गर्दन में नस दबना
गर्दन में नस दबना क्या है?
गर्दन में नस का दबना, जिसे सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्दन की रीढ़ की हड्डी में स्थित एक या अधिक नसें दब जाती हैं या उन पर दबाव पड़ता है। यह दबाव आसपास के ऊतकों जैसे कि हड्डी, उपास्थि, मांसपेशियों या टेंडन के कारण हो सकता है।
गर्दन में नस दबने के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- हर्नियेटेड डिस्क: रीढ़ की हड्डी में डिस्क नरम, जेल जैसा कुशन होता है जो कशेरुकाओं के बीच होता है। यदि डिस्क फट जाती है या खिसक जाती है, तो यह पास की नसों पर दबाव डाल सकती है।
- बोन स्पर्स (अस्थि उभार): ये हड्डियों पर अतिरिक्त वृद्धि होती है जो ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी स्थितियों के कारण हो सकती है। ये उभार नसों को संकुचित कर सकते हैं।
- स्पाइनल स्टेनोसिस: यह रीढ़ की हड्डी के नहर का संकुचन है, जो नसों पर दबाव डाल सकता है।
- चोट: गर्दन में अचानक लगने वाली चोट, जैसे कि व्हिपलैश, नसों को नुकसान पहुंचा सकती है या आसपास के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकती है, जिससे नस दब सकती है।
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में बैठने या खड़े रहने से गर्दन की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
- उम्र से संबंधित परिवर्तन: उम्र बढ़ने के साथ, रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट हो सकती है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ जाता है।
- भारी वजन उठाना: अनुचित तरीके से भारी वजन उठाने से गर्दन की नसों पर दबाव पड़ सकता है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: मधुमेह और गठिया जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ नस दबने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
गर्दन में नस दबने के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- गर्दन में दर्द जो कंधे, बांह और उंगलियों तक फैल सकता है।
- हाथों या उंगलियों में सुन्नता या झुनझुनी।
- हाथों या बाहों में कमजोरी।
- गर्दन की मांसपेशियों में ऐंठन।
- सिरदर्द।
- गर्दन को हिलाने में कठिनाई।
गर्दन में नस दबने का निदान आमतौर पर शारीरिक परीक्षा और चिकित्सा इतिहास के आधार पर किया जाता है। कुछ मामलों में, एक्स-रे, एमआरआई या नर्व कंडक्शन स्टडी जैसे अतिरिक्त परीक्षण किए जा सकते हैं।
गर्दन में नस दबने का उपचार लक्षणों की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। उपचार के विकल्पों में शामिल हो सकते हैं:
- आराम: प्रभावित क्षेत्र को आराम देना महत्वपूर्ण है।
- बर्फ और गर्मी: सूजन और दर्द को कम करने के लिए बर्फ और गर्मी का उपयोग किया जा सकता है।
- दवाएं: दर्द निवारक, सूजनरोधी दवाएं और मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- भौतिक चिकित्सा (फिजिकल थेरेपी): व्यायाम और स्ट्रेचिंग गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- गर्दन का कॉलर: यह गर्दन को स्थिर करने और नसों पर दबाव कम करने में मदद कर सकता है।
- इंजेक्शन: कुछ मामलों में, सूजन और दर्द को कम करने के लिए नसों के आसपास कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन दिए जा सकते हैं।
- सर्जरी: यदि अन्य उपचार प्रभावी नहीं हैं, तो दबी हुई नस पर दबाव कम करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
गर्दन में नस दबने के कारण क्या हैं?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हर्नियेटेड डिस्क: यह सबसे आम कारणों में से एक है। गर्दन की कशेरुकाओं के बीच मौजूद डिस्क का नरम, जेल जैसा हिस्सा जब बाहरी कठोर परत से बाहर निकल जाता है, तो यह पास की नसों पर दबाव डाल सकता है।
- बोन स्पर्स (अस्थि उभार): ऑस्टियोआर्थराइटिस या अन्य अपक्षयी स्थितियों के कारण कशेरुकाओं पर अतिरिक्त हड्डी का विकास हो सकता है। ये उभार नसों को संकुचित कर सकते हैं।
- स्पाइनल स्टेनोसिस: यह रीढ़ की हड्डी के नहर का संकुचन है, जो नसों के लिए उपलब्ध जगह को कम कर देता है और उन पर दबाव डाल सकता है। यह उम्र बढ़ने के साथ अधिक आम है।
- चोट: गर्दन में अचानक लगने वाली चोट, जैसे कि व्हिपलैश (तेज झटका), नसों को नुकसान पहुंचा सकती है या आसपास के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकती है, जिससे नस दब सकती है।
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में बैठना या खड़े रहना गर्दन की नसों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
