कुपोषण
कुपोषण क्या है?
कुपोषण तब होता है जब शरीर को भोजन से सही मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। पोषक तत्वों में विटामिन, खनिज और कैलोरी शामिल हैं। कुपोषण तब हो सकता है जब आप पर्याप्त भोजन नहीं खाते हैं, या जब आप ऐसा भोजन खाते हैं जिसमें पर्याप्त पौष्टिक तत्व नहीं होते हैं।
कुपोषण के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सूखा रोग: यह एक प्रकार का कुपोषण है जो प्रोटीन की कमी के कारण होता है। सूखा रोग से पीड़ित बच्चों में मांसपेशियों का कम विकास, सूजन और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
- मरास्मस: यह एक प्रकार का कुपोषण है जो कैलोरी और प्रोटीन दोनों की कमी के कारण होता है। मरास्मस से पीड़ित बच्चों में वजन कम होना, मांसपेशियों का कम विकास और थकान हो सकती है।
- विटामिन की कमी: विटामिन की कमी तब होती है जब आपके शरीर को पर्याप्त विटामिन नहीं मिलते हैं। विटामिन की कमी से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि एनीमिया, रतौंधी और स्कर्वी।
- खनिज की कमी: खनिज की कमी तब होती है जब आपके शरीर को पर्याप्त खनिज नहीं मिलते हैं। खनिज की कमी से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि एनीमिया, ऑस्टियोपोरोसिस और घेंघा।
कुपोषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है। कुपोषण से बचने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक स्वस्थ और संतुलित आहार लें। यदि आपको लगता है कि आपको कुपोषण हो सकता है, तो डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है।
कुपोषण के कारण क्या हैं?
कुपोषण के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- गरीबी: गरीबी कुपोषण का एक प्रमुख कारण है। गरीब लोग अक्सर पौष्टिक भोजन खरीदने में असमर्थ होते हैं।
- अपर्याप्त भोजन: अपर्याप्त भोजन कुपोषण का एक और प्रमुख कारण है। यह तब हो सकता है जब लोगों के पास पर्याप्त भोजन न हो, या जब वे ऐसे भोजन खाते हैं जिनमें पर्याप्त पोषक तत्व न हों।
- बीमारी: कुछ बीमारियाँ, जैसे कि दस्त, उल्टी और संक्रमण, शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल बना सकती हैं।
- सांस्कृतिक कारक: कुछ संस्कृतियाँ कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन को प्रतिबंधित करती हैं, जो कुपोषण का कारण बन सकती हैं।
- शिक्षा की कमी: पोषण के बारे में शिक्षा की कमी लोगों को स्वस्थ आहार विकल्प बनाने से रोक सकती है।
- स्वच्छता की कमी: खराब स्वच्छता से संक्रमण हो सकता है, जो कुपोषण का कारण बन सकता है।
- जल की कमी: पीने योग्य पानी की कमी, खराब स्वच्छता और खतरनाक स्वच्छता प्रथाओं के कारण आम लोग जल जनित बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जो कि कुपोषण के प्रत्यक्ष कारणों में से एक है। 1
- आर्थिक अस्थिरता: आर्थिक अस्थिरता के कारण पौष्टिक और गुणवत्तापूर्ण आहार के संबंध में जागरूकता की कमी हो जाती है जिसके कारण तकरीबन पूरा परिवार कुपोषण का शिकार हो जाता है।
- मानसिक स्वास्थ्य: अवसाद और मानसिक स्वास्थ्य का बढ़ना भी कुपोषण के खतरे को बढ़ा सकता है।
कुपोषण के संकेत और लक्षण क्या हैं?
कुपोषण के संकेत और लक्षण व्यक्ति के उम्र, स्वास्थ्य और कुपोषण के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं:
शारीरिक लक्षण:
- वजन घटना: यह कुपोषण का सबसे आम लक्षण है, खासकर बच्चों में।
- मांसपेशियों में कमजोरी: कुपोषण से मांसपेशियों का क्षय हो सकता है, जिससे कमजोरी और थकान होती है।
- सूजन: कुछ प्रकार के कुपोषण से शरीर में तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे सूजन होती है।
- त्वचा में बदलाव: त्वचा रूखी, पपड़ीदार या रंगहीन हो सकती है।
- बालों का झड़ना या पतला होना: कुपोषण से बालों का विकास धीमा हो सकता है या बाल झड़ सकते हैं।
- घाव भरने में देरी: कुपोषण से शरीर की घाव भरने की क्षमता कम हो सकती है।
- संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि: कुपोषण से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- विकास में रुकावट: बच्चों में कुपोषण से शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो सकता है।
मानसिक और भावनात्मक लक्षण:
- थकान और चिड़चिड़ापन: कुपोषण से ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे थकान और चिड़चिड़ापन होता है।
- एकाग्रता में कमी: कुपोषण से ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।
- अवसाद और चिंता: कुपोषण से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
अन्य लक्षण:
- भूख में कमी: कुछ प्रकार के कुपोषण से भूख कम हो सकती है।
- दस्त या कब्ज: कुपोषण से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- दिल की धड़कन तेज होना: गंभीर कुपोषण से दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को कुपोषण के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
कुपोषण का खतरा किसे अधिक होता है?
