कंधे में अकड़न
कंधे में अकड़न क्या हैं?
कंधे में अकड़न एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे के जोड़ में दर्द और जकड़न महसूस होती है, जिससे कंधे को हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है। इसे “फ्रोजन शोल्डर” या “एडहेसिव कैप्सूलाइटिस” भी कहा जाता है।
कंधे में अकड़न के लक्षण:
- कंधे में दर्द, जो धीरे-धीरे बढ़ता है और फिर और खराब हो जाता है।
- कंधे को हिलाने में कठिनाई या असमर्थता।
- कंधे के आसपास जकड़न महसूस होना।
- रात में दर्द बढ़ सकता है, जिससे सोने में परेशानी हो सकती है।
- कुछ मामलों में, दर्द गर्दन, बांह या ऊपरी पीठ तक फैल सकता है।
कंधे में अकड़न के कारण:
कंधे में अकड़न का सटीक कारण हमेशा ज्ञात नहीं होता है, लेकिन कुछ संभावित कारक शामिल हैं:
- चोट या सर्जरी: कंधे में चोट लगने या कंधे की सर्जरी के बाद अकड़न विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है, खासकर यदि आप दर्द के कारण कंधे को हिलाना बंद कर देते हैं।
- गतिहीनता: लंबे समय तक कंधे को स्थिर रखने या कम हिलाने से अकड़न हो सकती है।
- कुछ बीमारियाँ: मधुमेह, थायरॉइड की समस्या (अंडरएक्टिव या ओवरएक्टिव), हृदय रोग, तपेदिक और पार्किंसंस रोग जैसी कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ कंधे में अकड़न के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- उम्र: 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में कंधे में अकड़न अधिक आम है।
- लिंग: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कंधे में अकड़न अधिक होने की संभावना होती है।
- अन्य कारक: मोटापा और हार्मोनल असंतुलन भी कुछ मामलों में योगदान कर सकते हैं।
कंधे में अकड़न के चरण:
कंधे में अकड़न आमतौर पर तीन चरणों में विकसित होती है:
- फ्रीजिंग चरण: इस चरण में, कंधे में धीरे-धीरे दर्द शुरू होता है और अकड़न बढ़ने लगती है। कंधे को हिलाने पर दर्द तेज हो सकता है। यह चरण आमतौर पर 2 से 9 महीने तक रहता है।
- फ्रोजन चरण: इस चरण में, दर्द थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन कंधे की अकड़न काफी बढ़ जाती है। कंधे को हिलाना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह चरण आमतौर पर 4 से 12 महीने तक रहता है।
- थॉइंग चरण: इस चरण में, कंधे की अकड़न धीरे-धीरे कम होने लगती है और गति की सीमा में सुधार होता है। यह रिकवरी चरण 5 से 24 महीने या उससे अधिक समय तक चल सकता है।
कंधे में अकड़न के कारण क्या हैं?
कंधे में अकड़न के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
सामान्य कारण:
- फ्रोजन शोल्डर (Adhesive Capsulitis): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे के जोड़ के आसपास का कैप्सूल मोटा और कड़ा हो जाता है, जिससे दर्द और अकड़न होती है। इसके कारण अज्ञात हो सकते हैं, लेकिन यह चोट, सर्जरी, मधुमेह, थायरॉइड की समस्याओं और हृदय रोग से जुड़ा हो सकता है।
- रोटेटर कफ की चोट: रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन का एक समूह है जो कंधे के जोड़ को घेरता है। इन टेंडन में चोट या सूजन (टेंडिनिटिस) कंधे में दर्द और अकड़न पैदा कर सकती है।
- बर्साइटिस: बर्सा तरल पदार्थ से भरी थैली होती है जो हड्डियों, मांसपेशियों और टेंडन के बीच घर्षण को कम करती है। कंधे में बर्सा की सूजन (बर्साइटिस) दर्द और अकड़न का कारण बन सकती है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस: यह एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों के उपास्थि के टूटने के कारण होता है। कंधे के जोड़ में ऑस्टियोआर्थराइटिस दर्द, अकड़न और गति की सीमा को कम कर सकता है।
- कंधे का इम्पिंगमेंट सिंड्रोम: यह तब होता है जब कंधे के टेंडन कंधे की हड्डियों के बीच दब जाते हैं, जिससे दर्द और अकड़न होती है, खासकर जब हाथ ऊपर उठाया जाता है।
- चोट: कंधे में फ्रैक्चर, मोच या अन्य चोटें दर्द और अकड़न पैदा कर सकती हैं।
- मांसपेशियों में खिंचाव: कंधे के आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव अकड़न का कारण बन सकता है।
