किशोर गठिया
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किशोर गठिया

किशोर गठिया क्या हैं?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis) बच्चों में होने वाली गठिया का एक प्रकार है। इसे किशोर अज्ञातहेतुक गठिया (Juvenile Idiopathic Arthritis – JIA) भी कहा जाता है। यह 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में एक या एक से अधिक जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है जो कम से कम छह सप्ताह तक रहता है।

मुख्य बातें:

  • अज्ञात कारण: किशोर गठिया का सटीक कारण अज्ञात है। माना जाता है कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है। आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों की भी भूमिका हो सकती है।
  • लक्षण: किशोर गठिया के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
    • जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न (विशेषकर सुबह या आराम के बाद)
    • जोड़ों का गर्म और लाल होना
    • लंगड़ाना या चलने में कठिनाई
    • थकान
    • बुखार
    • त्वचा पर चकत्ते
    • भूख न लगना
    • आंखों में सूजन (कुछ प्रकार के किशोर गठिया में)
  • प्रकार: किशोर गठिया कई प्रकार का होता है, जिनमें शामिल हैं:
    • ओलिगोआर्टिकुलर JIA: चार या उससे कम जोड़ों को प्रभावित करता है।
    • पॉलीआर्टिकुलर JIA: पांच या उससे अधिक जोड़ों को प्रभावित करता है।
    • सिस्टमिक JIA: जोड़ों के साथ-साथ पूरे शरीर को प्रभावित करता है, जिसमें बुखार और चकत्ते भी शामिल हैं।
    • सोरायटिक गठिया: गठिया और सोरायसिस (एक त्वचा रोग) दोनों होते हैं।
    • एंथेसाइटिस-संबंधित गठिया: जोड़ों के साथ-साथ एंथेसिस (जहां टेंडन और लिगामेंट हड्डियों से जुड़ते हैं) में सूजन होती है।
    • अविभेदित JIA: किसी भी विशिष्ट श्रेणी में फिट नहीं होता है।
  • निदान: किशोर गठिया का निदान लक्षणों, शारीरिक परीक्षण और रक्त परीक्षणों के आधार पर किया जाता है। इमेजिंग परीक्षण (जैसे एक्स-रे) भी किए जा सकते हैं।
  • उपचार: किशोर गठिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार का उद्देश्य दर्द और सूजन को कम करना, जोड़ों के कार्य को बनाए रखना और जटिलताओं को रोकना है। उपचार में शामिल हो सकते हैं:
    • दवाएं: गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), रोग-संशोधित एंटीरूमेटिक ड्रग्स (DMARDs), जैविक एजेंट और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स।
    • शारीरिक और व्यावसायिक थेरेपी: जोड़ों की गति और ताकत में सुधार के लिए व्यायाम और दैनिक गतिविधियों को करने के तरीके सिखाना।
    • सहायक उपकरण: जोड़ों को सहारा देने और दर्द को कम करने के लिए स्प्लिंट्स या ब्रेसिज़।
    • सर्जरी: गंभीर मामलों में जोड़ों के कार्य को बेहतर बनाने के लिए।
  • पूर्वानुमान: कई बच्चों के लिए, किशोर गठिया समय के साथ ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ बच्चों में आजीवन लक्षण बने रह सकते हैं और उन्हें निरंतर उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

किशोर गठिया के कारण क्या हैं?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) का सटीक कारण अज्ञात है। हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण होता है। इसे एक ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही स्वस्थ कोशिकाओं और ऊतकों पर हमला करती है।

संभावित कारण और कारक:

  • आनुवंशिक कारक:
    • कुछ जीन, विशेष रूप से मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) जीन, किशोर गठिया के विकास के बढ़ते जोखिम से जुड़े हुए पाए गए हैं। हालांकि, इन जीनों की उपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि बच्चे को निश्चित रूप से गठिया होगा।
    • किशोर गठिया वाले बच्चों के भाई-बहनों में इस बीमारी के विकसित होने का खतरा थोड़ा अधिक होता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में, किशोर गठिया वाले बच्चों के परिवार में इस बीमारी का कोई इतिहास नहीं होता है।
  • पर्यावरणीय कारक:
    • माना जाता है कि कुछ पर्यावरणीय कारक, जैसे कि वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, आनुवंशिक रूप से संवेदनशील बच्चों में किशोर गठिया को ट्रिगर कर सकते हैं। हालांकि, किसी विशिष्ट संक्रमण को निर्णायक रूप से जोड़ा नहीं गया है।
    • अन्य संभावित पर्यावरणीय कारकों पर शोध जारी है, जिनमें शामिल हैं:
      • एंटीबायोटिक दवाओं का शुरुआती उपयोग
      • धूम्रपान का एक्सपोजर (गर्भावस्था के दौरान या बच्चे के जीवन में)
      • स्तनपान की कमी
      • कुछ भौगोलिक क्षेत्र
  • ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया:
    • किशोर गठिया की मुख्य विशेषता प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्य प्रतिक्रिया है। सामान्य परिस्थितियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर को हानिकारक पदार्थों जैसे बैक्टीरिया और वायरस से बचाती है। ऑटोइम्यून बीमारियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है, जिससे सूजन और क्षति होती है। किशोर गठिया में, यह हमला मुख्य रूप से जोड़ों की परत (साइनोवियम) पर होता है।

