सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी क्या हैं?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (Cervical Radiculopathy), जिसे आमतौर पर गर्दन में नस दबना (pinched nerve in the neck) भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जो तब होती है जब गर्दन (सर्वाइकल स्पाइन) में एक नस की जड़ दब जाती है या उसमें जलन होती है।
यहाँ इस स्थिति के बारे में कुछ मुख्य बातें दी गई हैं:
कारण:
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का मुख्य कारण गर्दन में नसों की जड़ों पर दबाव पड़ना या उनमें जलन होना है। इसके कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc): यह युवा लोगों में सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक आम कारण है। जब इंटरवर्टेब्रल डिस्क (vertebrae के बीच कुशन) फट जाती है या बाहर निकल जाती है, तो यह पास की नसों की जड़ों पर दबाव डाल सकती है।
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (Cervical Spondylosis) या डीजेनेरेटिव बदलाव (Degenerative Changes): उम्र बढ़ने के साथ, गर्दन की रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट हो सकती है। इससे हड्डी के उभार (बोन स्पर्स या ऑस्टियोफाइट्स) बन सकते हैं जो नसों की जड़ों को संकुचित कर सकते हैं। यह मध्य आयु और वृद्ध लोगों में सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक आम कारण है।
- फोरामिनल स्टेनोसिस (Foraminal Stenosis): यह वह स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी में नसों के निकलने के रास्ते (फोरामिना) संकीर्ण हो जाते हैं, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है। यह हड्डी के उभार या डिस्क के अध:पतन के कारण हो सकता है।
- अन्य कम सामान्य कारण: ट्यूमर, संक्रमण या गर्दन में चोटें भी सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का कारण बन सकती हैं।
लक्षण:
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के लक्षण प्रभावित नस की जड़ पर निर्भर करते हैं, लेकिन आमतौर पर ये गर्दन से शुरू होकर कंधे, बांह और हाथ तक फैलते हैं। कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- दर्द: यह तेज, शूटिंग, बिजली के झटके जैसा या सुस्त दर्द हो सकता है जो गर्दन से बांह और हाथ तक फैलता है। कुछ खास गतिविधियों या गर्दन की स्थिति से दर्द बढ़ सकता है।
- सुन्नता (Numbness): प्रभावित नस द्वारा आपूर्ति किए गए क्षेत्र में सुन्नता महसूस हो सकती है।
- झुनझुनी (Tingling): “पिन और सुई” जैसी सनसनी बांह और हाथ में हो सकती है।
- मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness): प्रभावित नस से जुड़ी मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है, जिससे हाथ या हाथ को उठाने या पकड़ने में कठिनाई हो सकती है।
- कमजोर रिफ्लेक्स (Weakened Reflexes): कुछ रिफ्लेक्स कम या अनुपस्थित हो सकते हैं।
- गर्दन में दर्द: हालांकि हमेशा मौजूद नहीं होता है, गर्दन में दर्द भी हो सकता है।
- सिरदर्द: कुछ मामलों में, खासकर गर्दन के ऊपरी हिस्से में नस दबने पर सिरदर्द हो सकता है।
निदान:
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का निदान आमतौर पर निम्नलिखित के संयोजन से किया जाता है:
- चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा: डॉक्टर आपके लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के दौरान गर्दन की गति, रिफ्लेक्स, मांसपेशियों की ताकत और संवेदी परीक्षणों का आकलन करेंगे। स्परलिंग टेस्ट (Spurling’s test) जैसे कुछ विशेष परीक्षण किए जा सकते हैं ताकि लक्षणों को बढ़ाया जा सके और निदान में मदद मिल सके।
- इमेजिंग परीक्षण:
- एक्स-रे (X-ray): हड्डी की संरचनाओं को दिखा सकता है और हड्डी के उभार या रीढ़ की हड्डी में अन्य बदलावों का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- एमआरआई (MRI): यह नरम ऊतकों (जैसे डिस्क, नसें) की विस्तृत छवियां प्रदान करता है और हर्नियेटेड डिस्क या नसों पर दबाव को स्पष्ट रूप से दिखा सकता है। यह सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के निदान के लिए सबसे उपयोगी इमेजिंग परीक्षण है।
- सीटी स्कैन (CT Scan): हड्डी की संरचनाओं की विस्तृत छवियां प्रदान करता है और कभी-कभी हड्डी के उभारों को बेहतर ढंग से देखने के लिए उपयोग किया जाता है।
