निर्जलीकरण (Dehydration)
निर्जलीकरण क्या है?
निर्जलीकरण, जिसे डिहाइड्रेशन भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जब आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ नहीं होता है, जिससे वह ठीक से काम नहीं कर पाता है। यह स्थिति तब पैदा होती है जब आपके शरीर से निकलने वाले पानी की मात्रा दिनभर में ली जाने वाली पानी की मात्रा से अधिक हो जाती है।
निर्जलीकरण के कारण:
- पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना: यह निर्जलीकरण का सबसे आम कारण है।
- अत्यधिक पसीना आना: गर्म मौसम में या व्यायाम के दौरान बहुत अधिक पसीना आने से निर्जलीकरण हो सकता है।
- उल्टी और दस्त: ये शरीर से बहुत अधिक तरल पदार्थ निकाल सकते हैं।
- मूत्रवर्धक दवाएं: ये दवाएं शरीर से अधिक पानी निकालती हैं।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियां: मधुमेह, किडनी रोग और अन्य स्थितियां निर्जलीकरण का कारण बन सकती हैं।
निर्जलीकरण के लक्षण:
- प्यास लगना
- मुंह और त्वचा का सूखापन
- गहरा पीला मूत्र
- थकान
- चक्कर आना या सिरदर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- तेज हृदय गति
- गंभीर मामलों में, भ्रम या बेहोशी
निर्जलीकरण का उपचार:
- हल्के निर्जलीकरण के लिए, पानी या इलेक्ट्रोलाइट युक्त पेय पदार्थ पिएं।
- मध्यम या गंभीर निर्जलीकरण के लिए, डॉक्टर से परामर्श करें। वे आपको नसों के माध्यम से तरल पदार्थ दे सकते हैं।
निर्जलीकरण से बचाव:
- दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- व्यायाम करते समय या गर्म मौसम में अधिक पानी पिएं।
- यदि आप बीमार हैं, तो अधिक तरल पदार्थ पिएं।
- शराब और कैफीन के सेवन से बचें, क्योंकि ये निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
निर्जलीकरण के कारण क्या हैं?
निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) कई कारणों से हो सकता है। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:
1. पर्याप्त पानी न पीना:
- यह निर्जलीकरण का सबसे आम कारण है। जब आप दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो आपके शरीर में तरल पदार्थों की कमी हो जाती है।
2. अत्यधिक पसीना आना:
- गर्म मौसम में या व्यायाम के दौरान बहुत अधिक पसीना आने से शरीर से तरल पदार्थ तेजी से निकलते हैं। यदि आप इस दौरान पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो निर्जलीकरण हो सकता है।
3. उल्टी और दस्त:
- उल्टी और दस्त शरीर से बहुत अधिक तरल पदार्थ निकाल सकते हैं। यदि ये लंबे समय तक जारी रहते हैं, तो निर्जलीकरण का खतरा बढ़ जाता है।
4. मूत्रवर्धक दवाएं:
- कुछ दवाएं, जैसे कि मूत्रवर्धक, शरीर से अधिक पानी निकालती हैं। यदि आप इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो निर्जलीकरण से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना महत्वपूर्ण है।
5. कुछ चिकित्सीय स्थितियां:
- मधुमेह, किडनी रोग और अन्य स्थितियां निर्जलीकरण का कारण बन सकती हैं।
6. बुखार:
- बुखार के दौरान शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे पसीना अधिक आता है और निर्जलीकरण हो सकता है।
7. अत्यधिक व्यायाम:
- अत्यधिक व्यायाम, खासकर गर्म मौसम में, शरीर से बहुत अधिक तरल पदार्थ निकाल सकता है।
8. शराब का सेवन:
- शराब एक मूत्रवर्धक है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर से अधिक पानी निकालता है।
9. ऊँचाई पर रहना:
- ऊँचाई पर रहने वाले लोगों में निर्जलीकरण का खतरा अधिक होता है, क्योंकि वे तेजी से सांस लेते हैं, जिससे शरीर से अधिक पानी निकलता है।
निर्जलीकरण के संकेत और लक्षण क्या हैं?
निर्जलीकरण के संकेत और लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं, जो शरीर में तरल पदार्थ की कमी की मात्रा पर निर्भर करते हैं। यहाँ कुछ सामान्य संकेत और लक्षण दिए गए हैं:
हल्के निर्जलीकरण के लक्षण:
- प्यास लगना
- मुंह और त्वचा का सूखापन
- गहरा पीला मूत्र
- थकान
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
मध्यम निर्जलीकरण के लक्षण:
- पेशाब की मात्रा में कमी
- तेज हृदय गति
- तेज सांस लेना
- चिड़चिड़ापन
- भ्रम
गंभीर निर्जलीकरण के लक्षण:
- पेशाब का बिल्कुल न आना या बहुत अधिक गहरे पीले रंग का आना
- सूखी और सिकुड़ी हुई त्वचा का दिखाई देना
- चक्कर आना या आंखों के सामने अंधेरा छाना
- धड़कन और सांस का तेज होना
- आंखों के नीचे गड्ढे नजर आना
- बेहोशी
अन्य लक्षण:
- मुंह में दुर्गंध
- कमजोरी
- कब्ज
शिशुओं और बच्चों में निर्जलीकरण के लक्षण:
- सूखा मुंह और जीभ
- रोते समय आंसू न आना
- धँसी हुई आँखें
- सुस्त या चिड़चिड़ा होना
- डायपर कम गीले होना
निर्जलीकरण का खतरा किसे अधिक होता है?
निर्जलीकरण किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में इसका अधिक खतरा होता है। यहाँ कुछ समूह दिए गए हैं जिनमें निर्जलीकरण होने की संभावना अधिक होती है:
- शिशु और बच्चे:
- शिशुओं और छोटे बच्चों में शरीर का सतह क्षेत्र उनके शरीर के वजन के अनुपात में अधिक होता है, इसलिए वे तेजी से तरल पदार्थ खो देते हैं।
- उन्हें दस्त और उल्टी होने का खतरा भी अधिक होता है, जो निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
- बुजुर्ग:
- बुजुर्गों में प्यास की भावना कम हो जाती है, इसलिए उन्हें पता नहीं चलता कि उन्हें पानी पीने की जरूरत है।
- उन्हें गुर्दे की समस्याएं या अन्य चिकित्सीय स्थितियां भी हो सकती हैं जो निर्जलीकरण का कारण बन सकती हैं।
- एथलीट:
- एथलीट व्यायाम के दौरान बहुत अधिक पसीना बहाते हैं, इसलिए उन्हें निर्जलीकरण का खतरा अधिक होता है।
- विशेष रूप से गर्मियों के मौसम में।
- वे लोग जो गर्म मौसम में काम करते हैं:
- गर्म मौसम में काम करने वाले लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है, इसलिए उन्हें निर्जलीकरण का खतरा अधिक होता है।
- वे लोग जो बीमार हैं:
- उल्टी, दस्त या बुखार से पीड़ित लोग निर्जलीकरण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
- वे लोग जो कुछ दवाएं लेते हैं:
- कुछ दवाएं, जैसे कि मूत्रवर्धक, शरीर से अधिक पानी निकालती हैं।
- मधुमेह से पीड़ित लोग:
- उच्च रक्त शर्करा स्तर निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
निर्जलीकरण से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- गुर्दे की समस्याएं:
- निर्जलीकरण गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है।
- यह गुर्दे की कार्यक्षमता को भी कम कर सकता है, जिससे गुर्दे की विफलता हो सकती है।
- निम्न रक्तचाप:
- निर्जलीकरण से रक्त की मात्रा कम हो जाती है, जिससे निम्न रक्तचाप हो सकता है।
- निम्न रक्तचाप से चक्कर आना, बेहोशी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
- हीटस्ट्रोक:
- गर्म मौसम में निर्जलीकरण हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकता है।
- हीटस्ट्रोक एक गंभीर स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन:
- निर्जलीकरण से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है।
- इलेक्ट्रोलाइट्स मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के कार्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- कब्ज:
- निर्जलीकरण कब्ज का कारण बन सकता है, क्योंकि शरीर मल से पानी खींच लेता है।
- मानसिक कार्य में कमी:
- निर्जलीकरण से मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ता है और सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो सकती है।
- मांसपेशियों में ऐंठन:
- शरीर में पानी की कमी से मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
निर्जलीकरण का निदान कैसे करें?
