वैरिकोज़ नसें
वैरिकोज़ नसें क्या है?
वैरिकोज़ नसें (Varicose veins) सूजी हुई, मुड़ी हुई नसें होती हैं जो त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। ये आमतौर पर पैरों और टखनों में होती हैं।
वैरिकोज़ नसों के लक्षण:
- नसें जो मुड़ी हुई, उभरी हुई और नीली या बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं।
- पैरों में भारीपन या दर्द होना।
- टखनों में सूजन।
- पैरों में खुजली या जलन होना।
- त्वचा का रंग बदलना।
वैरिकोज़ नसों के कारण:
- नस वाल्व की कमजोरी: नसें वाल्व से लैस होती हैं जो रक्त को हृदय की ओर वापस जाने में मदद करती हैं। जब ये वाल्व कमजोर हो जाते हैं, तो रक्त वापस बह सकता है और नसों में जमा हो सकता है, जिससे वे सूज जाती हैं।
- आनुवंशिकी: यदि आपके परिवार में किसी को वैरिकाज़ नसें हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
- उम्र: उम्र के साथ नसें कमजोर हो जाती हैं।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़े हुए गर्भाशय नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डाल सकता है।
- लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना: ये गतिविधियाँ नसों में रक्त के प्रवाह को धीमा कर सकती हैं।
- महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।
वैरिकोज़ नसों का इलाज:
- जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें।
- अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
- संपीड़न मोज़े पहनें।
- चिकित्सा प्रक्रियाएं:
- स्क्लेरोथेरेपी: प्रभावित नसों में एक घोल इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वे बंद हो जाते हैं।
- लेजर उपचार: लेजर ऊर्जा का उपयोग प्रभावित नसों को बंद करने के लिए किया जाता है।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में, प्रभावित नसों को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
यदि आपको वैरिकाज़ नसों के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
वैरिकोज़ नसों के कारण क्या है?
वैरिकोज़ नसें होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- नस वाल्व की कमजोरी:
- नसें वाल्व से लैस होती हैं जो रक्त को हृदय की ओर वापस जाने में मदद करती हैं। जब ये वाल्व कमजोर हो जाते हैं, तो रक्त वापस बह सकता है और नसों में जमा हो सकता है, जिससे वे सूज जाती हैं।
- आनुवंशिकी:
- यदि आपके परिवार में किसी को वैरिकाज़ नसें हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
- उम्र:
- उम्र के साथ नसें कमजोर हो जाती हैं।
- गर्भावस्था:
- गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़े हुए गर्भाशय नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- मोटापा:
- अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डाल सकता है।
- लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना:
- ये गतिविधियाँ नसों में रक्त के प्रवाह को धीमा कर सकती हैं।
- महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- हार्मोनल परिवर्तन:
- गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के दौरान हार्मोनल परिवर्तन वैरिकाज़ नसों का कारण बन सकते हैं।
- जीवनशैली कारक:
- तंग कपड़े पहनने और धूम्रपान जैसी आदतें भी वैरिकाज़ नसों के विकास में योगदान कर सकती हैं।
- चिकित्सा स्थितियाँ:
- कुछ चिकित्सा स्थितियाँ, जैसे कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT), वैरिकाज़ नसों के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
वैरिकोज़ नसों के संकेत और लक्षण क्या हैं?
वैरिकोज़ नसें (Varicose veins) सूजी हुई, मुड़ी हुई नसें होती हैं जो त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। ये आमतौर पर पैरों और टखनों में होती हैं। इसके कुछ संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:
- दृश्यमान नसें:
- मुड़ी हुई, उभरी हुई नसें जो त्वचा के नीचे दिखाई देती हैं, आमतौर पर गहरे नीले या बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं।
- पैरों में भारीपन या दर्द होना:
- पैरों में दर्द या धड़कन जैसी अनुभूति होना, विशेष रूप से लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने के बाद।
- टखनों में सूजन:
- प्रभावित पैर में सूजन हो सकती है, विशेष रूप से टखनों और पिंडली के निचले हिस्से में।
- पैरों में खुजली या जलन होना:
- कुछ लोगों को प्रभावित नसों के आसपास खुजली या त्वचा में जलन का अनुभव हो सकता है।
- त्वचा का रंग बदलना:
- नसों के पास त्वचा का रंग खराब होना।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- वैरिकाज़ नसों के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।
- कुछ लोगों को दर्द का अनुभव नहीं हो सकता है, जबकि दूसरों को दर्द, सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है।
- शुरुआती पहचान जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकती है।
वैरिकोज़ नसों का खतरा किसे अधिक है?
