निदान कर सकते हैं और उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।
- घरेलू उपचार चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं, लेकिन वे लक्षणों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
कुब्जता में क्या खाएं और क्या न खाएं?
कुब्जता (Kyphosis) में आहार का मुख्य उद्देश्य हड्डियों को मजबूत रखना और सूजन को कम करना है। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिन्हें आपको खाना चाहिए और जिनसे आपको बचना चाहिए:
क्या खाएं:
- कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ:
- दूध, दही, पनीर
- हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक, केल)
- बादाम, तिल
- मछली (जैसे सार्डिन, सामन)
- विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ:
- मछली का तेल
- अंडे की जर्दी
- मशरूम
- विटामिन डी फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ:
- लीन मीट (जैसे चिकन, मछली)
- बीन्स, दालें
- टोफू, टेम्पेह
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ:
- फल और सब्जियां (विशेष रूप से बेरीज, चेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां)
- ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे मछली, अलसी के बीज, चिया के बीज)
- हल्दी, अदरक
- हड्डियों के लिए अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व:
- विटामिन के, मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
क्या न खाएं:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ:
- फास्ट फूड, जंक फूड
- प्रसंस्कृत मांस (जैसे सॉसेज, बेकन)
- मीठे पेय पदार्थ
- अत्यधिक चीनी:
- चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
- अत्यधिक नमक:
- अत्यधिक नमक कैल्शियम के नुकसान को बढ़ा सकता है।
- अत्यधिक कैफीन और अल्कोहल:
- ये पदार्थ हड्डियों के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
अतिरिक्त सुझाव:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- संतुलित आहार लें जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व शामिल हों।
- यदि आपको कोई विशेष आहार संबंधी आवश्यकताएं हैं, तो डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करें।
- हड्डियों को मजबूत रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना भी महत्वपूर्ण है।
कुब्जता के जोखिम को कैसे कम करें?
कुब्जता (Kyphosis) के जोखिम को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
1. सही मुद्रा बनाए रखें:
- बैठते और खड़े होते समय अपनी पीठ को सीधा रखें।
- अपने कंधों को पीछे और नीचे रखें।
- नियमित रूप से अपनी मुद्रा की जांच करें और यदि आवश्यक हो तो सुधार करें।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े होने से बचें।
2. नियमित रूप से व्यायाम करें:
- पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलेपन में सुधार करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
- योग और पिलेट्स जैसे व्यायाम विशेष रूप से सहायक हो सकते हैं।
- ऐसे व्यायामों पर ध्यान दें जो पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जैसे कि बैक एक्सटेंशन, प्लैंक और सुपरमैन एक्सरसाइज।
3. स्वस्थ वजन बनाए रखें:
- अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे कुब्जता बढ़ सकती है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखने से लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
4. कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन करें:
- कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखने और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, दही, पनीर और मछली जैसे खाद्य पदार्थ खाएं।
- यदि आवश्यक हो तो कैल्शियम और विटामिन डी की खुराक लें।
5. धूम्रपान से बचें:
- धूम्रपान हड्डियों को कमजोर कर सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है।
6. भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधानी बरतें:
- भारी वस्तुओं को उठाते समय अपनी पीठ को सीधा रखें और अपनी घुटनों को मोड़ें।
- भारी वस्तुओं को उठाते समय अपनी पीठ को घुमाने से बचें।
7. नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं:
- यदि आपको कुब्जता के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें।
- डॉक्टर एक सटीक निदान कर सकते हैं और उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।
8. बच्चों में कुब्जता के जोखिम को कम करने के लिए:
- बच्चों को सही मुद्रा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चों को भारी स्कूल बैग ले जाने से बचने के लिए कहें।
इन उपायों का पालन करके, आप कुब्जता के जोखिम को कम कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
सारांश
कुब्जता (Kyphosis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी में असामान्य वक्रता आ जाती है, जिससे पीठ का ऊपरी हिस्सा आगे की ओर झुक जाता है। यह स्थिति किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह किशोरों और वृद्ध वयस्कों में अधिक आम है।
कुब्जता के कारण:
- खराब मुद्रा
- शेउरमन रोग
- जन्मजात असामान्यताएं
- ऑस्टियोपोरोसिस
- रीढ़ की हड्डी में चोट या संक्रमण
कुब्जता के लक्षण:
- पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द
- थकान
- सांस लेने में कठिनाई
- रीढ़ की हड्डी में कठोरता
- झुकना
कुब्जता का निदान:
- शारीरिक परीक्षण
- एक्स-रे
- एमआरआई या सीटी स्कैन
- हड्डी घनत्व परीक्षण
कुब्जता का उपचार:
- सही मुद्रा बनाए रखना
- व्यायाम
- मालिश
- गर्म और ठंडा उपचार
- पौष्टिक आहार
- पर्याप्त नींद
- वजन नियंत्रण
- सहायक उपकरण
- दवाएं
- सर्जरी
कुब्जता के जोखिम को कम करने के उपाय:
- सही मुद्रा बनाए रखें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- स्वस्थ वजन बनाए रखें
- कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन करें
- धूम्रपान से बचें
- भारी वस्तुओं को उठाते समय सावधानी बरतें
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं
यदि आपको कुब्जता के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे एक सटीक निदान कर सकते हैं और उचित उपचार योजना विकसित कर सकते हैं।