कंधे में से कट कट की आवाज़ आना
कंधे में से कट कट की आवाज़ आना क्या है?
कंधे में से कट कट की आवाज़ आना, जिसे चिकित्सा भाषा में क्रेपिटस (Crepitus) कहा जाता है, एक सामान्य लक्षण है जो कंधे के जोड़ में हिलने पर सुनाई देने वाली चटकने, क्लिक करने या पीसने जैसी आवाज़ है। यह हमेशा किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों से जुड़ा हो सकता है।
कंधे में से कट कट की आवाज़ आने के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
हानिरहित कारण:
- कैविटेशन (Cavitation): यह सबसे आम कारण है। कंधे के जोड़ के भीतर श्लेष द्रव (synovial fluid) नामक एक तरल पदार्थ होता है जो जोड़ को चिकनाई देता है। इस द्रव में गैस के छोटे बुलबुले बन सकते हैं। जब आप अपना कंधा हिलाते हैं, तो इन बुलबुलों के फूटने से चटकने या क्लिक करने की आवाज़ आ सकती है, ठीक वैसे ही जैसे आप अपनी उंगलियों को चटकाते हैं। यह आमतौर पर दर्द रहित होता है।
- लिगामेंट या टेंडन का हिलना: कंधे के जोड़ के आसपास के लिगामेंट (जो हड्डियों को हड्डियों से जोड़ते हैं) और टेंडन (जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं) हिलने पर हड्डी के ऊपर से फिसल सकते हैं या अपनी जगह पर वापस आ सकते हैं, जिससे चटकने या क्लिक करने की आवाज़ आ सकती है। यह भी आमतौर पर दर्द रहित होता है।
- उम्र बढ़ना: उम्र के साथ जोड़ों में कुछ सामान्य बदलाव आ सकते हैं जो कभी-कभी आवाज़ पैदा कर सकते हैं।
संभावित चिकित्सीय कारण (जिनमें दर्द या अन्य लक्षण भी हो सकते हैं):
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): यह एक प्रकार का गठिया है जिसमें कंधे के जोड़ में उपास्थि (cartilage) धीरे-धीरे घिस जाती है। इससे हड्डियों के आपस में रगड़ने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पीसने या चरमराहट जैसी आवाज़ आ सकती है, साथ ही दर्द, अकड़न और गति की सीमा में कमी भी हो सकती है।
- रोटेटर कफ टियर (Rotator Cuff Tear): रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन का एक समूह है जो कंधे के जोड़ को स्थिर करता है और हाथ को घुमाने में मदद करता है। इन टेंडन में चोट या टूट-फूट होने से हिलने पर कट कट की आवाज़ के साथ दर्द और कमजोरी हो सकती है।
- लैब्रल टियर (Labral Tear): लैब्रम उपास्थि का एक वलय है जो कंधे के सॉकेट को घेरता है और स्थिरता प्रदान करता है। चोट या बार-बार उपयोग से लैब्रम फट सकता है, जिससे क्लिक करने, चटकने या कंधे में फंसने जैसी अनुभूति हो सकती है, साथ ही दर्द भी हो सकता है।
- बर्साइटिस (Bursitis): बर्सा छोटी, तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ होती हैं जो हड्डियों और नरम ऊतकों के बीच घर्षण को कम करती हैं। कंधे में बर्सा में सूजन (बर्साइटिस) होने से दर्द और हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- शोल्डर इम्पिंजमेंट सिंड्रोम (Shoulder Impingement Syndrome): यह तब होता है जब रोटेटर कफ टेंडन कंधे की हड्डी (एक्रोमियन) और लिगामेंट के बीच दब जाते हैं, जिससे दर्द और हिलने पर आवाज़ आ सकती है।
- ओस्टियोकॉन्ड्रोमा (Osteochondroma): यह एक गैर-कैंसरयुक्त हड्डी का विकास है जो कंधे की हड्डी पर हो सकता है और हिलने पर रगड़ या पीसने की आवाज़ पैदा कर सकता है।
- फ्रैक्चर (Fracture): कंधे की हड्डी में फ्रैक्चर होने पर हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है और यह एक गंभीर स्थिति है जिसके लिए तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- शोल्डर डिसलोकेशन (Shoulder Dislocation): जब ऊपरी बांह की हड्डी कंधे के सॉकेट से बाहर निकल जाती है, तो हिलने पर एक विशिष्ट चटकने की आवाज़ आ सकती है।
कब डॉक्टर से सलाह लें:
आमतौर पर, अगर कंधे से आने वाली कट कट की आवाज़ दर्द रहित है, तो यह चिंता की बात नहीं है। हालांकि, आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए यदि:
- आवाज़ के साथ दर्द हो।
- कंधे में सूजन हो।
- कंधे में अकड़न महसूस हो।
- कंधे को हिलाने में कठिनाई हो।
- आवाज़ लगातार बनी रहे या समय के साथ खराब होती जाए।
- आपको हाल ही में कंधे में कोई चोट लगी हो।
कंधे में से कट कट की आवाज़ आने के कारण क्या हैं?