वैरिकोज़ नसें किसी को भी हो सकती हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। यहाँ कुछ जोखिम कारक दिए गए हैं:
- उम्र: जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनकी नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- लिंग: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में वैरिकाज़ नसों का खतरा अधिक होता है। गर्भावस्था, हार्मोनल परिवर्तन, और हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसे कारक महिलाओं में जोखिम को बढ़ाते हैं।
- आनुवंशिकी: यदि आपके परिवार में किसी को वैरिकाज़ नसें हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डालता है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान, बढ़ते गर्भाशय नसों पर दबाव डालता है, और हार्मोनल परिवर्तन भी नसों को कमजोर कर सकते हैं।
- लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना: यदि आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहते हैं, तो रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- जीवनशैली कारक: तंग कपड़े पहनने और धूम्रपान जैसी आदतें भी वैरिकाज़ नसों के विकास में योगदान कर सकती हैं।
- चिकित्सा स्थितियाँ: कुछ चिकित्सा स्थितियाँ, जैसे कि डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT), वैरिकाज़ नसों के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
यदि आपके पास इनमें से कोई भी जोखिम कारक है, तो आप वैरिकाज़ नसों के विकास के बारे में अधिक जानने के लिए डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
वैरिकोज़ नसों से कौन सी बीमारियाँ जुड़ी हैं?
वैरिकोज़ नसें (Varicose veins) केवल एक कॉस्मेटिक समस्या नहीं हैं, बल्कि ये कुछ गंभीर बीमारियों से भी जुड़ी हो सकती हैं। यहाँ कुछ बीमारियाँ दी गई हैं:
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT):
- वैरिकोज़ नसें रक्त के थक्कों के निर्माण के खतरे को बढ़ा सकती हैं, विशेष रूप से डीप वेन थ्रोम्बोसिस। DVT तब होता है जब पैरों की गहरी नसों में रक्त का थक्का बनता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो फेफड़ों में रक्त के थक्के (पल्मोनरी एम्बोलिज्म) का कारण बन सकती है।
- अल्सर:
- वैरिकोज़ नसें पैरों में अल्सर या घाव का कारण बन सकती हैं। यह खराब रक्त परिसंचरण के कारण होता है, जो त्वचा को कमजोर कर देता है और इसे चोट लगने के लिए अधिक संवेदनशील बना देता है।
- रक्तस्राव:
- कुछ मामलों में, वैरिकाज़ नसें फट सकती हैं, जिससे रक्तस्राव हो सकता है। यह विशेष रूप से उन नसों में होने की संभावना होती है जो त्वचा की सतह के करीब होती हैं।
- क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी (CVI):
- यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसें रक्त को हृदय में वापस पंप करने में असमर्थ होती हैं। CVI वैरिकाज़ नसों के कारण हो सकता है, और यह पैरों में दर्द, सूजन और त्वचा के परिवर्तन का कारण बन सकता है।
- त्वचा में परिवर्तन:
- वैरिकोज वेंस के कारण त्वचा के रंग में बदलाव, जैसे कि भूरा या लाल होना, और त्वचा का मोटा होना हो सकता है।
वैरिकोज़ नसों का निदान कैसे करें?
वैरिकोज़ नसों का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपके पैरों की जांच करेंगे जब आप खड़े होंगे या बैठे होंगे, और वे आपकी नसों को देखेंगे और महसूस करेंगे।
- वे आपके लक्षणों के बारे में भी पूछेंगे, जैसे कि दर्द, सूजन, या खुजली।
- अल्ट्रासाउंड:
- यह एक गैर-आक्रामक परीक्षण है जो ध्वनि तरंगों का उपयोग करके नसों की तस्वीरें बनाता है।
- यह डॉक्टर को यह देखने में मदद करता है कि नसों में रक्त प्रवाह कैसा है और क्या कोई रक्त के थक्के हैं।
- वेनोग्राम:
- यह एक एक्स-रे परीक्षण है जिसमें नसों में एक डाई इंजेक्ट की जाती है।
- यह डॉक्टर को नसों की संरचना और कार्य को देखने में मदद करता है।
- डुप्लेक्स अल्ट्रासाउंड:
- यह परीक्षण नसों में रक्त के प्रवाह की जांच करने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह निर्धारित करने में मदद करता है कि नसों में रक्त के थक्के और आपके वाल्व कैसे काम कर रहे हैं।
यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- वैरिकोज़ नसों का निदान आमतौर पर एक शारीरिक परीक्षण और अल्ट्रासाउंड के साथ किया जा सकता है।
- वेनोग्राम और अन्य परीक्षणों की आवश्यकता केवल दुर्लभ मामलों में होती है।
वैरिकोज़ नसों का इलाज क्या है?