- उम्र से संबंधित परिवर्तन: उम्र बढ़ने के साथ, रीढ़ की हड्डी में डिस्क और जोड़ों में टूट-फूट हो सकती है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ जाता है (सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस)।
- भारी वजन उठाना: अनुचित तरीके से भारी वजन उठाने से गर्दन की नसों पर दबाव पड़ सकता है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: गठिया (आर्थराइटिस) जैसी कुछ बीमारियाँ रीढ़ की हड्डी में बदलाव ला सकती हैं और नस दबने का खतरा बढ़ा सकती हैं।
- ट्यूमर या सिस्ट: दुर्लभ मामलों में, रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर या सिस्ट बढ़ सकते हैं और नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- लिगामेंट का मोटा होना: रीढ़ की हड्डी को सहारा देने वाले लिगामेंट समय के साथ मोटे हो सकते हैं और स्पाइनल कैनाल को संकुचित कर सकते हैं, जिससे नसों पर दबाव पड़ता है।
गर्दन में नस दबने के संकेत और लक्षण क्या हैं?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के संकेत और लक्षण व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं और दबी हुई नस की स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:
मुख्य लक्षण:
- गर्दन में दर्द: यह अक्सर पहला और सबसे आम लक्षण होता है। दर्द हल्का, तेज, या जलन जैसा हो सकता है और यह गर्दन के एक तरफ या दोनों तरफ महसूस हो सकता है।
- रेडिएटिंग दर्द (विकिरणित दर्द): दर्द गर्दन से कंधे, बांह, कोहनी, कलाई और उंगलियों तक फैल सकता है। यह दर्द एक सीधी रेखा में नीचे की ओर महसूस हो सकता है।
अन्य सामान्य लक्षण:
- सुन्नता (Numbness): प्रभावित नस के क्षेत्र में सुन्नता महसूस हो सकती है, आमतौर पर बांह और उंगलियों में।
- झुनझुनी (Tingling): सुन्नता के साथ या उसके बिना झुनझुनी या “पिन और सुई” जैसी सनसनी हो सकती है, जो अक्सर उंगलियों में महसूस होती है।
- कमजोरी (Weakness): प्रभावित बांह या हाथ में कमजोरी महसूस हो सकती है, जिससे वस्तुओं को पकड़ने या उठाने में कठिनाई हो सकती है।
- मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle Spasms): गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न और ऐंठन हो सकती है, जिससे गर्दन को हिलाना मुश्किल हो सकता है।
- सिरदर्द (Headache): कुछ मामलों में, गर्दन में नस दबने के कारण सिरदर्द हो सकता है, खासकर गर्दन के पिछले हिस्से में।
- गर्दन की गति में कमी: दर्द और अकड़न के कारण गर्दन को घुमाने या मोड़ने में कठिनाई हो सकती है।
- प्रतिवर्तों में परिवर्तन (Changes in Reflexes): डॉक्टर शारीरिक परीक्षा के दौरान प्रभावित बांह में असामान्य प्रतिवर्त पा सकते हैं।
कम आम लक्षण:
- तेज दर्द: अचानक और तेज दर्द जो हिलने-डुलने पर बढ़ सकता है।
- बिजली के झटके जैसा दर्द: गर्दन से नीचे बांह तक बिजली के झटके जैसी सनसनी महसूस हो सकती है।
गर्दन में नस दबने का खतरा किसे अधिक होता है?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) का खतरा कुछ विशेष लोगों या परिस्थितियों में अधिक होता है। निम्नलिखित कारकों वाले व्यक्तियों में इसका खतरा बढ़ जाता है:
- बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ, रीढ़ की हड्डी में टूट-फूट (जैसे कि डिस्क का क्षरण, बोन स्पर्स का विकास) अधिक आम हो जाती है, जिससे नसों पर दबाव पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह एक अपक्षयी जोड़ रोग है जो रीढ़ की हड्डी सहित शरीर के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है। गर्दन में ऑस्टियोआर्थराइटिस होने से बोन स्पर्स विकसित हो सकते हैं जो नसों को संकुचित कर सकते हैं।
- डिस्क हर्नियेशन का इतिहास: जिन लोगों को पहले गर्दन या पीठ में डिस्क हर्नियेशन हुआ है, उनमें भविष्य में गर्दन में नस दबने का खतरा अधिक होता है।
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में बैठने या खड़े रहने से गर्दन की नसों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
- भारी शारीरिक श्रम: ऐसे व्यवसाय या गतिविधियाँ जिनमें बार-बार भारी वजन उठाना या गर्दन पर दबाव डालना शामिल होता है, नस दबने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- चोट का इतिहास: गर्दन में पहले लगी कोई भी चोट, जैसे कि व्हिपलैश, भविष्य में नस दबने का खतरा बढ़ा सकती है।