कंधे में से कट कट की आवाज़ आने के कई संभावित कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
सामान्य और हानिरहित कारण:
- कैविटेशन: यह सबसे आम कारण है। कंधे के जोड़ के भीतर श्लेष द्रव (synovial fluid) में गैस के छोटे बुलबुले बन सकते हैं। जब आप अपना कंधा हिलाते हैं, तो ये बुलबुले फूट सकते हैं, जिससे चटकने या क्लिक करने की आवाज़ आती है। यह आमतौर पर दर्द रहित होता है।
- लिगामेंट्स या टेंडन्स का हिलना: कंधे के जोड़ के आसपास के लिगामेंट्स (ligaments) और टेंडन्स (tendons) हड्डी की संरचनाओं के ऊपर से गुजरते हैं। जब कंधा हिलता है, तो ये संरचनाएं थोड़ा सा खिसक सकती हैं और वापस अपनी जगह पर आ सकती हैं, जिससे आवाज़ आ सकती है। यह भी आमतौर पर हानिरहित होता है।
- उम्र बढ़ना: उम्र के साथ जोड़ों में कुछ सामान्य बदलाव आ सकते हैं जो कभी-कभी आवाज़ पैदा कर सकते हैं।
संभावित चिकित्सीय कारण (जिनमें दर्द या अन्य लक्षण भी हो सकते हैं):
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): कंधे के जोड़ में उपास्थि (cartilage) घिस जाने से हड्डियों के आपस में रगड़ने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पीसने या चरमराहट जैसी आवाज़ आ सकती है, साथ ही दर्द, अकड़न और गति की सीमा में कमी भी हो सकती है।
- रोटेटर कफ टियर (Rotator Cuff Tear): रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन का एक समूह है जो कंधे को स्थिर करता है। इनमें चोट या टूट-फूट होने से हिलने पर कट कट की आवाज़ के साथ दर्द और कमजोरी हो सकती है।
- लैब्रल टियर (Labral Tear): लैब्रम उपास्थि का एक वलय है जो कंधे के सॉकेट को घेरता है। चोट या बार-बार उपयोग से यह फट सकता है, जिससे क्लिक करने, चटकने या कंधे में फंसने जैसी अनुभूति हो सकती है, साथ ही दर्द भी हो सकता है।
- बर्साइटिस (Bursitis): बर्सा छोटी, तरल पदार्थ से भरी थैलियाँ होती हैं जो हड्डियों और नरम ऊतकों के बीच घर्षण को कम करती हैं। कंधे में बर्सा में सूजन होने से दर्द और हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- शोल्डर इम्पिंजमेंट सिंड्रोम (Shoulder Impingement Syndrome): रोटेटर कफ टेंडन कंधे की हड्डी (एक्रोमियन) और लिगामेंट के बीच दब जाने से दर्द और हिलने पर आवाज़ आ सकती है।
- ओस्टियोकॉन्ड्रोमा (Osteochondroma): यह एक गैर-कैंसरयुक्त हड्डी का विकास है जो कंधे की हड्डी पर हो सकता है और हिलने पर रगड़ या पीसने की आवाज़ पैदा कर सकता है।
- फ्रैक्चर (Fracture): कंधे की हड्डी में फ्रैक्चर होने पर हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- शोल्डर डिसलोकेशन (Shoulder Dislocation): जब ऊपरी बांह की हड्डी कंधे के सॉकेट से बाहर निकल जाती है, तो हिलने पर एक विशिष्ट चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम (Snapping Scapula Syndrome): कंधे के ब्लेड (स्कैपुला) और छाती की दीवार के बीच की मांसपेशियों, बर्सा या हड्डी में समस्या के कारण हिलने पर पीसने या चटकने की आवाज़ आ सकती है।
कंधे में से कट कट की आवाज़ के संकेत और लक्षण क्या हैं?
कंधे में से कट कट की आवाज़ आने के साथ दिखाई देने वाले संकेत और लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि इस आवाज़ का कारण क्या है। कई मामलों में, खासकर यदि आवाज़ दर्द रहित है, तो कोई अन्य विशिष्ट लक्षण नहीं हो सकते हैं।
हालाँकि, यदि कट कट की आवाज़ किसी अंतर्निहित समस्या के कारण हो रही है, तो निम्नलिखित संकेत और लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
कंधे में सुनाई देने वाली आवाज़ें:
- कट कट (Clicking): एक हल्की, बार-बार होने वाली आवाज़।
- चटकना (Popping): एक अचानक और तेज़ आवाज़।
- पीसना (Grinding): ऐसा महसूस होना या सुनाई देना जैसे दो खुरदरी सतहें आपस में रगड़ रही हों।
- खरखराहट (Crunching): कई हल्की आवाज़ों की एक श्रृंखला।
- दबदबाना (Clunking): एक भारी या गहरी आवाज़।
- स्नैपिंग (Snapping): एक तेज़, झटकेदार आवाज़ (विशेषकर स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम में)।
कंधे में महसूस होने वाले लक्षण:
- दर्द: यह हल्का, मध्यम या गंभीर हो सकता है और गतिविधि के दौरान या बाद में बढ़ सकता है। दर्द कंधे के किसी विशेष हिस्से में या पूरे कंधे में महसूस हो सकता है।
- सूजन: कंधे के आसपास फुलाव महसूस होना या दिखाई देना।
- अकड़न: कंधे को हिलाने में कठिनाई, खासकर सुबह या आराम के बाद।
- कमजोरी: कंधे या हाथ में कमजोरी महसूस होना, जिससे वस्तुओं को उठाना या पकड़ना मुश्किल हो सकता है।
- गति की सीमा में कमी: कंधे को पूरी तरह से घुमाने या उठाने में असमर्थता।
- लॉकिंग: ऐसा महसूस होना कि कंधा अचानक जाम हो गया है और हिल नहीं रहा है।
- फंसना: ऐसा महसूस होना कि कंधे के अंदर कुछ अटक रहा है।
- कोमलता: छूने पर कंधे में दर्द होना।
अन्य संभावित लक्षण:
- कंधे का खिसकना महसूस होना: खासकर लैब्रल टियर या अस्थिरता के मामलों में।
- रात में दर्द: कुछ स्थितियों में रात में दर्द बढ़ सकता है, जिससे नींद में खलल पड़ सकता है।
- हाथ ऊपर उठाने या पीछे ले जाने में कठिनाई: रोटेटर कफ की समस्याओं या इम्पिंजमेंट में यह आम है।
- कंधे के ब्लेड (स्कैपुला) के आसपास दर्द या सनसनी: स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम में।
कंधे में से कट कट की आवाज़ का खतरा किसे अधिक होता है?
