चक्कर आना (वर्टिगो)
चक्कर आना क्या है?
चक्कर आना एक आम समस्या है जो किसी को भी हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपको ऐसा महसूस होता है जैसे कि आप या आपके आसपास की चीजें घूम रही हैं। चक्कर आना कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- आंतरिक कान की समस्याएं
- निम्न रक्त शर्करा
- निर्जलीकरण
- चिंता
- कुछ दवाएं
- माइग्रेन
- सिर में चोट
चक्कर आने के साथ मतली, उल्टी, और संतुलन में परेशानी भी हो सकती है। यदि आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे यह पता लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं कि चक्कर आने का कारण क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाए।
यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो चक्कर आने के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- धीरे-धीरे उठें और बैठें।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
- तनाव से बचें।
- शराब और कैफीन से बचें।
- यदि आपको चक्कर आ रहा है, तो लेट जाएं और अपनी आंखें बंद कर लें।
यदि आपको कोई गंभीर लक्षण हैं, जैसे कि सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, या बोलने में परेशानी, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
चक्कर आने (वर्टिगो) का अनुभव कैसा होता है?
चक्कर आने (वर्टिगो) का अनुभव हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है, लेकिन कुछ सामान्य संवेदनाएं हैं जो अधिकांश लोगों को महसूस होती हैं। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
- घूमने का अहसास: ऐसा महसूस होना जैसे आप या आपके आसपास की चीजें घूम रही हैं। यह एक झूलते हुए झूले या घूमते हुए पर होने जैसा महसूस हो सकता है।
- असंतुलन: ऐसा महसूस होना जैसे आप अपना संतुलन खो रहे हैं और गिर सकते हैं।
- मतली और उल्टी: चक्कर आने के साथ मतली और उल्टी भी हो सकती है।
- सिर हल्का लगना: ऐसा महसूस होना जैसे आपका सिर खाली है या हल्का है।
- भ्रम: चक्कर आने के दौरान आपको भ्रमित महसूस हो सकता है।
- आंखों में दिक्कत: चक्कर आने के दौरान आपकी आंखों में धुंधलापन या दोहरी दृष्टि हो सकती है।
ये लक्षण अचानक आ सकते हैं और कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों या घंटों तक रह सकते हैं। कुछ लोगों को बार-बार चक्कर आते हैं, जबकि अन्य को कभी-कभार ही अनुभव होता है।
चक्कर आने (वर्टिगो) के क्या कारण हैं?
चक्कर आने (वर्टिगो) के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आंतरिक कान की समस्याएं: यह चक्कर आने का सबसे आम कारण है। आंतरिक कान में कुछ संरचनाएं होती हैं जो संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। यदि इन संरचनाओं में कोई समस्या आ जाती है, तो चक्कर आ सकते हैं। आंतरिक कान की समस्याओं के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
- बेनिग्न पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (बीपीपीवी): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतरिक कान में छोटे क्रिस्टल अपनी जगह से हट जाते हैं और चक्कर आने का कारण बनते हैं।
- वेस्टिबुलर न्यूरिटिस: यह आंतरिक कान की एक नस की सूजन है जो चक्कर आने, मतली और उल्टी का कारण बनती है।
- मेनियर रोग: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतरिक कान में तरल पदार्थ का निर्माण होता है, जिससे चक्कर आने, टिनिटस (कान में बजना) और सुनने में कमी हो सकती है।
- माइग्रेन: कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान चक्कर आ सकते हैं। माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो तेज दर्द, मतली और उल्टी का कारण बन सकता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं चक्कर आने का कारण बन सकती हैं। यदि आप कोई नई दवा लेना शुरू करते हैं और आपको चक्कर आ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां भी चक्कर आने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- निम्न रक्त शर्करा
- निर्जलीकरण
- चिंता
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
- स्ट्रोक
यदि आपको बार-बार या गंभीर चक्कर आ रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वे यह पता लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं कि चक्कर आने का कारण क्या है और इसका इलाज कैसे किया जाए।
चक्कर आने (वर्टिगो) के संकेत और लक्षण क्या हैं?
