मूत्र मार्ग में संक्रमण

मूत्र मार्ग में संक्रमण

मूत्र मार्ग में संक्रमण क्या है?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI) एक आम संक्रमण है जो मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में हो सकता है, जैसे कि गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग। यह तब होता है जब बैक्टीरिया मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र प्रणाली में प्रवेश करते हैं और बढ़ते हैं।

मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण:

  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब करते समय जलन या दर्द होना
  • पेशाब में खून आना
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
  • बुखार और ठंड लगना
  • जी मिचलाना और उल्टी आना
  • पेशाब का रंग मटमैला या तेज गंध आना

मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण:

  • बैक्टीरिया: ई. कोलाई बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में संक्रमण का सबसे आम कारण है।
  • यौन गतिविधि: यौन गतिविधि के दौरान बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं।
  • मूत्र पथ में रुकावट: गुर्दे की पथरी या बढ़े हुए प्रोस्टेट जैसी रुकावटें मूत्र के प्रवाह को रोक सकती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
  • कैथेटर का उपयोग: मूत्र कैथेटर का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

मूत्र मार्ग में संक्रमण का इलाज:

मूत्र मार्ग में संक्रमण का इलाज आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है। डॉक्टर संक्रमण के प्रकार और गंभीरता के आधार पर एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देंगे।

मूत्र मार्ग में संक्रमण से बचाव:

  • खूब पानी पिएं
  • पेशाब को रोक कर न रखें
  • यौन संबंध के बाद पेशाब करें
  • जननांगों को साफ रखें
  • क्रैनबेरी जूस पि

मूत्र मार्ग में संक्रमण के कारण क्या हैं?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI) कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • बैक्टीरिया:
    • ई. कोलाई (E. coli) बैक्टीरिया सबसे आम कारण है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर आंतों में पाया जाता है, लेकिन यह मूत्रमार्ग में भी प्रवेश कर सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।
  • यौन गतिविधि:
    • यौन क्रिया के दौरान बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं।
  • मूत्र पथ में रुकावट:
    • गुर्दे की पथरी या बढ़े हुए प्रोस्टेट जैसी रुकावटें मूत्र के प्रवाह को रोक सकती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली:
    • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
  • कैथेटर का उपयोग:
    • मूत्र कैथेटर का उपयोग करने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • महिलाओं में अतिरिक्त कारण:
    • महिलाओं में छोटा मूत्रमार्ग, योनि और गुदा से निकटता, यौन गतिविधि, गर्भावस्था (2-3% में यूटीआई है), रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी, गर्भाशय या मूत्राशय का आगे को बढ़ाव (अधूरा खाली होना), सामान्य वनस्पतियों में कमी, मधुमेह आदि।  
  • पुरुषों में अतिरिक्त कारण:
    • पुरुषों में आमतौर पर यूटीआई कम होता है, लेकिन प्रोस्टेट वृद्धि, मूत्रमार्ग में संकुचन, पथरी, कैथीटेराइजेशन, असुरक्षित यौन संबंध, मूत्राशय दोष आदि यूटीआई के सामान्य कारण हैं।  
  • अन्य कारण:
    • खराब स्वच्छता, कम पानी पीना, पेशाब रोककर रखना

मूत्र मार्ग में संक्रमण के संकेत और लक्षण क्या हैं?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) के संकेत और लक्षण संक्रमण के स्थान और व्यक्ति की उम्र के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:

सामान्य लक्षण:

  • पेशाब करते समय जलन या दर्द होना।
  • बार-बार पेशाब आना, भले ही मूत्राशय खाली न हो।
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा।
  • बादलयुक्त या तेज गंध वाला पेशाब।
  • पेशाब में खून आना।
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द या दबाव।
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
  • बुखार और ठंड लगना।
  • जी मिचलाना या उल्टी आना।

महिलाओं में अतिरिक्त लक्षण:

  • श्रोणि दर्द।

पुरुषों में अतिरिक्त लक्षण:

  • मलाशय में दर्द।

बच्चों में लक्षण:

  • बुखार।
  • चिड़चिड़ापन।
  • भूख न लगना।
  • उल्टी।
  • डायपर गीला करना (शिशुओं में)।

वृद्ध वयस्कों में लक्षण:

  • मानसिक भ्रम।
  • अचानक कमजोरी।
  • मूत्र असंयम।

गंभीर लक्षण:

यदि संक्रमण गुर्दे तक फैल जाता है, तो आपको निम्नलिखित गंभीर लक्षण अनुभव हो सकते हैं:

  • तीव्र पीठ दर्द
  • कंपकंपी के साथ तेज बुखार।
  • जी मिचलाना और उल्टी आना।

मूत्र मार्ग में संक्रमण का खतरा किसे अधिक होता है?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। इनमें शामिल हैं:

  • महिलाएं: महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है और गुदा के करीब होता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए मूत्राशय तक पहुंचना आसान हो जाता है।
  • यौन रूप से सक्रिय महिलाएं: यौन क्रिया के दौरान बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं।
  • वृद्ध वयस्क: वृद्ध वयस्कों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे उन्हें संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
  • मधुमेह वाले लोग: मधुमेह वाले लोगों में रक्त शर्करा का स्तर उच्च होता है, जो बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
  • मूत्र कैथेटर का उपयोग करने वाले लोग: मूत्र कैथेटर बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग में प्रवेश करने का मार्ग प्रदान कर सकता है।
  • मूत्र पथ में रुकावट वाले लोग: गुर्दे की पथरी या बढ़े हुए प्रोस्टेट जैसी रुकावटें मूत्र के प्रवाह को रोक सकती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है।
  • गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन और मूत्र पथ में परिवर्तन के कारण यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
  • रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाएं: रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
  • जिन लोगों को पहले यूटीआई हुआ हो: जिन लोगों को पहले यूटीआई हुआ है, उनमें भविष्य में भी यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है।
  • कुछ प्रकार के गर्भनिरोधक का उपयोग करने वाली महिलाएं: कुछ गर्भनिरोधक, जैसे कि डायाफ्राम और शुक्राणुनाशक, यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

मूत्र मार्ग में संक्रमण से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) सीधे तौर पर कई अन्य बीमारियों से जुड़ा हो सकता है, या यह कुछ अंतर्निहित स्थितियों का एक लक्षण या जटिलता हो सकता है। यहां कुछ बीमारियां और स्थितियां दी गई हैं जो यूटीआई से जुड़ी हो सकती हैं:

सीधे तौर पर जुड़ी जटिलताएं:

  • पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis): यह एक गंभीर किडनी संक्रमण है जो तब हो सकता है जब यूटीआई का इलाज न किया जाए और संक्रमण गुर्दे तक फैल जाए। इसके लक्षणों में तेज बुखार, पीठ में दर्द, कंपकंपी और उल्टी शामिल हैं।
  • सेप्टिसीमिया (Sepsis): यदि यूटीआई बहुत गंभीर हो जाए और बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाएं, तो सेप्टिसीमिया हो सकता है, जो एक जानलेवा स्थिति है।
  • मूत्राशय में स्थायी क्षति: बार-बार होने वाले या अनुपचारित यूटीआई से मूत्राशय में स्थायी क्षति हो सकती है।
  • गर्भावस्था में जटिलताएं: गर्भवती महिलाओं में यूटीआई समय से पहले प्रसव या कम वजन वाले बच्चे के जन्म से जुड़ा हो सकता है।

अंतर्निहित स्थितियां जो यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकती हैं:

  • मधुमेह (Diabetes): उच्च रक्त शर्करा का स्तर बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
  • गुर्दे की पथरी (Kidney Stones): पथरी मूत्र के प्रवाह को बाधित कर सकती है, जिससे बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं और संक्रमण हो सकता है।
  • बढ़ा हुआ प्रोस्टेट (Enlarged Prostate – BPH): पुरुषों में, बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकती है, जिससे मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता और यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
  • मूत्राशय का आगे को बढ़ना (Cystocele): महिलाओं में, मूत्राशय का योनि में आगे को बढ़ना मूत्र को पूरी तरह से खाली करने में बाधा डाल सकता है, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
  • न्यूरोजेनिक मूत्राशय (Neurogenic Bladder): यह स्थिति तंत्रिका क्षति के कारण होती है जो मूत्राशय के कार्य को नियंत्रित करती है, जिससे मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता और यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है। यह मल्टीपल स्केलेरोसिस, स्पाइनल कॉर्ड इंजरी या स्ट्रोक जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weakened Immune System): एचआईवी/एड्स, कैंसर के उपचार (जैसे कीमोथेरेपी), या अंग प्रत्यारोपण के बाद इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं लेने वाले लोगों में यूटीआई का खतरा अधिक होता है।
  • मूत्र कैथेटर का उपयोग (Urinary Catheter Use): कैथेटर बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग में प्रवेश करने का सीधा मार्ग प्रदान करते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
  • वेसिकोयूरेteral रिफ्लक्स (Vesicoureteral Reflux – VUR): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें मूत्र मूत्राशय से वापस मूत्रवाहिनी और गुर्दे में बहता है, जिससे गुर्दे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह बच्चों में अधिक आम है।

मूत्र मार्ग में संक्रमण का निदान कैसे करें?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) का निदान आमतौर पर आपके लक्षणों, शारीरिक परीक्षण और कुछ प्रयोगशाला परीक्षणों के आधार पर किया जाता है। निदान प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हो सकते हैं:

1. चिकित्सा इतिहास और लक्षणों पर चर्चा:

आपका डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेगा, जिसमें शामिल हैं:

  • पेशाब करते समय दर्द या जलन
  • बार-बार पेशाब आना
  • पेशाब करने की तीव्र इच्छा
  • पेशाब का रंग और गंध
  • पेट या पीठ में दर्द
  • बुखार और ठंड लगना (यदि संक्रमण अधिक गंभीर है)
  • आपका पिछला चिकित्सा इतिहास, जिसमें पहले हुए यूटीआई और कोई अन्य अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं।
  • आपकी यौन गतिविधि और गर्भनिरोधक के तरीके (महिलाओं के लिए)।

2. शारीरिक परीक्षण:

आपका डॉक्टर एक सामान्य शारीरिक परीक्षण कर सकता है, जिसमें आपके पेट और पीठ के निचले हिस्से की जांच शामिल हो सकती है ताकि कोमलता या दर्द का पता लगाया जा सके। महिलाओं में, श्रोणि परीक्षा की जा सकती है यदि अन्य स्त्री रोग संबंधी समस्याओं का संदेह हो। पुरुषों में, प्रोस्टेट ग्रंथि की जांच की जा सकती है यदि प्रोस्टेट वृद्धि का संदेह हो।

3. मूत्र विश्लेषण (Urinalysis):

यह यूटीआई के निदान के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षण है। इसमें आपके मूत्र के नमूने की जांच शामिल है ताकि निम्नलिखित का पता लगाया जा सके:

  • श्वेत रक्त कोशिकाएं (White Blood Cells – WBCs): संक्रमण का संकेत दे सकती हैं।
  • लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells – RBCs): रक्तस्राव का संकेत दे सकती हैं।
  • नाइट्राइट (Nitrite): कुछ प्रकार के बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित एक रसायन है जो यूटीआई का सुझाव दे सकता है।
  • ल्यूकोसाइट एस्टरेज (Leukocyte Esterase): श्वेत रक्त कोशिकाओं द्वारा उत्पादित एक एंजाइम है जो संक्रमण का संकेत दे सकता है।
  • बैक्टीरिया: मूत्र में बैक्टीरिया की उपस्थिति यूटीआई की पुष्टि करती है।