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में बैठने या खड़े रहने से कंधे की मांसपेशियों में तनाव और अकड़न हो सकती है।
कम सामान्य कारण:
- रुमेटीइड गठिया: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों की परत को प्रभावित करती है, जिससे दर्द, सूजन और अकड़न होती है।
- गाउट: यह एक प्रकार का गठिया है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है, जिससे अचानक, गंभीर दर्द, लालिमा और अकड़न होती है।
- ल्यूपस: यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिसमें जोड़ भी शामिल हैं, जिससे दर्द और अकड़न होती है।
- लाइम रोग: यह टिक-जनित बीमारी जोड़ों में दर्द और अकड़न पैदा कर सकती है।
- कैल्शियम जमाव (Calcific Tendonitis): टेंडन में कैल्शियम क्रिस्टल का जमाव दर्द और अकड़न का कारण बन सकता है।
- ट्यूमर: दुर्लभ मामलों में, कंधे में ट्यूमर दर्द और अकड़न पैदा कर सकता है।
- रेफर्ड पेन: कभी-कभी, गर्दन या छाती जैसी शरीर के अन्य हिस्सों की समस्याएं कंधे में दर्द और अकड़न के रूप में महसूस हो सकती हैं।
कंधे में अकड़न के संकेत और लक्षण क्या हैं?
कंधे में अकड़न (Shoulder stiffness) एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे के जोड़ को हिलाना मुश्किल और दर्दनाक हो जाता है। यह कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है, और इसके संकेत और लक्षण अंतर्निहित कारण और अकड़न की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। यहाँ कुछ सामान्य संकेत और लक्षण दिए गए हैं:
मुख्य लक्षण:
- कंधे के जोड़ को हिलाने में कठिनाई: यह अकड़न का सबसे प्रमुख लक्षण है। आपको अपनी बांह को ऊपर उठाने, घुमाने या शरीर से दूर ले जाने में परेशानी हो सकती है।
- गति की सीमित सीमा: आपका कंधा सामान्य रूप से जितना घूमता है, उससे कम घूम पाएगा। कुछ खास दिशाओं में गति विशेष रूप से प्रतिबंधित हो सकती है।
- दर्द: अकड़न के साथ अक्सर दर्द भी होता है। यह दर्द सुस्त, तेज या पीड़ादायक हो सकता है और कंधे के आसपास या ऊपरी बांह में महसूस हो सकता है। गति करने की कोशिश करने पर दर्द बढ़ सकता है।
अन्य संभावित लक्षण:
- सुबह के समय या निष्क्रियता के बाद अकड़न: अकड़न सुबह उठने के बाद या लंबे समय तक कंधे को स्थिर रखने के बाद अधिक महसूस हो सकती है।
- धीरे-धीरे बढ़ना: अकड़न धीरे-धीरे विकसित हो सकती है, खासकर फ्रोजन शोल्डर (एडहेसिव कैप्सुलिटिस) में।
- कुछ गतिविधियों में कठिनाई: दैनिक कार्य जैसे कपड़े पहनना, कंघी करना, ऊपर पहुंचना या भारी वस्तुएं उठाना मुश्किल हो सकता है।
- कंधे के आसपास कोमलता: छूने पर कंधे के आसपास दर्द या कोमलता महसूस हो सकती है।
- मांसपेशियों में कमजोरी: लंबे समय तक अकड़न के कारण कंधे के आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
- कंधे में कर्कश या चटकने की आवाज: कुछ मामलों में, कंधे को हिलाते समय कर्कश या चटकने की आवाज सुनाई दे सकती है।
कंधे में अकड़न के संभावित कारण:
कंधे में अकड़न के कई संभावित कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- फ्रोजन शोल्डर (एडहेसिव कैप्सुलिटिस): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें कंधे के जोड़ का कैप्सूल मोटा और कस जाता है, जिससे दर्द और गति की कमी होती है।
- रोटेटर कफ की चोट: रोटेटर कफ की मांसपेशियों या टेंडन में चोट या आंसू अकड़न का कारण बन सकते हैं।
- गठिया (आर्थराइटिस): ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटॉइड आर्थराइटिस कंधे के जोड़ को प्रभावित कर सकते हैं और अकड़न पैदा कर सकते हैं।
- चोट: कंधे में फ्रैक्चर, अव्यवस्था या अन्य चोटें अकड़न का कारण बन सकती हैं।
- सर्जरी के बाद: कंधे की सर्जरी के बाद अकड़न एक आम समस्या हो सकती है।
- टेंडोनाइटिस या बर्साइटिस: कंधे के टेंडन या बर्सा में सूजन और जलन अकड़न पैदा कर सकती है।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां, जैसे मधुमेह या थायरॉइड समस्याएं, फ्रोजन शोल्डर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
कंधे में अकड़न का खतरा किसे अधिक होता है?