- इलेक्ट्रोडायग्नोस्टिक परीक्षण (Electrodiagnostic Tests):
- इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG): मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि को मापता है और तंत्रिका संपीड़न या क्षति का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- नर्व कंडक्शन स्टडीज (NCS): नसों के माध्यम से विद्युत संकेतों की गति को मापता है और तंत्रिका कार्य का आकलन कर सकता है।
उपचार:
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का उपचार आमतौर पर गैर-सर्जिकल तरीकों से शुरू होता है, और अधिकांश लोगों में समय के साथ सुधार होता है। उपचार के विकल्पों में शामिल हैं:
- गैर-सर्जिकल उपचार:
- आराम और गतिविधि संशोधन: उन गतिविधियों से बचना जो लक्षणों को बढ़ाते हैं।
- भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy): गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने और उचित मुद्रा सिखाने के लिए व्यायाम। इसमें कर्षण (traction) भी शामिल हो सकता है।
- दवाएं:
- गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) दर्द और सूजन को कम करने के लिए।
- मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं (Muscle relaxants) मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए।
- ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Oral corticosteroids) गंभीर सूजन को कम करने के लिए (अल्पकालिक उपयोग के लिए)।
- न्यूरोपैथिक दर्द की दवाएं (जैसे गैबापेंटिन, प्रीगैबलिन) तंत्रिका दर्द को प्रबंधित करने के लिए।
- बर्फ और गर्मी: दर्द और सूजन को कम करने के लिए बारी-बारी से लगाया जा सकता है।
- सर्वाइकल एपिड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन (Cervical Epidural Steroid Injections): सूजन को कम करने और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए रीढ़ की हड्डी के आसपास के स्थान में स्टेरॉयड इंजेक्ट किए जाते हैं। यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है, लेकिन अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकता है।
- मैनुअल थेरेपी (Manual Therapy): कायरोप्रैक्टिक या ऑर्थोपेडिक मैनुअल थेरेपी गतिशीलता में सुधार और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
- सर्वाइकल कॉलर (Cervical Collar): गर्दन को सहारा देने और गति को सीमित करने के लिए अल्पकालिक उपयोग किया जा सकता है।
- सर्जिकल उपचार: सर्जरी आमतौर पर तभी आवश्यक होती है जब गैर-सर्जिकल उपचार विफल हो जाते हैं, लगातार गंभीर दर्द होता है, या मांसपेशियों में कमजोरी या अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण बिगड़ते रहते हैं। कुछ सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं में शामिल हैं:
- एंटीरियर सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी और फ्यूजन (ACDF): क्षतिग्रस्त डिस्क को हटा दिया जाता है और आसन्न कशेरुकाओं को एक साथ जोड़ा (फ्यूज) कर दिया जाता है।
- सर्वाइकल आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमेंट (ADR): क्षतिग्रस्त डिस्क को हटाकर कृत्रिम डिस्क से बदल दिया जाता है, जिसका लक्ष्य गर्दन की गतिशीलता को बनाए रखना है।
- पोस्टीरियर सर्वाइकल लैमिनोफोरामिनोटॉमी (Posterior Cervical Laminoforaminotomy): रीढ़ की हड्डी के पीछे एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और हड्डी या अन्य ऊतक को हटा दिया जाता है जो नस की जड़ पर दबाव डाल रहा है।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के कारण क्या हैं?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) तब होती है जब गर्दन (सर्वाइकल स्पाइन) में एक नस की जड़ दब जाती है या उसमें जलन होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc): इंटरवर्टेब्रल डिस्क का बाहरी हिस्सा फट जाने या कमजोर हो जाने पर अंदर का नरम जेल जैसा पदार्थ बाहर निकल आता है और पास की नसों की जड़ों पर दबाव डाल सकता है। यह युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोगों में सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक आम कारण है।