कुपोषण किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ समूह दूसरों की तुलना में अधिक जोखिम में हैं। इनमें शामिल हैं:
- बच्चे: बच्चों को विकास और विकास के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कुपोषण बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास में देरी कर सकता है, और उन्हें संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है।
- गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने और अपने बच्चों के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कुपोषण गर्भवती महिलाओं में एनीमिया, प्री-एक्लेमप्सिया और प्रसवोत्तर रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकता है, और उनके बच्चों में जन्म के समय कम वजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
- वृद्ध वयस्क: वृद्ध वयस्कों को मांसपेशियों के नुकसान, हड्डियों के नुकसान और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कुपोषण वृद्ध वयस्कों में कमजोरी, थकान और संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।
- गरीब लोग: गरीब लोग अक्सर पौष्टिक भोजन खरीदने में असमर्थ होते हैं, जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है।
- बीमार लोग: कुछ बीमारियाँ, जैसे कि कैंसर, एचआईवी/एड्स और क्रोहन रोग, शरीर के लिए पोषक तत्वों को अवशोषित करना मुश्किल बना सकती हैं, जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है।
- वे लोग जो प्रतिबंधित आहार खाते हैं: वे लोग जो प्रतिबंधित आहार खाते हैं, जैसे कि शाकाहारी या शाकाहारी, यदि वे अपने आहार की सावधानीपूर्वक योजना नहीं बनाते हैं तो उनमें कुपोषण का खतरा बढ़ सकता है।
- सामाजिक और आर्थिक कारण: आर्थिक असमर्थता, बेरोजगारी, और गरीबी भी कुपोषण के कारण बन सकते हैं, क्योंकि इससे आर्थिक स्थिति में विस्तार और आर्थिक सामर्थ्य में कमी होती है, जिससे खाद्य संसाधनों की उपलब्धता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
यदि आप या आपके किसी जानने वाले को कुपोषण का खतरा है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
कुपोषण से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
कुपोषण कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है, खासकर बच्चों में। यहाँ कुछ सामान्य बीमारियाँ दी गई हैं:
- बच्चों में रुका हुआ विकास: कुपोषित बच्चे वृद्धि और विकास में देरी का अनुभव कर सकते हैं, जिससे विकास अवरुद्ध हो जाता है।
- कमजोरी और थकान: कुपोषण शरीर में ऊर्जा और पोषक तत्वों की कमी के कारण कमजोरी और थकान का कारण बन सकता है।
- एनीमिया: आहार में आयरन या विटामिन बी 12 की कमी से एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान, कमजोरी और त्वचा पीली हो जाती है।
- भंगुर नाखून और बाल: कुपोषण के कारण बाल और नाखून भंगुर हो सकते हैं और आसानी से टूट सकते हैं।
- संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है: कुपोषण से बच्चों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
- हड्डियों का कमजोर होना: कुपोषण के कारण बच्चों की हड्डियाँ कमजोर हो सकती हैं।
- घेंघा रोग: आयोडीन की कमी से घेंघा रोग हो सकता है।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: कुपोषण मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
- हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर: कुपोषित लोगों में हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- दस्त, खसरा, कुकरखांसी, टीबी और निमोनिया: कुपोषित बच्चे इन बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं।
कुपोषण का निदान कैसे करें?