4. मूत्र संस्कृति (Urine Culture):

यदि मूत्र विश्लेषण यूटीआई का सुझाव देता है, तो आपका डॉक्टर मूत्र संस्कृति का आदेश दे सकता है। इस परीक्षण में आपके मूत्र के नमूने को एक विशेष माध्यम में उगाया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कौन से विशिष्ट बैक्टीरिया मौजूद हैं और वे किन एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति संवेदनशील हैं। यह विशेष रूप से जटिल या आवर्ती यूटीआई के मामलों में उपयोगी है।

5. इमेजिंग परीक्षण (Imaging Tests):

आमतौर पर साधारण यूटीआई के लिए इनकी आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यदि बार-बार संक्रमण हो रहे हैं, उपचार प्रभावी नहीं है, या गुर्दे में संक्रमण का संदेह है, तो आपका डॉक्टर इमेजिंग परीक्षणों की सिफारिश कर सकता है, जैसे:

  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): गुर्दे और मूत्राशय की तस्वीरें बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है, जिससे पथरी या अन्य रुकावटों का पता चल सकता है।
  • सीटी स्कैन (CT Scan): गुर्दे, मूत्राशय और आसपास के संरचनाओं की विस्तृत क्रॉस-सेक्शनल तस्वीरें प्रदान करता है।
  • इंट्रावेनस पाइलोग्राफी (Intravenous Pyelography – IVP): यह एक एक्स-रे परीक्षण है जिसमें एक डाई को नस में इंजेक्ट किया जाता है ताकि मूत्र पथ की तस्वीरें ली जा सकें और किसी भी रुकावट या असामान्यता का पता चल सके। हालांकि, आजकल इसका उपयोग कम होता जा रहा है।

6. सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy):

इस प्रक्रिया में एक पतली, लचीली ट्यूब जिसमें एक कैमरा लगा होता है (सिस्टोस्कोप) को मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्राशय में डाला जाता है। यह डॉक्टर को मूत्राशय और मूत्रमार्ग के अंदरूनी हिस्से को सीधे देखने की अनुमति देता है। यह तब किया जा सकता है जब बार-बार यूटीआई हो रहे हों, असामान्य निष्कर्ष हों, या अन्य मूत्र संबंधी समस्याओं का संदेह हो।

मूत्र मार्ग में संक्रमण का इलाज क्या है?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) का मुख्य इलाज एंटीबायोटिक दवाएं हैं। उपचार का लक्ष्य संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारना और लक्षणों से राहत दिलाना है। उपचार का तरीका संक्रमण की गंभीरता, स्थान और व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

सामान्य उपचार:

  • एंटीबायोटिक दवाएं:
    • आपका डॉक्टर आपके मूत्र विश्लेषण और संभावित रूप से मूत्र संस्कृति के परिणामों के आधार पर एंटीबायोटिक दवा लिखेगा।
    • साधारण, बिना जटिलता वाले यूटीआई के लिए, आमतौर पर 3 से 7 दिनों का छोटा एंटीबायोटिक कोर्स पर्याप्त होता है।
    • अधिक गंभीर या जटिल यूटीआई के लिए, जैसे कि गुर्दे का संक्रमण (पायलोनेफ्राइटिस), एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स लंबा हो सकता है (7 से 14 दिन या उससे अधिक) और कुछ मामलों में अस्पताल में भर्ती होकर नसों के माध्यम से एंटीबायोटिक दवाएं देने की आवश्यकता हो सकती है।
    • एंटीबायोटिक दवाओं के सामान्य उदाहरणों में शामिल हैं: ट्राइमेथोप्रिम-सल्फामेथोक्साजोल (बैक्टीरिम, सेप्ट्रा), नाइट्रोफ्यूरेंटोइन (मैक्रोबिड, मैक्रोडेंटिन), सिप्रोफ्लोक्सासिन (सिप्रो), लेवोफ्लोक्सासिन (लेवाक्विन), और सेफलेक्सिन (केफ्लेक्स)।
    • यह महत्वपूर्ण है कि आप एंटीबायोटिक दवाओं का पूरा कोर्स पूरा करें, भले ही आपके लक्षण बेहतर महसूस होने लगें। अधूरा कोर्स करने से संक्रमण वापस आ सकता है और बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी बन सकते हैं।
  • दर्द निवारक दवाएं:
    • फेनाज़ोपाइरीडीन (पाइरिडियम) जैसी दवाएं पेशाब करते समय होने वाले दर्द और जलन को कम करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, यह केवल लक्षणों का इलाज करती है और संक्रमण का नहीं। इस दवा के दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि मूत्र का नारंगी या लाल रंग का होना। इसका उपयोग आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाता है और इसे कुछ दिनों से अधिक नहीं लेना चाहिए।
    • ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं जैसे इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन भी दर्द और बुखार को कम करने में मदद कर सकती हैं।

