बुखार

बुखार

बुखार क्या है?

बुखार, जिसे ज्वर भी कहा जाता है, एक सामान्य चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण है जो दर्शाता है कि शरीर किसी संक्रमण या बीमारी से लड़ रहा है।

बुखार के लक्षण:

  • शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होना (आमतौर पर 37°C या 98.6°F से ऊपर)
  • ठंड लगना
  • पसीना आना
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द
  • थकान
  • भूख न लगना
  • चिड़चिड़ापन

बुखार के कारण:

बुखार कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • संक्रमण: बैक्टीरिया, वायरस या फंगस जैसे संक्रमण बुखार का सबसे आम कारण हैं।
  • टीकाकरण: कुछ टीके बुखार का कारण बन सकते हैं।
  • दवाएं: कुछ दवाएं बुखार का कारण बन सकती हैं।
  • गर्मी की थकावट: अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से बुखार हो सकता है।
  • कुछ चिकित्सीय स्थितियां: ऑटोइम्यून रोग, कैंसर और अन्य चिकित्सीय स्थितियां बुखार का कारण बन सकती हैं।

बुखार का निदान:

बुखार का निदान आमतौर पर थर्मामीटर से शरीर का तापमान मापकर किया जाता है। डॉक्टर अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षणों का आदेश भी दे सकते हैं, जैसे कि रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण।

बुखार का उपचार:

बुखार का उपचार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। हल्के बुखार को आमतौर पर घर पर ही उपचारित किया जा सकता है, जबकि गंभीर बुखार के लिए अस्पताल में उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

बुखार के लिए घरेलू उपचार:

  • आराम करें और खूब पानी पिएं।
  • ठंडे पानी से स्पंज करें।
  • ओवर-द-काउंटर बुखार कम करने वाली दवाएं लें, जैसे कि एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन।

डॉक्टर को कब दिखाएं:

यदि आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए:

  • तेज बुखार (40°C या 104°F से ऊपर)
  • गंभीर सिरदर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • सीने में दर्द
  • भ्रम
  • दौरे
  • त्वचा पर लाल चकत्ते

बुखार के कारण क्या हैं?

बुखार कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

1. संक्रमण:

  • वायरल संक्रमण: यह बुखार का सबसे आम कारण है। सामान्य सर्दी, फ्लू, चिकनपॉक्स और खसरा जैसे वायरल संक्रमण बुखार का कारण बन सकते हैं।
  • बैक्टीरियल संक्रमण: बैक्टीरियल संक्रमण, जैसे कि मूत्र पथ संक्रमण, निमोनिया और गले का संक्रमण, भी बुखार का कारण बन सकते हैं।
  • फंगल संक्रमण: फंगल संक्रमण, हालांकि कम आम हैं, बुखार का कारण बन सकते हैं, खासकर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में।

2. टीकाकरण:

  • कुछ टीके, जैसे कि डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) टीका, बुखार का कारण बन सकते हैं।

3. दवाएं:

  • कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीबायोटिक्स और एंटीकॉन्वेलेंट्स, बुखार का कारण बन सकती हैं।

4. गर्मी से संबंधित बीमारियां:

  • गर्मी की थकावट या हीटस्ट्रोक जैसी गर्मी से संबंधित बीमारियां बुखार का कारण बन सकती हैं।

5. ऑटोइम्यून रोग:

  • कुछ ऑटोइम्यून रोग, जैसे कि ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया, बुखार का कारण बन सकते हैं।

6. कैंसर:

  • कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कि ल्यूकेमिया और लिम्फोमा, बुखार का कारण बन सकते हैं।

7. अन्य कारण:

  • अन्य कारणों में निर्जलीकरण, हार्मोनल परिवर्तन और कुछ चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं।

बुखार के संकेत और लक्षण क्या हैं?