चक्कर आने (वर्टिगो) के कई संकेत और लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- घूमने का अहसास: ऐसा महसूस होना जैसे आप या आपके आसपास की चीजें घूम रही हैं। यह एक झूलते हुए झूले या घूमते हुए merry-go-round पर होने जैसा महसूस हो सकता है।
- असंतुलन: ऐसा महसूस होना जैसे आप अपना संतुलन खो रहे हैं और गिर सकते हैं।
- मतली और उल्टी: चक्कर आने के साथ मतली और उल्टी भी हो सकती है।
- सिर हल्का लगना: ऐसा महसूस होना जैसे आपका सिर खाली है या हल्का है।
- भ्रम: चक्कर आने के दौरान आपको भ्रमित महसूस हो सकता है।
- आंखों में दिक्कत: चक्कर आने के दौरान आपकी आंखों में धुंधलापन या दोहरी दृष्टि हो सकती है।
- निस्टागमस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी आंखें अनैच्छिक रूप से इधर-उधर घूमती हैं।
- कान में बजना: कुछ लोगों को चक्कर आने के साथ कान में बजने का भी अनुभव हो सकता है।
- सिरदर्द: कुछ लोगों को चक्कर आने के साथ सिरदर्द भी हो सकता है।
- पसीना आना: कुछ लोगों को चक्कर आने के साथ पसीना भी आ सकता है।
ये लक्षण अचानक आ सकते हैं और कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों या घंटों तक रह सकते हैं। कुछ लोगों को बार-बार चक्कर आते हैं, जबकि अन्य को कभी-कभार ही अनुभव होता है।
गर्भावस्था से संबंधित चक्कर आना (वर्टिगो)
गर्भावस्था के दौरान चक्कर आना या हल्का सिर घूमना एक आम समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण सामान्य हैं, जबकि कुछ में डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।
सामान्य कारण:
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में काफ़ी बदलाव होते हैं, जिनका असर रक्त वाहिकाओं पर पड़ता है। इससे रक्तचाप कम हो सकता है, जिसकी वजह से चक्कर आ सकते हैं।
- बढ़ता हुआ गर्भाशय: जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, यह रक्त वाहिकाओं पर दबाव डालता है, खासकर जब आप लेटती हैं या बैठती हैं। इससे भी चक्कर आ सकते हैं।
- शरीर में बदलाव: गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जैसे कि रक्त की मात्रा बढ़ना और वजन बढ़ना। इन बदलावों के कारण भी चक्कर आ सकते हैं।
अन्य कारण:
- एनीमिया: गर्भावस्था में एनीमिया (खून की कमी) होना आम है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।
- डिहाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से भी चक्कर आ सकते हैं।
- ब्लड शुगर कम होना: लंबे समय तक खाली पेट रहने से ब्लड शुगर कम हो सकता है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।
- तनाव: तनाव भी चक्कर आने का एक कारण हो सकता है।
चक्कर आने से राहत पाने के लिए कुछ उपाय:
- धीरे-धीरे उठें और बैठें: अचानक उठने या बैठने से चक्कर आ सकते हैं, इसलिए धीरे-धीरे उठें और बैठें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- नियमित रूप से भोजन करें: लंबे समय तक खाली पेट न रहें, नियमित रूप से भोजन करें।
- आराम करें: तनाव से बचने के लिए पर्याप्त आराम करें।
- लेट जाएं या बैठ जाएं: जब आपको चक्कर आएं तो लेट जाएं या बैठ जाएं और अपनी आंखें बंद कर लें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें:
- अगर आपको बार-बार चक्कर आ रहे हैं।
- अगर आपको चक्कर आने के साथ-साथ अन्य लक्षण भी हैं, जैसे कि सिरदर्द, धुंधला दिखाई देना, सीने में दर्द, या सांस लेने में तकलीफ।
- अगर आपको चक्कर आने के कारण गिरने का खतरा है।
क्या चक्कर आना (वर्टिगो) वंशानुगत है?