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (Cervical Spondylosis): उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट होती है। इंटरवर्टेब्रल डिस्क सूख जाते हैं और पतले हो जाते हैं, और कशेरुकाओं के बीच की जगह कम हो जाती है। इसके प्रतिक्रिया स्वरूप, शरीर हड्डी के उभार (बोन स्पर्स या ऑस्टियोफाइट्स) बना सकता है जो नसों की जड़ों को संकुचित कर सकते हैं। यह मध्य आयु और वृद्ध लोगों में सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक प्रमुख कारण है।
- फोरामिनल स्टेनोसिस (Foraminal Stenosis): रीढ़ की हड्डी में नसों के निकलने के रास्ते (फोरामिना) संकीर्ण हो जाते हैं। यह हड्डी के उभार, डिस्क का अध:पतन, या अन्य कारकों के कारण हो सकता है, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है।
- अन्य कम सामान्य कारण:
- गर्दन में चोट: दुर्घटना या अन्य आघात से नसें दब सकती हैं।
- ट्यूमर: रीढ़ की हड्डी या आसपास के ऊतकों में ट्यूमर नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- संक्रमण: रीढ़ की हड्डी या आसपास के ऊतकों में संक्रमण सूजन पैदा कर सकता है और नसों पर दबाव डाल सकता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: गर्दन के जोड़ों में घिसाव और आंसू नसों के मार्ग को संकीर्ण कर सकते हैं।
- रीढ़ की हड्डी की अन्य स्थितियां: कुछ जन्मजात या विकासात्मक स्थितियां सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के संकेत और लक्षण क्या हैं?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी, जिसे आमतौर पर गर्दन में पिन की हुई नस के रूप में जाना जाता है, तब होती है जब गर्दन में एक तंत्रिका जड़ संकुचित या चिढ़ जाती है। इससे गर्दन से कंधे, बांह और हाथ तक फैलने वाले कई संकेत और लक्षण हो सकते हैं। ये लक्षण प्रभावित तंत्रिका जड़ पर निर्भर करते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत और लक्षण शामिल हैं:
- दर्द: यह अक्सर मुख्य लक्षण होता है। दर्द गर्दन में शुरू हो सकता है और फिर कंधे, बांह, अग्रभाग और उंगलियों तक फैल सकता है। दर्द तेज, शूटिंग, बिजली के झटके जैसा या सुस्त महसूस हो सकता है। कुछ गतिविधियों या स्थितियों (जैसे गर्दन को मोड़ना या हिलाना) से दर्द बढ़ सकता है।
- सुन्नता या झुनझुनी: प्रभावित तंत्रिका जड़ द्वारा आपूर्ति किए गए क्षेत्र में सुन्नता या झुनझुनी (“पिन और सुई”) महसूस हो सकती है। यह आमतौर पर बांह और उंगलियों में होता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी: कुछ मांसपेशियां कमजोर महसूस हो सकती हैं, खासकर बांह या हाथ में। इससे वस्तुओं को पकड़ने या उठाने में कठिनाई हो सकती है।
- प्रतिवर्तों में परिवर्तन: कुछ प्रतिवर्त (रिफ्लेक्स), जैसे कि बाइसेप्स या ट्राइसेप्स रिफ्लेक्स, कम या अनुपस्थित हो सकते हैं।
- गर्दन में दर्द: हालांकि मुख्य दर्द बांह में होता है, गर्दन में भी दर्द या अकड़न महसूस हो सकती है।
- सिरदर्द: कुछ मामलों में, खासकर ऊपरी सर्वाइकल नसों के प्रभावित होने पर, सिरदर्द हो सकता है।
- कुछ गतिविधियों से लक्षणों का बढ़ना: खांसने, छींकने या ज़ोर लगाने जैसी गतिविधियाँ बांह के दर्द को बढ़ा सकती हैं।
- रातों में दर्द: कुछ लोगों को रात में दर्द बढ़ जाता है, जिससे नींद में खलल पड़ सकता है।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का खतरा किसे अधिक होता है?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- आयु: सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, जो उम्र से संबंधित पहनने और आंसू है, सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक आम कारण है, खासकर 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में। हर्नियेटेड डिस्क युवा लोगों में अधिक आम है।
- व्यवसाय: ऐसे काम जिनमें भारी शारीरिक श्रम, बार-बार गर्दन की हरकतें, अजीबोगरीब मुद्राएं या कंपन करने वाले उपकरणों का संचालन शामिल है, गर्दन पर अधिक दबाव डाल सकते हैं और जोखिम बढ़ा सकते हैं।
- धूम्रपान: धूम्रपान इंटरवर्टेब्रल डिस्क में रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है और उनके अध:पतन को तेज कर सकता है।
- पिछला आघात: गर्दन में पिछली चोटें, जैसे कि खेलकूद की चोटें या मोटर वाहन दुर्घटनाएं, सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- आनुवंशिक कारक: कुछ लोगों में आनुवंशिक प्रवृत्ति हो सकती है जो उन्हें सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और हर्नियेटेड डिस्क के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा बनाए रखने से गर्दन की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ सकता है।