कंधे में से कट कट की आवाज़ आने का खतरा निम्नलिखित लोगों में अधिक होता है:
उम्र:
- वृद्ध लोग: उम्र बढ़ने के साथ कंधे के जोड़ में उपास्थि (कार्टिलेज) घिस सकती है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है और कट कट की आवाज़ आ सकती है।
जीवनशैली और गतिविधि:
- एथलीट और सक्रिय लोग: ऐसे खेल या गतिविधियाँ जिनमें कंधे का बार-बार उपयोग होता है, जैसे बेसबॉल (पिचिंग), तैराकी, टेनिस, वॉलीबॉल और भारोत्तोलन, कंधे के जोड़ पर अधिक दबाव डाल सकते हैं और रोटेटर कफ की चोटों या अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं, जिससे आवाज़ आ सकती है।
- भारी शारीरिक काम करने वाले: ऐसे काम जिनमें कंधों पर बार-बार दबाव पड़ता है या भारी सामान उठाना होता है, कंधे की समस्याओं और आवाज़ का खतरा बढ़ा सकते हैं।
- खराब पोस्चर वाले लोग: लंबे समय तक झुककर बैठने या खड़े रहने से कंधे के जोड़ पर असामान्य दबाव पड़ सकता है।
शारीरिक स्थितियाँ:
- कंधे की पिछली चोट: जिन लोगों को पहले कंधे में चोट लगी है, जैसे कि डिसलोकेशन, फ्रैक्चर, रोटेटर कफ टियर या लैब्रल टियर, उनमें भविष्य में कट कट की आवाज़ आने की संभावना अधिक होती है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस का पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में ऑस्टियोआर्थराइटिस का इतिहास है, तो आपको इस स्थिति और कंधे से आने वाली आवाज़ का खतरा अधिक हो सकता है।
- ढीले जोड़ (Joint hypermobility): कुछ लोगों के जोड़ सामान्य से अधिक लचीले होते हैं, जिससे लिगामेंट्स और टेंडन्स के हिलने की संभावना बढ़ जाती है और आवाज़ आ सकती है।
- मांसपेशियों में असंतुलन: कंधे के आसपास की कमजोर या असंतुलित मांसपेशियां जोड़ को ठीक से सहारा नहीं दे पाती हैं, जिससे असामान्य घिसाव और आवाज़ आ सकती है।
- स्केपुला की असामान्य गति (Scapular dyskinesis): कंधे के ब्लेड की असामान्य गति स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम का कारण बन सकती है, जिससे आवाज़ आती है।
अन्य कारक:
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ: रुमेटाइड आर्थराइटिस या गाउट जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ जोड़ों को प्रभावित कर सकती हैं और कंधे से आवाज़ आने का खतरा बढ़ा सकती हैं।
कंधे में से कट कट की आवाज़ से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
कंधे में से कट कट की आवाज़ (क्रेपिटस) कई बीमारियों और स्थितियों से जुड़ी हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
जोड़ों का घिसाव और गठिया:
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): कंधे के जोड़ में उपास्थि (कार्टिलेज) घिस जाने से हड्डियों के आपस में रगड़ने पर कट कट या पीसने जैसी आवाज़ आ सकती है। इसके साथ दर्द, अकड़न और गति की सीमा में कमी भी हो सकती है।
चोटें:
- रोटेटर कफ टियर (Rotator Cuff Tear): रोटेटर कफ की मांसपेशियों या टेंडन में चोट या टूट-फूट होने से हिलने पर कट कट की आवाज़ के साथ दर्द और कमजोरी हो सकती है।
- लैब्रल टियर (Labral Tear): कंधे के सॉकेट के आसपास उपास्थि (लैब्रम) में चोट लगने से क्लिक करने, चटकने या कंधे में फंसने जैसी अनुभूति हो सकती है, साथ ही दर्द भी हो सकता है।
- फ्रैक्चर (Fracture): कंधे की हड्डी में फ्रैक्चर होने पर हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- शोल्डर डिसलोकेशन (Shoulder Dislocation): कंधे का जोड़ खिसकने पर हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
अन्य स्थितियाँ:
- बर्साइटिस (Bursitis): कंधे में बर्सा (तरल पदार्थ से भरी थैली) में सूजन होने से दर्द और हिलने पर चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- शोल्डर इम्पिंजमेंट सिंड्रोम (Shoulder Impingement Syndrome): रोटेटर कफ टेंडन कंधे की हड्डी और लिगामेंट के बीच दब जाने से दर्द और हिलने पर आवाज़ आ सकती है।
- स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम (Snapping Scapula Syndrome): कंधे के ब्लेड और छाती की दीवार के बीच समस्या के कारण हिलने पर पीसने या चटकने की आवाज़ आ सकती है।
- ओस्टियोकॉन्ड्रोमा (Osteochondroma): कंधे की हड्डी पर गैर-कैंसरयुक्त हड्डी का विकास हिलने पर रगड़ या पीसने की आवाज़ पैदा कर सकता है।
कंधे में से कट कट की आवाज़ का निदान कैसे करें?
कंधे में से कट कट की आवाज़ (क्रेपिटस) का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:
- चिकित्सा इतिहास: डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों के बारे में विस्तार से पूछेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- आवाज़ कब शुरू हुई?
- क्या आवाज़ के साथ दर्द, सूजन या अकड़न है?
- क्या कोई पिछली चोट लगी है?
- आपकी दैनिक गतिविधियाँ और व्यायाम का स्तर क्या है?
- क्या आपके परिवार में गठिया या कंधे की समस्याओं का इतिहास है?
- शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके कंधे की सावधानीपूर्वक जांच करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- निरीक्षण: कंधे में सूजन, विकृति या किसी भी दृश्यमान असामान्यता की जांच करना।
- स्पर्श (Palpation): कंधे के आसपास के विभिन्न हिस्सों को छूकर कोमलता, गर्मी या किसी गांठ का पता लगाना।
- गति की सीमा का आकलन: कंधे को विभिन्न दिशाओं में घुमाने और उठाने की आपकी क्षमता का मूल्यांकन करना।
- शक्ति परीक्षण: कंधे और हाथ की मांसपेशियों की ताकत का आकलन करना।
- विशिष्ट परीक्षण: रोटेटर कफ की चोटों (जैसे खाली कैन टेस्ट, ड्रॉप आर्म टेस्ट), लैब्रल टियर (जैसे ओ’ब्रायन एक्टिव कंप्रेसन टेस्ट), और इम्पिंजमेंट (जैसे नीर टेस्ट, हॉकिन्स-केनेडी टेस्ट) का पता लगाने के लिए विशिष्ट नैदानिक परीक्षण किए जा सकते हैं।
- आवाज़ सुनना: कंधे को हिलाते समय कट कट या अन्य असामान्य आवाज़ों को सुनना और महसूस करना। डॉक्टर आपके कंधे पर हाथ रखकर भी महसूस कर सकते हैं कि क्या कोई कंपन हो रही है।
- स्कैपुला का आकलन: कंधे के ब्लेड (स्कैपुला) की गति और स्थिति का मूल्यांकन करना, खासकर स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम के संदेह में।
2. इमेजिंग परीक्षण:
शारीरिक परीक्षण के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर निदान की पुष्टि करने या अन्य संभावित कारणों का पता लगाने के लिए इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- एक्स-रे (X-ray): यह हड्डियों की स्पष्ट तस्वीरें प्रदान करता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस, फ्रैक्चर या अन्य हड्डी संबंधी समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह उपास्थि या नरम ऊतकों की समस्याओं को नहीं दिखाता है।
- एमआरआई (MRI – मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग): यह शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करके नरम ऊतकों, जैसे कि रोटेटर कफ टेंडन, लैब्रल कार्टिलेज, बर्सा और लिगामेंट्स की विस्तृत तस्वीरें बनाता है। यह रोटेटर कफ टियर, लैब्रल टियर, बर्साइटिस और इम्पिंजमेंट का पता लगाने के लिए बहुत उपयोगी है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): यह ध्वनि तरंगों का उपयोग करके नरम ऊतकों की वास्तविक समय की छवियां बनाता है। यह रोटेटर कफ टियर या बर्साइटिस जैसी कुछ नरम ऊतक समस्याओं का आकलन करने के लिए उपयोगी हो सकता है।
- सीटी स्कैन (CT Scan – कंप्यूटेड टोमोग्राफी): यह एक्स-रे और कंप्यूटर तकनीक का उपयोग करके हड्डियों की क्रॉस-सेक्शनल तस्वीरें बनाता है। यह जटिल फ्रैक्चर या हड्डी की असामान्यताओं का आकलन करने में सहायक हो सकता है।
3. अन्य परीक्षण (शायद ही कभी आवश्यक):
- आर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy): यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें एक छोटा कैमरा और उपकरण एक छोटे चीरे के माध्यम से कंधे के जोड़ में डाला जाता है। यह डॉक्टर को सीधे जोड़ के अंदर देखने और निदान करने या कुछ उपचार करने की अनुमति देता है। इसका उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब अन्य परीक्षण निर्णायक नहीं होते हैं या जब सर्जरी की आवश्यकता होती है।
- इंजेक्शन: कभी-कभी, डॉक्टर दर्द के स्रोत की पहचान करने या निदान की पुष्टि करने के लिए कंधे के जोड़ या बर्सा में सुन्न करने वाली दवा (एनेस्थेटिक) इंजेक्ट कर सकते हैं।
कंधे में से कट कट की आवाज़ का इलाज क्या है?
कंधे में से कट कट की आवाज़ का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आवाज़ का कारण क्या है और क्या इसके साथ दर्द या अन्य लक्षण जुड़े हुए हैं। कई मामलों में, यदि आवाज़ दर्द रहित है, तो किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
हालांकि, यदि कट कट की आवाज़ किसी अंतर्निहित समस्या के कारण हो रही है, तो उपचार के विकल्प निम्नलिखित हो सकते हैं:
गैर-सर्जिकल उपचार:
- आराम (Rest): यदि आवाज़ किसी चोट या अत्यधिक उपयोग के कारण हो रही है, तो कंधे को आराम देना महत्वपूर्ण है। उन गतिविधियों से बचें जो दर्द या आवाज़ को बढ़ाती हैं।
- बर्फ (Ice): सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं। बर्फ सीधे त्वचा पर न लगाएं, एक कपड़े में लपेट कर लगाएं।
- गर्मी (Heat): मांसपेशियों की अकड़न को कम करने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए गर्म सेक या गर्म शॉवर का उपयोग किया जा सकता है, खासकर पुरानी स्थितियों में।
- दर्द निवारक दवाएं:
- ओवर-द-काउंटर दवाएं: आइबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen) या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।
- प्रिस्क्रिप्शन दवाएं: डॉक्टर अधिक गंभीर दर्द के लिए मजबूत दर्द निवारक या सूजनरोधी दवाएं लिख सकते हैं।
- शारीरिक थेरेपी (Physical Therapy): एक भौतिक चिकित्सक आपको कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलापन बढ़ाने और गति की सीमा में सुधार करने के लिए विशिष्ट व्यायाम सिखाएगा। यह कंधे के जोड़ को सहारा देने और आवाज़ को कम करने में मदद कर सकता है। रोटेटर कफ की चोटों, इम्पिंजमेंट और लैब्रल टियर के प्रबंधन में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- इंजेक्शन:
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन: ये सूजन और दर्द को कम करने के लिए सीधे कंधे के जोड़ या बर्सा में लगाए जा सकते हैं। हालांकि, ये दीर्घकालिक समाधान नहीं हैं और इनका उपयोग सीमित होना चाहिए।
- हयालूरोनिक एसिड इंजेक्शन (विस्कोसप्लीमेंटेशन): हालांकि घुटने के लिए अधिक आम है, कुछ मामलों में कंधे के ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है ताकि जोड़ में चिकनाई बढ़ाई जा सके।
सर्जिकल उपचार:
यदि गैर-सर्जिकल उपचार प्रभावी नहीं हैं, तो कुछ मामलों में सर्जरी आवश्यक हो सकती है:
- आर्थ्रोस्कोपी: यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जिसमें एक छोटा कैमरा और उपकरण छोटे चीरों के माध्यम से कंधे के जोड़ में डाला जाता है। इसका उपयोग रोटेटर कफ की मरम्मत, लैब्रल टियर की मरम्मत, ढीले टुकड़ों को हटाने या हड्डी के उभार को चिकना करने के लिए किया जा सकता है (जैसे इम्पिंजमेंट में)।
- ओपन सर्जरी: कुछ गंभीर चोटों या स्थितियों के लिए, जैसे कि जटिल फ्रैक्चर या पूर्ण रोटेटर कफ टियर, ओपन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
- शोल्डर रिप्लेसमेंट (कंधे का प्रतिस्थापन): ऑस्टियोआर्थराइटिस के गंभीर मामलों में जहां कंधे का जोड़ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, कृत्रिम जोड़ लगाने के लिए कंधे का प्रतिस्थापन सर्जरी की जा सकती है।
घरेलू देखभाल और जीवनशैली में बदलाव:
- गतिविधि संशोधन: उन गतिविधियों से बचें जो कंधे में दर्द या आवाज़ को बढ़ाती हैं।
- उचित पोस्चर: अच्छे पोस्चर बनाए रखने से कंधे के जोड़ पर अनावश्यक तनाव कम हो सकता है।
- वार्म-अप और कूल-डाउन: व्यायाम करने से पहले हमेशा वार्म-अप करें और बाद में कूल-डाउन करें।
डॉक्टर से सलाह कब लें:
यदि आपके कंधे से कट कट की आवाज़ के साथ निम्नलिखित लक्षण हों तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है:
- दर्द
- सूजन
- अकड़न
- कंधे को हिलाने में कठिनाई
- कमजोरी
- कंधे का खिसकना महसूस होना
- चोट के बाद आवाज़ आना
कंधे में से कट कट की आवाज़ का फिजियोथेरेपी उपचार क्या है?
कंधे में से कट कट की आवाज़ (क्रेपिटस) के लिए फिजियोथेरेपी उपचार का मुख्य उद्देश्य दर्द को कम करना, सूजन को नियंत्रित करना, कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करना, लचीलापन बढ़ाना और कंधे के कार्य को बेहतर बनाना है। फिजियोथेरेपिस्ट आपकी विशिष्ट स्थिति और आवाज़ के कारण के आधार पर एक व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करेगा।
यहां कुछ सामान्य फिजियोथेरेपी उपचार तकनीकें दी गई हैं जिनका उपयोग कंधे से कट कट की आवाज़ के प्रबंधन के लिए किया जा सकता है:
1. दर्द और सूजन प्रबंधन:
- आराम और गतिविधि संशोधन: फिजियोथेरेपिस्ट आपको उन गतिविधियों से बचने की सलाह दे सकता है जो आपके लक्षणों को बढ़ाते हैं और धीरे-धीरे गतिविधि के स्तर को बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं।
- बर्फ और गर्मी: दर्द और सूजन को कम करने के लिए बर्फ लगाने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए गर्मी का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है।
- इलेक्ट्रोथेरेपी: ट्रांसक्यूटेनियस इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन (TENS) या अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीकें दर्द को कम करने और ऊतक उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।
2. मांसपेशियों को मजबूत करना:
कंधे के आसपास की मजबूत मांसपेशियां जोड़ को सहारा देने और स्थिरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। फिजियोथेरेपिस्ट निम्नलिखित मांसपेशियों को लक्षित करने वाले व्यायाम सिखाएगा:
- रोटेटर कफ मांसपेशियां (Rotator Cuff muscles): ये मांसपेशियां कंधे के जोड़ को स्थिर करती हैं और हाथ को घुमाने में मदद करती हैं (जैसे सुप्रास्पिनैटस, इन्फ्रास्पिनैटस, टेरेस माइनर और सबस्कैपुलरिस)।
- डेल्टोइड मांसपेशी (Deltoid muscle): यह मांसपेशी हाथ को उठाने और घुमाने में मदद करती है।
- ट्रेपेजियस मांसपेशी (Trapezius muscle): यह मांसपेशी कंधे के ब्लेड को नियंत्रित करती है।
- सेरेटस एंटीरियर मांसपेशी (Serratus anterior muscle): यह मांसपेशी कंधे के ब्लेड को छाती की दीवार से चिपकाए रखने में मदद करती है।
- रोम्बॉइड मांसपेशियां (Rhomboid muscles): ये मांसपेशियां कंधे के ब्लेड को पीछे खींचने में मदद करती हैं।
इन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम का उपयोग किया जा सकता है, जिनमें आइसोमेट्रिक व्यायाम, प्रतिरोध बैंड व्यायाम, वजन के साथ व्यायाम और कार्यात्मक व्यायाम शामिल हैं।
3. लचीलापन और गति की सीमा में सुधार:
कंधे के आसपास के ऊतकों में अच्छा लचीलापन होना महत्वपूर्ण है ताकि जोड़ आसानी से हिल सके और तनाव कम हो सके। फिजियोथेरेपिस्ट आपको निम्नलिखित व्यायाम सिखाएगा:
- स्ट्रेचिंग: कंधे की मांसपेशियों (जैसे रोटेटर कफ, डेल्टोइड, ट्रेपेजियस) और छाती की मांसपेशियों को स्ट्रेच करना।
- जॉइंट मोबिलाइजेशन: फिजियोथेरेपिस्ट धीरे-धीरे आपके कंधे के जोड़ को हिलाकर गति की सीमा को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- सॉफ्ट टिश्यू मोबिलाइजेशन: मांसपेशियों और अन्य नरम ऊतकों में तनाव को दूर करने के लिए तकनीकें।
