कैशेक्सिया

कैशेक्सिया

कैशेक्सिया क्या है?

कैशेक्सिया एक जटिल मेटाबोलिक सिंड्रोम है जो किसी अंतर्निहित बीमारी से संबंधित है और इसकी विशेषता मांसपेशियों में कमी है, वसा में कमी के साथ या बिना, जो अक्सर एनोरेक्सिया, एक सूजन प्रक्रिया, इंसुलिन प्रतिरोध और बढ़े हुए प्रोटीन टर्नओवर से जुड़ा होता है। इसे कभी-कभी “वेस्टिंग सिंड्रोम” भी कहा जाता है।

कैशेक्सिया सामान्य वजन घटाने से अलग है क्योंकि यह भोजन सेवन में वृद्धि से पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। यह अक्सर गंभीर पुरानी बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय विफलता, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), क्रोनिक किडनी डिजीज और एड्स के अंतिम चरणों में देखा जाता है।

कैशेक्सिया के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • शरीर के वजन का गंभीर और अनपेक्षित नुकसान (अक्सर 6-12 महीनों में 5% या उससे अधिक)
  • मांसपेशियों का क्षय (मांसपेशियों की कमजोरी और आकार में कमी)
  • थकान और कमजोरी
  • भूख न लगना (एनोरेक्सिया)
  • एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी)

कैशेक्सिया एक गंभीर स्थिति हो सकती है और अंतर्निहित बीमारी के उपचार को जटिल बना सकती है। वर्तमान में, कैशेक्सिया को पूरी तरह से ठीक करने के लिए कोई प्रभावी चिकित्सा हस्तक्षेप या अनुमोदित दवाएं नहीं हैं। उपचार का मुख्य लक्ष्य लक्षणों को प्रबंधित करना और पोषण संबंधी सहायता प्रदान करना है। शोधकर्ता कैशेक्सिया के कारणों को समझने और नए उपचार विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं।

कैशेक्सिया के कारण क्या हैं?

कैशेक्सिया कई जटिल कारकों के संयोजन के कारण होता है, जिसमें अंतर्निहित बीमारी, सूजन, और चयापचय संबंधी असामान्यताएं शामिल हैं। इसके कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  • अंतर्निहित बीमारियाँ: कैशेक्सिया अक्सर गंभीर पुरानी बीमारियों जैसे कैंसर (विशेष रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर), हृदय विफलता, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), क्रोनिक किडनी डिजीज और एड्स से जुड़ा होता है। कैंसर के लगभग 40% रोगियों में निदान के समय और 70% उन्नत कैंसर वाले रोगियों में कैशेक्सिया विकसित होता है।
  • सूजन: पुरानी बीमारियों के कारण शरीर में लगातार सूजन कैशेक्सिया के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सूजनकारी साइटोकिन्स (जैसे टीएनएफ-α, आईएल-6, आईएल-1β) का अत्यधिक उत्पादन मांसपेशियों के प्रोटीन के टूटने को बढ़ावा देता है और प्रोटीन संश्लेषण को रोकता है, जिससे मांसपेशियों का क्षय होता है।
  • चयापचय संबंधी असामान्यताएं: कैशेक्सिया से पीड़ित व्यक्तियों में ऊर्जा संतुलन में गड़बड़ी होती है। आराम करने पर भी उनकी ऊर्जा व्यय बढ़ जाती है, जबकि भोजन का सेवन अक्सर कम होता है (एनोरेक्सिया के कारण)। ट्यूमर चयापचय भी ऊर्जा की मांग को बढ़ा सकता है।
  • इंसुलिन प्रतिरोध: कैशेक्सिया में इंसुलिन प्रतिरोध आम है। इंसुलिन मांसपेशियों में प्रोटीन के संश्लेषण को बढ़ावा देने में मदद करता है, लेकिन इंसुलिन प्रतिरोध की स्थिति में यह प्रभाव कम हो जाता है, जिससे मांसपेशियों का क्षय बढ़ सकता है।
  • बढ़ा हुआ प्रोटीन टर्नओवर: कैशेक्सिया में प्रोटीन का टूटना (अपचय) प्रोटीन के संश्लेषण (उपचय) की तुलना में अधिक तेजी से होता है। सूजनकारी साइटोकिन्स और अन्य कारक प्रोटीन के टूटने की प्रक्रिया को तेज करते हैं, जिससे मांसपेशियों की हानि होती है।
  • एनोरेक्सिया: भूख न लगना (एनोरेक्सिया) कैशेक्सिया का एक आम लक्षण है और यह पर्याप्त पोषक तत्वों के सेवन को रोकता है, जिससे मांसपेशियों और वसा का क्षय और बढ़ जाता है। एनोरेक्सिया सूजनकारी प्रतिक्रियाओं के कारण हो सकता है।
  • ट्यूमर-स्रावित कारक: कुछ ट्यूमर ऐसे पदार्थ स्रावित कर सकते हैं जो सीधे मांसपेशियों और वसा के क्षय को बढ़ावा देते हैं।