- शारीरिक फिटनेस की कमी: कमजोर गर्दन और पीठ की मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी को पर्याप्त सहारा नहीं दे पाती हैं, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- पिछली काठ का रेडिकुलोपैथी: जिन लोगों को पहले काठ का (कमर) रेडिकुलोपैथी हुआ है, उनमें सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) सीधे तौर पर कोई संक्रामक बीमारी नहीं है, लेकिन यह कई अन्य स्थितियों से जुड़ी हो सकती है जो इसके विकास में योगदान कर सकती हैं या इसके लक्षणों कोmimic कर सकती हैं। यहाँ कुछ संबंधित बीमारियाँ और स्थितियाँ दी गई हैं:
रीढ़ की हड्डी और डिस्क से संबंधित बीमारियाँ:
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस (Cervical Spondylosis): यह गर्दन की रीढ़ की हड्डी में उम्र से संबंधित पहनने और आंसू है, जो हड्डी के उभार (बोन स्पर्स) और डिस्क के अध:पतन का कारण बन सकता है, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है। यह सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक प्रमुख कारण है।
- हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc): जब इंटरवर्टेब्रल डिस्क का नरम आंतरिक भाग बाहरी आवरण के माध्यम से बाहर निकल जाता है, तो यह पास की नसों की जड़ों पर दबाव डाल सकता है, जिससे सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी हो सकती है।
- डीजेनेरेटिव डिस्क डिजीज (Degenerative Disc Disease): डिस्क का टूटना और पतला होना नसों के निकलने के रास्तों को संकीर्ण कर सकता है।
- फोरामिनल स्टेनोसिस (Foraminal Stenosis): रीढ़ की हड्डी में नसों के निकलने के रास्ते (फोरामिना) का संकुचित होना, अक्सर हड्डी के उभार या डिस्क के अध:पतन के कारण होता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): गर्दन के जोड़ों में घिसाव और आंसू नसों के मार्ग को संकीर्ण कर सकते हैं।
अन्य चिकित्सा स्थितियाँ:
- ट्यूमर: रीढ़ की हड्डी या आसपास के ऊतकों में ट्यूमर नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- संक्रमण: रीढ़ की हड्डी या आसपास के ऊतकों में संक्रमण सूजन पैदा कर सकता है और नसों पर दबाव डाल सकता है।
- आघात या चोट: गर्दन में अचानक झटका या चोट नसों को नुकसान पहुंचा सकती है या आसपास के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकती है।
- रीढ़ की हड्डी की अन्य संरचनात्मक असामान्यताएं: कुछ लोगों में जन्मजात या विकासात्मक स्थितियां हो सकती हैं जो नसों पर दबाव डाल सकती हैं।
- सिस्टमैटिक बीमारियाँ: कुछ प्रणालीगत बीमारियाँ जो नसों को प्रभावित करती हैं (हालांकि यह सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का एक सामान्य कारण नहीं है)।
ऐसी स्थितियाँ जो सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के लक्षणों की नकल कर सकती हैं:
- ब्रेकियल प्लेक्सस इंजरी (Brachial Plexus Injury): कंधे क्षेत्र में नसों के जाल में चोट।
- शोल्डर की समस्याएं: जैसे रोटेटर कफ की चोट या फ्रोजन शोल्डर।
- कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) या क्यूबिटल टनल सिंड्रोम (Cubital Tunnel Syndrome): हाथ या कोहनी में नसों का दबना।
- थोरेसिक आउटलेट सिंड्रोम (Thoracic Outlet Syndrome): गर्दन और कंधे के बीच नसों या रक्त वाहिकाओं पर दबाव।
- हृदय रोग: कुछ प्रकार के हृदय रोग कंधे और बांह में दर्द पैदा कर सकते हैं।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का निदान कैसे करें?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) का निदान आमतौर पर एक बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:
1. चिकित्सा इतिहास (Medical History):
डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- लक्षणों की शुरुआत: दर्द कब शुरू हुआ? धीरे-धीरे या अचानक?
- दर्द का विवरण: दर्द कैसा महसूस होता है (तेज, शूटिंग, सुस्त)? यह कहाँ स्थित है (गर्दन, कंधा, बांह, हाथ)? क्या यह किसी विशेष गतिविधि या स्थिति से बढ़ता या कम होता है?
- अन्य लक्षण: क्या आपको सुन्नता, झुनझुनी, मांसपेशियों में कमजोरी या रिफ्लेक्स में बदलाव महसूस होता है?
- पिछला चिकित्सा इतिहास: क्या आपको पहले गर्दन में कोई चोट लगी है? क्या आपको कोई अन्य चिकित्सा स्थितियाँ हैं (जैसे गठिया)?
- आपकी दैनिक गतिविधियाँ: आपकी नौकरी या शौक में गर्दन का कितना उपयोग होता है?
2. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination):
डॉक्टर आपका सावधानीपूर्वक शारीरिक परीक्षण करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- गर्दन की गति का आकलन: वे देखेंगे कि आप अपनी गर्दन को कितनी दूर तक घुमा सकते हैं, मोड़ सकते हैं और झुका सकते हैं।
- संवेदी परीक्षण: वे आपकी बांह और हाथ के विभिन्न हिस्सों में स्पर्श, दर्द और तापमान की भावना का परीक्षण करेंगे ताकि यह पता चल सके कि कौन सी नस प्रभावित हो सकती है।
- मांसपेशियों की ताकत का परीक्षण: वे आपकी बांह और हाथ की विभिन्न मांसपेशियों की ताकत का आकलन करेंगे।
- रिफ्लेक्स परीक्षण: वे आपकी बांह और हाथ में विभिन्न रिफ्लेक्स की जांच करेंगे।
- स्परलिंग टेस्ट (Spurling’s Test): यह एक विशिष्ट परीक्षण है जिसमें गर्दन को प्रभावित तरफ झुकाया जाता है और फिर नीचे की ओर दबाव डाला जाता है। यदि यह आपकी बांह में दर्द को बढ़ाता है, तो यह सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का सुझाव दे सकता है।
- अन्य परीक्षण: वे थोरेसिक आउटलेट सिंड्रोम या कंधे की समस्याओं जैसी अन्य स्थितियों को दूर करने के लिए अन्य परीक्षण भी कर सकते हैं जो समान लक्षण पैदा कर सकती हैं।
3. इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests):
शारीरिक परीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर निम्नलिखित इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- एक्स-रे (X-ray): यह गर्दन की हड्डियों की संरचना को दिखा सकता है और हड्डी के उभार (बोन स्पर्स), संकीर्ण इंटरवर्टेब्रल स्पेस या रीढ़ की हड्डी में अन्य असामान्यताओं का पता लगाने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह नरम ऊतकों (जैसे हर्नियेटेड डिस्क) को नहीं दिखाता है।
- एमआरआई (MRI – Magnetic Resonance Imaging): यह नरम ऊतकों (जैसे डिस्क, नसें, रीढ़ की हड्डी) की विस्तृत छवियां प्रदान करता है और हर्नियेटेड डिस्क, नसों पर दबाव, रीढ़ की हड्डी में संकुचन या अन्य नरम ऊतक समस्याओं की पहचान करने में सबसे उपयोगी इमेजिंग परीक्षण है।
- सीटी स्कैन (CT Scan – Computed Tomography): यह हड्डियों की विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल छवियां प्रदान करता है और हड्डी के उभारों को बेहतर ढंग से दिखा सकता है। कभी-कभी इसे मायलोग्राम (रीढ़ की हड्डी के आसपास डाई इंजेक्ट करके) के साथ जोड़ा जाता है ताकि नसों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सके।
4. इलेक्ट्रोडायग्नोस्टिक परीक्षण (Electrodiagnostic Tests):
ये परीक्षण तंत्रिका कार्य का आकलन करने में मदद करते हैं और निदान की पुष्टि कर सकते हैं, साथ ही प्रभावित नस की जड़ की पहचान कर सकते हैं और तंत्रिका क्षति की गंभीरता का आकलन कर सकते हैं:
- इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG – Electromyography): यह परीक्षण मांसपेशियों की विद्युत गतिविधि को मापता है। तंत्रिका संपीड़न या क्षति वाली मांसपेशियों में असामान्य विद्युत गतिविधि दिखाई दे सकती है।
- नर्व कंडक्शन स्टडीज (NCS – Nerve Conduction Studies): यह परीक्षण नसों के माध्यम से विद्युत संकेतों की गति को मापता है। क्षतिग्रस्त नसें विद्युत संकेतों को धीरे-धीरे प्रसारित कर सकती हैं।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का इलाज क्या है?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) का इलाज आमतौर पर गैर-सर्जिकल तरीकों से शुरू होता है, और अधिकांश लोगों में समय के साथ सुधार होता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य दर्द और अन्य लक्षणों को कम करना, तंत्रिका कार्य को बहाल करना और भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोकना है।
गैर-सर्जिकल उपचार (Non-Surgical Treatment):
- आराम और गतिविधि संशोधन: उन गतिविधियों से बचना जो गर्दन और बांह के दर्द को बढ़ाती हैं। हालांकि, लंबे समय तक पूर्ण आराम की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे मांसपेशियों की कमजोरी और अकड़न बढ़ सकती है।
- भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy): यह सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक भौतिक चिकित्सक आपको विशिष्ट व्यायाम सिखाएगा जो:
- गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं: मजबूत मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी को सहारा देती हैं और दबाव कम करती हैं।
- लचीलापन बढ़ाते हैं: कोमल स्ट्रेचिंग गर्दन की गति की सीमा में सुधार करती है।
- उचित मुद्रा सिखाते हैं: अच्छी मुद्रा बनाए रखने से गर्दन पर तनाव कम होता है।
- गर्दन का कर्षण (Cervical Traction): यह धीरे-धीरे गर्दन को खींचने की एक तकनीक है जो नसों पर दबाव को कम करने में मदद कर सकती है।
- मैनुअल थेरेपी: भौतिक चिकित्सक कोमल हाथों की तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं ताकि जोड़ों को गतिमान करने और आसपास के ऊतकों को ढीला करने में मदद मिल सके।
- दवाएं:
- गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): आइबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसे दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं।
- मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं (Muscle Relaxants): साइक्लोबेंज़ाप्रिन (Cyclobenzaprine) जैसी दवाएं मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- ओरल कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Oral Corticosteroids): प्रेडनिसोन (Prednisone) जैसी दवाएं गंभीर सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन आमतौर पर अल्पकालिक उपयोग के लिए निर्धारित की जाती हैं क्योंकि इनके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- न्यूरोपैथिक दर्द की दवाएं: गैबापेंटिन (Gabapentin) और प्रीगैबलिन (Pregabalin) तंत्रिका दर्द को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं।
- बर्फ और गर्मी: दर्द और सूजन को कम करने के लिए बारी-बारी से गर्दन पर बर्फ और गर्मी लगाई जा सकती है।
- सर्वाइकल एपिड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन (Cervical Epidural Steroid Injections): सूजन को कम करने और दर्द से राहत प्रदान करने के लिए रीढ़ की हड्डी के आसपास के एपिड्यूरल स्पेस में कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्ट किए जाते हैं। यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है, लेकिन तीव्र दर्द से अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकता है, जिससे भौतिक चिकित्सा करना आसान हो जाता है।
- सर्वाइकल कॉलर (Cervical Collar): यह एक नरम या कठोर उपकरण है जो गर्दन को सहारा देता है और गति को सीमित करता है। इसका उपयोग अल्पकालिक दर्द से राहत के लिए किया जा सकता है, लेकिन लंबे समय तक उपयोग से गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
सर्जिकल उपचार (Surgical Treatment):
सर्जरी आमतौर पर तभी आवश्यक होती है जब गैर-सर्जिकल उपचार विफल हो जाते हैं, लगातार गंभीर दर्द होता है, या मांसपेशियों में कमजोरी या अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण बिगड़ते रहते हैं। कुछ सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाओं में शामिल हैं:
- एंटीरियर सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी और फ्यूजन (ACDF – Anterior Cervical Discectomy and Fusion): यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें गर्दन के सामने से एक चीरा लगाया जाता है, क्षतिग्रस्त डिस्क को हटा दिया जाता है, और फिर आसन्न कशेरुकाओं को हड्डी के ग्राफ्ट और प्लेटों का उपयोग करके एक साथ जोड़ा (फ्यूज) कर दिया जाता है।
- सर्वाइकल आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमेंट (ADR – Cervical Artificial Disc Replacement): क्षतिग्रस्त डिस्क को हटा दिया जाता है और एक कृत्रिम डिस्क से बदल दिया जाता है। इसका लक्ष्य गर्दन की गतिशीलता को बनाए रखना है।
- पोस्टीरियर सर्वाइकल लैमिनोफोरामिनोटॉमी (Posterior Cervical Laminoforaminotomy): यह प्रक्रिया गर्दन के पीछे से की जाती है और इसमें हड्डी या अन्य ऊतक को हटाना शामिल है जो नस की जड़ पर दबाव डाल रहा है।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का घरेलू इलाज क्या है?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) के लिए कुछ घरेलू उपचार आजमाए जा सकते हैं ताकि लक्षणों को प्रबंधित किया जा सके और आराम मिल सके। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपचार चिकित्सा सलाह या पेशेवर उपचार का विकल्प नहीं हैं। यदि आपके लक्षण गंभीर हैं, लगातार बने रहते हैं, या बिगड़ते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यहाँ कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
1. आराम और गतिविधि में बदलाव:
- अत्यधिक उपयोग से बचें: उन गतिविधियों से बचें जो आपके गर्दन और बांह के दर्द को बढ़ाती हैं। इसमें भारी सामान उठाना, दोहराव वाली गर्दन की हरकतें और लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहना शामिल है।
- कोमल गति बनाए रखें: लंबे समय तक गर्दन को स्थिर रखने से अकड़न बढ़ सकती है। इसलिए, दिन में कई बार धीरे-धीरे और कोमल गति अभ्यास करें, जब तक कि दर्द अनुमति दे।
2. तापमान चिकित्सा:
- बर्फ का प्रयोग: शुरुआती सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए गर्दन और प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाएं। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; एक कपड़े में लपेटें।
- गर्मी का प्रयोग: पुरानी अकड़न और मांसपेशियों की ऐंठन के लिए, गर्म पानी की बोतल, हीटिंग पैड या गर्म स्नान मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
3. कोमल स्ट्रेचिंग और व्यायाम:
ये व्यायाम धीरे-धीरे करने चाहिए और यदि दर्द बढ़े तो तुरंत बंद कर देना चाहिए। अपने डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से विशिष्ट व्यायाम सीखने की सलाह दी जाती है।
- गर्दन का झुकाव (Neck Tilts): धीरे-धीरे अपने कान को अपने कंधे की ओर झुकाएं, खिंचाव महसूस होने तक। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
- गर्दन का घुमाव (Neck Rotations): धीरे-धीरे अपने सिर को एक तरफ मोड़ें जैसे कि आप अपने कंधे पर देख रहे हों। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर दूसरी तरफ दोहराएं।