- आनुवंशिकी: कुछ लोगों में रीढ़ की हड्डी की संरचना आनुवंशिक रूप से ऐसी हो सकती है जिससे वे नस दबने के प्रति अधिक संवेदनशील हों।
- मोटापा: अतिरिक्त वजन रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ सकता है।
- धूम्रपान: धूम्रपान रीढ़ की हड्डी में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है और डिस्क के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ जाता है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: मधुमेह जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ तंत्रिका क्षति के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, जिससे नस दबने के लक्षण बढ़ सकते हैं।
गर्दन में नस दबने से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) सीधे तौर पर कोई बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जो गर्दन की नसों पर दबाव पड़ने के कारण होती है। हालांकि, यह स्थिति कुछ अन्य बीमारियों और स्थितियों से जुड़ी हो सकती है, जो इसके कारण बन सकती हैं या इसके लक्षणों को बढ़ा सकती हैं। इनमें शामिल हैं:
- सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: यह गर्दन की रीढ़ की हड्डी में उम्र से संबंधित टूट-फूट है, जिसमें डिस्क का क्षरण, बोन स्पर्स का विकास और जोड़ों का घिसना शामिल है। यह नस दबने का एक प्रमुख कारण है।
- हर्नियेटेड डिस्क: जब गर्दन की कशेरुकाओं के बीच की डिस्क फट जाती है या खिसक जाती है, तो यह पास की नसों पर दबाव डाल सकती है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों को प्रभावित करता है, जिसमें गर्दन के जोड़ भी शामिल हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण बोन स्पर्स बन सकते हैं जो नसों को दबा सकते हैं।
- स्पाइनल स्टेनोसिस: यह रीढ़ की हड्डी के नहर का संकुचन है, जो नसों पर दबाव डाल सकता है। यह अक्सर स्पोंडिलोसिस से जुड़ा होता है।
- चोट: गर्दन में अचानक लगने वाली चोट, जैसे कि व्हिपलैश, नसों को नुकसान पहुंचा सकती है या आसपास के ऊतकों में सूजन पैदा कर सकती है, जिससे नस दब सकती है।
- ट्यूमर या सिस्ट: दुर्लभ मामलों में, रीढ़ की हड्डी के पास ट्यूमर या सिस्ट बढ़ सकते हैं और नसों पर दबाव डाल सकते हैं।
- संक्रमण: रीढ़ की हड्डी में संक्रमण सूजन पैदा कर सकता है और नसों पर दबाव डाल सकता है।
- रूमेटाइड आर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है और गर्दन की रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ जाता है।
- डायबिटीज (मधुमेह): डायबिटीज से तंत्रिका क्षति (न्यूरोपैथी) हो सकती है, जिससे नसें दबने पर लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं।
गर्दन में नस दबने का निदान कैसे करें?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) का निदान आमतौर पर एक विस्तृत चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षा और कुछ मामलों में इमेजिंग और तंत्रिका परीक्षणों के संयोजन के माध्यम से किया जाता है। निदान प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हो सकते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास (Medical History):
- डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में विस्तार से पूछेंगे, जैसे कि दर्द का प्रकार, स्थान, कब से शुरू हुआ, क्या इसे बढ़ाता या कम करता है, और क्या कोई अन्य संबंधित लक्षण (सुन्नता, झुनझुनी, कमजोरी) हैं।
- वे आपकी पिछली चिकित्सा स्थितियों, चोटों, दवाओं और पारिवारिक चिकित्सा इतिहास के बारे में भी पूछताछ करेंगे।
- आपकी जीवनशैली और काम की आदतों के बारे में भी पूछा जा सकता है, क्योंकि कुछ गतिविधियाँ या मुद्राएं लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।
2. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination):
- डॉक्टर आपकी गर्दन, कंधों और बाहों की सावधानीपूर्वक जांच करेंगे।
- वे आपकी गर्दन की गति की सीमा का आकलन करेंगे, यह देखने के लिए कि क्या कोई विशेष हरकतें दर्द को बढ़ाती हैं।
- वे आपकी मांसपेशियों की ताकत, सजगता (reflexes), और स्पर्श और तापमान की भावना का परीक्षण करेंगे ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कौन सी नसें प्रभावित हो सकती हैं।
- कुछ विशिष्ट परीक्षण किए जा सकते हैं जो दबी हुई नस को उत्तेजित करने और लक्षणों को पुन: उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जैसे कि स्परलिंग टेस्ट (Spurling’s Test)।
3. इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests):