4. प्रोप्रियोसेप्शन और संतुलन प्रशिक्षण:
प्रोप्रियोसेप्शन आपके शरीर की अंतरिक्ष में स्थिति की जागरूकता है। कंधे की चोट या कमजोरी के बाद यह अक्सर प्रभावित होता है। फिजियोथेरेपिस्ट आपको विभिन्न व्यायामों का उपयोग करके प्रोप्रियोसेप्शन को बेहतर बनाने के लिए व्यायाम सिखाएगा।
5. बायोमैकेनिक्स और गतिविधि विश्लेषण:
फिजियोथेरेपिस्ट आपकी हाथ उठाने, फेंकने या अन्य गतिविधियों की तकनीक का आकलन कर सकता है और कंधे पर तनाव को कम करने के लिए आवश्यक सुधारों की सिफारिश कर सकता है।
6. शिक्षा और स्व-प्रबंधन:
फिजियोथेरेपिस्ट आपको अपनी स्थिति के बारे में शिक्षित करेगा, दर्द को प्रबंधित करने के तरीके सिखाएगा और भविष्य में समस्याओं को रोकने के लिए व्यायाम और जीवनशैली में बदलावों के बारे में सलाह देगा।
विशेष स्थितियाँ:
- रोटेटर कफ की चोटें: फिजियोथेरेपी में रोटेटर कफ की मांसपेशियों को मजबूत करने, कंधे की स्थिरता में सुधार करने और दर्द को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- लैब्रल टियर: फिजियोथेरेपी कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करके और गति की सीमा में सुधार करके कंधे की स्थिरता को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
- शोल्डर इम्पिंजमेंट सिंड्रोम: फिजियोथेरेपी में कंधे के ब्लेड की स्थिति में सुधार, रोटेटर कफ की मांसपेशियों को मजबूत करने और सूजन को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- स्नैपिंग स्कैपुला सिंड्रोम: फिजियोथेरेपी में कंधे के ब्लेड की गति को सामान्य करने, आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और पोस्चर में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कंधे में से कट कट की आवाज़ का घरेलू इलाज क्या है?
कंधे में से कट कट की आवाज़ के लिए कई घरेलू उपचार हैं जो लक्षणों को प्रबंधित करने और आराम प्रदान करने में मदद कर सकते हैं, खासकर यदि आवाज़ दर्द रहित है या हल्के दर्द के साथ है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपचार चिकित्सीय सलाह या पेशेवर उपचार का विकल्प नहीं हैं। यदि आपको लगातार दर्द, सूजन या कंधे को हिलाने में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं:
1. आराम और गतिविधि संशोधन:
- कंधे को आराम दें: यदि कोई गतिविधि आपके कंधे में आवाज़ या दर्द बढ़ाती है, तो उस गतिविधि से बचें या उसे कम करें।
- अत्यधिक उपयोग से बचें: बार-बार या ज़ोरदार कंधे की गतिविधियों से बचें, खासकर यदि वे लक्षणों को बढ़ाते हैं।
2. बर्फ और गर्मी का प्रयोग:
- बर्फ लगाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए कंधे पर बर्फ का पैक लगाएं। बर्फ सीधे त्वचा पर न लगाएं, एक कपड़े में लपेट कर लगाएं।
- गर्मी लगाएं: मांसपेशियों को आराम देने और अकड़न को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड का उपयोग करें। व्यायाम करने से पहले गर्मी लगाना फायदेमंद हो सकता है। गर्म शॉवर भी मदद कर सकता है।
3. ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक:
- आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सन (Naproxen): ये दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। लेबल पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
4. हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग:
- पेंडुलम व्यायाम (Pendulum exercises): अपनी कमर पर झुकें और अपने प्रभावित हाथ को नीचे लटकने दें। धीरे-धीरे अपने हाथ को छोटे वृत्त, आगे और पीछे, और अगल-बगल घुमाएं।
- फिंगर वॉक अप द वॉल (Finger walk up the wall): दीवार के सामने खड़े हों और अपनी उंगलियों को धीरे-धीरे दीवार पर ऊपर की ओर चलाएं, जितना आप बिना दर्द के जा सकते हैं।
- क्रॉस-बॉडी आर्म स्ट्रेच (Cross-body arm stretch): अपने एक हाथ को सीधे अपने शरीर के सामने लाएं और फिर उसे अपनी विपरीत बांह से अपनी छाती की ओर खींचें। कुछ सेकंड के लिए पकड़ें।
- डोरवे चेस्ट स्ट्रेच (Doorway chest stretch): एक दरवाजे के फ्रेम में खड़े हों और अपनी बाहों को कोहनियों पर 90 डिग्री के कोण पर फ्रेम पर रखें। धीरे-धीरे आगे झुकें जब तक आप अपनी छाती और कंधों के सामने खिंचाव महसूस न करें।
महत्वपूर्ण: किसी भी व्यायाम को करते समय दर्द महसूस होने पर तुरंत रोक दें।
5. उचित पोस्चर:
- सीधे बैठें और खड़े हों: अच्छे पोस्चर बनाए रखने से आपके कंधों पर तनाव कम हो सकता है। झुककर बैठने या खड़े रहने से बचें।
- काम करते समय एर्गोनॉमिक्स: यदि आप डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी और कंप्यूटर मॉनीटर सही ऊंचाई पर हैं ताकि आपके कंधों पर तनाव न पड़े।
6. हाइड्रेटेड रहें:
- पर्याप्त पानी पिएं: हाइड्रेटेड रहने से जोड़ों के आसपास के ऊतकों को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है।
कब डॉक्टर से सलाह लें:
यदि आपके कंधे से कट कट की आवाज़ के साथ निम्नलिखित लक्षण हों तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है:
- लगातार या तेज दर्द
- महत्वपूर्ण सूजन
- अकड़न
- कंधे को हिलाने में कठिनाई
- कमजोरी
- कंधे का खिसकना महसूस होना
- चोट के बाद आवाज़ आना
कंधे में से कट कट की आवाज़ में क्या खाएं और क्या न खाएं?