बुखार के संकेत और लक्षण अंतर्निहित कारण और व्यक्ति की उम्र के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। यहां कुछ सामान्य संकेत और लक्षण दिए गए हैं:

सामान्य लक्षण:

  • बढ़ा हुआ शरीर का तापमान: यह बुखार का सबसे स्पष्ट संकेत है। सामान्य शरीर का तापमान लगभग 98.6°F (37°C) होता है, लेकिन यह व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में थोड़ा भिन्न हो सकता है।
  • ठंड लगना: आपको ठंड लग सकती है, भले ही कमरा गर्म हो।
  • पसीना आना: बुखार कम होने पर आपको बहुत पसीना आ सकता है।
  • शरीर में दर्द: मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • सिरदर्द: बुखार के साथ अक्सर सिरदर्द होता है।
  • थकान: आप बहुत थका हुआ और कमजोर महसूस कर सकते हैं।
  • भूख न लगना: आपको भूख कम लग सकती है या बिल्कुल नहीं लग सकती है।
  • चिड़चिड़ापन: आप चिड़चिड़े या बेचैन महसूस कर सकते हैं।
  • निर्जलीकरण: बुखार से शरीर से तरल पदार्थ की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है।

बच्चों में अतिरिक्त लक्षण:

  • चिड़चिड़ापन या सुस्ती: बच्चे चिड़चिड़े या सुस्त हो सकते हैं।
  • भूख में कमी: बच्चे खाने या पीने से मना कर सकते हैं।
  • उल्टी या दस्त: बच्चों को उल्टी या दस्त हो सकते हैं।
  • दौरे: गंभीर बुखार में बच्चों को दौरे पड़ सकते हैं।

गंभीर लक्षण (जिनमें तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है):

  • बहुत तेज बुखार (103°F या 39.4°C से ऊपर): यह गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • कठोर गर्दन: यह मेनिन्जाइटिस का संकेत हो सकता है।
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता: यह मेनिन्जाइटिस का संकेत हो सकता है।
  • भ्रम या मतिभ्रम: यह गंभीर संक्रमण या निर्जलीकरण का संकेत हो सकता है।
  • सांस लेने में कठिनाई: यह निमोनिया या अन्य श्वसन संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • त्वचा पर लाल चकत्ते: यह विभिन्न प्रकार के संक्रमणों का संकेत हो सकता है।
  • लगातार उल्टी: यह निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
  • दौरे: यह गंभीर संक्रमण या अन्य चिकित्सा स्थितियों का संकेत हो सकता है।

बुखार का खतरा किसे अधिक होता है?

बुखार किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में इसका अधिक खतरा होता है। यहां कुछ समूह दिए गए हैं जिनमें बुखार होने की संभावना अधिक होती है:

  • शिशु और छोटे बच्चे:
    • उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली अभी भी विकसित हो रही है, इसलिए वे संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
    • वे वयस्कों की तुलना में तेजी से निर्जलित हो सकते हैं, जिससे बुखार बढ़ सकता है।
  • बुजुर्ग:
    • उम्र के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है।
    • उन्हें पुरानी बीमारियां भी हो सकती हैं जो बुखार का कारण बन सकती हैं।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग:
    • एचआईवी/एड्स, कैंसर या अंग प्रत्यारोपण जैसी स्थितियों वाले लोगों में संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम होती है।
    • कुछ दवाएं, जैसे कि कीमोथेरेपी, प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकती हैं।
  • पुरानी बीमारियों वाले लोग:
    • मधुमेह, हृदय रोग या फेफड़ों की बीमारी जैसी पुरानी बीमारियों वाले लोगों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
  • हाल ही में अस्पताल में भर्ती हुए लोग:
    • अस्पताल में भर्ती होने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
  • यात्रा करने वाले लोग:
    • विदेश यात्रा करने से नए संक्रमणों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ सकता है।
  • स्वास्थ्य देखभाल कर्मी:
    • स्वास्थ्य देखभाल कर्मी संक्रमणों के संपर्क में आने के उच्च जोखिम में होते हैं।

बुखार से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

बुखार कई बीमारियों से जुड़ा हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

1. संक्रमण:

  • वायरल संक्रमण:
    • सामान्य सर्दी
    • फ्लू
    • चिकनपॉक्स
    • खसरा
    • डेंगू
    • कोविड-19
  • बैक्टीरियल संक्रमण:
    • मूत्र पथ संक्रमण
    • निमोनिया
    • गले का संक्रमण
    • क्षय रोग (टीबी)
  • फंगल संक्रमण:
    • हिस्टोप्लाज्मोसिस

2. ऑटोइम्यून रोग:

  • ल्यूपस
  • रुमेटीइड गठिया

3. कैंसर:

  • ल्यूकेमिया
  • लिम्फोमा

4. अन्य चिकित्सीय स्थितियां:

  • गर्मी की थकावट
  • हीटस्ट्रोक
  • कुछ दवाएं
  • थायराइड रोग

बुखार का निदान कैसे करें?