यदि शारीरिक परीक्षा से नस दबने का संदेह होता है, तो डॉक्टर इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं ताकि रीढ़ की हड्डी और आसपास के ऊतकों की बेहतर तस्वीर मिल सके। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- एक्स-रे (X-ray): यह हड्डियों की संरचना को दिखा सकता है और फ्रैक्चर, गठिया या बोन स्पर्स जैसी समस्याओं की पहचान करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह नरम ऊतकों जैसे कि हर्नियेटेड डिस्क को स्पष्ट रूप से नहीं दिखाता है।
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI): यह एक शक्तिशाली इमेजिंग तकनीक है जो नरम ऊतकों, जैसे कि डिस्क और नसों की विस्तृत छवियां बनाती है। यह हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइनल स्टेनोसिस और अन्य स्थितियों की पहचान करने के लिए सबसे उपयोगी परीक्षण है जो नस पर दबाव डाल सकती हैं।
- सीटी स्कैन (CT Scan): यह एक्स-रे और कंप्यूटर तकनीक का उपयोग करके रीढ़ की हड्डी की क्रॉस-सेक्शनल छवियां बनाता है। यह हड्डियों की समस्याओं को दिखाने में उपयोगी हो सकता है, खासकर जब एमआरआई संभव न हो। कभी-कभी बेहतर दृश्यता के लिए कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है (सीटी माइलोग्राम)।
4. तंत्रिका परीक्षण (Nerve Tests):
ये परीक्षण नसों के कार्य का आकलन करने में मदद करते हैं और यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या कोई तंत्रिका क्षति हुई है और यदि हां, तो कितनी गंभीर है। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG): यह परीक्षण मांसपेशियों में विद्युत गतिविधि को मापता है। यह यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या कोई नस ठीक से काम कर रही है और क्या कोई तंत्रिका संपीड़न है।
- तंत्रिका चालन अध्ययन (NCS): यह परीक्षण नसों के माध्यम से विद्युत संकेतों की गति को मापता है। यह यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि कोई नस क्षतिग्रस्त या संकुचित है या नहीं।
गर्दन में नस दबने का इलाज क्या है?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) का इलाज लक्षणों की गंभीरता और कारण पर निर्भर करता है। अधिकांश मामलों में, गैर-सर्जिकल उपचार प्रभावी होते हैं। उपचार के मुख्य लक्ष्य दर्द को कम करना, सूजन को कम करना, तंत्रिका कार्य को बहाल करना और भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोकना है।
गैर-सर्जिकल उपचार (Non-Surgical Treatments):
- आराम और गतिविधि में बदलाव: कुछ समय के लिए उन गतिविधियों से बचना जो गर्दन और बांह के दर्द को बढ़ाती हैं, महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपको सही मुद्रा बनाए रखने और भारी सामान उठाने से बचने की सलाह दे सकते हैं।
- बर्फ और गर्मी: दर्द और सूजन को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाई जा सकती है। कुछ दिनों के बाद, मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने के लिए गर्मी का उपयोग किया जा सकता है।
- दवाएं:
- दर्द निवारक (Pain relievers): ओवर-द-काउंटर दवाएं जैसे कि आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सन (Naproxen) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं (Muscle relaxants): यदि मांसपेशियों में ऐंठन हो रही है, तो डॉक्टर इन्हें लिख सकते हैं।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids): ये दवाएं सूजन को कम करने में मदद करती हैं और इन्हें गोलियों के रूप में या सीधे प्रभावित क्षेत्र में इंजेक्शन के रूप में दिया जा सकता है।
- तंत्रिका दर्द की दवाएं (Nerve pain medications): गैबापेंटिन (Gabapentin) या प्रीगैबलिन (Pregabalin) जैसी दवाएं तंत्रिका दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- भौतिक चिकित्सा (Physical Therapy): एक भौतिक चिकित्सक आपको गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने, और सही मुद्रा बनाए रखने के लिए विशिष्ट व्यायाम और स्ट्रेचिंग सिखाएगा। इसमें गर्दन की कर्षण (cervical traction) भी शामिल हो सकती है, जो गर्दन की हड्डियों को धीरे से खींचकर नसों पर दबाव कम करने में मदद कर सकती है।
- गर्दन का कॉलर (Cervical Collar): कुछ समय के लिए नरम गर्दन का कॉलर पहनने से गर्दन की गति सीमित हो सकती है और नसों पर दबाव कम हो सकता है। हालांकि, लंबे समय तक उपयोग से गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग आमतौर पर थोड़े समय के लिए ही किया जाता है।