कुपोषण का निदान कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर बच्चे के वजन, ऊंचाई और शरीर के माप की जांच करेंगे।
- वे मांसपेशियों की कमजोरी, बालों का झड़ना और त्वचा में बदलाव जैसे लक्षणों की भी जांच करेंगे।
- रक्त परीक्षण:
- रक्त परीक्षण एनीमिया, विटामिन की कमी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
- आहार मूल्यांकन:
- डॉक्टर बच्चे के खाने की आदतों और पोषक तत्वों के सेवन के बारे में पूछेंगे।
- सामाजिक और आर्थिक मूल्यांकन:
- डॉक्टर यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या बच्चे को पर्याप्त भोजन मिल रहा है और क्या परिवार को भोजन खरीदने में कोई परेशानी हो रही है।
- लक्षणों के आधार पर:
- कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी होने से व्यक्ति को हर समय थकान महसूस होती है।
- वजन का कम होना: कुपोषण के कारण वजन तेजी से घटता है और यह सामान्य से काफी कम हो सकता है।
- त्वचा का रूखापन: शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। 1 1. बालों का झड़ना: पर्याप्त पोषण न मिलने पर बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं।
- बच्चों में विकास रुकना: बच्चों में कुपोषण का सीधा असर उनकी ऊँचाई और वजन पर पड़ता है, जिससे उनका शारीरिक विकास प्रभावित होता है।
यदि आपको लगता है कि आपके बच्चे को कुपोषण हो सकता है, तो डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। जल्दी निदान और उपचार से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार करने और जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है।
कुपोषण का इलाज क्या है?
कुपोषण का इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें कुपोषण का प्रकार और गंभीरता शामिल है। यहां कुछ सामान्य उपचार दिए गए हैं:
- आहार में बदलाव:
- कुपोषण के इलाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाना है।
- इसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए।
- कुछ मामलों में, डॉक्टर विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन या खनिज की खुराक की सिफारिश कर सकते हैं।
- चिकित्सा उपचार:
- गंभीर कुपोषण के मामलों में, अस्पताल में भर्ती होने और चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
- इसमें अंतःशिरा तरल पदार्थ, पोषक तत्व और दवाएं शामिल हो सकती हैं।
- अंतर्निहित स्थितियों का उपचार:
- कुछ मामलों में, कुपोषण एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण होता है।
- इन मामलों में, अंतर्निहित स्थिति का इलाज करना महत्वपूर्ण है।
- पोषण संबंधी परामर्श:
- एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ या पोषण विशेषज्ञ एक व्यक्तिगत भोजन योजना विकसित करने में मदद कर सकता है जो बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करती है।
- पोषण संबंधी परामर्श कुपोषण से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- घरेलू देखभाल:
- हल्के कुपोषण के मामलों का इलाज घर पर किया जा सकता है।
- इसमें बच्चे के आहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि उन्हें पर्याप्त कैलोरी मिल रही है।
- डॉक्टर से परामर्श:
- कुपोषण का उपचार गंभीरता के आधार पर अलग-अलग होता है।
- यह आवश्यक है कि आप अपने डॉक्टर से परामर्श करें ताकि वह आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा उपचार योजना बना सके।
कुपोषण का घरेलू इलाज क्या है?
कुपोषण का घरेलू इलाज कुपोषण के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य घरेलू उपचार दिए गए हैं जिनका उपयोग आप कुपोषण से निपटने के लिए कर सकते हैं:
- आहार में बदलाव:
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा जैसे विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- छोटे, बार-बार भोजन करें: एक बार में बहुत अधिक खाने के बजाय, दिन भर में छोटे, बार-बार भोजन करें।
- पौष्टिक स्नैक्स खाएं: पूरे दिन स्वस्थ स्नैक्स खाएं, जैसे कि फल, दही या नट्स।
- विटामिन और खनिज की खुराक:
- यदि आपके डॉक्टर ने सिफारिश की है, तो विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन या खनिज की खुराक लें।
- घरेलू उपचार:
- दूध और शहद: दूध और शहद का मिश्रण एक पौष्टिक पेय है जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है।
- केला: केला पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है और ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
- अंडे: अंडे प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हैं।
- दालें: दालें प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।
- हरी पत्तेदार सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत हैं।
- नट्स और बीज: नट्स और बीज स्वस्थ वसा, प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।
- घर पर बना ओआरएस घोल: दस्त के कारण होने वाले निर्जलीकरण को रोकने के लिए घर पर बना ओआरएस घोल पिएं।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें:
- खाना बनाने और खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- सुरक्षित और स्वच्छ पानी पिएं।
- भोजन को ठीक से पकाएं और सुरक्षित रूप से स्टोर करें।
- डॉक्टर से परामर्श:
- यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि घरेलू उपचार चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं।
- यदि आपको या आपके बच्चे को कुपोषण के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
कुपोषण में क्या खाएं और क्या न खाएं?