कैशेक्सिया के संकेत और लक्षण क्या हैं?

कैशेक्सिया के संकेत और लक्षण धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं और व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। इसके कुछ प्रमुख संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:

  • शरीर के वजन का अनपेक्षित और महत्वपूर्ण नुकसान: यह कैशेक्सिया का एक प्रमुख लक्षण है। आमतौर पर, पिछले 6 से 12 महीनों में शरीर के वजन का 5% या उससे अधिक का नुकसान होता है, और यह भोजन का सेवन बढ़ाने से पूरी तरह से ठीक नहीं होता है।
  • मांसपेशियों का क्षय (मांसपेशियों की बर्बादी): मांसपेशियों का आकार कम होना और कमजोरी महसूस होना आम है। व्यक्ति को दैनिक कार्य करने में कठिनाई हो सकती है, जैसे कि उठना, चलना या भारी वस्तुएं उठाना।
  • थकान और कमजोरी: लगातार थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होना कैशेक्सिया से पीड़ित लोगों में आम है, जो उनकी दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।
  • भूख न लगना (एनोरेक्सिया): भोजन में रुचि कम हो जाती है और पेट भरा हुआ महसूस हो सकता है, भले ही थोड़ा ही खाया हो।
  • वसा की कमी: शरीर में वसा की मात्रा भी कम हो सकती है, जिससे व्यक्ति पतला दिखाई दे सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में मांसपेशियों की कमी वसा की कमी के बिना भी हो सकती है।
  • एनीमिया (लाल रक्त कोशिकाओं की कमी): कुछ व्यक्तियों में एनीमिया विकसित हो सकता है, जिससे थकान और कमजोरी और बढ़ सकती है।
  • सूजन: कुछ मामलों में, शरीर में तरल पदार्थ जमा होने के कारण सूजन दिखाई दे सकती है, जो वजन घटाने के बावजूद हो सकती है।
  • मानसिक परिवर्तन: कुछ लोगों में अवसाद, चिंता या भ्रम जैसे मानसिक परिवर्तन भी हो सकते हैं।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: कैशेक्सिया प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

कैशेक्सिया का खतरा किसे अधिक होता है?

कैशेक्सिया का खतरा उन लोगों में अधिक होता है जो निम्नलिखित स्थितियों से पीड़ित हैं:

  • कैंसर: विशेष रूप से फेफड़े, अग्न्याशय, पेट और अन्नप्रणाली के कैंसर वाले लोगों में कैशेक्सिया का खतरा बहुत अधिक होता है। उन्नत कैंसर वाले लगभग आधे से दो-तिहाई रोगियों में कैशेक्सिया विकसित होता है।
  • हृदय विफलता: गंभीर हृदय विफलता वाले लगभग 50% रोगियों में कैशेक्सिया देखा जा सकता है, और यह खराब रोग का निदान से जुड़ा है।
  • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी): गंभीर सीओपीडी वाले लगभग 20-30% रोगियों में कैशेक्सिया विकसित होता है।
  • क्रोनिक किडनी डिजीज: डायलिसिस पर रहने वाले लगभग 20-50% रोगियों में कैशेक्सिया हो सकता है।
  • एचआईवी/एड्स: हालांकि एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी ने इसकी घटना को कम कर दिया है, फिर भी एड्स के उन्नत चरणों वाले व्यक्तियों में कैशेक्सिया का खतरा बना रहता है।
  • अन्य पुरानी बीमारियाँ: सिस्टिक फाइब्रोसिस, रुमेटीइड आर्थराइटिस, क्रोहन रोग और कुछ अन्य पुरानी सूजन वाली बीमारियाँ भी कैशेक्सिया के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हैं।
  • वृद्ध वयस्क: उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों का द्रव्यमान स्वाभाविक रूप से कम होता जाता है (सारकोपेनिया)। पुरानी बीमारियों की उपस्थिति में यह कैशेक्सिया के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है।

कैशेक्सिया से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

कैशेक्सिया कई बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिनमें शामिल हैं:

  • कैंसर: यह कैशेक्सिया का सबसे आम कारण है, खासकर फेफड़े, अग्न्याशय, पेट और कोलोरेक्टल कैंसर।
  • क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD): यह फेफड़ों की बीमारी है जो सांस लेने में कठिनाई का कारण बनती है।
  • क्रोनिक हार्ट फेल्योर: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता है।
  • क्रोनिक किडनी डिजीज: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुर्दे धीरे-धीरे अपना कार्य खो देते हैं।
  • एचआईवी/एड्स: यह प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाला वायरस है।
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस: यह एक ऐसी बीमारी है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करती है।
  • रुमेटीइड आर्थराइटिस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों में सूजन का कारण बनती है।
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस: यह एक आनुवंशिक बीमारी है जो फेफड़ों और पाचन तंत्र को प्रभावित करती है।
  • अल्जाइमर रोग और अन्य प्रकार के डिमेंशिया: ये मस्तिष्क संबंधी स्थितियां हैं जो स्मृति और सोच को प्रभावित करती हैं।
  • मोटर न्यूरॉन रोग: यह एक प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो मांसपेशियों की कमजोरी और बर्बादी का कारण बनती है।
  • पार्किंसंस रोग: यह एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जो आंदोलन को प्रभावित करती है।
  • तपेदिक (टीबी): यह एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है।

कैशेक्सिया का निदान कैसे करें?

सटीक निदान के लिए एक स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा कैशेक्सिया का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। निदान में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:

  • चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षा: डॉक्टर आपके वजन घटाने के इतिहास, भूख में बदलाव और किसी भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों के बारे में पूछेंगे। वे मांसपेशियों की हानि और वसा हानि के संकेतों की जांच के लिए एक शारीरिक परीक्षा भी करेंगे।
  • वजन इतिहास: पिछले 6 से 12 महीनों में 5% या उससे अधिक का अनैच्छिक वजन घटाना कैशेक्सिया का एक महत्वपूर्ण नैदानिक मानदंड है।
  • बॉडी मास इंडेक्स (BMI): 20 kg/m² से कम BMI भी कैशेक्सिया का सुझाव दे सकता है, खासकर यदि महत्वपूर्ण वजन घटाना हुआ हो।
  • शारीरिक संरचना का आकलन: मांसपेशियों और वसा द्रव्यमान को मापने के लिए परीक्षण किए जा सकते हैं, जैसे कि बायोइलेक्ट्रिकल इम्पेडेंस एनालिसिस (BIA) या डुअल-एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्प्टियोमेट्री (DXA) स्कैन।
  • रक्त परीक्षण: सूजन (जैसे सी-रिएक्टिव प्रोटीन), पोषण की स्थिति (जैसे एल्बुमिन) और अन्य चयापचय संबंधी असामान्यताओं के संकेतों की जांच के लिए रक्त परीक्षण किए जा सकते हैं।
  • प्रदर्शन स्थिति का आकलन: यह आकलन करता है कि बीमारी दैनिक गतिविधियों को करने की आपकी क्षमता को कैसे प्रभावित कर रही है।
  • भूख और भोजन सेवन का आकलन: भूख में कमी और भोजन सेवन में कमी कैशेक्सिया में आम है।
  • कैशेक्सिया स्कोरिंग सिस्टम: कुछ मानकीकृत स्कोरिंग सिस्टम हैं, जैसे कि कैशेक्सिया स्टेजिंग स्कोर (CSS), जो कैशेक्सिया की गंभीरता का आकलन करने के लिए विभिन्न कारकों को जोड़ते हैं।

कैशेक्सिया का इलाज क्या है?