- एपीड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन (Epidural Steroid Injections): इन इंजेक्शनों में कॉर्टिकोस्टेरॉइड और एक सुन्न करने वाली दवा सीधे रीढ़ की हड्डी के आसपास के एपीड्यूरल स्पेस में इंजेक्ट की जाती है। यह दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।
सर्जिकल उपचार (Surgical Treatments):
यदि गैर-सर्जिकल उपचार 6-12 सप्ताह तक लक्षणों को कम करने में विफल रहते हैं, या यदि तंत्रिका संपीड़न गंभीर है और मांसपेशियों में कमजोरी बढ़ रही है, तो सर्जरी एक विकल्प हो सकता है। सर्जरी का लक्ष्य दबी हुई नस पर दबाव को कम करना है। कुछ सामान्य सर्जिकल प्रक्रियाएं इस प्रकार हैं:
- पूर्वकाल सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी और फ्यूजन (Anterior Cervical Discectomy and Fusion – ACDF): यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसमें गर्दन के सामने से एक चीरा लगाया जाता है, क्षतिग्रस्त डिस्क को हटा दिया जाता है, और फिर दो कशेरुकाओं को एक साथ फ्यूज कर दिया जाता है ताकि उस खंड में गति न हो।
- पूर्वकाल सर्वाइकल कॉर्पेक्टॉमी और फ्यूजन (Anterior Cervical Corpectomy and Fusion): इस प्रक्रिया में एक या अधिक कशेरुकाओं के शरीर को हटा दिया जाता है, साथ ही दबी हुई नसों पर दबाव डालने वाली डिस्क भी हटा दी जाती है। फिर, खोई हुई हड्डी को बदलने और रीढ़ की हड्डी को स्थिर करने के लिए एक हड्डी का ग्राफ्ट और प्लेट लगाई जाती है।
- पश्चवर्ती सर्वाइकल लैमिनेक्टॉमी (Posterior Cervical Laminectomy): इस प्रक्रिया में गर्दन के पीछे से एक चीरा लगाया जाता है और लैमिना (प्रत्येक कशेरुका का हड्डीदार आवरण) का एक हिस्सा हटा दिया जाता है ताकि रीढ़ की हड्डी के नहर के लिए अधिक जगह बन सके और नसों पर दबाव कम हो सके।
- पश्चवर्ती सर्वाइकल लैमिनोप्लास्टी (Posterior Cervical Laminoplasty): यह लैमिनेक्टॉमी के समान है, लेकिन लैमिना को पूरी तरह से हटाने के बजाय, इसे एक काज की तरह खोला जाता है और फिर अधिक जगह बनाने के लिए एक प्लेट लगाई जाती है।
गर्दन में नस दबने का फिजियोथेरेपी उपचार क्या है?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के फिजियोथेरेपी उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द और सूजन को कम करना, गर्दन की गति और कार्य को बहाल करना, मांसपेशियों को मजबूत करना और भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोकना है। एक फिजियोथेरेपिस्ट आपकी विशिष्ट स्थिति का आकलन करेगा और एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करेगा जिसमें निम्नलिखित तकनीकें शामिल हो सकती हैं:
1. दर्द और सूजन प्रबंधन:
- बर्फ और गर्मी का अनुप्रयोग: सूजन और दर्द को कम करने के लिए बर्फ का उपयोग किया जा सकता है, खासकर तीव्र अवस्था में। मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने और रक्त परिसंचरण में सुधार के लिए गर्मी का उपयोग किया जा सकता है।
- मैनुअल थेरेपी (Manual Therapy): इसमें फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा किए गए हाथों से किए जाने वाले तकनीकें शामिल हैं, जैसे:
- कोमल ऊतक मालिश (Soft Tissue Massage): गर्दन और कंधे की मांसपेशियों में तनाव और ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
- जॉइंट मोबिलाइजेशन (Joint Mobilization): गर्दन की कशेरुकाओं की गतिशीलता में सुधार करने और नसों पर दबाव कम करने के लिए कोमल आंदोलन।
- न्यूरल मोबिलाइजेशन (Neural Mobilization): दबी हुई नस की गतिशीलता में सुधार करने और दर्द को कम करने के लिए विशिष्ट व्यायाम।
2. गर्दन की गति और लचीलापन में सुधार:
- पैसिव रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज (Passive Range of Motion Exercises): फिजियोथेरेपिस्ट धीरे-धीरे आपकी गर्दन को विभिन्न दिशाओं में घुमाएगा ताकि गति की सीमा को बनाए रखा जा सके।
- एक्टिव रेंज ऑफ मोशन एक्सरसाइज (Active Range of Motion Exercises): आप अपनी गर्दन को स्वयं विभिन्न दिशाओं में घुमाएंगे, जितना दर्द सहन कर सकें।
- स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (Stretching Exercises): गर्दन और ऊपरी शरीर की मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचना, जकड़न को कम करना और लचीलापन बढ़ाना।
3. मांसपेशियों को मजबूत करना:
- आइसोमेट्रिक एक्सरसाइज (Isometric Exercises): मांसपेशियों को हिलाए बिना उन्हें सिकोड़ना, जो गर्दन की स्थिरता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
- आइसोटोनिक एक्सरसाइज (Isotonic Exercises): प्रतिरोध के साथ मांसपेशियों को हिलाना, जैसे कि हल्के वजन या प्रतिरोध बैंड का उपयोग करना, गर्दन और ऊपरी पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए। इसमें गर्दन के फ्लेक्सर, एक्सटेंसर और रोटेटर मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
4. मुद्रा सुधार और एर्गोनॉमिक्स:
- फिजियोथेरेपिस्ट आपको बैठने, खड़े होने और काम करने के दौरान सही मुद्रा बनाए रखने के बारे में मार्गदर्शन करेगा।
- आपकी कार्यस्थल की व्यवस्था (एर्गोनॉमिक्स) में आवश्यक बदलावों की सिफारिश की जा सकती है ताकि गर्दन पर तनाव कम हो सके।
5. तंत्रिका तनाव कम करने के व्यायाम:
- विशिष्ट व्यायाम जो दबी हुई नस पर तनाव को कम करने और उसके कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
6. रोगी शिक्षा:
- फिजियोथेरेपिस्ट आपको अपनी स्थिति, दर्द प्रबंधन तकनीकों और घर पर करने के लिए उचित व्यायामों के बारे में शिक्षित करेगा।
- आपको उन गतिविधियों से बचने के बारे में सलाह दी जाएगी जो आपके लक्षणों को बढ़ा सकती हैं।
गर्दन में नस दबने का घरेलू इलाज क्या है?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के हल्के लक्षणों को प्रबंधित करने और राहत पाने के लिए आप घर पर कुछ उपाय आजमा सकते हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये घरेलू उपचार चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हैं, और यदि आपके लक्षण गंभीर हैं या बने रहते हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यहां कुछ घरेलू इलाज दिए गए हैं जो गर्दन में नस दबने के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- आराम: प्रभावित क्षेत्र को आराम देना महत्वपूर्ण है। ऐसी गतिविधियों से बचें जो गर्दन या बांह के दर्द को बढ़ाती हैं।
- बर्फ का प्रयोग: तीव्र दर्द और सूजन के दौरान, दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाएं। बर्फ सूजन को कम करने और दर्द को सुन्न करने में मदद कर सकती है।
- गर्मी का प्रयोग: तीव्र सूजन कम होने के बाद, मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने के लिए आप गर्मी का उपयोग कर सकते हैं। आप गर्म पानी की बोतल, हीटिंग पैड या गर्म स्नान का उपयोग कर सकते हैं।
- सही मुद्रा बनाए रखें: बैठते और खड़े होते समय अच्छी मुद्रा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। अपनी पीठ को सीधा रखें और कंधों को पीछे की ओर रखें। यदि आप लंबे समय तक बैठते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी अच्छी तरह से सपोर्ट करती है और आपकी स्क्रीन आंखों के स्तर पर है।
- हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग: जब दर्द थोड़ा कम हो जाए, तो आप कुछ हल्के गर्दन और कंधे के व्यायाम और स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। ये मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें। कुछ सरल स्ट्रेच में शामिल हैं:
- धीरे-धीरे अपने कान को अपने कंधे की ओर झुकाना।
- धीरे-धीरे अपनी ठुड्डी को अपनी छाती की ओर लाना।
- धीरे-धीरे अपनी गर्दन को एक तरफ से दूसरी तरफ घुमाना।
- ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक: आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसी ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- गर्दन का सहारा: कुछ लोगों को थोड़े समय के लिए नरम गर्दन का कॉलर पहनने से आराम मिल सकता है, खासकर रात में या यात्रा के दौरान। हालांकि, लंबे समय तक उपयोग से गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, इसलिए इसका उपयोग सीमित करें और डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
- एर्गोनॉमिक्स में सुधार: अपने कार्यस्थल और घर के वातावरण को इस तरह से व्यवस्थित करें कि आपकी गर्दन पर कम तनाव पड़े। इसमें आपके मॉनिटर की ऊंचाई, कुर्सी का समर्थन और कीबोर्ड की स्थिति शामिल है।
- पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त नींद लेना शरीर को ठीक होने में मदद करता है और दर्द को प्रबंधित करने में भी भूमिका निभा सकता है।
- तनाव प्रबंधन: तनाव गर्दन की मांसपेशियों में तनाव बढ़ा सकता है, इसलिए योग, ध्यान या गहरी सांस लेने जैसी तकनीकों से तनाव का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है।
चेतावनी:
- यदि आपका दर्द गंभीर है, अचानक शुरू हुआ है, या बांह या हाथ में कमजोरी, सुन्नता या झुनझुनी के साथ है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- यदि घरेलू उपचार से आपके लक्षणों में सुधार नहीं होता है या वे बिगड़ जाते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- कोई भी नया व्यायाम या उपचार शुरू करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें।
गर्दन में नस दबने में क्या खाएं और क्या न खाएं?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के इलाज में कोई विशिष्ट आहार नहीं है जो सीधे तौर पर दबी हुई नस को ठीक कर सके। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं, जबकि कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं।
क्या खाएं (What to Eat):
- सूजन-रोधी खाद्य पदार्थ (Anti-inflammatory Foods):
- फल: जामुन (ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी), चेरी, संतरे, अनानास। इनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल), ब्रोकली, फूलगोभी, गाजर, टमाटर, शिमला मिर्च। ये विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ: वसायुक्त मछली (सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया सीड्स, अखरोट। ओमेगा-3 फैटी एसिड में सूजन-रोधी गुण होते हैं।
- स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, एवोकाडो।
- साबुत अनाज: ब्राउन राइस, क्विनोआ, ओट्स। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
- मसाले: हल्दी (करक्यूमिन), अदरक। इनमें शक्तिशाली सूजन-रोधी गुण होते हैं। आप इन्हें अपनी करी, सूप या चाय में शामिल कर सकते हैं।
- प्रोटीन: लीन प्रोटीन स्रोत जैसे मछली, चिकन (बिना त्वचा के), बीन्स, दाल और टोफू मांसपेशियों के स्वास्थ्य और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर के सभी कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और सूजन को कम करने में भी भूमिका निभा सकता है।
क्या न खाएं या कम खाएं (What to Avoid or Limit):
- सूजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (Pro-inflammatory Foods):
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (Processed Foods): चिप्स, फास्ट फूड, पैकेज्ड स्नैक्स में अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, अतिरिक्त चीनी और कृत्रिम तत्व होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- अतिरिक्त चीनी: सोडा, कैंडी, बेक्ड सामान में उच्च मात्रा में चीनी होती है जो सूजन को बढ़ावा दे सकती है।
- परिष्कृत अनाज (Refined Grains): सफेद ब्रेड, सफेद चावल, पास्ता में फाइबर कम होता है और ये रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ा सकते हैं, जिससे सूजन बढ़ सकती है।
- अस्वास्थ्यकर वसा: ट्रांस वसा (तले हुए खाद्य पदार्थ, कुछ बेक्ड सामान) और अत्यधिक मात्रा में संतृप्त वसा (लाल मांस, पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद) सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- अत्यधिक मात्रा में ओमेगा-6 फैटी एसिड: वनस्पति तेल (जैसे सूरजमुखी, मक्का, सोयाबीन तेल) में ओमेगा-6 फैटी एसिड अधिक होता है। जबकि ये आवश्यक हैं, इनका अत्यधिक सेवन ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के संतुलन को बिगाड़ सकता है और सूजन को बढ़ावा दे सकता है। इनका सीमित मात्रा में सेवन करें।
- प्रोसेस्ड मांस (Processed Meats): सॉसेज, बेकन, हॉट डॉग में अक्सर उच्च मात्रा में सोडियम और अस्वास्थ्यकर वसा होती है जो सूजन को बढ़ा सकती है।
- अल्कोहल: अत्यधिक शराब का सेवन शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है।
- कैफीन: अत्यधिक कैफीन का सेवन कुछ लोगों में मांसपेशियों में तनाव बढ़ा सकता है। इसे सीमित मात्रा में लें।
अतिरिक्त बातें:
- वजन प्रबंधन: यदि आपका वजन अधिक है या आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो स्वस्थ वजन बनाए रखना रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाले दबाव को कम करने में मदद कर सकता है। एक स्वस्थ आहार वजन प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- व्यक्तिगत संवेदनशीलता: कुछ लोगों को विशिष्ट खाद्य पदार्थों से सूजन या दर्द बढ़ सकता है। यदि आपको किसी विशेष भोजन के बाद अपने लक्षणों में बदलाव महसूस होता है, तो उसे सीमित करने या उससे बचने पर विचार करें।
गर्दन में नस दबने के जोखिम को कैसे कम करें?