कंधे में से कट कट की आवाज़ (क्रेपिटस) के लिए कोई सीधा “डाइट प्लान” नहीं है जो इसे ठीक कर सके। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने और जोड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं, जबकि कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं, खासकर यदि कट कट की आवाज़ ऑस्टियोआर्थराइटिस या अन्य सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़ी हो।
क्या खाएं (जोड़ों के स्वास्थ्य और सूजन कम करने के लिए फायदेमंद):
- ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ: ये सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- मछली: सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, ट्राउट।
- अलसी के बीज और अलसी का तेल: पीसकर खाएं ताकि शरीर इसे पचा सके।
- चिया सीड्स।
- अखरोट।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां: ये शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं, जो जोड़ों के नुकसान में योगदान कर सकते हैं।
- बेरीज: स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी, ब्लैकबेरी।
- पत्तेदार हरी सब्जियां: पालक, केल, मेथी।
- ब्रोकोली और फूलगोभी।
- संतरे और अन्य खट्टे फल।
- गाजर और शकरकंद।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाले:
- हल्दी: इसमें करक्यूमिन होता है, जिसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे भोजन में शामिल करें या हल्दी वाला दूध पिएं।
- अदरक: इसमें भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे चाय में, भोजन में या कच्चा खा सकते हैं।
- जैतून का तेल (एक्स्ट्रा वर्जिन): इसमें ओलिक एसिड होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव हो सकते हैं।
- नट्स और सीड्स: बादाम, अखरोट, चिया सीड्स, अलसी के बीज (ऊपर भी उल्लेखित)। ये स्वस्थ वसा, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं।
- साबुत अनाज: ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ जैसे साबुत अनाज फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- प्रोटीन के स्वस्थ स्रोत: दुबला मांस, मछली, बीन्स, दालें, टोफू। प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जो कंधे को सहारा देता है।
- पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जोड़ों को हाइड्रेटेड रखने और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
क्या न खाएं (जो सूजन को बढ़ा सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं):
- प्रोसेस्ड और जंक फूड: इनमें अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और एडिटिव्स होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- फास्ट फूड।
- तले हुए खाद्य पदार्थ।
- प्रोसेस्ड स्नैक्स (जैसे चिप्स, नमकीन)।
- रेडी-टू-ईट मील्स।
- अत्यधिक चीनी: मीठे पेय, कैंडी, बेक्ड सामान और अन्य उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं।
- अस्वास्थ्यकर वसा:
- सैचुरेटेड और ट्रांस फैट: रेड मीट, प्रोसेस्ड मीट, पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पाद और हाइड्रोजनीकृत तेलों में पाए जाते हैं। ये सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट: सफेद ब्रेड, सफेद चावल, पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ तेजी से रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं और सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं।
- अत्यधिक ओमेगा-6 फैटी एसिड: हालांकि ओमेगा-6 फैटी एसिड आवश्यक हैं, लेकिन ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का असंतुलित अनुपात सूजन को बढ़ा सकता है। वनस्पति तेल (जैसे सूरजमुखी, मक्का, सोयाबीन तेल) में ओमेगा-6 अधिक होता है। इनका सीमित मात्रा में सेवन करें।
- कुछ लोगों में ट्रिगर करने वाले खाद्य पदार्थ: कुछ लोगों को कुछ विशिष्ट खाद्य पदार्थों से सूजन बढ़ सकती है। यह व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन सामान्य ट्रिगर्स में शामिल हो सकते हैं:
- डेयरी उत्पाद (कुछ लोगों में)।
- ग्लूटेन युक्त खाद्य पदार्थ (यदि ग्लूटेन संवेदनशीलता हो)।
- नाइटशेड सब्जियां (जैसे टमाटर, बैंगन, मिर्च, आलू – कुछ लोगों में)।
महत्वपूर्ण बातें:
- कोई एक “जादुई” भोजन नहीं है: कंधे की समस्या के लिए कोई एक भोजन या परहेज नहीं है जो तुरंत राहत देगा।
- संतुलित आहार महत्वपूर्ण है: समग्र रूप से स्वस्थ और संतुलित आहार खाना महत्वपूर्ण है जो सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करे।
- व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं भिन्न हो सकती हैं: कुछ खाद्य पदार्थ एक व्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं जबकि दूसरे को नहीं। अपनी प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दें।
- वजन प्रबंधन महत्वपूर्ण है: यदि आप अधिक वजन वाले या मोटे हैं, तो स्वस्थ आहार और व्यायाम के माध्यम से वजन कम करना आपके कंधों पर पड़ने वाले तनाव को कम करेगा और लक्षणों को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
- डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें: यदि आपको विशिष्ट आहार संबंधी चिंताएं हैं या आप अपनी स्थिति के लिए सर्वोत्तम आहार योजना के बारे में अनिश्चित हैं, तो डॉक्टर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे अच्छा है। वे आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार मार्गदर्शन कर सकते हैं।
कंधे में से कट कट की आवाज़ के जोखिम को कैसे कम करें?