कुपोषण से निपटने के लिए सही आहार बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ बताया गया है कि कुपोषण में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:
क्या खाएं:
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ:
- दालें (जैसे मूंग, चना, मसूर)
- अंडे
- मछली
- लीन मीट
- दूध और दही
- पनीर
- विटामिन और खनिज युक्त खाद्य पदार्थ:
- हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक, मेथी)
- फल (जैसे केला, आम, संतरा)
- गाजर
- शकरकंद
- साबुत अनाज
- ऊर्जा देने वाले खाद्य पदार्थ:
- चावल
- गेहूं
- आलू
- शहद
- स्वस्थ वसा:
- नट्स और बीज
- जैतून का तेल
- दूध और घी का सेवन करें।
क्या न खाएं:
- जंक फूड:
- फास्ट फूड (जैसे बर्गर, पिज्जा)
- तले हुए खाद्य पदार्थ (जैसे फ्रेंच फ्राइज)
- मीठे स्नैक्स (जैसे कैंडी, सोडा)
- प्रोसेस्ड फूड:
- पैकेज्ड जूस
- रिफाइंड अनाज
- अधिक मीठे वाले पदार्थ।
- अधिक चीनी और नमक:
- इनका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- सीमित पोषण वाले खाद्य पदार्थ:
- केवल एक प्रकार का भोजन खाने से बचें, क्योंकि यह संतुलित पोषण प्रदान नहीं करता है।
अतिरिक्त सुझाव:
- छोटे-छोटे, बार-बार भोजन करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- भोजन को अच्छी तरह से चबाकर खाएं।
- बच्चों को स्तनपान कराना बहुत जरुरी होता है।
यदि आपको या आपके बच्चे को कुपोषण के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
कुपोषण के जोखिम को कैसे कम करें?
कुपोषण के जोखिम को कम करने के लिए, आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:
- संतुलित आहार:
- अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- विभिन्न रंगों के फल और सब्जियां खाएं ताकि आपको विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज मिल सकें।
- नियमित भोजन:
- नियमित रूप से भोजन करें और भोजन न छोड़ें।
- दिन में तीन बार भोजन करें और स्वस्थ स्नैक्स खाएं।
- स्वच्छता:
- खाना बनाने और खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
- सुरक्षित और स्वच्छ पानी पिएं।
- भोजन को ठीक से पकाएं और सुरक्षित रूप से स्टोर करें।
- स्तनपान:
- शिशुओं को कम से कम 6 महीने तक केवल स्तनपान कराएं।
- स्तनपान शिशुओं को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है और उन्हें बीमारियों से बचाता है।
- टीकाकरण:
- अपने बच्चों को समय पर टीके लगवाएं।
- टीकाकरण बच्चों को बीमारियों से बचाता है जो कुपोषण का कारण बन सकती हैं।
- स्वास्थ्य जांच:
- नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें और अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं।
- डॉक्टर आपको कुपोषण के जोखिम को कम करने के लिए सलाह दे सकते हैं।
- जागरूकता:
- कुपोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और लोगों को स्वस्थ खाने की आदतों के बारे में शिक्षित करें।
- सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे कुपोषण विरोधी कार्यक्रमों में भाग लें।
इन उपायों का पालन करके, आप कुपोषण के जोखिम को कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
सारांश
कुपोषण तब होता है जब शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। यह बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों सहित सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। कुपोषण के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गरीबी, खराब आहार, बीमारी और कुछ चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं।
कुपोषण के लक्षण:
- वजन घटना
- थकान
- कमजोरी
- भूख न लगना
- मांसपेशियों का नुकसान
- सूजन
- त्वचा में परिवर्तन
- बालों का झड़ना
- संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है
कुपोषण के प्रकार:
- अल्पपोषण: यह तब होता है जब शरीर को पर्याप्त कैलोरी, प्रोटीन या अन्य पोषक तत्व नहीं मिलते हैं।
- अतिपोषण: यह तब होता है जब शरीर को बहुत अधिक कैलोरी, वसा या अन्य पोषक तत्व मिलते हैं।
कुपोषण का निदान:
- शारीरिक परीक्षण
- रक्त परीक्षण
- आहार मूल्यांकन
कुपोषण का इलाज:
- आहार में बदलाव
- विटामिन और खनिज की खुराक
- चिकित्सा उपचार
कुपोषण की रोकथाम:
- संतुलित आहार खाएं
- नियमित रूप से भोजन करें
- स्वच्छता का ध्यान रखें
- स्तनपान कराएं
- टीकाकरण कराएं
- नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं
कुपोषण के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- कुपोषण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो मृत्यु का कारण बन सकती है।
- कुपोषण का इलाज किया जा सकता है।
- कुपोषण को रोका जा सकता है।
यदि आपको या आपके बच्चे को कुपोषण के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।