गर्दन में नस दबने (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) के जोखिम को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, खासकर उम्र बढ़ने जैसे कारकों को देखते हुए। हालांकि, कुछ जीवनशैली में बदलाव और सावधानियां बरतकर इसके होने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
- सही मुद्रा बनाए रखें:
- बैठते समय: सीधी पीठ, कंधे पीछे, और पैर जमीन पर सपाट रखें। यदि आवश्यक हो तो कमर के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए कुशन का उपयोग करें।
- खड़े होते समय: सीधे खड़े हों, कंधे पीछे और सिर ऊपर रखें।
- चलते समय: सीधे चलें और झुकने से बचें।
- एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखें:
- कार्यस्थल: अपने कंप्यूटर मॉनिटर को आंखों के स्तर पर रखें ताकि गर्दन पर तनाव न पड़े। सही ऊंचाई वाली कुर्सी का उपयोग करें जो आपकी पीठ को सहारा दे। कीबोर्ड और माउस को आसानी से पहुंचने योग्य रखें।
- सोते समय: अपनी गर्दन को सहारा देने के लिए एक उपयुक्त तकिया का उपयोग करें। बहुत ऊंचे या बहुत सपाट तकिए से बचें। पीठ के बल या करवट लेकर सोना पेट के बल सोने से बेहतर है।
- भारी वजन उठाने से बचें या सही तकनीक का उपयोग करें:
- यदि आपको भारी वस्तुएं उठानी हैं, तो अपनी पीठ को सीधा रखें और घुटनों को मोड़ें। अपनी गर्दन पर तनाव डालने से बचें। वस्तु को अपने शरीर के करीब रखें।
- नियमित व्यायाम करें:
- गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम: ये मांसपेशियां आपकी गर्दन को सहारा देने और स्थिरता प्रदान करने में मदद करती हैं।
- लचीलापन बढ़ाने वाले व्यायाम (स्ट्रेचिंग): नियमित स्ट्रेचिंग गर्दन की मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और जकड़न को कम करने में मदद करती है।
- कम प्रभाव वाले एरोबिक व्यायाम: चलना, तैरना या साइकिल चलाना जैसे व्यायाम समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन आपकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ सकता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान रीढ़ की हड्डी में रक्त के प्रवाह को कम कर सकता है और डिस्क के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे नस दबने का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव का प्रबंधन करें: तनाव गर्दन की मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकता है। योग, ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम या अपनी पसंदीदा गतिविधियों के माध्यम से तनाव का प्रबंधन करें।
- लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने से बचें: यदि आप लंबे समय तक बैठते हैं या खड़े रहते हैं, तो नियमित रूप से ब्रेक लें और थोड़ा घूमें-फिरें और स्ट्रेचिंग करें।
- अपनी गर्दन को झटकेदार आंदोलनों से बचाएं: ऐसी गतिविधियों से बचें जिनमें आपकी गर्दन पर अचानक और तेज झटके लग सकते हैं।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी रीढ़ की हड्डी की डिस्क हाइड्रेटेड रहती हैं और ठीक से काम करती हैं।
- उचित लिफ्टिंग तकनीक सिखाएं: यदि आप दूसरों को भारी वस्तुएं उठाने में मदद करते हैं, तो उन्हें सही तकनीक सिखाएं ताकि उनकी गर्दन पर दबाव न पड़े।
सारांश
गर्दन में नस दबना (सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्दन की रीढ़ की हड्डी की एक या अधिक नसें दब जाती हैं, जिससे गर्दन में दर्द, बांहों में सुन्नता, झुनझुनी और कमजोरी जैसे लक्षण हो सकते हैं। यह हर्नियेटेड डिस्क, बोन स्पर्स, स्पाइनल स्टेनोसिस, चोट या खराब मुद्रा जैसे कारणों से हो सकता है। निदान शारीरिक परीक्षा, चिकित्सा इतिहास और इमेजिंग परीक्षणों (जैसे एमआरआई) के माध्यम से किया जाता है।
उपचार में आराम, बर्फ/गर्मी, दवाएं, फिजियोथेरेपी और कुछ मामलों में सर्जरी शामिल हो सकती है। जोखिम को कम करने के लिए सही मुद्रा बनाए रखना, एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखना, भारी वजन उठाने से बचना और नियमित व्यायाम करना महत्वपूर्ण है।