बुखार का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का उपयोग करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:

  • डॉक्टर आपके लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और हाल की यात्राओं के बारे में पूछेंगे।
  • वे आपके शरीर का तापमान लेंगे और अन्य लक्षणों की जांच करेंगे, जैसे कि त्वचा पर चकत्ते, गले में खराश या सूजी हुई ग्रंथियां।

2. रक्त परीक्षण:

  • रक्त परीक्षणों का उपयोग संक्रमण, सूजन या अन्य चिकित्सा स्थितियों का पता लगाने के लिए किया जा सकता है जो बुखार का कारण बन सकती हैं।
  • पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या को माप सकती है, जो संक्रमण का संकेत दे सकती है।
  • रक्त संस्कृति बैक्टीरिया या अन्य सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति की जांच कर सकती है।

3. मूत्र परीक्षण:

  • मूत्र परीक्षणों का उपयोग मूत्र पथ के संक्रमण या अन्य गुर्दे की समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।

4. इमेजिंग परीक्षण:

  • एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षणों का उपयोग निमोनिया, साइनस संक्रमण या अन्य आंतरिक समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जा सकता है।

5. अन्य परीक्षण:

  • कुछ मामलों में, डॉक्टर अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं, जैसे कि थूक संस्कृति, गले का स्वाब या काठ का पंचर।

निदान प्रक्रिया:

  • निदान प्रक्रिया आपके लक्षणों और डॉक्टर के संदेह के आधार पर भिन्न होगी।
  • कुछ मामलों में, एक साधारण शारीरिक परीक्षण और चिकित्सा इतिहास पर्याप्त हो सकता है।
  • अन्य मामलों में, अधिक व्यापक परीक्षण की आवश्यकता हो सकती है।

डॉक्टर से कब मिलें:

  • यदि आपको तेज बुखार है (103°F या 39.4°C से ऊपर)।
  • यदि आपको गंभीर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या भ्रम है।
  • यदि आपको सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या लगातार उल्टी है।
  • यदि आपको त्वचा पर लाल चकत्ते हैं जो फैल रहे हैं या दर्दनाक हैं।
  • यदि आपका बुखार 3 दिनों से अधिक समय तक रहता है।

बुखार का इलाज क्या है?

बुखार का इलाज अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार विकल्प दिए गए हैं:

1. घरेलू उपचार:

  • आराम: बुखार होने पर आराम करना बहुत जरूरी है। शारीरिक गतिविधि से बचें और पर्याप्त नींद लें।
  • हाइड्रेशन: बुखार से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए खूब पानी पिएं। आप फलों का रस, सूप या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय भी पी सकते हैं।
  • ठंडा सेक: माथे पर ठंडा सेक लगाने से बुखार कम करने में मदद मिल सकती है।
  • स्पंजिंग: गुनगुने पानी से स्पंजिंग करने से शरीर का तापमान कम करने में मदद मिल सकती है।

2. दवाएं:

  • बुखार कम करने वाली दवाएं: ओवर-द-काउंटर बुखार कम करने वाली दवाएं, जैसे कि एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन, बुखार और दर्द से राहत दिला सकती हैं।
  • एंटीबायोटिक्स: यदि बुखार बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं।
  • एंटीवायरल दवाएं: कुछ वायरल संक्रमणों के लिए एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं।

3. चिकित्सा उपचार:

  • यदि बुखार गंभीर है या अन्य लक्षणों के साथ है, तो डॉक्टर अस्पताल में उपचार की सिफारिश कर सकते हैं।
  • अस्पताल में, आपको अंतःशिरा (IV) तरल पदार्थ और दवाएं दी जा सकती हैं।