चक्कर आना (वर्टिगो) हमेशा वंशानुगत नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह परिवारों में चल सकता है। इसका मतलब है कि कुछ लोगों को अपने माता-पिता या अन्य रिश्तेदारों से चक्कर आने की प्रवृत्ति विरासत में मिल सकती है।
हालांकि, चक्कर आने के कई अन्य कारण भी हैं जो वंशानुगत नहीं होते हैं। इनमें शामिल हैं:
- आंतरिक कान की समस्याएं: यह चक्कर आने का सबसे आम कारण है। आंतरिक कान में कुछ संरचनाएं होती हैं जो संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं। यदि इन संरचनाओं में कोई समस्या आ जाती है, तो चक्कर आ सकते हैं। आंतरिक कान की समस्याओं के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:
- बेनिग्न पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (बीपीपीवी): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतरिक कान में छोटे क्रिस्टल अपनी जगह से हट जाते हैं और चक्कर आने का कारण बनते हैं।
- वेस्टिबुलर न्यूरिटिस: यह आंतरिक कान की एक नस की सूजन है जो चक्कर आने, मतली और उल्टी का कारण बनती है।
- मेनियर रोग: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतरिक कान में तरल पदार्थ का निर्माण होता है, जिससे चक्कर आने, टिनिटस (कान में बजना) और सुनने में कमी हो सकती है।
- माइग्रेन: कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान चक्कर आ सकते हैं। माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है जो तेज दर्द, मतली और उल्टी का कारण बन सकता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं चक्कर आने का कारण बन सकती हैं। यदि आप कोई नई दवा लेना शुरू करते हैं और आपको चक्कर आ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां भी चक्कर आने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- निम्न रक्त शर्करा
- निर्जलीकरण
- चिंता
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
- स्ट्रोक
चक्कर आने (वर्टिगो) के संभावित दुष्प्रभाव क्या हैं?
चक्कर आने (वर्टिगो) के कई संभावित दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जो व्यक्ति के अनुभव और चक्कर आने के कारण पर निर्भर करते हैं। कुछ सामान्य दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- शारीरिक दुष्प्रभाव:
- गिरने का खतरा: चक्कर आने से संतुलन में दिक्कत हो सकती है, जिससे गिरने और चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- मतली और उल्टी: चक्कर आने के साथ मतली और उल्टी होना आम है, जिससे निर्जलीकरण और कमजोरी हो सकती है।
- थकान: चक्कर आने के कारण थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है।
- सिरदर्द: कुछ लोगों को चक्कर आने के साथ सिरदर्द का भी अनुभव हो सकता है।
- निस्टागमस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी आंखें अनैच्छिक रूप से इधर-उधर घूमती हैं।
- मानसिक और भावनात्मक दुष्प्रभाव:
- चिंता और तनाव: चक्कर आने के कारण भविष्य में फिर से चक्कर आने के डर से चिंता और तनाव हो सकता है।
- अवसाद: कुछ लोगों को चक्कर आने के कारण उदासी और निराशा का अनुभव हो सकता है।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: चक्कर आने के कारण ध्यान केंद्रित करने और दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई हो सकती है।
- सामाजिक अलगाव: चक्कर आने के डर से कुछ लोग सामाजिक गतिविधियों से दूर रह सकते हैं।
- अन्य संभावित दुष्प्रभाव:
- नींद में दिक्कत: कुछ लोगों को चक्कर आने के कारण सोने में परेशानी हो सकती है।
- कान में बजना: कुछ लोगों को चक्कर आने के साथ कान में बजने का भी अनुभव हो सकता है।
- सुनने में कमी: कुछ मामलों में, चक्कर आने के कारण सुनने में कमी हो सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी लोगों को चक्कर आने के सभी दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। कुछ लोगों को केवल कुछ हल्के लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जबकि अन्य को अधिक गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
व्यायाम चक्कर आने (वर्टिगो) से राहत दिलाने में कैसे मदद कर सकता है?