स्व-देखभाल के उपाय जो उपचार में मदद कर सकते हैं:

  • खूब पानी पिएं: अधिक पानी पीने से बैक्टीरिया को मूत्र प्रणाली से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  • पेशाब को रोक कर न रखें: जब आपको पेशाब करने की इच्छा हो तो तुरंत करें।
  • हीटिंग पैड का उपयोग करें: पेट के निचले हिस्से पर हीटिंग पैड लगाने से दर्द और बेचैनी कम हो सकती है।
  • शराब और कैफीन से बचें: ये मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं।

आवर्ती यूटीआई का उपचार:

यदि आपको बार-बार यूटीआई होते हैं, तो आपका डॉक्टर निम्नलिखित रणनीतियों की सिफारिश कर सकता है:

  • कम खुराक वाली एंटीबायोटिक दवाएं: कुछ महिलाओं को बार-बार होने वाले यूटीआई को रोकने के लिए लंबे समय तक कम खुराक वाली एंटीबायोटिक दवा लेने की सलाह दी जा सकती है।
  • यौन गतिविधि के बाद एंटीबायोटिक दवा: कुछ महिलाओं को यौन गतिविधि के तुरंत बाद एक एंटीबायोटिक दवा लेने की सलाह दी जा सकती है यदि यौन संबंध यूटीआई को ट्रिगर करता है।
  • योनि एस्ट्रोजन थेरेपी: रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में, योनि एस्ट्रोजन क्रीम या सपोसिटरी यूटीआई के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं।

गर्भावस्था में यूटीआई का उपचार:

गर्भवती महिलाओं में यूटीआई का इलाज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि अनुपचारित संक्रमण माँ और बच्चे दोनों के लिए जटिलताएं पैदा कर सकता है। गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है।

मूत्र मार्ग में संक्रमण का घरेलू इलाज क्या है?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) के लिए कुछ घरेलू उपचार हैं जो लक्षणों को कम करने और आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि घरेलू उपचार एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प नहीं हैं, जो बैक्टीरिया को मारने और संक्रमण को पूरी तरह से ठीक करने के लिए आवश्यक हैं। यदि आपको यूटीआई के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना और उचित चिकित्सा उपचार लेना महत्वपूर्ण है।

यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जिनका उपयोग आप लक्षणों को प्रबंधित करने और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं:

1. खूब पानी पिएं:

  • यह सबसे महत्वपूर्ण घरेलू उपचारों में से एक है। अधिक पानी पीने से आपके मूत्रमार्ग से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  • दिन भर में बार-बार पानी पिएं। आपको अपने सामान्य से अधिक पेशाब करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है।

2. क्रैनबेरी जूस पिएं (बिना चीनी वाला):