4. अंतर्निहित स्थितियों का उपचार:

  • यदि बुखार किसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण होता है, जैसे कि संक्रमण या ऑटोइम्यून बीमारी, तो उस स्थिति का इलाज करना महत्वपूर्ण है।

डॉक्टर से कब मिलें:

  • यदि आपको तेज बुखार है (103°F या 39.4°C से ऊपर)।
  • यदि आपको गंभीर सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता या भ्रम है।
  • यदि आपको सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या लगातार उल्टी है।
  • यदि आपको त्वचा पर लाल चकत्ते हैं जो फैल रहे हैं या दर्दनाक हैं।
  • यदि आपका बुखार 3 दिनों से अधिक समय तक रहता है।
  • यदि बुखार के साथ दौरे आते हैं।
  • यदि बुखार के साथ तेज पेट दर्द होता है।

बुखार का घरेलू इलाज क्या है?

बुखार के लिए कई घरेलू उपचार उपलब्ध हैं जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:

1. आराम और हाइड्रेशन:

  • पर्याप्त आराम करें: शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसलिए भरपूर आराम करें।
  • हाइड्रेटेड रहें: बुखार से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए खूब पानी पिएं। आप फलों का रस, सूप या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय भी पी सकते हैं।

2. ठंडा सेक और स्पंजिंग:

  • ठंडा सेक: माथे पर ठंडा सेक लगाने से बुखार कम करने में मदद मिल सकती है।
  • स्पंजिंग: गुनगुने पानी से स्पंजिंग करने से शरीर का तापमान कम करने में मदद मिल सकती है।

3. हर्बल चाय और काढ़े:

  • अदरक की चाय: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बुखार और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • तुलसी का काढ़ा: तुलसी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
  • शहद और नींबू: शहद और नींबू गले की खराश को शांत करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

4. अन्य घरेलू उपचार:

  • लहसुन: लहसुन में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
  • प्याज: प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बुखार और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  • दालचीनी: दालचीनी में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

5. पौष्टिक आहार:

  • हल्का और सुपाच्य भोजन करें: बुखार होने पर हल्का और सुपाच्य भोजन करें, जैसे कि खिचड़ी, दलिया या सूप।
  • विटामिन और खनिज युक्त खाद्य पदार्थ खाएं: फल और सब्जियां विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

बुखार में क्या खाएं और क्या न खाएं?

बुखार में सही खानपान बहुत जरूरी है, क्योंकि यह आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और आपको जल्दी ठीक होने में मदद करता है। यहाँ बताया गया है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:

क्या खाएं:

  • तरल पदार्थ:
    • पानी: बुखार में शरीर से तरल पदार्थ की कमी हो जाती है, इसलिए खूब पानी पिएं।
    • सूप: चिकन सूप या सब्जी का सूप पौष्टिक और हाइड्रेटिंग होता है।
    • फलों का रस: ताजा फलों का रस विटामिन और खनिजों का अच्छा स्रोत है।
    • नारियल पानी: यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है।
  • हल्का और सुपाच्य भोजन:
    • खिचड़ी: यह हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक होता है।
    • दलिया: यह भी हल्का और सुपाच्य होता है।
    • उबले हुए चावल: यह आसानी से पच जाता है।
    • उबली हुई सब्जिया
  • फल और सब्जियां:
    • फल: केले, सेब और संतरे विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत हैं।
    • सब्जियां: पालक, गाजर और लौकी जैसी सब्जियां पौष्टिक होती हैं।
  • प्रोटीन:
    • उबले हुए अंडे: यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
    • दाल: यह भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।

क्या न खाएं:

  • भारी और मसालेदार भोजन: यह पाचन को खराब कर सकता है और बुखार को बढ़ा सकता है।
  • तले हुए भोजन: यह पचाने में मुश्किल होता है और बुखार को बढ़ा सकता है।
  • डेयरी उत्पाद: कुछ लोगों को बुखार में डेयरी उत्पाद पचाने में मुश्किल होती है।
  • कैफीनयुक्त पेय: कॉफी, चाय और सोडा जैसे पेय निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
  • शराब: शराब शरीर को निर्जलित करती है और बुखार को बढ़ा सकती है।
  • ठंडे खाद्य पदार्थ: ज्यादा ठंडी चीजों का सेवन करने से बचें।

बुखार के जोखिम को कैसे कम करें?