वैरिकोज़ नसें (Varicose veins) सूजी हुई और मुड़ी हुई नसें होती हैं जो त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। ये आमतौर पर पैरों और टखनों में होती हैं।
वैरिकोज़ नसों के कारण:
- नस वाल्व की कमजोरी: नसें वाल्व से लैस होती हैं जो रक्त को हृदय की ओर वापस जाने में मदद करती हैं। जब ये वाल्व कमजोर हो जाते हैं, तो रक्त वापस बह सकता है और नसों में जमा हो सकता है, जिससे वे सूज जाती हैं।
- आनुवंशिकी: यदि आपके परिवार में किसी को वैरिकाज़ नसें हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
- उम्र: उम्र के साथ नसें कमजोर हो जाती हैं।
- गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और बढ़े हुए गर्भाशय नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डाल सकता है।
- लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना: ये गतिविधियाँ नसों में रक्त के प्रवाह को धीमा कर सकती हैं।
- महिलाओं में यह समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।
वैरिकोज़ नसों के लक्षण:
- नसें जो मुड़ी हुई, उभरी हुई और नीली या बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं।
- पैरों में भारीपन या दर्द होना।
- टखनों में सूजन।
- पैरों में खुजली या जलन होना।
- त्वचा का रंग बदलना।
वैरिकोज़ नसों का इलाज:
- जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें।
- अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
- संपीड़न मोज़े पहनें।
- चिकित्सा प्रक्रियाएं:
- स्क्लेरोथेरेपी: प्रभावित नसों में एक घोल इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वे बंद हो जाते हैं।
- लेजर उपचार: लेजर ऊर्जा का उपयोग प्रभावित नसों को बंद करने के लिए किया जाता है।
- सर्जरी: गंभीर मामलों में, प्रभावित नसों को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
वैरिकोज़ नसों से जुड़ी बीमारियाँ:
- डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT): वैरिकाज़ नसें रक्त के थक्कों के निर्माण के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
- अल्सर: वैरिकाज़ नसें पैरों में अल्सर या घाव का कारण बन सकती हैं।
- रक्तस्राव: कुछ मामलों में, वैरिकाज़ नसें फट सकती हैं, जिससे रक्तस्राव हो सकता है।
- क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी (CVI): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों की नसें रक्त को हृदय में वापस पंप करने में असमर्थ होती हैं।
वैरिकोज़ नसों का घरेलू इलाज क्या है?
वैरिकोज़ नसों के लिए कुछ घरेलू उपचार इस प्रकार हैं:
- जीवनशैली में बदलाव:
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करने और वैरिकाज़ नसों के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। चलने, साइकिल चलाने या तैरने जैसे कम प्रभाव वाले व्यायामों का प्रयास करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डालता है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- लंबे समय तक खड़े रहने या बैठे रहने से बचें: यदि आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहते हैं, तो रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- अपने पैरों को ऊपर उठाएं: दिन में कई बार अपने पैरों को हृदय के स्तर से ऊपर उठाने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और सूजन कम होती है।
- संपीड़न मोज़े पहनें: संपीड़न मोज़े नसों पर दबाव डालते हैं, जिससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और सूजन कम होती है।
- आहार:
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं: फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है, जो नसों पर दबाव डाल सकता है।
- पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ खाएं: पोटेशियम जल प्रतिधारण को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
- फ्लेवोनोइड्स युक्त खाद्य पदार्थ खाएं: फ्लेवोनोइड्स रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने में मदद करते हैं।
- अन्य घरेलू उपचार:
- मालिश: हल्की मालिश रक्त परिसंचरण में सुधार करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
- सेब का सिरका: सेब के सिरके को पानी में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र पर लगाने से सूजन और दर्द कम हो सकता है।
- विच हेज़ल: विच हेज़ल में सूजन-रोधी गुण होते हैं जो वैरिकाज़ नसों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- लहसुन: लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो वैरिकाज़ नसों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- अदरक: अदरक परिसंचरण को बढ़ाता और नसों में रक्त के जमाव को रोकता है। इस प्रकार, अदरक सूजन वाली नसों में रक्त के थक्के बनने की संभावना को कम करता है।
- ब्राह्मी: ब्राह्मी नसों की टोनिंग के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिसके कारण नसों में दर्द, जलन और सूजन से राहत मिलती है।
- तेल मालिश:
- जैतून का तेल
- सरसों का तेल
- नारियल का तेल
- बादाम का तेल
वैरिकोज़ नसों में क्या खाएं और क्या न खाएं?