कंधे में से कट कट की आवाज़ के जोखिम को कम करने के लिए आप कई कदम उठा सकते हैं, खासकर यदि यह दर्द रहित हो या आप कंधे की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हों। यहां कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां दी गई हैं:
1. स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें:
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: अतिरिक्त वजन आपके कंधे के जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे घिसाव और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- संतुलित आहार लें: एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें जो जोड़ों के स्वास्थ्य और सूजन को कम करने में मदद करते हैं (जैसा कि पिछले उत्तर में बताया गया है)।
- पर्याप्त पानी पिएं: हाइड्रेटेड रहना जोड़ों को चिकना रखने और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
2. नियमित और उचित व्यायाम करें:
- नियमित व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है, जो जोड़ को सहारा देती हैं और स्थिरता प्रदान करती हैं।
- कम प्रभाव वाले व्यायाम चुनें: यदि आपके कंधे में समस्या है या आप जोखिम कम करना चाहते हैं, तो उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों से बचें और तैराकी, चलना या योग जैसे कम प्रभाव वाले व्यायामों पर ध्यान केंद्रित करें।
- धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाएं: यदि आप कोई नई व्यायाम दिनचर्या शुरू कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे तीव्रता और अवधि बढ़ाएं ताकि आपके कंधों पर अचानक तनाव न पड़े।
- उचित तकनीक का उपयोग करें: व्यायाम करते समय उचित तकनीक का उपयोग करें ताकि कंधों पर अनावश्यक दबाव न पड़े। यदि आवश्यक हो तो प्रशिक्षक से मार्गदर्शन लें।
- स्ट्रेचिंग और लचीलापन: नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करने से कंधे के आसपास के ऊतकों का लचीलापन बना रहता है, जिससे चोट का खतरा कम होता है। व्यायाम से पहले वार्म-अप और बाद में कूल-डाउन करना न भूलें। कंधे के लिए विशिष्ट स्ट्रेच करें (जैसा कि पिछले उत्तर में बताया गया है)।
3. चोटों से बचाव करें:
- उचित उपकरण का उपयोग करें: खेल खेलते समय या शारीरिक गतिविधि करते समय उचित सुरक्षात्मक उपकरण (जैसे शोल्डर पैड) पहनें, खासकर यदि आप ऐसे खेल खेलते हैं जिनमें गिरने या सीधे संपर्क का खतरा होता है।
- सतर्क रहें: भारी वस्तुएं उठाते समय या ले जाते समय सावधानी बरतें और उचित तकनीक का उपयोग करें।
- अचानक आंदोलनों से बचें: कंधे को अचानक मोड़ने या झटकेदार आंदोलनों से बचें जो तनाव डाल सकते हैं।
- पर्याप्त आराम करें: अपने शरीर को व्यायाम के बाद ठीक होने का समय दें। अत्यधिक प्रशिक्षण से बचें।
4. अपनी शारीरिक बनावट का ध्यान रखें:
- अच्छे पोस्चर बनाए रखें: खड़े होने और बैठते समय अच्छे पोस्चर बनाए रखने से आपके कंधों पर समान रूप से भार पड़ता है। झुककर बैठने या खड़े रहने से बचें।
- काम करते समय एर्गोनॉमिक्स: यदि आप डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी और कंप्यूटर मॉनीटर सही ऊंचाई पर हैं ताकि आपके कंधों पर तनाव न पड़े।
5. मौजूदा स्थितियों का प्रबंधन करें:
- ऑस्टियोआर्थराइटिस का प्रबंधन: यदि आपको ऑस्टियोआर्थराइटिस है, तो अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें, जिसमें दवाएं, भौतिक चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं ताकि लक्षणों को प्रबंधित किया जा सके और कंधे के आगे घिसाव को कम किया जा सके।
- पिछली चोटों का ध्यान रखें: यदि आपको पहले कंधे में चोट लगी है, तो उसे पूरी तरह से ठीक होने दें और भविष्य में दोबारा चोट लगने से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें। फिजियोथेरेपी के माध्यम से कंधे की पूरी ताकत और स्थिरता वापस पाएं।
6. सुनें अपने शरीर की सुनें:
- दर्द को अनदेखा न करें: यदि आपको कंधे में दर्द महसूस होता है, तो गतिविधि बंद कर दें और आराम करें। दर्द को अनदेखा करने से समस्या और बढ़ सकती है।
- असामान्य लक्षणों पर ध्यान दें: यदि आपको कंधे में लगातार कट कट की आवाज़ के साथ दर्द, सूजन या अकड़न महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
सारांश
कंधे में से कट कट की आवाज़ (क्रेपिटस) कई कारणों से आ सकती है, जिनमें हानिरहित गैस के बुलबुले से लेकर ऑस्टियोआर्थराइटिस या कंधे की चोटें शामिल हैं। दर्द या अन्य लक्षणों के बिना यह आमतौर पर चिंताजनक नहीं है। जोखिम कारकों में उम्र, कुछ खेल या व्यवसाय, पिछली चोटें और खराब पोस्चर शामिल हैं। घरेलू उपचार में आराम, बर्फ, गर्मी और हल्के व्यायाम शामिल हैं। सूजन-रोधी आहार सहायक हो सकता है।
जोखिम कम करने के लिए स्वस्थ वजन, नियमित कम प्रभाव वाला व्यायाम, उचित तकनीक और चोटों से बचाव महत्वपूर्ण हैं। दर्द या अन्य लक्षणों के साथ आवाज़ आने पर डॉक्टर से सलाह लें। फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने में मदद कर सकती है।