बुखार के जोखिम को कम करने के लिए, आप कई उपाय अपना सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

1. स्वच्छता बनाए रखें:

  • हाथ धोना: अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाने से पहले, शौचालय का उपयोग करने के बाद और खांसने या छींकने के बाद।
  • सैनिटाइजर का उपयोग: यदि साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • मुंह और नाक को ढकें: खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को टिश्यू या अपनी कोहनी से ढकें।
  • सतहों को साफ रखें: उन सतहों को नियमित रूप से साफ और कीटाणुरहित करें जिन्हें अक्सर छुआ जाता है, जैसे कि दरवाजे के हैंडल, लाइट स्विच और काउंटरटॉप्स।

2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:

  • पर्याप्त नींद लें: शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए पर्याप्त नींद की आवश्यकता होती है।
  • स्वस्थ आहार लें: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार खाएं।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित व्यायाम प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • तनाव को प्रबंधित करें: तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है।

3. टीकाकरण कराएं:

  • फ्लू, खसरा, चिकनपॉक्स और अन्य बीमारियों के लिए टीके लगवाएं।
  • अपने बच्चों को अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार टीका लगवाएं।

4. बीमार लोगों से बचें:

  • यदि आप जानते हैं कि कोई बीमार है, तो उनसे निकट संपर्क से बचें।
  • यदि आप बीमार हैं, तो दूसरों को संक्रमण से बचाने के लिए घर पर रहें।

5. यात्रा करते समय सावधानी बरतें:

  • यात्रा करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें कि आपको किन टीकों की आवश्यकता हो सकती है।
  • यात्रा के दौरान भोजन और पानी की स्वच्छता का ध्यान रखें।

6. अपनी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन करें:

  • यदि आपको मधुमेह, हृदय रोग या फेफड़ों की बीमारी जैसी कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है, तो अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
  • अपनी दवाओं को निर्धारित अनुसार लें।

7. बच्चों का ध्यान रखें:

  • बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए सिखाएं।
  • बच्चों को बीमार लोगों से दूर रखें।
  • बच्चों को अनुशंसित टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार टीका लगवाएं।

8. बुजुर्गों का ध्यान रखें:

  • बुजुर्गों को फ्लू और निमोनिया के टीके लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • बुजुर्गों को नियमित रूप से हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करें।

सारांश

बुखार एक सामान्य चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य से अधिक हो जाता है। यह अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक लक्षण है जो दर्शाता है कि शरीर किसी संक्रमण या बीमारी से लड़ रहा है। बुखार कई कारणों से हो सकता है, जिनमें संक्रमण, टीकाकरण, दवाएं, गर्मी की थकावट और कुछ चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं।

बुखार के लक्षणों में शरीर का तापमान सामान्य से अधिक होना, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, थकान, भूख न लगना और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। बुखार का निदान आमतौर पर थर्मामीटर से शरीर का तापमान मापकर किया जाता है। डॉक्टर अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए अन्य परीक्षणों का आदेश भी दे सकते हैं, जैसे कि रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण।

बुखार का इलाज अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। हल्के बुखार को आमतौर पर घर पर ही उपचारित किया जा सकता है, जबकि गंभीर बुखार के लिए अस्पताल में उपचार की आवश्यकता हो सकती है। बुखार के लिए घरेलू उपचारों में आराम करना, खूब पानी पीना, ठंडे पानी से स्पंज करना और ओवर-द-काउंटर बुखार कम करने वाली दवाएं लेना शामिल हैं।

बुखार के जोखिम को कम करने के लिए, आप स्वच्छता बनाए रख सकते हैं, स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं, टीकाकरण करा सकते हैं, बीमार लोगों से बच सकते हैं, यात्रा करते समय सावधानी बरत सकते हैं और अपनी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का प्रबंधन कर सकते हैं।

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