वैरिकोज़ नसों के लिए स्वस्थ आहार महत्वपूर्ण है। यहां कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिन्हें आपको खाना चाहिए और जिनसे आपको बचना चाहिए:
क्या खाएं:
- फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: फाइबर कब्ज को रोकने में मदद करता है, जो नसों पर दबाव डाल सकता है। साबुत अनाज, फल, सब्जियां और फलियां खाएं।
- पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ: पोटेशियम जल प्रतिधारण को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करता है। केले, शकरकंद और पालक खाएं।
- फ्लेवोनोइड्स युक्त खाद्य पदार्थ: फ्लेवोनोइड्स रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने में मदद करते हैं। जामुन, खट्टे फल और प्याज खाएं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ: ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करते हैं। मछली, अलसी और चिया बीज खाएं।
- एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ: एंटीऑक्सीडेंट रक्त वाहिकाओं को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। जामुन, पत्तेदार हरी सब्जियां और डार्क चॉकलेट खाएं।
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ: विटामिन सी कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है, जो रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। खट्टे फल, स्ट्रॉबेरी और शिमला मिर्च खाएं।
- विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ: विटामिन ई रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है। बादाम, सूरजमुखी के बीज और पालक खाएं।
- पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और सूजन कम होती है।
क्या न खाएं:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में नमक और चीनी की मात्रा अधिक होती है, जो सूजन को बढ़ा सकती है।
- नमकीन खाद्य पदार्थ: नमक जल प्रतिधारण को बढ़ाता है और सूजन को बढ़ाता है।
- चीनी युक्त खाद्य पदार्थ: चीनी सूजन को बढ़ा सकती है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।
- अस्वास्थ्यकर वसा: अस्वास्थ्यकर वसा रक्त परिसंचरण को खराब कर सकती है और सूजन को बढ़ा सकती है।
- शराब: शराब रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर सकती है और सूजन को बढ़ा सकती है।
- कैफीन: कैफीन रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर सकता है और रक्त परिसंचरण को खराब कर सकता है।
- धूम्रपान: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्त परिसंचरण को खराब करता है।
अतिरिक्त सुझाव:
- अपने डॉक्टर से सलाह लें कि आपके लिए कौन सा आहार सबसे अच्छा है।
- धीरे-धीरे अपने आहार में बदलाव करें ताकि आपका शरीर समायोजित हो सके।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
- संपीड़न मोज़े पहनें।
वैरिकोज़ नसों के जोखिम कैसे कम करें?
वैरिकोज़ नसों के विकास के जोखिम को कम करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन नसों पर दबाव डालता है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो वैरिकाज़ नसों को रोकने में मदद कर सकता है। चलने, तैरने या साइकिल चलाने जैसे कम प्रभाव वाले व्यायामों को आज़माएँ।
- लंबे समय तक खड़े रहने या बैठने से बचें: यदि आपको लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहना है, तो हर 30 मिनट में ब्रेक लें और घूमें।
- अपने पैरों को ऊपर उठाएं: दिन में कई बार अपने पैरों को हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं। यह रक्त परिसंचरण में सुधार करने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
- संपीड़न मोज़े पहनें: संपीड़न मोज़े नसों पर दबाव डालते हैं, जिससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और सूजन कम होती है।
- तंग कपड़े पहनने से बचें: तंग कपड़े रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकते हैं, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
- स्वस्थ आहार लें: फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार खाएं। ये पोषक तत्व रक्त वाहिकाओं को मजबूत करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करते हैं।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और वैरिकाज़ नसों के खतरे को बढ़ाता है।
- अपने पैरों को सूरज की क्षति से बचाएं: सूरज की क्षति त्वचा को कमजोर कर सकती है, जिससे वैरिकाज़ नसों का खतरा बढ़ जाता है।
सारांश
वैरिकोज़ नसें सूजी हुई और मुड़ी हुई नसें होती हैं जो त्वचा की सतह के ठीक नीचे दिखाई देती हैं। ये आमतौर पर पैरों और टखनों में होती हैं। कमजोर नस वाल्व, आनुवंशिकी, उम्र, गर्भावस्था, मोटापा और लंबे समय तक खड़े रहना या बैठे रहना इसके मुख्य कारण हैं। इसके लक्षणों में मुड़ी हुई नसें, पैरों में भारीपन, सूजन और खुजली शामिल हैं। जीवनशैली में बदलाव, स्क्लेरोथेरेपी, लेजर उपचार और सर्जरी इसके इलाज के तरीके हैं।
डीप वेन थ्रोम्बोसिस, अल्सर, रक्तस्राव और क्रोनिक वेनस इनसफिशिएंसी जैसी बीमारियों का खतरा इससे जुड़ा होता है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन, लंबे समय तक खड़े रहने से बचना, पैरों को ऊपर उठाना और संपीड़न मोज़े पहनना इसके घरेलू इलाज हैं। फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार खाना चाहिए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।