निर्जलीकरण का निदान करने के लिए डॉक्टर कई तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे, जैसे कि शुष्क मुंह, शुष्क त्वचा, तेज हृदय गति और निम्न रक्तचाप।
- वे आपकी त्वचा की लोच भी जांच सकते हैं।
2. चिकित्सा इतिहास:
- डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों, आपके द्वारा ली जा रही दवाओं और आपकी किसी भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के बारे में पूछेंगे।
- वे आपसे आपकी तरल पदार्थ की खपत और आपके मूत्र उत्पादन के बारे में भी पूछ सकते हैं।
3. रक्त परीक्षण:
- रक्त परीक्षणों का उपयोग इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, गुर्दे की कार्यक्षमता और अन्य कारकों की जांच के लिए किया जा सकता है जो निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
4. मूत्र परीक्षण:
- मूत्र परीक्षणों का उपयोग मूत्र के रंग और सांद्रता की जांच के लिए किया जा सकता है। गहरे रंग का मूत्र निर्जलीकरण का संकेत दे सकता है।
5. अन्य परीक्षण:
- कुछ मामलों में, डॉक्टर अन्य परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं, जैसे कि ईसीजी, यदि उन्हें हृदय की समस्याओं का संदेह हो।
निर्जलीकरण के निदान में डॉक्टर निम्नलिखित बातों पर ध्यान दे सकते हैं:
- लक्षण: प्यास लगना, शुष्क मुंह, शुष्क त्वचा, थकान, चक्कर आना, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, तेज हृदय गति, निम्न रक्तचाप, गहरे रंग का मूत्र।
- चिकित्सा इतिहास: निर्जलीकरण के कारण बनने वाली कोई भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति, जैसे कि मधुमेह या गुर्दे की बीमारी।
- तरल पदार्थ की खपत: पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना।
- मूत्र उत्पादन: कम मूत्र उत्पादन या गहरे रंग का मूत्र।
- रक्त परीक्षण: इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, गुर्दे की कार्यक्षमता।
- मूत्र परीक्षण: मूत्र का रंग और सांद्रता।
निर्जलीकरण का इलाज क्या है?
निर्जलीकरण का इलाज शरीर में खोए हुए तरल पदार्थों और इलेक्ट्रोलाइट्स को वापस लाने पर केंद्रित होता है। उपचार की गंभीरता निर्जलीकरण की गंभीरता पर निर्भर करती है।
हल्के से मध्यम निर्जलीकरण के लिए:
- तरल पदार्थ का सेवन:
- पानी सबसे अच्छा विकल्प है।
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) का उपयोग इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने के लिए किया जा सकता है।
- स्पोर्ट्स ड्रिंक्स भी उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन उनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए उनका सीमित मात्रा में उपयोग करें।
- फलों के रस और सूप भी अच्छे विकल्प हैं।
- आहार में बदलाव:
- ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे कि फल और सब्जियां।
- नमकीन खाद्य पदार्थ खाने से इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने में मदद मिल सकती है।
गंभीर निर्जलीकरण के लिए:
- अंतःशिरा (IV) तरल पदार्थ:
- गंभीर निर्जलीकरण के मामलों में, अस्पताल में IV तरल पदार्थ दिए जाते हैं।
- ये तरल पदार्थ तेजी से शरीर में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को वापस लाने में मदद करते हैं।
- अंतर्निहित कारण का इलाज:
- यदि निर्जलीकरण किसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण होता है, तो उस स्थिति का इलाज करना महत्वपूर्ण है।
शिशुओं और बच्चों में निर्जलीकरण का इलाज:
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS):
- शिशुओं और बच्चों के लिए ORS सबसे अच्छा विकल्प है।
- ORS को धीरे-धीरे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिया जाना चाहिए।
- स्तनपान या फार्मूला:
- शिशुओं को स्तनपान या फार्मूला जारी रखना चाहिए।
- चिकित्सा सहायता:
- शिशुओं और बच्चों में गंभीर निर्जलीकरण के मामलों में, तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
निर्जलीकरण से बचाव के लिए:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं:
- दिन भर में नियमित रूप से पानी पिएं, खासकर गर्म मौसम में या व्यायाम के दौरान।
- ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो:
- फल और सब्जियां पानी के अच्छे स्रोत हैं।
- शराब और कैफीन के सेवन से बचें:
- ये पदार्थ निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
- बीमार होने पर अधिक तरल पदार्थ पिएं:
- उल्टी या दस्त होने पर शरीर से तरल पदार्थ तेजी से निकलते हैं।
निर्जलीकरण का घरेलू इलाज क्या है?
निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) का घरेलू इलाज हल्के से मध्यम निर्जलीकरण के लिए प्रभावी हो सकता है। यहाँ कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं:
1. ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS):
- यह निर्जलीकरण के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपचारों में से एक है।
- ORS इलेक्ट्रोलाइट्स और तरल पदार्थों का एक मिश्रण है जो शरीर को खोए हुए तरल पदार्थों को फिर से भरने में मदद करता है।
- यह मेडिकल स्टोर्स में आसानी से उपलब्ध है।
- आप घर पर भी ORS बना सकते हैं: 1 लीटर पानी में 6 चम्मच चीनी और 1/2 चम्मच नमक मिलाएं।
2. पानी:
- निर्जलीकरण के लिए पानी सबसे सरल और सबसे महत्वपूर्ण उपचार है।
- धीरे-धीरे और बार-बार पानी पिएं।
- छोटे बच्चों को एक बार में बहुत अधिक पानी न दें।
3. नारियल पानी:
- नारियल पानी इलेक्ट्रोलाइट्स का एक प्राकृतिक स्रोत है और निर्जलीकरण को दूर करने में मदद कर सकता है।
4. फलों के रस:
- फलों के रस, जैसे कि सेब का रस या अंगूर का रस, भी निर्जलीकरण के लिए अच्छे होते हैं।
- हालांकि, सुनिश्चित करें कि आप 100% फलों का रस पी रहे हैं और इसमें अतिरिक्त चीनी नहीं है।
5. सूप:
- सूप, जैसे कि चिकन सूप या सब्जी का सूप, तरल पदार्थों और इलेक्ट्रोलाइट्स का एक अच्छा स्रोत है।
6. दही या छाछ:
- दही या छाछ पीने से भी निर्जलीकरण में लाभ मिलता है।
7. नींबू पानी पिएं:
- निर्जलीकरण होने पर नींबू पानी पीना एक अच्छा विकल्प है। इसमें पोटैशियम, सोडियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो शरीर में पानी की कमी को दूर करने में मदद करते हैं।
8. जौ का पानी पिएं:
- शरीर में पानी की कमी हो गई है, तो जौ का पानी पीना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।
9. तरबूज:
- तरबूज में पानी की मात्रा बहुत अधिक होती है, इसलिए यह निर्जलीकरण के लिए एक अच्छा फल है।
10. खीरा:
- खीरा भी पानी से भरपूर होता है और निर्जलीकरण को दूर करने में मदद कर सकता है।
निर्जलीकरण में क्या खाएं और क्या न खाएं?
निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होने पर सही खान-पान का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। यहाँ बताया गया है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:
क्या खाएं:
- पानी: निर्जलीकरण के लिए सबसे अच्छा उपाय पानी है। बार-बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पिएं।
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS): यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करता है। आप इसे मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं या घर पर भी बना सकते हैं।
- नारियल पानी: यह प्राकृतिक रूप से इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और शरीर को तुरंत हाइड्रेट करता है।
- फल और सब्जियां: तरबूज, खीरा, संतरा, अंगूर और स्ट्रॉबेरी जैसे फल और सब्जियां पानी से भरपूर होते हैं।
- सूप और शोरबा: ये शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं।
- दही और छाछ: ये प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं और पाचन को सुधारने में मदद करते हैं।
क्या न खाएं:
- कैफीनयुक्त पेय: कॉफी, चाय और सोडा जैसे पेय निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
- शराब: शराब मूत्रवर्धक होती है और शरीर से पानी की कमी करती है।
- मीठे पेय: अत्यधिक मीठे पेय निर्जलीकरण को और खराब कर सकते हैं।
- प्रोसेस्ड फूड: इनमें नमक की मात्रा अधिक होती है, जो निर्जलीकरण को बढ़ा सकती है।
- तले हुए और मसालेदार भोजन: ये पाचन को खराब कर सकते हैं और निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
निर्जलीकरण के जोखिम को कैसे कम करें?
निर्जलीकरण के जोखिम को कम करने के लिए, आप कई उपाय अपना सकते हैं। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
1. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं:
- दिन भर में नियमित रूप से पानी पिएं, खासकर गर्म मौसम में या व्यायाम के दौरान।
- अपनी प्यास बुझाने के लिए प्रतीक्षा न करें। नियमित रूप से पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लगे।
2. ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो:
- फल और सब्जियां पानी के अच्छे स्रोत हैं।
- तरबूज, खीरा, संतरा, अंगूर और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों और सब्जियों का सेवन करें।
3. इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें:
- इलेक्ट्रोलाइट्स खनिज हैं जो शरीर में तरल पदार्थों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं।
- आप स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, नारियल पानी या ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) का उपयोग करके इलेक्ट्रोलाइट्स प्राप्त कर सकते हैं।
4. शराब और कैफीन के सेवन से बचें:
- ये पदार्थ निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
- शराब और कैफीन का सेवन सीमित करें, खासकर गर्म मौसम में या व्यायाम के दौरान।
5. व्यायाम के दौरान सावधानी बरतें:
- व्यायाम करते समय पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- गर्म मौसम में व्यायाम करने से बचें।
- यदि आपको चक्कर आ रहे हैं या थकावट महसूस हो रही है, तो व्यायाम करना बंद कर दें।
6. बीमार होने पर अधिक तरल पदार्थ पिएं:
- उल्टी या दस्त होने पर शरीर से तरल पदार्थ तेजी से निकलते हैं।
- यदि आप बीमार हैं, तो अधिक पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स पिएं।
7. शिशुओं और बच्चों का ध्यान रखें:
- शिशुओं और छोटे बच्चों को निर्जलीकरण का खतरा अधिक होता है।
- उन्हें नियमित रूप से तरल पदार्थ दें, खासकर जब वे बीमार हों।
8. बुजुर्गों का ध्यान रखें:
- बुजुर्गों में प्यास की भावना कम हो जाती है, इसलिए उन्हें पता नहीं चलता कि उन्हें पानी पीने की जरूरत है।
- उन्हें नियमित रूप से पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें।
9. अपनी दवाओं के बारे में जानें:
- कुछ दवाएं निर्जलीकरण का कारण बन सकती हैं।
- यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि क्या आपको निर्जलीकरण के जोखिम को कम करने के लिए कोई अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
10. अपनी जीवनशैली में बदलाव करें:
- यदि आप गर्म मौसम में काम करते हैं या व्यायाम करते हैं, तो निर्जलीकरण से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें।
- यदि आपको मधुमेह या गुर्दे की बीमारी जैसी कोई चिकित्सीय स्थिति है, तो अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
सारांश
निर्जलीकरण तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसके कई कारण हैं, जैसे पर्याप्त पानी न पीना, अत्यधिक पसीना आना, उल्टी या दस्त होना। इसके लक्षणों में प्यास लगना, मुंह और त्वचा का सूखापन, थकान और चक्कर आना शामिल हैं। निर्जलीकरण से बचने के लिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो और शराब और कैफीन के सेवन से बचें।