कैशेक्सिया का इलाज बहुआयामी है और इसका मुख्य लक्ष्य लक्षणों को प्रबंधित करना, जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और अंतर्निहित बीमारी के प्रभाव को कम करना है। चूंकि कैशेक्सिया कई अलग-अलग बीमारियों से जुड़ा हो सकता है, इसलिए उपचार योजना व्यक्तिगत रोगी और उनकी विशिष्ट स्थिति के अनुरूप बनाई जाती है।

कैशेक्सिया के इलाज के मुख्य पहलुओं में शामिल हैं:

  • अंतर्निहित बीमारी का प्रबंधन: कैशेक्सिया के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण कदम अंतर्निहित बीमारी का इलाज करना है जो इसे पैदा कर रही है। उदाहरण के लिए, कैंसर के मामले में, इसमें कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा, सर्जरी या लक्षित थेरेपी शामिल हो सकती है। सीओपीडी, हृदय विफलता या गुर्दे की बीमारी जैसी पुरानी स्थितियों के प्रबंधन में दवाएं, जीवनशैली में बदलाव और अन्य सहायक उपचार शामिल हो सकते हैं।
  • पोषण संबंधी सहायता:
    • आहार संबंधी परामर्श: एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ व्यक्तिगत जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन आहार योजना विकसित करने में मदद कर सकता है। छोटे, बार-बार भोजन करना, पोषक तत्वों से भरपूर स्नैक्स लेना और तरल पूरक का उपयोग करना भोजन का सेवन बढ़ाने में मदद कर सकता है।
    • ओरल न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स (ONS): ये पूरक अतिरिक्त कैलोरी, प्रोटीन और अन्य आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं जब भोजन का सेवन अपर्याप्त हो।
    • एंटरल न्यूट्रिशन (ट्यूब फीडिंग): यदि रोगी मुंह से पर्याप्त पोषण लेने में असमर्थ है, तो नाकोगैस्ट्रिक ट्यूब, गैस्ट्रोस्टोमी ट्यूब या जेजुनोस्टोमी ट्यूब के माध्यम से सीधे पेट या छोटी आंत में पोषक तत्वों को पहुंचाया जा सकता है।
    • पैरेंट्रल न्यूट्रिशन (IV फीडिंग): कुछ मामलों में, जब जठरांत्र संबंधी मार्ग ठीक से काम नहीं कर रहा होता है, तो नसों के माध्यम से पोषक तत्व दिए जा सकते हैं।
  • दवाएं: कैशेक्सिया के विशिष्ट लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए कई दवाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं:
    • एपेटाइट स्टिमुलेंट्स (भूख बढ़ाने वाली दवाएं): मेगेस्ट्रोल एसीटेट और ड्रोनैबिनॉल जैसी दवाएं भूख और भोजन का सेवन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
    • प्रोकेनेटिक्स: ये दवाएं पेट खाली करने में सुधार कर सकती हैं और मतली और उल्टी को कम कर सकती हैं, जिससे भोजन का सेवन बेहतर हो सकता है।
    • अनाबॉलिक एजेंट: कुछ दवाएं, जैसे कि एनाबॉलिक स्टेरॉयड (सावधानी से इस्तेमाल किया जाता है) और सेलेक्टिव एंड्रोजन रिसेप्टर मॉड्यूलेटर्स (SARMs), मांसपेशियों के द्रव्यमान को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
    • सूजनरोधी दवाएं: सूजन कैशेक्सिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या अन्य सूजनरोधी दवाएं लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं।
    • अन्य दवाएं: अंतर्निहित स्थिति और रोगी के विशिष्ट लक्षणों के आधार पर अन्य दवाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं।
  • शारीरिक गतिविधि: जब तक सहन किया जा सके, हल्की से मध्यम शारीरिक गतिविधि मांसपेशियों की ताकत और कार्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। इसमें चलना, हल्की भारोत्तोलन या भौतिक चिकित्सक द्वारा निर्देशित व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
  • मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक समर्थन: कैशेक्सिया रोगियों और उनके परिवारों के लिए भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। परामर्श, सहायता समूह और अन्य मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप मुकाबला करने की रणनीतियों और भावनात्मक कल्याण में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।
  • लक्षण प्रबंधन: दर्द, थकान, मतली और सांस की तकलीफ जैसे अन्य लक्षणों का प्रबंधन जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।

कैशेक्सिया का घरेलू इलाज क्या है?

कैशेक्सिया एक जटिल चिकित्सा स्थिति है जिसके लिए आमतौर पर चिकित्सा पेशेवरों द्वारा प्रबंधित एक व्यापक उपचार योजना की आवश्यकता होती है। जबकि कुछ घरेलू रणनीतियाँ सहायक हो सकती हैं, वे पारंपरिक चिकित्सा उपचार की जगह नहीं ले सकती हैं। घरेलू उपचार का मुख्य उद्देश्य लक्षणों को प्रबंधित करना, पोषण का समर्थन करना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

यहाँ कुछ घरेलू रणनीतियाँ दी गई हैं जो कैशेक्सिया वाले व्यक्ति के लिए सहायक हो सकती हैं:

पोषण संबंधी सहायता:

  • बार-बार छोटे भोजन करें: बड़े भोजन की तुलना में छोटे, अधिक बार भोजन करना आसान हो सकता है, खासकर यदि भूख कम हो।
  • उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन खाद्य पदार्थों का चयन करें: अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो कैलोरी और प्रोटीन में घने हों, जैसे कि नट्स, बीज, पनीर, अंडे, दूध, दही, मांस और मछली।
  • पौष्टिक स्नैक्स लें: भोजन के बीच पौष्टिक स्नैक्स लें, जैसे कि नट्स, सूखे फल, दही या प्रोटीन शेक।
  • तरल पूरक का उपयोग करें: यदि ठोस भोजन लेना मुश्किल हो तो स्मूदी, शेक या व्यावसायिक पोषण पूरक का उपयोग करें। आप स्मूदी में फल, दही, प्रोटीन पाउडर और स्वस्थ वसा जैसे तत्व मिला सकते हैं।
  • अपने भोजन में स्वस्थ वसा शामिल करें: जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स और बीज जैसी स्वस्थ वसा कैलोरी की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
  • अपनी पसंद के अनुसार भोजन तैयार करें: भोजन को स्वादिष्ट और आकर्षक बनाने से भूख बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
  • हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी, जूस या अन्य तरल पदार्थ पिएं।

भूख बढ़ाने के लिए रणनीतियाँ:

  • भोजन से पहले हल्की गतिविधि करें: हल्की सैर या स्ट्रेचिंग भूख को उत्तेजित कर सकती है।
  • शांत और आरामदायक भोजन का माहौल बनाएं: शांत वातावरण में धीरे-धीरे भोजन करें।
  • अपने डॉक्टर से भूख बढ़ाने वाली दवाओं के बारे में बात करें: यदि भूख की कमी गंभीर है, तो डॉक्टर भूख बढ़ाने वाली दवाएं लिख सकते हैं।

अन्य सहायक रणनीतियाँ:

  • हल्की शारीरिक गतिविधि बनाए रखें: जब तक सहन किया जा सके, हल्की गतिविधि जैसे चलना या स्ट्रेचिंग मांसपेशियों की ताकत और कल्याण को बनाए रखने में मदद कर सकती है। अपने डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से उचित व्यायाम के बारे में सलाह लें।
  • पर्याप्त आराम करें: थकान कैशेक्सिया का एक आम लक्षण है, इसलिए पर्याप्त नींद लेना और आराम करना महत्वपूर्ण है।
  • तनाव का प्रबंधन करें: तनाव भूख और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। विश्राम तकनीकों, जैसे कि गहरी सांस लेना, ध्यान या शौक में शामिल होना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
  • मानसिक और भावनात्मक समर्थन लें: कैशेक्सिया भावनात्मक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। परिवार, दोस्तों या सहायता समूहों से बात करना सहायक हो सकता है। यदि आवश्यक हो तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सहायता लेने पर विचार करें।

कैशेक्सिया में क्या खाएं और क्या न खाएं?