हाँ, कुछ विशेष व्यायाम चक्कर आने (वर्टिगो) से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। ये व्यायाम वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन थेरेपी (वीआरटी) का हिस्सा हैं, जो चक्कर आने के इलाज के लिए एक प्रभावी तरीका है।
ये व्यायाम कैसे काम करते हैं?
हमारे आंतरिक कान में एक वेस्टिबुलर सिस्टम होता है, जो संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। जब इस सिस्टम में कोई समस्या होती है, तो चक्कर आने लगते हैं। वीआरटी व्यायाम वेस्टिबुलर सिस्टम को मजबूत करने और मस्तिष्क को संतुलन बनाए रखने के नए तरीके सीखने में मदद करते हैं।
कुछ सामान्य वीआरटी व्यायाम:
- ब्रांड्ट-डारॉफ़ व्यायाम: ये व्यायाम बीपीपीवी (बेनिग्न पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो) के इलाज के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं, जो चक्कर आने का एक आम कारण है।
- वेस्टिबुलर ओकुलर रिफ्लेक्स (वीओआर) व्यायाम: ये व्यायाम आंखों और सिर की गतिविधियों को समन्वयित करने में मदद करते हैं, जो संतुलन बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
- संतुलन व्यायाम: ये व्यायाम संतुलन में सुधार करने और गिरने के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।
चक्कर आने (वर्टिगो) के जोखिम कारक क्या हैं?
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ चक्कर आने का खतरा बढ़ जाता है।
- पिछला इतिहास: यदि आपको पहले कभी चक्कर आए हैं, तो आपको फिर से चक्कर आने का खतरा अधिक होता है।
- आंतरिक कान की समस्याएं: आंतरिक कान की समस्याएं, जैसे कि बीपीपीवी, वेस्टिबुलर न्यूरिटिस और मेनियर रोग, चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।
- माइग्रेन: माइग्रेन से पीड़ित लोगों को चक्कर आने का खतरा अधिक होता है।
- दवाएं: कुछ दवाएं चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां, जैसे कि निम्न रक्त शर्करा, निर्जलीकरण, चिंता, मल्टीपल स्केलेरोसिस और स्ट्रोक, चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।
- पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को चक्कर आने की समस्या है, तो आपको भी चक्कर आने का खतरा अधिक हो सकता है।
- तनाव: तनाव भी चक्कर आने का एक कारण हो सकता है।
- शराब और कैफीन: शराब और कैफीन का सेवन चक्कर आने के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- धूम्रपान: धूम्रपान भी चक्कर आने का खतरा बढ़ा सकता है।
चक्कर आने (वर्टिगो) से संबंधित अन्य बीमारियाँ क्या हैं?
चक्कर आना (वर्टिगो) अपने आप में एक लक्षण है, लेकिन यह कई अन्य बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। कुछ सामान्य संबंधित बीमारियों में शामिल हैं:
- आंतरिक कान की समस्याएं:
- बेनिग्न पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (बीपीपीवी): यह चक्कर आने का सबसे आम कारण है, जिसमें आंतरिक कान में छोटे क्रिस्टल अपनी जगह से हट जाते हैं।
- वेस्टिबुलर न्यूरिटिस: यह आंतरिक कान की एक नस की सूजन है जो चक्कर आने, मतली और उल्टी का कारण बनती है।
- मेनियर रोग: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतरिक कान में तरल पदार्थ का निर्माण होता है, जिससे चक्कर आने, टिनिटस (कान में बजना) और सुनने में कमी हो सकती है।
- माइग्रेन: कुछ लोगों को माइग्रेन के दौरान चक्कर आ सकते हैं।
- दवाएं: कुछ दवाएं चक्कर आने का कारण बन सकती हैं।
- अन्य चिकित्सा स्थितियां: कुछ अन्य चिकित्सा स्थितियां भी चक्कर आने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- निम्न रक्त शर्करा
- निर्जलीकरण
- चिंता
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
- स्ट्रोक
- ट्यूमर
चक्कर आने (वर्टिगो) के लिए नैदानिक परीक्षण:
चक्कर आने का निदान करने के लिए कई तरह के परीक्षण उपलब्ध हैं। आपका डॉक्टर आपके लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण के आधार पर यह तय करेगा कि आपके लिए कौन से परीक्षण सबसे उपयुक्त हैं।
यहाँ कुछ सामान्य नैदानिक परीक्षण दिए गए हैं जो चक्कर आने का निदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं:
- शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके चलने, संतुलन, समन्वय और अन्य मोटर कौशल का आकलन करेंगे। वे आपकी आंखों की गति और सजगता की भी जांच करेंगे।
- वेस्टिबुलर परीक्षण: ये परीक्षण आपके आंतरिक कान के वेस्टिबुलर सिस्टम के कार्य का आकलन करते हैं, जो संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। कुछ सामान्य वेस्टिबुलर परीक्षणों में शामिल हैं:
- डिक्स-हॉलपाइक परीक्षण: यह परीक्षण बीपीपीवी (बेनिग्न पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो) का निदान करने के लिए किया जाता है, जो चक्कर आने का एक आम कारण है।
- कैलोरिक परीक्षण: यह परीक्षण आंतरिक कान के वेस्टिबुलर सिस्टम की प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए किया जाता है।
- वीडियो नीस्टैग्मोग्राफी (वीएनजी): यह परीक्षण आंखों की अनैच्छिक गति को रिकॉर्ड करता है, जिसे निस्टागमस कहा जाता है, जो चक्कर आने का एक लक्षण हो सकता है।
- इमेजिंग परीक्षण: डॉक्टर अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए एमआरआई या सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षणों का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लक्षणों का कारण बन सकते हैं। हालांकि, चक्कर आने का निदान करने के लिए इमेजिंग परीक्षणों का उपयोग हमेशा नहीं किया जाता है।
- अन्य परीक्षण: कुछ मामलों में, डॉक्टर अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं, जैसे कि ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) यह देखने के लिए कि क्या चक्कर आने का कारण हृदय की समस्या है।
चक्कर आने का निदान करने में समय लग सकता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको चक्कर आ रहे हैं, तो वे आपको ओटोलरींगोलॉजिस्ट (ईएनटी डॉक्टर) या न्यूरोलॉजिस्ट के पास भेज सकते हैं, जो कान, नाक और गले या मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विशेषज्ञ हैं।
इलाज:
चक्कर आने का उपचार चक्कर आने के कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, चक्कर आना अपने आप ठीक हो जाता है। अन्य मामलों में, दवा या अन्य उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
दवा उपचार:
दवा उपचार चक्कर आने (वर्टिगो) के इलाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है, खासकर जब यह आंतरिक कान की समस्याओं या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण होता है। यहां कुछ सामान्य दवाएं दी गई हैं जिनका उपयोग चक्कर आने के इलाज के लिए किया जाता है:
- एंटीहिस्टामाइन: ये दवाएं मतली और उल्टी को कम करने में मदद कर सकती हैं, जो चक्कर आने के साथ हो सकती हैं। कुछ सामान्य एंटीहिस्टामाइन दवाओं में शामिल हैं मेक्लिज़िन, डिमेनहाइड्रिनेट और प्रोमेथाज़िन।
- एंटीमेटिक्स: ये दवाएं भी मतली और उल्टी को कम करने में मदद कर सकती हैं। कुछ सामान्य एंटीमेटिक्स दवाओं में शामिल हैं ओंडांसेट्रॉन और प्रोक्लोरपेराज़िन।
- बेंजोडायजेपाइन: ये दवाएं चिंता को कम करने में मदद कर सकती हैं, जो चक्कर आने का कारण बन सकती है। कुछ सामान्य बेंजोडायजेपाइन दवाओं में शामिल हैं डायजेपाम और लोराज़ेपाम।
शल्य चिकित्सा:
- लेबिरिंथक्टोमी: इस प्रक्रिया में, आंतरिक कान के वेस्टिबुलर सिस्टम के एक हिस्से को हटा दिया जाता है। यह चक्कर आने के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
- वेस्टिबुलर नर्व सेक्शन: इस प्रक्रिया में, वेस्टिबुलर तंत्रिका को काट दिया जाता है, जो आंतरिक कान से मस्तिष्क तक संतुलन जानकारी ले जाती है। यह चक्कर आने के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन यह सुनने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है।
- एंडोलिम्फेटिक सैक डीकंप्रेशन: यह प्रक्रिया मेनियर रोग के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इसमें, आंतरिक कान में तरल पदार्थ के निर्माण को कम करने के लिए एक थैली को खोला या निकाला जाता है।
चक्कर (वर्टिगो) को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम:
- ब्रांड्ट-डारॉफ व्यायाम:
- यह व्यायाम चक्कर के लिए सबसे आम और प्रभावी व्यायामों में से एक है।
- यह आंतरिक कान में तरल पदार्थ को स्थानांतरित करने में मदद करता है, जिससे चक्कर आना कम हो जाता है।
- इसे करने के लिए, एक सपाट सतह पर बैठें और अपने सिर को 45 डिग्री एक तरफ घुमाएं।
- फिर, जल्दी से विपरीत दिशा में लेट जाएं, और 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें।
- बैठने की स्थिति में वापस आएं, और 30 सेकंड के लिए रहें।
- दूसरी तरफ दोहराएं।
- इसे दिन में 2-3 बार करें।
- सेमोंट व्यायाम:
- यह व्यायाम विशेष रूप से बीपीपीवी (सौम्य पैरॉक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो) के लिए प्रभावी है।
- यह आंतरिक कान में कैल्शियम क्रिस्टल को स्थानांतरित करने में मदद करता है, जिससे चक्कर आना कम हो जाता है।
- इसे करने के लिए, एक सपाट सतह पर बैठें और अपने सिर को 45 डिग्री प्रभावित कान की ओर घुमाएं।
- फिर, जल्दी से विपरीत दिशा में लेट जाएं, और 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें।
- बैठने की स्थिति में वापस आएं, और 30 सेकंड के लिए रहें।
- दूसरी तरफ दोहराएं।
- इसे दिन में 2-3 बार करें।
- गर्दन के व्यायाम:
- गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने से चक्कर आना कम हो सकता है।
- कुछ सरल गर्दन के व्यायामों में गर्दन को आगे और पीछे झुकाना, गर्दन को एक तरफ से दूसरी तरफ झुकाना और गर्दन को घुमाना शामिल है।
- प्रत्येक व्यायाम को 10-15 बार दोहराएं।
- इसे दिन में 2-3 बार करें।
- संतुलन व्यायाम:
- संतुलन में सुधार करने से चक्कर आना कम हो सकता है।
- कुछ सरल संतुलन व्यायामों में एक पैर पर खड़े होना, पैर की उंगलियों पर चलना और एड़ी पर चलना शामिल है।
- प्रत्येक व्यायाम को 10-15 बार दोहराएं।
- इसे दिन में 2-3 बार करें।
- योग:
- कुछ योग आसन चक्कर आना कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि ताड़ासन, वृक्षासन और शवासन।
- योग तनाव को कम करने में भी मदद कर सकता है, जो चक्कर आना बढ़ा सकता है।
महत्वपूर्ण:
- कोई भी नया व्यायाम कार्यक्रम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
- यदि आपको चक्कर आते हैं, तो व्यायाम करते समय सावधानी बरतें।
- यदि आपको व्यायाम करते समय चक्कर आते हैं, तो तुरंत रुक जाएं।
चक्कर आने (वर्टिगो) से पीड़ित व्यक्ति को व्यायाम करते समय क्या सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए?