किशोर गठिया के संकेत और लक्षण क्या हैं?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) के संकेत और लक्षण प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन कुछ सामान्य संकेत और लक्षण शामिल हैं:

जोड़ों से संबंधित लक्षण:

  • जोड़ों में दर्द: यह दर्द हल्का से लेकर गंभीर तक हो सकता है और गतिविधि के साथ बढ़ सकता है। हालांकि, छोटे बच्चे दर्द की शिकायत नहीं कर सकते हैं।
  • जोड़ों में सूजन: प्रभावित जोड़ सूजे हुए और फूले हुए दिख सकते हैं। सूजन अक्सर बड़े जोड़ों जैसे घुटनों में पहले देखी जाती है।
  • जोड़ों में अकड़न: जोड़ खासकर सुबह उठने के बाद या आराम करने के बाद अकड़े हुए महसूस हो सकते हैं। इससे चलने-फिरने में कठिनाई हो सकती है।
  • जोड़ों का गर्म और लाल होना: सूजन के कारण प्रभावित जोड़ छूने पर गर्म महसूस हो सकते हैं और उनकी त्वचा लाल दिख सकती है।
  • लंगड़ाना: घुटने या कूल्हे में दर्द या अकड़न के कारण बच्चा लंगड़ा कर चल सकता है, खासकर सुबह के समय।
  • जोड़ों की गति में कमी: दर्द और अकड़न के कारण प्रभावित जोड़ों को पूरी तरह से हिलाना मुश्किल हो सकता है।
  • बार-बार चोट लगना या अनाड़ीपन: जोड़ों में अकड़न के कारण बच्चा सामान्य से अधिक अनाड़ी लग सकता है या बार-बार गिर सकता है।

शरीर के अन्य भागों से संबंधित लक्षण:

  • थकान: लगातार सूजन के कारण बच्चे को अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है।
  • बुखार: कुछ प्रकार के किशोर गठिया (जैसे सिस्टमिक JIA) में उच्च बुखार आ सकता है जो कुछ दिनों या हफ्तों तक बना रह सकता है।
  • त्वचा पर चकत्ते: सिस्टमिक JIA में बुखार के साथ एक हल्के गुलाबी रंग का चकत्ता दिखाई दे सकता है जो आता-जाता रहता है। सोरियाटिक गठिया में सोरायसिस के चकत्ते हो सकते हैं।
  • भूख न लगना: सूजन और अस्वस्थता के कारण बच्चे को भूख कम लग सकती है।
  • वजन घटना: भूख न लगने के कारण वजन कम हो सकता है।
  • आंखों में सूजन (यूवाइटिस): कुछ प्रकार के किशोर गठिया में आंखों के मध्य परत में सूजन (यूवाइटिस) हो सकती है। इसके लक्षण धुंधली दृष्टि, आंखों में दर्द और लालिमा हो सकते हैं। कई बार इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं, इसलिए नियमित नेत्र परीक्षण महत्वपूर्ण हैं।
  • लिम्फ नोड्स में सूजन: सिस्टमिक JIA में गर्दन या शरीर के अन्य हिस्सों में लिम्फ नोड्स सूज सकते हैं।
  • विकास संबंधी समस्याएं: लंबे समय तक सूजन जोड़ों के विकास को प्रभावित कर सकती है, जिससे एक हाथ या पैर दूसरे से लंबा हो सकता है या समग्र विकास धीमा हो सकता है।

किशोर गठिया का खतरा किसे अधिक होता है?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ कारक बच्चों में इसके विकसित होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं:

1. आयु:

  • किशोर गठिया आमतौर पर 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शुरू होता है।
  • निदान की सबसे आम उम्र 2 से 4 वर्ष के बीच और फिर किशोरावस्था में होती है।
  • यह 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं में दुर्लभ है।

2. लिंग:

  • समग्र रूप से, लड़कियों में किशोर गठिया विकसित होने की संभावना लड़कों की तुलना में थोड़ी अधिक होती है।
  • हालांकि, कुछ विशिष्ट प्रकार के किशोर गठिया में यह प्रवृत्ति उलट जाती है। उदाहरण के लिए, एंथेसाइटिस-संबंधित गठिया लड़कों में अधिक आम है।

3. आनुवंशिकी:

  • शोध बताते हैं कि आनुवंशिक कारक किशोर गठिया के विकास में भूमिका निभा सकते हैं।
  • कुछ जीन, विशेष रूप से मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) जीन, किशोर गठिया के बढ़ते जोखिम से जुड़े हुए पाए गए हैं।
  • यदि किसी बच्चे के भाई-बहन को किशोर गठिया है, तो उसमें इस बीमारी के विकसित होने का खतरा सामान्य आबादी की तुलना में लगभग 12 गुना अधिक होता है।
  • हालांकि, अधिकांश बच्चों में किशोर गठिया का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं होता है।