कैशेक्सिया में खान-पान का मुख्य लक्ष्य पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन का सेवन सुनिश्चित करना है ताकि वजन घटाने और मांसपेशियों की हानि को कम किया जा सके। व्यक्तिगत ज़रूरतें अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा है जो आपकी विशिष्ट स्थिति के अनुसार एक योजना बना सके।

हालांकि, यहाँ कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं कि कैशेक्सिया में क्या खाएं और क्या न खाएं:

क्या खाएं:

  • उच्च-कैलोरी खाद्य पदार्थ:
    • वसा: स्वस्थ वसा कैलोरी का एक केंद्रित स्रोत हैं। जैतून का तेल, एवोकाडो, नट्स, बीज, पीनट बटर, और मेयोनेज़ जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
    • कार्बोहाइड्रेट: जटिल कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा प्रदान करते हैं। साबुत अनाज की ब्रेड, पास्ता, चावल, आलू और शकरकंद जैसे खाद्य पदार्थों का चयन करें।
    • प्रोटीन के साथ उच्च-कैलोरी विकल्प: पनीर के साथ अंडे, पनीर के साथ मांस या मछली, दही के साथ फल और नट्स।
  • उच्च-प्रोटीन खाद्य पदार्थ: मांसपेशियों के द्रव्यमान को बनाए रखने और मरम्मत के लिए प्रोटीन आवश्यक है।
    • मांस और मुर्गी: लाल मांस (कम मात्रा में), चिकन, टर्की।
    • मछली: वसायुक्त मछली (जैसे सैल्मन) ओमेगा-3 फैटी एसिड भी प्रदान करती है।
    • अंडे: प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत।
    • डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर, दही (विशेषकर पूर्ण वसा वाले)।
    • फलियां: बीन्स, दालें, छोले (यदि सहन हो)।
    • नट्स और बीज: प्रोटीन और कैलोरी दोनों प्रदान करते हैं।
    • टोफू और सोया उत्पाद: प्रोटीन के अच्छे शाकाहारी स्रोत।
    • प्रोटीन पाउडर: स्मूदी या अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाया जा सकता है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ: विटामिन और खनिजों का पर्याप्त सेवन समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
    • फल और सब्जियां: विभिन्न प्रकार के रंगीन फल और सब्जियां खाएं। यदि कच्ची सब्जियां पचाने में मुश्किल हों तो उन्हें पकाकर खाएं।
    • साबुत अनाज: फाइबर और अन्य पोषक तत्व प्रदान करते हैं।
  • छोटे, बार-बार भोजन: बड़े भोजन की तुलना में छोटे, अधिक बार भोजन करना आसान हो सकता है, खासकर यदि भूख कम हो।
  • पौष्टिक स्नैक्स: भोजन के बीच नट्स, सूखे फल, दही, पनीर या प्रोटीन शेक जैसे पौष्टिक स्नैक्स लें।
  • तरल पूरक: यदि ठोस भोजन लेना मुश्किल हो तो स्मूदी, शेक या व्यावसायिक पोषण पूरक का उपयोग करें।
  • मसाले और जड़ी-बूटियाँ: भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करें, जिससे भूख बढ़ सकती है।

क्या न खाएं (या सीमित करें):