कंधे में अकड़न का खतरा कुछ खास लोगों में अधिक होता है। यहाँ कुछ मुख्य जोखिम कारक दिए गए हैं:
उम्र और लिंग:
- 40 से 60 वर्ष की आयु के लोग: फ्रोजन शोल्डर (कंधे की अकड़न का एक सामान्य कारण) इस आयु वर्ग में अधिक आम है।
- महिलाएं: पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कंधे की अकड़न विकसित होने की संभावना अधिक होती है। इसका कारण हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, खासकर रजोनिवृत्ति के दौरान।
चिकित्सा स्थितियाँ:
- मधुमेह (Diabetes): मधुमेह वाले लोगों में फ्रोजन शोल्डर विकसित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा, मधुमेह वाले लोगों में अकड़न अधिक गंभीर हो सकती है और ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
- थायरॉइड की समस्याएं: हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायरॉइड) और हाइपरथायरायडिज्म (ओवरएक्टिव थायरॉइड) दोनों ही कंधे की अकड़न के बढ़ते जोखिम से जुड़े हैं।
- हृदय रोग: हृदय रोग वाले लोगों में फ्रोजन शोल्डर होने की संभावना अधिक होती है।
- पार्किंसंस रोग: इस न्यूरोलॉजिकल विकार वाले लोगों में कंधे की अकड़न आम है।
- अन्य ऑटोइम्यून रोग: रुमेटीइड गठिया और ल्यूपस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां कंधे सहित जोड़ों में अकड़न पैदा कर सकती हैं।
- गाउट: यह गठिया का एक प्रकार है जो जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमा होने के कारण होता है और कंधे में अकड़न का कारण बन सकता है।
पिछली चोट या सर्जरी:
- कंधे की चोट: कंधे में फ्रैक्चर, मोच, या रोटेटर कफ की चोट जैसी कोई भी पिछली चोट कंधे की अकड़न के विकास के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासकर यदि इसके कारण लंबे समय तक कंधे को स्थिर रखना पड़ा हो।
- कंधे की सर्जरी: कंधे की सर्जरी के बाद, विशेष रूप से यदि पुनर्वास ठीक से न किया जाए, तो अकड़न विकसित होने का खतरा होता है।
- अन्य सर्जरी या बीमारियाँ जिनके कारण गतिहीनता होती है: स्ट्रोक या किसी अन्य बीमारी के कारण लंबे समय तक हाथ या कंधे को स्थिर रखने की आवश्यकता होने पर भी कंधे में अकड़न का खतरा बढ़ जाता है।
अन्य कारक:
- खराब मुद्रा: लंबे समय तक खराब मुद्रा में रहने से कंधे की मांसपेशियों पर दबाव पड़ सकता है और अकड़न हो सकती है।
- मानसिक तनाव और अवसाद: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि मानसिक तनाव और अवसाद भी कंधे में दर्द और अकड़न के बढ़ते जोखिम से जुड़े हो सकते हैं।
- कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, हालांकि यह कम आम है, कंधे में अकड़न का कारण बन सकती हैं।
कंधे में अकड़न से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
कंधे में अकड़न कई बीमारियों और स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी हो सकती है। यहाँ कुछ प्रमुख बीमारियाँ दी गई हैं जो कंधे में अकड़न का कारण या उससे संबंधित हो सकती हैं:
मस्कुलोस्केलेटल (Musculoskeletal) स्थितियाँ:
- फ्रोजन शोल्डर (Adhesive Capsulitis): यह सीधे तौर पर कंधे में अकड़न की मुख्य बीमारी है, जिसमें कंधे के जोड़ का कैप्सूल मोटा और कड़ा हो जाता है।
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis): कंधे के जोड़ में घिसाव और टूट-फूट के कारण दर्द और अकड़न हो सकती है।
- रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis): यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो जोड़ों की परत को प्रभावित करती है, जिससे दर्द, सूजन और अकड़न होती है, जिसमें कंधे भी शामिल हैं।
- रोटेटर कफ की बीमारियाँ (Rotator Cuff Disorders): रोटेटर कफ टेंडिनिटिस (tendonitis) या रोटेटर कफ टियर (tear) दर्द और अकड़न पैदा कर सकते हैं, खासकर गति के दौरान।
- बर्साइटिस (Bursitis): कंधे के बर्सा में सूजन दर्द और अकड़न का कारण बन सकती है।
- कैल्शियम जमाव (Calcific Tendonitis): कंधे के टेंडन में कैल्शियम क्रिस्टल का जमाव दर्द और अकड़न पैदा कर सकता है।
- गर्दन की समस्याएं (Cervical Spine Issues): गर्दन में नसों का दबना या अन्य समस्याएं कंधे में रेफर्ड पेन (referred pain) और अकड़न का कारण बन सकती हैं।
एंडोक्राइन (Endocrine) स्थितियाँ:
- मधुमेह (Diabetes Mellitus): मधुमेह वाले लोगों में फ्रोजन शोल्डर विकसित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
- थायरॉइड की समस्याएं (Thyroid Disorders): हाइपोथायरायडिज्म (underactive thyroid) और हाइपरथायरायडिज्म (overactive thyroid) दोनों ही कंधे की अकड़न से जुड़े हो सकते हैं।
ऑटोइम्यून (Autoimmune) स्थितियाँ:
- रुमेटीइड गठिया (Rheumatoid Arthritis): जैसा कि ऊपर बताया गया है, यह कंधे में अकड़न का एक कारण हो सकता है।
- ल्यूपस (Systemic Lupus Erythematosus): यह ऑटोइम्यून बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है, जिसमें जोड़ भी शामिल हैं, जिससे दर्द और अकड़न होती है।
अन्य चिकित्सा स्थितियाँ:
- पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease): यह न्यूरोलॉजिकल विकार मांसपेशियों की कठोरता और अकड़न का कारण बन सकता है, जिसमें कंधे भी शामिल हैं।
- स्ट्रोक (Stroke): स्ट्रोक के बाद प्रभावित तरफ कंधे में अकड़न और दर्द विकसित हो सकता है।
- हृदय रोग (Heart Disease): कुछ अध्ययनों से पता चला है कि हृदय रोग वाले लोगों में फ्रोजन शोल्डर होने का खतरा अधिक हो सकता है।
- लाइम रोग (Lyme Disease): यह टिक-जनित बीमारी जोड़ों में दर्द और अकड़न पैदा कर सकती है।
- कैंसर (Cancer): दुर्लभ मामलों में, कंधे के क्षेत्र में ट्यूमर दर्द और अकड़न पैदा कर सकता है।
कंधे में अकड़न का निदान कैसे करें?
कंधे में अकड़न का निदान करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर कई चरणों का पालन करते हैं:
1. चिकित्सा इतिहास (Medical History):
डॉक्टर आपसे आपकी अकड़न के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- लक्षणों की शुरुआत: अकड़न कब शुरू हुई? धीरे-धीरे या अचानक?
- दर्द का विवरण: क्या आपको दर्द भी होता है? दर्द कहाँ महसूस होता है? दर्द की तीव्रता कितनी है? क्या दर्द किसी विशेष गतिविधि से बढ़ता है या कम होता है?
- गति की सीमा: क्या आप अपने हाथ को पूरी तरह से हिला पाते हैं? कौन सी गतिविधियाँ मुश्किल हैं (जैसे ऊपर उठाना, पीछे ले जाना, घुमाना)?
- पिछली चोटें या बीमारियाँ: क्या आपको पहले कभी कंधे में चोट लगी है? क्या आपको कोई अन्य चिकित्सा स्थितियाँ हैं जैसे मधुमेह, थायरॉइड की समस्या, गठिया, हृदय रोग आदि?
- आपकी दैनिक गतिविधियाँ: आपकी नौकरी या शौक में कंधे का कितना उपयोग होता है?
- दवाएं: क्या आप कोई दवाएं ले रहे हैं?
2. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination):
डॉक्टर आपके कंधे का सावधानीपूर्वक परीक्षण करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
- अवलोकन: वे आपके कंधे में किसी भी दृश्यमान सूजन, विकृति या मांसपेशियों की बर्बादी की जांच करेंगे।
- स्पर्श (Palpation): वे आपके कंधे के आसपास की हड्डियों, मांसपेशियों और टेंडन को छूकर दर्द, कोमलता या किसी असामान्य गांठ का पता लगाएंगे।
- गति की सीमा का आकलन (Range of Motion Assessment): डॉक्टर आपके कंधे को विभिन्न दिशाओं में हिलाकर सक्रिय (आप स्वयं हिलाते हैं) और निष्क्रिय (डॉक्टर हिलाते हैं) गति की सीमा का मूल्यांकन करेंगे। फ्रोजन शोल्डर में निष्क्रिय गति की सीमा भी सीमित होती है, जो अन्य स्थितियों से इसे अलग करने में मदद करती है।
- शक्ति परीक्षण: वे आपकी कंधे की मांसपेशियों की ताकत का आकलन करेंगे।
- विशिष्ट परीक्षण (Specific Tests): डॉक्टर कुछ विशेष परीक्षण कर सकते हैं जो कुछ खास स्थितियों का पता लगाने में मदद करते हैं, जैसे रोटेटर कफ की चोट या इम्पिंगमेंट सिंड्रोम।
3. इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests):
शारीरिक परीक्षा के निष्कर्षों के आधार पर, डॉक्टर निम्नलिखित इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- एक्स-रे (X-ray): एक्स-रे हड्डियों की संरचना को दिखाते हैं और फ्रैक्चर, ऑस्टियोआर्थराइटिस या अन्य हड्डी संबंधी समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
- एमआरआई (MRI – Magnetic Resonance Imaging): एमआरआई नरम ऊतकों (जैसे टेंडन, लिगामेंट्स, मांसपेशियों और बर्सा) की विस्तृत छवियां प्रदान करता है। यह रोटेटर कफ की चोटों, बर्साइटिस, कैप्सुलर असामान्यताओं (फ्रोजन शोल्डर) और अन्य नरम ऊतक समस्याओं का पता लगाने में बहुत उपयोगी है।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): अल्ट्रासाउंड नरम ऊतकों की गतिशील छवियां प्रदान कर सकता है और टेंडन की चोटों या बर्सा में तरल पदार्थ का पता लगाने में मदद कर सकता है।
4. अन्य परीक्षण (Other Tests):
कुछ मामलों में, डॉक्टर अतिरिक्त परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं:
- अर्थ्रोग्राफी (Arthrography): इसमें कंधे के जोड़ में डाई इंजेक्ट करना और फिर एक्स-रे या सीटी स्कैन करना शामिल है ताकि जोड़ के अंदर की संरचनाओं को बेहतर ढंग से देखा जा सके। यह फ्रोजन शोल्डर के निदान में मदद कर सकता है।
- रक्त परीक्षण (Blood Tests): यदि डॉक्टर को रुमेटीइड गठिया या अन्य सूजन संबंधी स्थितियों का संदेह होता है, तो वे रक्त परीक्षण का आदेश दे सकते हैं।
कंधे में अकड़न का इलाज क्या है?
कंधे में अकड़न का इलाज अंतर्निहित कारण, अकड़न की गंभीरता और आपकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। उपचार का मुख्य लक्ष्य दर्द को कम करना और कंधे की गति की सीमा को बहाल करना है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार विधियाँ दी गई हैं:
गैर-सर्जिकल उपचार (Non-Surgical Treatment):
- आराम (Rest): कंधे को उन गतिविधियों से बचाना जो दर्द को बढ़ाती हैं, महत्वपूर्ण है, खासकर शुरुआती चरणों में। हालांकि, लंबे समय तक पूर्ण आराम की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे अकड़न बढ़ सकती है।
- बर्फ (Ice): सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाना सहायक हो सकता है, खासकर चोट लगने या गतिविधि के बाद।
- गर्मी (Heat): पुरानी अकड़न के लिए, गर्मी मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकती है। गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड का उपयोग किया जा सकता है।
- दर्द निवारक दवाएं (Pain Medications):
- ओवर-द-काउंटर दवाएं: आइबुप्रोफेन (Ibuprofen), नेप्रोक्सन (Naproxen), या एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) जैसे गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- प्रिस्क्रिप्शन दवाएं: गंभीर दर्द के लिए, डॉक्टर मजबूत NSAIDs या अन्य दर्द निवारक दवाएं लिख सकते हैं।
- शारीरिक थेरेपी (Physical Therapy): यह कंधे की अकड़न के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक भौतिक चिकित्सक आपको विशिष्ट व्यायाम सिखाएगा जो:
- गति की सीमा में सुधार करते हैं: कोमल स्ट्रेचिंग और गति अभ्यास कंधे के जोड़ को धीरे-धीरे ढीला करने में मदद करते हैं।