चक्कर (वर्टिगो) से पीड़ित व्यक्ति को व्यायाम करते समय निम्नलिखित सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए:
- डॉक्टर से परामर्श करें:
- किसी भी नए व्यायाम कार्यक्रम को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपकी विशिष्ट स्थिति के लिए सबसे सुरक्षित और प्रभावी व्यायामों की सिफारिश कर सकते हैं।
- धीरे-धीरे शुरुआत करें:
- व्यायाम को धीरे-धीरे शुरू करें और धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाएं।
- यदि आपको चक्कर आते हैं, तो तुरंत रुक जाएं।
- सुरक्षित वातावरण में व्यायाम करें:
- एक सपाट, स्थिर सतह पर व्यायाम करें।
- अच्छी तरह से रोशनी वाले क्षेत्र में व्यायाम करें।
- किसी ऐसे व्यक्ति के साथ व्यायाम करें जो आपकी मदद कर सके।
- संतुलन बनाए रखने के लिए सहारे का प्रयोग करें:
- यदि आपको संतुलन बनाए रखने में परेशानी होती है, तो दीवार या कुर्सी का सहारा लें।
- गतिविधियों से बचें:
- ऐसी गतिविधियों से बचें जिनमें गिरने का खतरा हो, जैसे कि सीढ़ियाँ चढ़ना या तेज चलना।
- हाइड्रेटेड रहें:
- व्यायाम करते समय खूब पानी पिएं।
- सावधानी बरतें:
- यदि आपको चक्कर आते हैं, तो ड्राइविंग या भारी मशीनरी चलाने से बचें।
- शारीरिक संकेतों पर ध्यान दें:
- अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें और यदि आपको चक्कर आते हैं, तो तुरंत रुक जाएं।
- आराम करें:
- व्यायाम के बाद पर्याप्त आराम करें।
- आरामदायक कपड़े पहने:
- ऐसे कपडे पहने जो आरामदायक हों और जो आपको चलने फिरने में आसान लगे।
- व्यायाम के दौरान सावधानी बरतें:
- व्यायाम करते समय सावधानी बरतें और अचानक गति से बचें।
सारांश:
चक्कर (वर्टिगो) को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम के बारे में जानकारी का सारांश इस प्रकार है:
- विभिन्न प्रकार के व्यायाम:
- चक्कर को नियंत्रित करने के लिए कई प्रकार के व्यायाम हैं, जिनमें ब्रांड्ट-डारॉफ व्यायाम, सेमोंट व्यायाम, गर्दन के व्यायाम, संतुलन व्यायाम और योग शामिल हैं।
- ये व्यायाम आंतरिक कान में तरल पदार्थ को स्थानांतरित करने, कैल्शियम क्रिस्टल को स्थानांतरित करने, गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत करने और संतुलन में सुधार करने में मदद करते हैं।
- सुरक्षा उपाय:
- व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
- धीरे-धीरे शुरुआत करें और सुरक्षित वातावरण में व्यायाम करें।
- संतुलन बनाए रखने के लिए सहारे का प्रयोग करें और गिरने के जोखिम वाली गतिविधियों से बचें।
- हाइड्रेटेड रहें और शारीरिक संकेतों पर ध्यान दें।
- आरामदायक कपड़े पहने और व्यायाम के दौरान सावधानी बरते।
- अतिरिक्त सुझाव:
- पर्याप्त नींद लें, तनाव कम करें, स्वस्थ आहार लें, हाइड्रेटेड रहें, शराब और कैफीन से बचें, और धूम्रपान न करें।
- यदि आपको गंभीर चक्कर आते हैं, तो डॉक्टर को देखें।
- योग भी चक्कर आने में लाभदायक हो सकता है।