  • कम-कैलोरी और कम-पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थ: सोडा, कैंडी, जंक फूड जैसे खाद्य पदार्थ केवल खाली कैलोरी प्रदान करते हैं और आवश्यक पोषक तत्व नहीं देते हैं।
  • उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (बड़ी मात्रा में): जबकि फाइबर स्वस्थ है, अत्यधिक मात्रा में फाइबर पेट भरने का एहसास करा सकता है और कैलोरी का सेवन कम कर सकता है। फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें, लेकिन अत्यधिक मात्रा से बचें।
  • भारी या तैलीय भोजन: ये पचाने में मुश्किल हो सकते हैं और पेट खराब कर सकते हैं, जिससे भूख कम हो सकती है।
  • बहुत अधिक मीठे खाद्य पदार्थ: ये त्वरित ऊर्जा प्रदान कर सकते हैं लेकिन इनमें अक्सर आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है और ये तृप्ति प्रदान नहीं करते हैं।
  • शराब: शराब भूख को कम कर सकती है और पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकती है।
  • ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे असुविधा हो: यदि आपको किसी विशेष भोजन से पेट खराब होता है, तो उससे बचें।

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

  • हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य तरल पदार्थ पिएं।
  • अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें: वे आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं और अंतर्निहित स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
  • अपनी भूख और सहनशीलता पर ध्यान दें: ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करें जिन्हें आप आसानी से पचा सकें और जो आपको पसंद हों।
  • भोजन को स्वादिष्ट बनाएं: यदि भोजन आकर्षक लगे तो उसे खाने की इच्छा बढ़ सकती है।

कैशेक्सिया के जोखिम को कैसे कम करें?

कैशेक्सिया के जोखिम को पूरी तरह से खत्म करना हमेशा संभव नहीं होता है, खासकर यदि किसी व्यक्ति को कैंसर, सीओपीडी, हृदय विफलता या गुर्दे की बीमारी जैसी पुरानी बीमारियां हैं जो इस स्थिति से जुड़ी होती हैं। हालांकि, कुछ रणनीतियाँ हैं जिनका पालन करके इसके विकास या गंभीरता के जोखिम को कम किया जा सकता है:

अंतर्निहित बीमारी का प्रभावी प्रबंधन:

  • समय पर निदान और उपचार: यदि आपको कोई ऐसी बीमारी है जो कैशेक्सिया के जोखिम को बढ़ाती है, तो शुरुआती निदान और उचित उपचार महत्वपूर्ण है। अपनी स्वास्थ्य सेवा टीम के साथ मिलकर अपनी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें।
  • उपचार योजनाओं का पालन करें: अपनी दवाएं निर्धारित अनुसार लें और अपनी डॉक्टर की सिफारिशों का पालन करें।
  • नियमित फॉलो-अप: अपनी स्वास्थ्य सेवा टीम के साथ नियमित रूप से मिलें ताकि आपकी स्थिति की निगरानी की जा सके और आवश्यकतानुसार उपचार योजनाओं को समायोजित किया जा सके।

पोषण संबंधी हस्तक्षेप:

  • पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन का सेवन: खासकर यदि आपको कोई ऐसी बीमारी है जो कैशेक्सिया के जोखिम को बढ़ाती है, तो यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं। एक संतुलित आहार लें जिसमें उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन खाद्य पदार्थ शामिल हों।
  • अनैच्छिक वजन घटाने पर ध्यान दें: यदि आप अनैच्छिक वजन घटाने का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं। शुरुआती हस्तक्षेप कैशेक्सिया की प्रगति को धीमा करने में मदद कर सकता है।
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार: विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं ताकि आपको आवश्यक विटामिन और खनिज मिल सकें।
  • हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
  • आहार विशेषज्ञ से सलाह लें: यदि आपको अपनी पोषण संबंधी जरूरतों के बारे में चिंता है, तो एक पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। वे आपकी विशिष्ट स्थिति के लिए एक व्यक्तिगत आहार योजना विकसित करने में मदद कर सकते हैं।

शारीरिक गतिविधि:

  • नियमित व्यायाम: जब तक सहन किया जा सके, नियमित शारीरिक गतिविधि मांसपेशियों की ताकत और कार्य को बनाए रखने में मदद कर सकती है। अपने डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से उचित व्यायाम के बारे में सलाह लें।
  • गतिहीनता से बचें: लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से मांसपेशियों की हानि हो सकती है। सक्रिय रहने के तरीके खोजें।

लक्षण प्रबंधन:

  • भूख की कमी का प्रबंधन: यदि आपको भूख की कमी हो रही है, तो छोटे, बार-बार भोजन करें, पौष्टिक स्नैक्स लें और अपने डॉक्टर से भूख बढ़ाने वाली दवाओं के बारे में बात करें यदि आवश्यक हो।
  • मतली और उल्टी का प्रबंधन: यदि आपको मतली या उल्टी हो रही है, तो अपने डॉक्टर से इसका इलाज करने के तरीकों के बारे में पूछें ताकि आप पर्याप्त भोजन कर सकें।

जीवनशैली में बदलाव:

  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ाता है जो कैशेक्सिया से जुड़ी हैं।
  • शराब का सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब का सेवन पोषण को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
  • तनाव का प्रबंधन करें: तनाव आपके स्वास्थ्य और भूख पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। तनाव कम करने की तकनीकों का अभ्यास करें।
  • पर्याप्त नींद लें: पर्याप्त नींद समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।

नियमित निगरानी:

  • नियमित वजन जांच: अपने वजन पर नियमित रूप से ध्यान दें और किसी भी महत्वपूर्ण अनैच्छिक वजन घटाने की सूचना अपने डॉक्टर को दें।
  • शारीरिक संरचना का आकलन: कुछ मामलों में, डॉक्टर समय-समय पर आपकी मांसपेशियों और वसा द्रव्यमान का आकलन कर सकते हैं।

सारांश

कैशेक्सिया एक जटिल चयापचय सिंड्रोम है जो कई पुरानी बीमारियों से जुड़ा है, जिसमें कैंसर, सीओपीडी, हृदय विफलता और गुर्दे की बीमारी शामिल हैं। इसकी विशेषता अनैच्छिक वजन घटाना, मांसपेशियों की हानि और भूख न लगना है।

कैशेक्सिया का निदान चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षा, वजन इतिहास, बीएमआई, शारीरिक संरचना का आकलन, रक्त परीक्षण और भूख का आकलन जैसे कारकों के आधार पर किया जाता है।

कैशेक्सिया का उपचार बहुआयामी है और इसमें अंतर्निहित बीमारी का प्रबंधन, पोषण संबंधी सहायता (उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन आहार, मौखिक पूरक, ट्यूब फीडिंग या IV फीडिंग), भूख बढ़ाने वाली और मांसपेशियों को बढ़ाने वाली दवाएं, शारीरिक गतिविधि और मनोवैज्ञानिक समर्थन शामिल हैं।

घरेलू रणनीतियाँ जैसे बार-बार छोटे भोजन करना, पौष्टिक स्नैक्स लेना, उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन खाद्य पदार्थों का चयन करना, हल्की गतिविधि बनाए रखना और पर्याप्त आराम करना लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं, लेकिन वे चिकित्सा उपचार की जगह नहीं ले सकती हैं।

कैशेक्सिया में क्या खाना चाहिए इसमें उच्च-कैलोरी और उच्च-प्रोटीन खाद्य पदार्थ, स्वस्थ वसा, जटिल कार्बोहाइड्रेट और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हैं। क्या नहीं खाना चाहिए या सीमित करना चाहिए इसमें कम-कैलोरी और कम-पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थ, उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ (बड़ी मात्रा में), भारी या तैलीय भोजन और अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

कैशेक्सिया के जोखिम को कम करने के लिए अंतर्निहित बीमारी का प्रभावी प्रबंधन, पर्याप्त कैलोरी और प्रोटीन का सेवन सुनिश्चित करना, अनैच्छिक वजन घटाने पर ध्यान देना, नियमित शारीरिक गतिविधि बनाए रखना और स्वस्थ जीवनशैली विकल्प अपनाना महत्वपूर्ण है। नियमित चिकित्सा निगरानी भी आवश्यक है।

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