- मांसपेशियों को मजबूत करते हैं: कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने से स्थिरता और कार्य में सुधार होता है।
- मुद्रा में सुधार करते हैं: अच्छी मुद्रा बनाए रखने से कंधे पर तनाव कम होता है।
- मैनुअल थेरेपी: भौतिक चिकित्सक कोमल हाथों की तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं ताकि जोड़ को गतिमान करने और आसपास के ऊतकों को ढीला करने में मदद मिल सके।
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन (Corticosteroid Injections): डॉक्टर सीधे कंधे के जोड़ या बर्सा में कॉर्टिकोस्टेरॉइड (एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा) इंजेक्ट कर सकते हैं। यह दर्द और सूजन को तेजी से कम करने में मदद कर सकता है, जिससे शारीरिक थेरेपी करना आसान हो जाता है। हालांकि, इन इंजेक्शनों का दीर्घकालिक लाभ सीमित हो सकता है, और इन्हें अक्सर अन्य उपचारों के संयोजन में उपयोग किया जाता है।
सर्जिकल उपचार (Surgical Treatment):
कंधे की अकड़न के लिए सर्जरी आमतौर पर तभी आवश्यक होती है जब गैर-सर्जिकल उपचार कई महीनों तक प्रभावी न हों, खासकर फ्रोजन शोल्डर के मामलों में। सर्जिकल विकल्पों में शामिल हैं:
- आर्थ्रोस्कोपिक कैप्सुलर रिलीज (Arthroscopic Capsular Release): यह फ्रोजन शोल्डर के लिए एक सामान्य सर्जिकल प्रक्रिया है। सर्जन छोटे चीरे लगाते हैं और एक छोटा कैमरा (आर्थ्रोस्कोप) और सर्जिकल उपकरण डालते हैं। वे कंधे के जोड़ के आसपास के मोटे और कड़े कैप्सूल को काटते हैं या छोड़ते हैं, जिससे गति की सीमा में सुधार होता है।
- ओपन सर्जरी (Open Surgery): कुछ दुर्लभ मामलों में, जैसे कि जटिल चोटों या अन्य संरचनात्मक समस्याओं के लिए, ओपन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें एक बड़ा चीरा लगाना शामिल है।
अन्य उपचार:
- एक्यूपंक्चर (Acupuncture): कुछ लोगों को एक्यूपंक्चर से कंधे के दर्द और अकड़न में राहत मिल सकती है, हालांकि इस पर वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं।
- कायरोप्रैक्टिक देखभाल (Chiropractic Care): कुछ कायरोप्रैक्टर्स कंधे की समस्याओं का इलाज करते हैं, लेकिन कंधे की अकड़न के लिए इसकी प्रभावशीलता पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
पुनर्वास (Rehabilitation):
चाहे आपका इलाज सर्जिकल हो या गैर-सर्जिकल, पुनर्वास एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शारीरिक थेरेपी सर्जरी के बाद गति की सीमा और ताकत को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आपको अपनी उपचार योजना का पालन करना चाहिए और अपने चिकित्सक या भौतिक चिकित्सक द्वारा दिए गए सभी अभ्यासों को नियमित रूप से करना चाहिए।
कंधे में अकड़न का घरेलू इलाज क्या है?
कंधे में अकड़न के लिए कुछ घरेलू उपचार आजमाए जा सकते हैं, खासकर शुरुआती या हल्के मामलों में। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये उपचार चिकित्सा सलाह या पेशेवर उपचार का विकल्प नहीं हैं। यदि आपकी अकड़न गंभीर है, लगातार बनी रहती है, या दर्द के साथ है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यहाँ कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो कंधे की अकड़न से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
1. आराम और गतिविधि में बदलाव:
- अत्यधिक उपयोग से बचें: उन गतिविधियों से बचें जो आपके कंधे के दर्द या अकड़न को बढ़ाती हैं।
- कोमल गति बनाए रखें: लंबे समय तक कंधे को स्थिर रखने से अकड़न बढ़ सकती है। इसलिए, दिन में कई बार धीरे-धीरे और कोमल गति अभ्यास करें, जैसे कि हाथ को आगे-पीछे और गोलाकार घुमाना, जब तक कि दर्द अनुमति दे।
2. तापमान चिकित्सा:
- बर्फ का प्रयोग: शुरुआती सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; एक कपड़े में लपेटें।
- गर्मी का प्रयोग: पुरानी अकड़न के लिए, गर्म पानी की बोतल, हीटिंग पैड या गर्म स्नान मांसपेशियों को आराम देने और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
3. कोमल स्ट्रेचिंग और व्यायाम:
ये व्यायाम धीरे-धीरे करने चाहिए और यदि दर्द बढ़े तो तुरंत बंद कर देना चाहिए।
- पेंडुलम व्यायाम (Pendulum Exercise): झुकें और प्रभावित हाथ को नीचे लटकने दें। अपने शरीर को धीरे-धीरे आगे-पीछे और गोलाकार घुमाएं, जिससे आपका हाथ एक पेंडुलम की तरह झूले।
- फिंगर वॉक अप द वॉल (Finger Walk Up the Wall): दीवार के सामने खड़े हों और अपनी उंगलियों को दीवार पर धीरे-धीरे ऊपर की ओर चलाएं, जितना आप आराम से कर सकें। कुछ सेकंड के लिए रुकें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं।
- क्रॉस-बॉडी रीच (Cross-Body Reach): अपनी एक भुजा को सीधा रखें और उसे अपने शरीर के सामने से दूसरी तरफ ले जाएं। अपनी दूसरी भुजा का उपयोग करके उस भुजा को थोड़ा और खींचें।
- बिहाइंड-द-बैक रीच (Behind-the-Back Reach): अपने हाथों को अपनी पीठ के पीछे ले जाएं और अपनी उंगलियों को एक साथ पकड़ने की कोशिश करें। धीरे-धीरे अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचें जितना आप आराम से कर सकें।
4. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:
- सीधे बैठें और खड़े हों। खराब मुद्रा कंधे की मांसपेशियों पर अनावश्यक तनाव डाल सकती है।
- काम करते समय या कंप्यूटर पर बैठते समय उचित एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखें।
5. ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक:
- आइबुप्रोफेन (Ibuprofen) या नेप्रोक्सन (Naproxen) जैसे गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। निर्देशों का पालन करें और यदि आपको कोई चिंता है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
6. हाइड्रेटेड रहें:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जोड़ों को चिकना रखने में मदद कर सकता है।
7. स्वस्थ आहार:
- एक संतुलित आहार जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वाले खाद्य पदार्थ शामिल हों (जैसे फल, सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड) समग्र स्वास्थ्य और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
कंधे में अकड़न में क्या खाएं और क्या न खाएं?
कंधे में अकड़न के लिए कोई विशिष्ट “डाइट” नहीं है जो इसे ठीक कर सके। हालांकि, कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से अकड़न से राहत दिलाने में भूमिका निभा सकते हैं।
क्या खाएं:
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर मछली: सामन, मैकेरल, सार्डिन जैसी वसायुक्त मछली सूजन को कम करने में मदद करती है।
- फल और सब्जियां: रंगीन फल और सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती हैं जो सूजन से लड़ते हैं। विशेष रूप से जामुन, पत्तेदार साग और क्रूस वाली सब्जियां फायदेमंद हैं।
- स्वस्थ वसा: एवोकाडो, जैतून का तेल और नट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं।
- हल्दी और अदरक: इन मसालों में शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- कोलेजन युक्त खाद्य पदार्थ: हड्डी का शोरबा कोलेजन का एक अच्छा स्रोत है, जो जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ: खट्टे फल, शिमला मिर्च, कीवी और स्ट्रॉबेरी कोलेजन उत्पादन में मदद करते हैं।
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: चिकन, मछली, टोफू, बीन्स और दालें ऊतक की मरम्मत के लिए आवश्यक हैं।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जोड़ों को चिकना रखने में मदद करता है।
क्या न खाएं:
- प्रो-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ:
- प्रसंस्कृत शर्करा: सोडा, कैंडी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में उच्च मात्रा में शर्करा सूजन को बढ़ा सकती है।
- ट्रांस वसा: यह हाइड्रोजनीकृत तेलों और प्रसंस्कृत बेक्ड सामानों में पाया जाता है और सूजन को बढ़ाता है।
- परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट: सफेद ब्रेड, पास्ता और प्रसंस्कृत अनाज सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: इनमें अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, शर्करा और योजक होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- अत्यधिक लाल मांस और प्रसंस्कृत मांस: इनमें संतृप्त वसा और अन्य यौगिक होते हैं जो सूजन को बढ़ा सकते हैं।
- उच्च वसा वाले डेयरी उत्पाद: पनीर, क्रीम और मक्खन में संतृप्त वसा होती है जो कुछ लोगों में सूजन को बढ़ा सकती है।
- नाइटशेड सब्जियां (कुछ लोगों में): टमाटर, बैंगन, मिर्च और आलू कुछ लोगों में सूजन बढ़ा सकते हैं। यदि आपको संदेह है, तो इन्हें कुछ समय के लिए हटाकर देखें कि क्या कोई सुधार होता है।
- अल्कोहल: अत्यधिक शराब का सेवन सूजन को बढ़ा सकता है।
कंधे में अकड़न के जोखिम को कैसे कम करें?
कंधे में अकड़न के जोखिम को पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है, खासकर कुछ अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों या उम्र बढ़ने के कारण होने वाली अकड़न को। हालांकि, कुछ रणनीतियाँ अपनाकर आप इसके विकास की संभावना को कम कर सकते हैं या इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं:
1. सक्रिय रहें और नियमित व्यायाम करें:
- नियमित गति अभ्यास: अपने कंधों को नियमित रूप से पूरी गति सीमा में हिलाएं। साधारण व्यायाम जैसे कि हाथ को आगे-पीछे घुमाना, ऊपर उठाना और गोलाकार घुमाना कंधे के जोड़ों को लचीला बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
- कंधे को मजबूत करने वाले व्यायाम: कंधे के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम स्थिरता प्रदान करते हैं और चोट के जोखिम को कम करते हैं। इसमें रोटेटर कफ व्यायाम शामिल हो सकते हैं, जिन्हें आप किसी शारीरिक चिकित्सक से सीख सकते हैं।
- समग्र शारीरिक गतिविधि: नियमित एरोबिक व्यायाम रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, जो जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
2. अच्छी मुद्रा बनाए रखें:
- बैठते और खड़े होते समय सीधे रहें: खराब मुद्रा कंधे की मांसपेशियों और जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, जिससे अकड़न का खतरा बढ़ सकता है।
- काम करते समय एर्गोनॉमिक्स का ध्यान रखें: यदि आप डेस्क पर काम करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी, कीबोर्ड और मॉनिटर सही ऊंचाई पर हैं ताकि आपके कंधे और गर्दन पर तनाव कम हो।
3. चोटों से बचें:
- खेल खेलते समय या भारी सामान उठाते समय उचित तकनीक का उपयोग करें: गलत तरीके से उठाने या खेलने से कंधे में मोच, खिंचाव या अन्य चोटें लग सकती हैं, जो बाद में अकड़न का कारण बन सकती हैं।
- गिरने से बचें: संतुलन बनाए रखने के लिए सावधानी बरतें, खासकर फिसलन वाली सतहों पर।
4. अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन करें:
- मधुमेह को नियंत्रित करें: मधुमेह वाले लोगों में फ्रोजन शोल्डर का खतरा अधिक होता है। अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखना महत्वपूर्ण है।
- थायरॉइड की समस्याओं का इलाज कराएं: थायरॉइड की समस्याओं का उचित उपचार कराने से कंधे की अकड़न के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का प्रबंधन करें: यदि आपको रुमेटीइड गठिया या ल्यूपस जैसी कोई ऑटोइम्यून बीमारी है, तो अपनी उपचार योजना का पालन करना महत्वपूर्ण है।
5. धीरे-धीरे स्ट्रेच करें:
- नियमित स्ट्रेचिंग: व्यायाम से पहले और बाद में कोमल स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और अकड़न को रोकने में मदद कर सकती है।
- जबरदस्ती न करें: स्ट्रेचिंग करते समय दर्द महसूस होने पर रुक जाएं।
6. पर्याप्त आराम करें:
- मांसपेशियों को ठीक होने और तनाव कम करने के लिए पर्याप्त नींद लें।
7. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- संतुलित आहार लें: एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- धूम्रपान से बचें: धूम्रपान जोड़ों सहित पूरे शरीर में रक्त प्रवाह को कम कर सकता है।
8. शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दें:
- यदि आपको कंधे में हल्का दर्द या जकड़न महसूस होती है, तो इसे अनदेखा न करें। शुरुआती चरणों में कोमल व्यायाम और स्ट्रेचिंग करके आप अकड़न को बढ़ने से रोक सकते हैं। यदि लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
सारांश
कंधे में अकड़न के कई कारण हो सकते हैं, जैसे फ्रोजन शोल्डर, रोटेटर कफ की चोट, गठिया आदि। खतरा 40-60 वर्ष के लोगों, महिलाओं और मधुमेह या थायरॉइड जैसी बीमारियों वाले लोगों में अधिक होता है। निदान शारीरिक परीक्षा और इमेजिंग से होता है।
इलाज में आराम, बर्फ/गर्मी, दर्द निवारक, फिजियोथेरेपी और कुछ मामलों में इंजेक्शन या सर्जरी शामिल हैं। घरेलू उपचार में कोमल व्यायाम और अच्छी मुद्रा शामिल हैं। जोखिम कम करने के लिए सक्रिय रहना, अच्छी मुद्रा बनाए रखना और चोटों से बचना महत्वपूर्ण है।