4. पर्यावरणीय कारक:

  • माना जाता है कि कुछ पर्यावरणीय कारक, जैसे कि वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण, आनुवंशिक रूप से संवेदनशील बच्चों में किशोर गठिया को ट्रिगर कर सकते हैं।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का शुरुआती उपयोग, धूम्रपान का एक्सपोजर और कुछ अन्य पर्यावरणीय कारकों पर भी शोध किया जा रहा है।

5. ऑटोइम्यून इतिहास:

  • जिन बच्चों या उनके परिवार के सदस्यों में अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां (जैसे कि ल्यूपस या सोरायसिस) का इतिहास है, उनमें किशोर गठिया विकसित होने का खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है।

किशोर गठिया से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) स्वयं एक बीमारी है, लेकिन इसके विभिन्न प्रकार और इसकी दीर्घकालिक सूजन शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकती है और कुछ अन्य बीमारियों या जटिलताओं के बढ़ते जोखिम से जुड़ी हो सकती है। इनमें शामिल हैं:

1. आंखों की समस्याएं (यूवाइटिस):

  • यह किशोर गठिया से जुड़ी सबसे आम अतिरिक्त-जोड़ समस्या है। यूवाइटिस आंख के मध्य परत (यूविया) की सूजन है।
  • यह अक्सर दर्द रहित होता है और इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं हो सकते हैं, लेकिन अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह धुंधली दृष्टि, आंखों में दर्द, लालिमा और गंभीर मामलों में दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।
  • ओलिगोआर्टिकुलर JIA वाले बच्चों में यूवाइटिस का खतरा अधिक होता है, खासकर जो एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (ANA) पॉजिटिव होते हैं।

2. विकास संबंधी समस्याएं:

  • लगातार जोड़ों की सूजन विकास प्लेटों (जोड़ों के सिरों पर उपास्थि) को प्रभावित कर सकती है, जिससे हड्डियों का असमान विकास हो सकता है।
  • इससे प्रभावित अंग लंबा या छोटा हो सकता है।
  • जबड़े में सूजन से छोटा या विकृत जबड़ा (माइक्रोग्नाथिया) हो सकता है।
  • गंभीर और लंबे समय तक रहने वाली सूजन समग्र विकास को भी धीमा कर सकती है।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी कुछ दवाएं भी विकास को प्रभावित कर सकती हैं।

3. जोड़ों की क्षति:

  • अनियंत्रित सूजन उपास्थि (जोड़ों को कुशन करने वाला ऊतक) और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • इससे जोड़ों में विकृति, गति की सीमा और विकलांगता हो सकती है।
  • गंभीर मामलों में, जोड़ों को ठीक करने या बदलने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

4. मांसपेशियों की कमजोरी और सिकुड़न (कॉन्ट्रेक्चर):

  • जोड़ों में दर्द और सूजन के कारण बच्चे प्रभावित जोड़ों का उपयोग कम कर सकते हैं, जिससे आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
  • यदि जोड़ लंबे समय तक एक ही स्थिति में (आमतौर पर मुड़ा हुआ) रहता है, तो मांसपेशियां और टेंडन सिकुड़ सकते हैं, जिससे जोड़ स्थायी रूप से मुड़ सकता है (कॉन्ट्रेक्चर)।

5. ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का पतला होना):

  • किशोर गठिया की पुरानी सूजन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स का लंबे समय तक उपयोग हड्डियों को कमजोर कर सकता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

6. हृदय संबंधी समस्याएं:

  • सिस्टमिक JIA वाले कुछ बच्चों में पेरिकार्डिटिस (हृदय के आसपास की झिल्लियों की सूजन) या मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन) जैसी हृदय संबंधी समस्याएं विकसित हो सकती हैं।

7. फेफड़ों की समस्याएं:

  • सिस्टमिक JIA वाले कुछ बच्चों में फेफड़ों में सूजन और निशान पड़ सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

8. मैक्रोफेज एक्टिवेशन सिंड्रोम (MAS):

  • यह सिस्टमिक JIA की एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली अत्यधिक सक्रिय हो जाती है, जिससे लगातार बुखार, रक्त कोशिकाओं की संख्या में कमी, यकृत की समस्या और अन्य गंभीर लक्षण हो सकते हैं। यह जानलेवा हो सकता है।

9. मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक समस्याएं:

  • पुरानी बीमारी के साथ रहना बच्चों के लिए तनावपूर्ण हो सकता है और चिंता, अवसाद या सामाजिक अलगाव का कारण बन सकता है।

किशोर गठिया का निदान कैसे करें?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) का निदान एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें बच्चे के लक्षणों, शारीरिक परीक्षण और विभिन्न प्रयोगशाला परीक्षणों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन शामिल होता है। चूंकि किशोर गठिया के लिए कोई एक निश्चित परीक्षण नहीं है, इसलिए डॉक्टर अन्य स्थितियों को दूर करने और निदान स्थापित करने के लिए कई कारकों पर भरोसा करते हैं। निदान प्रक्रिया में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:

  • विस्तृत चिकित्सा इतिहास: डॉक्टर बच्चे के लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
    • लक्षणों की शुरुआत और अवधि (विशेष रूप से जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न)।
    • प्रभावित जोड़ों की संख्या और स्थान।
    • लक्षणों का समय (जैसे, सुबह की अकड़न)।
    • बुखार, चकत्ते, आंखों की समस्याएं या अन्य संबंधित लक्षण।
    • बच्चे के सामान्य स्वास्थ्य और पिछली बीमारियों का इतिहास।
    • परिवार में गठिया या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों का इतिहास।
  • शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर बच्चे का सावधानीपूर्वक शारीरिक परीक्षण करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
    • जोड़ों की जांच: सूजन, गर्मी, लालिमा और गति की सीमा का आकलन करना।
    • समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन: बुखार, चकत्ते या लिम्फ नोड्स में सूजन की जांच करना।
    • चलने और चलने के तरीके का अवलोकन करना।
    • आंखों की जांच करना (हालांकि यह आमतौर पर एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है)।

2. प्रयोगशाला परीक्षण:

रक्त परीक्षण किशोर गठिया के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हालांकि वे सीधे तौर पर बीमारी की पुष्टि नहीं करते हैं। वे सूजन के लक्षणों की पहचान करने और अन्य स्थितियों को दूर करने में मदद करते हैं। कुछ सामान्य रक्त परीक्षणों में शामिल हैं:

  • एरिथ्रोसाइट अवसादन दर (ESR) और सी-रिएक्टिव प्रोटीन (CRP): ये परीक्षण शरीर में सूजन के स्तर को मापते हैं। किशोर गठिया में ये अक्सर बढ़े हुए होते हैं, लेकिन सामान्य परिणाम किशोर गठिया को बाहर नहीं करते हैं।
  • एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी (ANA): ANA कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों में मौजूद एंटीबॉडी हैं। ओलिगोआर्टिकुलर JIA वाली लड़कियों में ANA सकारात्मक होने की संभावना अधिक होती है और यह यूवाइटिस के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। हालांकि, ANA कई अन्य स्थितियों में भी सकारात्मक हो सकता है।
  • रूमेटॉइड फैक्टर (RF): यह एंटीबॉडी वयस्कों में रूमेटॉइड गठिया से जुड़ा होता है, लेकिन यह किशोर गठिया वाले बच्चों के एक छोटे प्रतिशत में ही मौजूद होता है (विशेषकर पॉलीआर्टिकुलर JIA वाले कुछ बच्चों में)।
  • एंटी-साइक्लिक सिट्रुलिनेटेड पेप्टाइड (anti-CCP) एंटीबॉडी: यह परीक्षण वयस्कों में रूमेटॉइड गठिया के लिए अधिक विशिष्ट है और किशोर गठिया में आमतौर पर नहीं किया जाता है।
  • मानव ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) B27: यह मार्कर एंथेसाइटिस-संबंधित गठिया वाले कुछ बच्चों में पाया जा सकता है।
  • पूर्ण रक्त गणना (CBC): यह लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स की संख्या की जांच करता है और एनीमिया या संक्रमण जैसे अन्य संभावित कारणों का पता लगाने में मदद कर सकता है।
  • यकृत और गुर्दे के कार्य परीक्षण: ये परीक्षण अंगों के स्वास्थ्य का आकलन करने और कुछ दवाओं के उपयोग की निगरानी करने के लिए किए जा सकते हैं।

3. इमेजिंग परीक्षण:

इमेजिंग परीक्षण आमतौर पर शुरुआती निदान में कम भूमिका निभाते हैं, लेकिन वे जोड़ों की क्षति का आकलन करने या अन्य स्थितियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • एक्स-रे: हड्डियों की संरचना को देखने और जोड़ों की क्षति (जैसे कि हड्डी का कटाव) का पता लगाने में मदद कर सकते हैं, खासकर बीमारी की लंबी अवधि के बाद।
  • अल्ट्रासाउंड: जोड़ों के आसपास के नरम ऊतकों (जैसे कि सिनोवियम और टेंडन) की सूजन को दिखाने में उपयोगी हो सकता है।
  • चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (MRI): यह जोड़ों और आसपास के ऊतकों की विस्तृत छवियां प्रदान कर सकता है और शुरुआती सूजन या क्षति का पता लगाने में अधिक संवेदनशील हो सकता है।

4. नेत्र परीक्षण:

  • ओलिगोआर्टिकुलर JIA वाले बच्चों में यूवाइटिस के उच्च जोखिम के कारण, एक नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा नियमित नेत्र परीक्षण (स्लिट-लैंप परीक्षा) महत्वपूर्ण है।

किशोर गठिया का इलाज क्या है?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन उपचार का मुख्य लक्ष्य दर्द और सूजन को कम करना, जोड़ों के कार्य को बनाए रखना, जटिलताओं को रोकना और बच्चे को यथासंभव सामान्य जीवन जीने में मदद करना है। उपचार योजना बच्चे के विशिष्ट प्रकार के किशोर गठिया, लक्षणों की गंभीरता और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करती है।

किशोर गठिया के उपचार में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:

1. दवाएं:

दवाएं सूजन को नियंत्रित करने, दर्द को कम करने और जोड़ों को स्थायी नुकसान से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस्तेमाल की जाने वाली कुछ सामान्य दवाएं शामिल हैं:

  • गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): ये दवाएं दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती हैं। उदाहरणों में इबुप्रोफेन, नेप्रोक्सन और इंडोमेथासिन शामिल हैं। इन्हें आमतौर पर लक्षणों को जल्दी से दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • रोग-संशोधित एंटीरूमेटिक ड्रग्स (DMARDs): ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली की अति सक्रियता को कम करके बीमारी की प्रगति को धीमा करने में मदद करती हैं। इनमें शामिल हैं:
    • मेथोट्रेक्सेट: यह किशोर गठिया के इलाज के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली DMARDs में से एक है। इसे गोली के रूप में या इंजेक्शन द्वारा दिया जा सकता है।
    • सल्फासालजीन: यह अक्सर हल्के पॉलीआर्टिकुलर JIA या एंथेसाइटिस-संबंधित गठिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
    • लेफ्लूनोमाइड: यह मेथोट्रेक्सेट के समान काम करता है और इसका उपयोग कुछ बच्चों में किया जा सकता है।
  • जैविक एजेंट (Biologics): ये दवाएं प्रतिरक्षा प्रणाली में विशिष्ट प्रोटीन को लक्षित करती हैं जो सूजन में शामिल होते हैं। इन्हें इंजेक्शन या जलसेक द्वारा दिया जाता है। कुछ सामान्य जैविक एजेंटों में शामिल हैं:
    • ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर (TNF) ब्लॉकर्स: एटेनरसेप्ट, एडालिमुमैब, इन्फ्लिक्सिमैब, गोलिमुमैब, सर्टोलिज़ुमैब पेगोल।
    • इंटरल्यूकिन (IL) -1 ब्लॉकर्स: एनाकिंरा, कैनाकिनुमैब।
    • इंटरल्यूकिन (IL) -6 ब्लॉकर्स: टोसीलिज़ुमैब, सैरिलुमैब।
    • टी-सेल कोस्टिम्युलेशन इनहिबिटर: एबेटासेप्ट।
    • बी-सेल डेप्लेटर: रिटुक्सिमैब (कुछ विशिष्ट मामलों में)।
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: ये शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं हैं जिन्हें गोलियों के रूप में, इंजेक्शन द्वारा सीधे जोड़ों में या नसों के माध्यम से दिया जा सकता है। इनका उपयोग आमतौर पर लक्षणों को जल्दी से नियंत्रित करने या गंभीर सूजन के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन लंबे समय तक उपयोग से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए इन्हें अक्सर कम खुराक में और कम समय के लिए उपयोग किया जाता है।
  • आंखों की दवाएं: यूवाइटिस (आंखों की सूजन) के इलाज के लिए आई ड्रॉप्स (कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स या अन्य एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं) का उपयोग किया जा सकता है। गंभीर मामलों में, मौखिक दवाएं या इंजेक्शन आवश्यक हो सकते हैं।

2. शारीरिक और व्यावसायिक थेरेपी:

थेरेपी उपचार योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका उद्देश्य है:

  • जोड़ों की गति की सीमा को बनाए रखना और सुधारना: व्यायाम और स्ट्रेचिंग जोड़ों को लचीला रखने में मदद करते हैं।
  • मांसपेशियों की ताकत में सुधार: मजबूत मांसपेशियां जोड़ों को सहारा देती हैं और दर्द को कम करने में मदद करती हैं।
  • कार्य करने की क्षमता में सुधार: व्यावसायिक थेरेपिस्ट दैनिक गतिविधियों (जैसे कपड़े पहनना, खाना बनाना, लिखना) को आसान बनाने के तरीके सिखाते हैं।
  • दर्द प्रबंधन तकनीकें सिखाना: गर्मी, बर्फ, मालिश और अन्य तकनीकों का उपयोग करके दर्द को कम करना।

3. सहायक उपकरण:

  • स्प्लिंट्स और ब्रेसिज़: ये प्रभावित जोड़ों को सहारा देने, दर्द को कम करने और विकृति को रोकने में मदद कर सकते हैं।

4. सर्जरी:

  • किशोर गठिया में सर्जरी की आवश्यकता शायद ही कभी होती है। हालांकि, गंभीर जोड़ों की क्षति के मामलों में, जोड़ों को बदलने (आर्थ्रोप्लास्टी) या जोड़ों को ठीक करने के लिए सर्जरी की जा सकती है।

5. जीवनशैली में बदलाव और स्वयं की देखभाल:

  • संतुलित आहार: स्वस्थ भोजन समग्र स्वास्थ्य और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
  • नियमित व्यायाम: डॉक्टर या थेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए सुरक्षित व्यायाम जोड़ों को लचीला और मांसपेशियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं।
  • पर्याप्त आराम: थकान किशोर गठिया का एक आम लक्षण है, इसलिए पर्याप्त नींद और आराम महत्वपूर्ण है।
  • तनाव प्रबंधन: पुरानी बीमारी के साथ रहना तनावपूर्ण हो सकता है, इसलिए तनाव कम करने की तकनीकों (जैसे कि विश्राम व्यायाम) का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।

6. नियमित निगरानी और फॉलो-अप:

  • किशोर गठिया वाले बच्चों को नियमित रूप से अपने बाल रोग विशेषज्ञ रुमेटोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए ताकि उनकी बीमारी की प्रगति की निगरानी की जा सके, उपचार की प्रभावशीलता का आकलन किया जा सके और आवश्यकतानुसार उपचार योजना में बदलाव किया जा सके।
  • आंखों की समस्याओं (यूवाइटिस) के लिए नियमित नेत्र परीक्षण भी महत्वपूर्ण हैं।

किशोर गठिया का घरेलू इलाज क्या है?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है जिसका प्राथमिक उपचार दवाएं और थेरेपी हैं, जिन्हें एक बाल रोग विशेषज्ञ रुमेटोलॉजिस्ट द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। इसलिए, किशोर गठिया का कोई सिद्ध “घरेलू इलाज” नहीं है जो चिकित्सा उपचार की जगह ले सके।

हालांकि, कुछ घरेलू देखभाल रणनीतियां हैं जिनका उपयोग चिकित्सा उपचार के साथ-साथ लक्षणों को प्रबंधित करने और बच्चे के आराम को बेहतर बनाने में मदद के लिए किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप इन रणनीतियों पर चर्चा अपने बच्चे के डॉक्टर के साथ करें और उन्हें चिकित्सा उपचार के विकल्प के रूप में न देखें।

यहां कुछ सहायक घरेलू देखभाल सुझाव दिए गए हैं:

  • गर्मी और ठंड का प्रयोग:
    • गर्मी: गर्म स्नान, गर्म पानी की बोतलें या हीटिंग पैड (कम सेटिंग पर और त्वचा की सुरक्षा के साथ) अकड़े हुए जोड़ों को आराम देने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं, खासकर सुबह के समय।
    • ठंड: बर्फ के पैक या ठंडे कंप्रेस सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं, खासकर गतिविधि के बाद या जोड़ों में तीव्र दर्द होने पर। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं; इसे हमेशा एक तौलिये में लपेटें।
  • हल्का व्यायाम और गतिविधि:
    • डॉक्टर या थेरेपिस्ट द्वारा सुझाए गए हल्के व्यायाम जोड़ों को लचीला रखने और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से जोड़ों में अकड़न बढ़ सकती है।
    • तैराकी, चलना और साइकिल चलाना जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम फायदेमंद हो सकते हैं।
    • गतिविधि और आराम के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। जब दर्द बढ़ जाए तो आराम करना आवश्यक है।
  • संतुलित आहार:
    • एक स्वस्थ और संतुलित आहार समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
    • कुछ शोध बताते हैं कि ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली के तेल में पाया जाता है) में सूजन-रोधी गुण हो सकते हैं, लेकिन इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है और इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए।
    • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, शर्करा और अस्वास्थ्यकर वसा से भरपूर आहार से बचें, क्योंकि ये सूजन को बढ़ा सकते हैं।
  • पर्याप्त नींद:
    • पर्याप्त नींद शरीर को ठीक होने और ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है।
    • एक नियमित नींद का कार्यक्रम स्थापित करें।
  • तनाव प्रबंधन:
    • पुरानी बीमारी का सामना करना बच्चों के लिए तनावपूर्ण हो सकता है। विश्राम तकनीकें, गहरी सांस लेने के व्यायाम, ध्यान या शौक में शामिल होना तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
    • बच्चे को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें और भावनात्मक समर्थन प्रदान करें।
  • हाइड्रेटेड रहना:
    • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सहायक उपकरण का उपयोग:
    • यदि डॉक्टर या थेरेपिस्ट द्वारा सलाह दी जाए तो स्प्लिंट्स या ब्रेसिज़ का उपयोग जोड़ों को सहारा देने और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
  • घर को सुरक्षित बनाना:
    • फिसलने या गिरने से बचने के लिए घर में उचित व्यवस्था करें, खासकर यदि बच्चे को चलने में कठिनाई हो रही हो।

किशोर गठिया में क्या खाएं और क्या न खाएं?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) के लिए कोई विशिष्ट आहार योजना नहीं है जो सीधे तौर पर बीमारी को ठीक कर सकेगी। हालांकि, एक स्वस्थ और संतुलित आहार समग्र स्वास्थ्य और सूजन प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं, जबकि अन्य इसे बढ़ा सकते हैं।

यहां एक सामान्य मार्गदर्शन दिया गया है कि किशोर गठिया में क्या खाएं और क्या न खाएं:

क्या खाएं (सूजन कम करने और समग्र स्वास्थ्य के लिए):

  • फल और सब्जियां: विभिन्न प्रकार के रंगीन फल और सब्जियां एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स से भरपूर होते हैं, जिनमें सूजन-रोधी गुण होते हैं। खासकर गहरे रंग के फल और पत्तेदार हरी सब्जियां फायदेमंद हैं। उदाहरण: जामुन, चेरी, संतरा, ब्रोकोली, पालक, केल।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ: ये सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
    • वसायुक्त मछली: सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन, हेरिंग। सप्ताह में 2-3 बार इनका सेवन करें।
    • अलसी के बीज और अलसी का तेल: इन्हें पीसकर या तेल के रूप में इस्तेमाल करें।
    • चिया सीड्स: इन्हें भिगोकर या अन्य खाद्य पदार्थों में मिलाकर खाएं।
    • अखरोट: एक स्वस्थ नाश्ता विकल्प।
  • साबुत अनाज: ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ, साबुत गेहूं की रोटी और पास्ता जैसे साबुत अनाज फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये परिष्कृत अनाज की तुलना में अधिक पौष्टिक होते हैं।
  • लीन प्रोटीन: चिकन, मछली, बीन्स, दाल और टोफू जैसे लीन प्रोटीन मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक हैं।
  • स्वस्थ वसा: जैतून का तेल, एवोकाडो और नट्स (ऊपर बताए गए) स्वस्थ वसा के अच्छे स्रोत हैं।
  • पानी: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना हाइड्रेटेड रहने और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

क्या न खाएं या सीमित मात्रा में खाएं (संभावित रूप से सूजन बढ़ाने वाले या अस्वास्थ्यकर):

  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: ये अक्सर अस्वास्थ्यकर वसा, अतिरिक्त शर्करा और कृत्रिम योजक से भरपूर होते हैं, जो सूजन को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण: पैकेज्ड स्नैक्स, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड मीट।
  • अतिरिक्त शर्करा: मीठे पेय, कैंडी, बेक्ड सामान और अन्य शर्करा युक्त खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ावा दे सकते हैं और वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं।
  • अस्वास्थ्यकर वसा:
    • ट्रांस वसा: आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेलों में पाए जाते हैं (कुछ बेक्ड सामान, तले हुए खाद्य पदार्थ)। इनसे बचें।
    • संतृप्त वसा: रेड मीट और पूर्ण वसा वाले डेयरी उत्पादों में पाया जाता है। इनका सेवन सीमित करें।
  • अत्यधिक मात्रा में ओमेगा-6 फैटी एसिड: जबकि कुछ ओमेगा-6 फैटी एसिड आवश्यक हैं, पश्चिमी आहार में अक्सर इनका अत्यधिक सेवन होता है, जो सूजन को बढ़ा सकता है। ये वनस्पति तेलों (जैसे सूरजमुखी, मक्का, सोयाबीन तेल) में पाए जाते हैं। इनका सेवन सीमित करें और ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के बीच संतुलन बनाए रखने पर ध्यान दें।
  • डेयरी उत्पाद (कुछ लोगों में): कुछ बच्चों में डेयरी उत्पाद जोड़ों के दर्द और सूजन को बढ़ा सकते हैं। यदि आपको संदेह है कि डेयरी उत्पाद आपके बच्चे के लक्षणों को खराब कर रहे हैं, तो कुछ समय के लिए उन्हें सीमित करके देखें और देखें कि क्या कोई सुधार होता है। डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें।
  • ग्लूटेन (कुछ लोगों में): सीलिएक रोग वाले बच्चों में ग्लूटेन (गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है) सूजन पैदा कर सकता है। यदि सीलिएक रोग का संदेह है, तो परीक्षण करवाना महत्वपूर्ण है। गैर-सीलिएक ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले कुछ बच्चों में भी ग्लूटेन लक्षणों को बढ़ा सकता है। डॉक्टर की सलाह पर ग्लूटेन-मुक्त आहार आजमाया जा सकता है।
  • नाइटशेड सब्जियां (विवादित): कुछ लोगों का मानना है कि नाइटशेड सब्जियां (जैसे टमाटर, बैंगन, आलू, शिमला मिर्च) गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं। हालांकि, वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं। यदि आपको संदेह है कि ये सब्जियां आपके बच्चे के लक्षणों को प्रभावित कर रही हैं, तो कुछ समय के लिए उन्हें हटाकर देखें और देखें कि क्या कोई बदलाव होता है।

महत्वपूर्ण बातें:

  • व्यक्तिगत प्रतिक्रिया: हर बच्चा अलग होता है, और कुछ खाद्य पदार्थ दूसरों की तुलना में कुछ बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकते हैं। अपने बच्चे के लक्षणों पर ध्यान देना और यह देखना महत्वपूर्ण है कि कौन से खाद्य पदार्थ उन्हें बेहतर या बदतर महसूस कराते हैं।
  • संतुलन और विविधता: एक संतुलित और विविध आहार सुनिश्चित करता है कि आपके बच्चे को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल रहे हैं।
  • डॉक्टर और पोषण विशेषज्ञ से सलाह: किसी भी महत्वपूर्ण आहार परिवर्तन करने से पहले हमेशा अपने बच्चे के डॉक्टर या एक पंजीकृत बाल रोग विशेषज्ञ पोषण विशेषज्ञ से सलाह लें। वे आपके बच्चे की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
  • कोई “जादुई” भोजन नहीं: याद रखें कि कोई एक भोजन किशोर गठिया को ठीक नहीं करेगा। आहार उपचार योजना का एक सहायक हिस्सा है, लेकिन दवाएं और थेरेपी मुख्य उपचार हैं।

किशोर गठिया के जोखिम को कैसे कम करें?

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA) एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसका सटीक कारण अज्ञात है। इसलिए, इसके विकास के जोखिम को पूरी तरह से कम करना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ सामान्य स्वास्थ्य और जीवनशैली संबंधी उपाय हैं जो समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और संभावित रूप से कुछ ऑटोइम्यून बीमारियों के जोखिम को कम करने में भूमिका निभा सकते हैं, हालांकि किशोर गठिया के लिए इनकी सीधी प्रभावशीलता सिद्ध नहीं है।

यहां कुछ सामान्य सुझाव दिए गए हैं जिन पर विचार किया जा सकता है:

  • स्वस्थ गर्भावस्था और बचपन:
    • गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार: गर्भवती मां द्वारा एक संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन बच्चे के स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
    • धूम्रपान से बचें: गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के आसपास धूम्रपान के संपर्क से बचना चाहिए, क्योंकि यह बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
    • स्तनपान: कुछ शोध बताते हैं कि स्तनपान शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली के विकास में मदद कर सकता है।
  • स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें:
    • संतुलित आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन से भरपूर आहार समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, अतिरिक्त शर्करा और अस्वास्थ्यकर वसा का सेवन सीमित करें।
    • नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधि प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है। बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
    • पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद प्रतिरक्षा प्रणाली के उचित कार्य के लिए आवश्यक है।
    • तनाव प्रबंधन: पुरानी बीमारी का तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। बच्चों को स्वस्थ तनाव प्रबंधन तकनीकें सिखाएं।
  • संक्रमणों से बचाव:
    • अच्छी स्वच्छता प्रथाएं: नियमित रूप से हाथ धोना और अच्छी स्वच्छता बनाए रखना संक्रमणों के प्रसार को रोकने में मदद करता है, जो संभावित रूप से कुछ ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं।
    • टीकाकरण: बच्चों को अनुशंसित टीकाकरण शेड्यूल के अनुसार टीका लगवाएं ताकि संक्रामक बीमारियों से बचाव हो सके।
  • पर्यावरणीय कारकों से बचाव:
    • कुछ पर्यावरणीय कारकों को ऑटोइम्यून बीमारियों के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है। हालांकि, किशोर गठिया के लिए विशिष्ट पर्यावरणीय जोखिम कारक अच्छी तरह से स्थापित नहीं हैं। फिर भी, ज्ञात हानिकारक पदार्थों के संपर्क को कम करना एक सामान्य सावधानी है।

महत्वपूर्ण बातें:

  • आनुवंशिकी: किशोर गठिया के विकास में आनुवंशिक कारकों की भूमिका होती है, और इन कारकों को बदला नहीं जा सकता है।
  • अज्ञात कारण: चूंकि किशोर गठिया का सटीक कारण अज्ञात है, इसलिए इसके जोखिम को कम करने के लिए कोई गारंटीकृत तरीका नहीं है।
  • शोध जारी है: वैज्ञानिक किशोर गठिया के कारणों और जोखिम कारकों को समझने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं। भविष्य में, जोखिम को कम करने के लिए अधिक विशिष्ट रणनीतियां सामने आ सकती हैं।

वर्तमान में, किशोर गठिया के जोखिम को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, यदि आपके बच्चे में इस बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो शीघ्र निदान और उचित उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। प्रारंभिक उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और दीर्घकालिक जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।

यदि आपके परिवार में किशोर गठिया का इतिहास है या आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात करें। वे आपको व्यक्तिगत सलाह और मार्गदर्शन दे सकते हैं।

सारांश

किशोर गठिया (Juvenile Arthritis – JA), जिसे किशोर अज्ञातहेतुक गठिया (Juvenile Idiopathic Arthritis – JIA) भी कहा जाता है, 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाली गठिया का एक प्रकार है जो कम से कम छह सप्ताह तक जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। इसका सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन माना जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से होने वाली एक ऑटोइम्यून बीमारी है।

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