  • क्रैनबेरी में ऐसे यौगिक होते हैं जो बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोकने में मदद कर सकते हैं।
  • सुनिश्चित करें कि आप बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पी रहे हैं, क्योंकि चीनी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकती है।
  • हालांकि, ध्यान दें कि क्रैनबेरी जूस सभी के लिए प्रभावी नहीं होता है और यह एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प नहीं है।

3. हीटिंग पैड का उपयोग करें:

  • पेट के निचले हिस्से पर हीटिंग पैड लगाने से मूत्राशय के दबाव और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

4. पेशाब को रोक कर न रखें:

  • जब आपको पेशाब करने की इच्छा हो तो तुरंत करें। पेशाब को रोक कर रखने से बैक्टीरिया को मूत्राशय में बढ़ने का समय मिल सकता है।

5. जननांग क्षेत्र को साफ रखें:

  • आगे से पीछे की ओर साफ करें (महिलाओं के लिए) ताकि गुदा से बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में न जाएं।
  • यौन संबंध से पहले और बाद में पेशाब करें।
  • सुगंधित साबुन, स्प्रे या पाउडर का उपयोग करने से बचें जो मूत्रमार्ग को परेशान कर सकते हैं।

6. प्रोबायोटिक्स का सेवन करें:

  • प्रोबायोटिक्स आपके आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो समग्र प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है।
  • आप प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे दही) खा सकते हैं या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट ले सकते हैं।

7. कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें:

  • कैफीन, शराब, मसालेदार भोजन और खट्टे फल मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं और लक्षणों को खराब कर सकते हैं। इनसे बचें जब तक कि आपका संक्रमण ठीक न हो जाए।

8. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं:

  • विटामिन सी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिससे आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सकती है। खट्टे फल (कम मात्रा में), स्ट्रॉबेरी, और हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं।

महत्वपूर्ण बातें:

  • घरेलू उपचार केवल लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, वे संक्रमण का इलाज नहीं करते हैं।
  • यदि आपके लक्षण गंभीर हैं (जैसे तेज बुखार, पीठ में दर्द, उल्टी) या कुछ दिनों के भीतर सुधार नहीं होता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • बार-बार होने वाले यूटीआई के लिए, डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है ताकि अंतर्निहित कारणों का पता लगाया जा सके और उचित निवारक उपाय किए जा सकें।

मूत्र मार्ग में संक्रमण में क्या खाएं और क्या न खाएं?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) होने पर सही खानपान आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने और लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यहां बताया गया है कि यूटीआई में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए:

क्या खाएं:

  • खूब पानी पिएं: यह सबसे महत्वपूर्ण है। पानी पीने से बार-बार पेशाब आएगा और बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाएंगे। दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
  • क्रैनबेरी जूस (बिना चीनी वाला): क्रैनबेरी में ऐसे यौगिक होते हैं जो बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोक सकते हैं। हमेशा बिना चीनी वाला जूस चुनें, क्योंकि चीनी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकती है। आप क्रैनबेरी सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
  • प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ: दही (बिना चीनी वाला), केफिर, किमची और सौerkraut जैसे खाद्य पदार्थ आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है।
  • विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ: संतरा, नींबू, आंवला, अमरूद, स्ट्रॉबेरी, कीवी, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है। हालांकि, खट्टे फलों का सेवन सीमित मात्रा में करें क्योंकि कुछ लोगों में ये मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं।
  • लहसुन: लहसुन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। आप इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं या कच्चा खा सकते हैं (यदि सहन कर सकें)।
  • अदरक: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या इसे अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
  • सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): कुछ लोगों का मानना है कि सेब के सिरके में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, लेकिन इसका वैज्ञानिक प्रमाण सीमित है। यदि आप इसका सेवन करते हैं, तो इसे पानी में पतला करके और सीमित मात्रा में ही लें।
  • उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां पाचन को स्वस्थ रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को सहायता प्रदान करने में मदद करते हैं।

क्या न खाएं:

  • कैफीन युक्त पेय पदार्थ: कॉफी, चाय और सोडा मूत्राशय को उत्तेजित कर सकते हैं और बार-बार पेशाब आने की इच्छा को बढ़ा सकते हैं, जिससे असुविधा हो सकती है।
  • शराब: शराब भी मूत्राशय को परेशान कर सकती है और डिहाइड्रेशन का कारण बन सकती है, जो यूटीआई के लक्षणों को खराब कर सकता है।
  • मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन मूत्राशय में जलन पैदा कर सकता है और लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • खट्टे फल और जूस (अधिक मात्रा में): हालांकि विटामिन सी महत्वपूर्ण है, अत्यधिक खट्टे फल मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं। सीमित मात्रा में सेवन करें और देखें कि आपके लक्षण कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
  • कृत्रिम मिठास: कुछ लोगों में कृत्रिम मिठास मूत्राशय की संवेदनशीलता को बढ़ा सकते हैं।
  • प्रसंस्कृत और जंक फूड: इनमें अक्सर उच्च मात्रा में चीनी, अस्वास्थ्यकर वसा और कृत्रिम तत्व होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं।
  • चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ: चीनी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकती है, इसलिए मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें।
  • टमाटर आधारित उत्पाद (अधिक मात्रा में): कुछ लोगों में टमाटर और टमाटर आधारित उत्पाद मूत्राशय को परेशान कर सकते हैं।

अतिरिक्त सुझाव:

  • अपने शरीर को सुनें और देखें कि कौन से खाद्य पदार्थ आपके लक्षणों को बढ़ाते हैं।
  • यदि आपको बार-बार यूटीआई होते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें ताकि व्यक्तिगत आहार संबंधी सिफारिशें प्राप्त हो सकें।

मूत्र मार्ग में संक्रमण के जोखिम को कैसे कम करें?

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) के जोखिम को कम करने के लिए आप कई प्रभावी कदम उठा सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां दी गई हैं:

स्वच्छता संबंधी आदतें:

  • आगे से पीछे की ओर साफ करें (महिलाओं के लिए): शौच के बाद हमेशा आगे से पीछे की ओर साफ करें ताकि गुदा से बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में न जाएं।
  • यौन संबंध से पहले और बाद में पेशाब करें: यौन गतिविधि के दौरान बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में प्रवेश कर सकते हैं। पेशाब करने से उन्हें बाहर निकालने में मदद मिलती है।
  • यौन संबंध के बाद जननांग क्षेत्र को धो लें: हल्के साबुन और पानी का उपयोग करें।
  • सुगंधित उत्पादों से बचें: सुगंधित साबुन, स्प्रे, पाउडर और टैल्कम पाउडर जननांग क्षेत्र को परेशान कर सकते हैं और संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
  • ढीले-ढाले सूती अंडरवियर पहनें: सूती कपड़े नमी को दूर रखते हैं, जबकि तंग या सिंथेटिक कपड़े नमी को फंसा सकते हैं, जिससे बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बन सकता है।

पेशाब की आदतें:

  • पेशाब को रोक कर न रखें: जब आपको पेशाब करने की इच्छा हो तो तुरंत करें। पेशाब को रोक कर रखने से बैक्टीरिया को मूत्राशय में बढ़ने का समय मिल सकता है।
  • मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करें: पेशाब करते समय जल्दबाजी न करें और सुनिश्चित करें कि आपका मूत्राशय पूरी तरह से खाली हो गया है।

तरल पदार्थ का सेवन:

  • खूब पानी पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से बार-बार पेशाब आएगा और बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाएंगे।

आहार संबंधी आदतें:

  • क्रैनबेरी उत्पाद (बिना चीनी वाले): कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि क्रैनबेरी जूस या सप्लीमेंट बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोकने में मदद कर सकते हैं। हमेशा बिना चीनी वाले उत्पादों का चयन करें।
  • प्रोबायोटिक्स का सेवन करें: प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ या सप्लीमेंट आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है।