- कंधे का घुमाव (Shoulder Rolls): अपने कंधों को आगे और फिर पीछे की ओर गोलाकार घुमाएं।
- चिन टक (Chin Tucks): सीधे देखें और धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को अपनी छाती की ओर खींचे, जैसे कि आप डबल चिन बना रहे हों। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर छोड़ दें।
4. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:
- सीधे बैठें और खड़े हों। खराब मुद्रा गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है।
- काम करते समय या कंप्यूटर पर बैठते समय उचित एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखें। अपनी कुर्सी, मॉनिटर और कीबोर्ड को इस तरह से समायोजित करें कि आपकी गर्दन सीधी रहे।
5. ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक:
- आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसे गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। निर्देशों का पालन करें और यदि आपको कोई चिंता है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
6. सर्वाइकल कॉलर (गर्दन का सहारा):
- एक नरम सर्वाइकल कॉलर अल्पकालिक दर्द से राहत के लिए गर्दन को सहारा देने और गति को सीमित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, लंबे समय तक उपयोग से गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर करें।
7. तनाव का प्रबंधन:
- तनाव मांसपेशियों में तनाव बढ़ा सकता है, जिससे दर्द और अकड़न बढ़ सकती है। तनाव कम करने की तकनीकों जैसे योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करें।
सावधानियां:
- दर्द को अनदेखा न करें: यदि घरेलू उपचार से आराम नहीं मिलता है या दर्द बढ़ता है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- जबरदस्ती न करें: स्ट्रेचिंग या व्यायाम करते समय अपने गर्दन पर बहुत अधिक दबाव न डालें।
- अपनी सीमाएं जानें: धीरे-धीरे शुरू करें और धीरे-धीरे अपनी गति की सीमा बढ़ाएं।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी में क्या खाएं और क्या न खाएं?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) के लिए कोई विशिष्ट आहार नहीं है जो इस स्थिति को ठीक कर सके। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ और आहार संबंधी आदतें आपके समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करके और सूजन को कम करके लक्षणों को प्रबंधित करने में भूमिका निभा सकती हैं।
क्या खाएं (सामान्य दिशानिर्देश):
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ: ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं, मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली: सामन, मैकेरल, सार्डिन।
- फल और सब्जियां: जामुन, पत्तेदार हरी सब्जियां, ब्रोकली, एवोकाडो।
- हल्दी और अदरक: इन मसालों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- नट्स और बीज: अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज।
- कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ: हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें शामिल हैं:
- हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध, पनीर, सोयाबीन, साल्मन मछली।
- विटामिन डी के लिए धूप और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ।
- मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ: मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें शामिल हैं:
- सोया, बीन्स, नट्स, साबुत अनाज।
- विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ: एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। इनमें शामिल हैं:
- नट्स, बीज, वनस्पति तेल।
- साबुत अनाज: फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर।
क्या न खाएं (सामान्य दिशानिर्देश):
- अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: इनमें अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, सोडियम और योजक होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- उच्च सोडियम वाले खाद्य पदार्थ: शरीर में पानी जमाव बढ़ सकता है।
- मसालेदार, नमकीन और तैलीय भोजन: सूजन बढ़ा सकते हैं।
- अत्यधिक मांस और तले हुए खाद्य पदार्थ: एसिड बनाने वाले हो सकते हैं।
- मीठा, कन्फेक्शनरी और परिष्कृत खाद्य पदार्थ: सूजन बढ़ा सकते हैं।
- शराब और धूम्रपान: समग्र स्वास्थ्य और उपचार प्रक्रिया के लिए हानिकारक।
- कुछ लोगों में एलर्जी वाले खाद्य पदार्थ: यदि आपको ज्ञात एलर्जी है, तो उनसे बचें।
अतिरिक्त महत्वपूर्ण बातें:
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- संतुलित आहार लें: सभी आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन सुनिश्चित करें।
- व्यक्तिगत प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें: देखें कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके लक्षणों को प्रभावित करते हैं।
- डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ से सलाह लें: वे आपकी विशिष्ट स्थिति के अनुसार व्यक्तिगत मार्गदर्शन दे सकते हैं।
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के जोखिम को कैसे कम करें?
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) के जोखिम को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, खासकर उम्र बढ़ने या आनुवंशिक कारकों से संबंधित मामलों में। हालांकि, कुछ रणनीतियाँ अपनाकर आप इसके विकास की संभावना को कम कर सकते हैं या इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं:
1. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:
- बैठते और खड़े होते समय सीधे रहें: खराब मुद्रा गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डालती है।
- काम करते समय एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखें: यदि आप डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी, मॉनिटर और कीबोर्ड सही ऊंचाई पर हैं ताकि आपकी गर्दन सीधी रहे और तनाव कम हो।
- मोबाइल और टैबलेट का उपयोग करते समय सावधानी बरतें: अपनी गर्दन को नीचे झुकाने से बचें। डिवाइस को आंखों के स्तर पर लाने का प्रयास करें।
2. स्वस्थ वजन बनाए रखें:
- अतिरिक्त वजन गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ सकता है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन प्राप्त करें और बनाए रखें।
3. नियमित व्यायाम करें:
- गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम: मजबूत गर्दन की मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी को सहारा देती हैं और चोट के जोखिम को कम करती हैं। एक भौतिक चिकित्सक आपको उचित व्यायाम सिखा सकता है।
- लचीलापन बढ़ाने वाले व्यायाम: कोमल स्ट्रेचिंग गर्दन की गति की सीमा को बनाए रखने में मदद करती है।
- समग्र शारीरिक गतिविधि: नियमित व्यायाम आपके हृदय स्वास्थ्य और समग्र फिटनेस में सुधार करता है, जो रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
4. भारी सामान उठाते समय सावधानी बरतें:
- भारी सामान उठाते समय उचित तकनीक का उपयोग करें। अपनी पीठ को सीधा रखें और अपनी टांगों से उठाएं, अपनी गर्दन पर तनाव डालने से बचें।
5. धूम्रपान से बचें:
- धूम्रपान इंटरवर्टेब्रल डिस्क में रक्त की आपूर्ति को कम कर सकता है और उनके अध:पतन को तेज कर सकता है, जिससे सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी का खतरा बढ़ सकता है।
6. नींद की सही स्थिति अपनाएं:
- ऐसी तकिया का उपयोग करें जो आपकी गर्दन को सहारा दे और उसे तटस्थ स्थिति में रखे। पेट के बल सोने से बचें, क्योंकि इससे आपकी गर्दन मुड़ जाती है।
7. लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से बचें:
- यदि आपको लंबे समय तक बैठना या खड़े रहना पड़ता है, तो नियमित रूप से ब्रेक लें और अपनी गर्दन और कंधों को स्ट्रेच करें।
8. गर्दन पर अत्यधिक तनाव से बचें:
- अचानक झटके या गर्दन को मोड़ने वाली गतिविधियों से बचें।
- खेलकूद या अन्य गतिविधियों के दौरान उचित सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करें।
9. शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें:
- यदि आपको गर्दन में हल्का दर्द या जकड़न महसूस होती है, तो इसे अनदेखा न करें। शुरुआती चरणों में कोमल व्यायाम और स्ट्रेचिंग करके आप समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं। यदि लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
10. व्यावसायिक जोखिमों का प्रबंधन करें:
- यदि आपके काम में बार-बार गर्दन की हरकतें, अजीबोगरीब मुद्राएं या कंपन शामिल हैं, तो अपने कार्यस्थल पर एर्गोनॉमिक्स में सुधार के बारे में अपने नियोक्ता से बात करें।
सारांश
सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी (गर्दन में नस दबना) गर्दन की नस की जड़ पर दबाव या जलन के कारण होता है, जिसके मुख्य कारण हर्नियेटेड डिस्क और सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस हैं। इसके लक्षणों में गर्दन, कंधे, बांह और हाथ में दर्द, सुन्नता, झुनझुनी और कमजोरी शामिल हैं। निदान शारीरिक परीक्षा, चिकित्सा इतिहास और इमेजिंग (एमआरआई) व इलेक्ट्रोडायग्नोस्टिक परीक्षणों से होता है।
इलाज में गैर-सर्जिकल तरीके (आराम, भौतिक चिकित्सा, दवाएं, इंजेक्शन) और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल है। जोखिम कारकों में उम्र, व्यवसाय, धूम्रपान और पिछली चोटें शामिल हैं। जोखिम कम करने के लिए अच्छी मुद्रा, स्वस्थ वजन, नियमित व्यायाम और भारी सामान उठाते समय सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।