अन्य सुझाव:

  • गर्भनिरोधक के तरीके पर ध्यान दें: डायाफ्राम और शुक्राणुनाशक का उपयोग करने वाली महिलाओं में यूटीआई का खतरा अधिक हो सकता है। गर्भनिरोधक के अन्य विकल्पों पर विचार करें।
  • कैथेटर का उपयोग कम करें: यदि संभव हो तो मूत्र कैथेटर के उपयोग से बचें, क्योंकि यह संक्रमण के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। यदि कैथेटर आवश्यक है, तो उचित स्वच्छता और देखभाल का पालन करें।
  • रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं के लिए: योनि एस्ट्रोजन क्रीम या सपोसिटरी यूटीआई के खतरे को कम करने में मदद कर सकती हैं, क्योंकि एस्ट्रोजन योनि के ऊतकों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
  • अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन करें: मधुमेह जैसी स्थितियां यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकती हैं। अपनी स्वास्थ्य स्थितियों को अच्छी तरह से प्रबंधित करें।
  • बार-बार होने वाले यूटीआई के लिए डॉक्टर से सलाह लें: यदि आपको बार-बार यूटीआई होते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे अंतर्निहित कारणों का पता लगाने और निवारक उपचार योजना विकसित करने में मदद कर सकते हैं, जिसमें कम खुराक वाली एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हो सकती हैं।

सारांश

मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) मूत्र प्रणाली के किसी भी हिस्से में होने वाला एक आम संक्रमण है, जो आमतौर पर बैक्टीरिया के कारण होता है। महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है।

मुख्य बातें:

  • कारण: मुख्य कारण बैक्टीरिया (विशेषकर ई. कोलाई), यौन गतिविधि, मूत्र पथ में रुकावट, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और कैथेटर का उपयोग हैं।
  • लक्षण: बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन या दर्द, पेशाब में खून आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार और ठंड लगना इसके सामान्य लक्षण हैं। बच्चों और बुजुर्गों में लक्षण भिन्न हो सकते हैं।
  • खतरा किसे अधिक: महिलाएं, यौन रूप से सक्रिय महिलाएं, वृद्ध वयस्क, मधुमेह वाले लोग, कैथेटर उपयोगकर्ता, मूत्र पथ में रुकावट वाले लोग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को खतरा अधिक होता है।
  • जुड़ी बीमारियां: अनुपचारित यूटीआई पायलोनेफ्राइटिस (किडनी संक्रमण) और सेप्टिसीमिया जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। यह मधुमेह, गुर्दे की पथरी और बढ़े हुए प्रोस्टेट जैसी अंतर्निहित स्थितियों से भी जुड़ा हो सकता है।
  • निदान: निदान आमतौर पर लक्षणों, शारीरिक परीक्षण और मूत्र विश्लेषण के माध्यम से किया जाता है। मूत्र संस्कृति और इमेजिंग परीक्षण भी कुछ मामलों में किए जा सकते हैं।
  • इलाज: मुख्य इलाज एंटीबायोटिक दवाएं हैं। दर्द निवारक दवाएं लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। खूब पानी पीना और पेशाब को न रोकना भी महत्वपूर्ण है।
  • घरेलू इलाज: खूब पानी पीना, बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस पीना, हीटिंग पैड का उपयोग करना और जननांग क्षेत्र को साफ रखना लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये एंटीबायोटिक दवाओं का विकल्प नहीं हैं।
  • क्या खाएं और क्या न खाएं: खूब पानी, क्रैनबेरी जूस, प्रोबायोटिक और विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। कैफीन, शराब, मसालेदार भोजन और चीनी युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।
  • जोखिम को कम कैसे करें: अच्छी स्वच्छता बनाए रखें, यौन संबंध से पहले और बाद में पेशाब करें, खूब पानी पिएं, ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनें और पेशाब को न रोकें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *