मुँहासे
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मुँहासे

मुँहासे क्या है?

मुँहासे एक आम त्वचा की समस्या है जो तब होती है जब त्वचा के छिद्र तेल और मृत कोशिकाओं से बंद हो जाते हैं। यह आमतौर पर चेहरे, गर्दन, पीठ और छाती पर होता है। मुँहासे कई प्रकार के होते हैं, जिनमें व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, फुंसी और सिस्ट शामिल हैं।

मुँहासे के कारण:

  • अतिरिक्त तेल उत्पादन: त्वचा में तेल ग्रंथियां सीबम नामक तेल का उत्पादन करती हैं। जब बहुत अधिक सीबम का उत्पादन होता है, तो यह छिद्रों को बंद कर सकता है।
  • मृत त्वचा कोशिकाएं: मृत त्वचा कोशिकाएं छिद्रों में जमा हो सकती हैं और उन्हें बंद कर सकती हैं।
  • बैक्टीरिया: प्रोपियोनिबैक्टीरियम एक्ने नामक बैक्टीरिया छिद्रों में बढ़ सकता है और सूजन पैदा कर सकता है।
  • हार्मोन: हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि किशोरावस्था, गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान, मुँहासे को बढ़ा सकते हैं।
  • कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, मुँहासे का कारण बन सकती हैं।
  • आहार: कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे कि डेयरी उत्पाद और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, मुँहासे को बढ़ा सकते हैं।
  • तनाव: तनाव मुँहासे को बढ़ा सकता है।

मुँहासे के लक्षण:

  • व्हाइटहेड्स: छोटे, सफेद धब्बे जो त्वचा की सतह के नीचे दिखाई देते हैं।
  • ब्लैकहेड्स: छोटे, काले धब्बे जो त्वचा की सतह पर दिखाई देते हैं।
  • फुंसी: लाल, सूजे हुए धब्बे जिनमें मवाद होता है।
  • सिस्ट: बड़े, दर्दनाक गांठ जो त्वचा की सतह के नीचे होती हैं।

मुँहासे का इलाज:

मुँहासे का इलाज मुँहासे की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मुँहासे का इलाज ओवर-द-काउंटर दवाओं से किया जा सकता है, जैसे कि बेंज़ोयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड। गंभीर मुँहासे के लिए, डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं की आवश्यकता हो सकती है, जैसे कि एंटीबायोटिक्स या रेटिनोइड्स।

मुँहासे से बचाव:

  • अपनी त्वचा को दिन में दो बार धोएं।
  • अपनी त्वचा को रगड़ने से बचें।
  • तेल-मुक्त सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करें।
  • अपने चेहरे को छूने से बचें।
  • स्वस्थ आहार खाएं।
  • तनाव कम करें।
  • पर्याप्त नींद लें।

मुँहासे के कारण क्या है?

मुँहासे कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अतिरिक्त तेल उत्पादन:
    • त्वचा में तेल ग्रंथियां सीबम नामक तेल का उत्पादन करती हैं। जब बहुत अधिक सीबम का उत्पादन होता है, तो यह छिद्रों को बंद कर सकता है।
  • मृत त्वचा कोशिकाएं:
    • मृत त्वचा कोशिकाएं छिद्रों में जमा हो सकती हैं और उन्हें बंद कर सकती हैं।
  • बैक्टीरिया:
    • प्रोपियोनिबैक्टीरियम एक्ने नामक बैक्टीरिया छिद्रों में बढ़ सकता है और सूजन पैदा कर सकता है।
  • हार्मोन:
    • हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि किशोरावस्था, गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान, मुँहासे को बढ़ा सकते हैं।
  • कुछ दवाएं:
    • कुछ दवाएं, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, मुँहासे का कारण बन सकती हैं।
  • आहार:
    • कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे कि डेयरी उत्पाद और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, मुँहासे को बढ़ा सकते हैं।
  • तनाव:
    • तनाव मुँहासे को बढ़ा सकता है।

यहाँ कुछ अन्य संभावित कारण दिए गए हैं:

  • आनुवंशिकी: यदि आपके परिवार में किसी को मुँहासे हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
  • सौंदर्य प्रसाधन: कुछ सौंदर्य प्रसाधन छिद्रों को बंद कर सकते हैं और मुँहासे का कारण बन सकते हैं।
  • घर्षण: तंग कपड़े या हेलमेट पहनने से त्वचा में घर्षण हो सकता है, जिससे मुँहासे हो सकते हैं।
  • पर्यावरण: प्रदूषण और उच्च आर्द्रता मुँहासे को बढ़ा सकती है।

मुँहासे के संकेत और लक्षण क्या हैं?

मुँहासे एक आम त्वचा की समस्या है जो तब होती है जब त्वचा के छिद्र तेल और मृत कोशिकाओं से बंद हो जाते हैं। इसके कुछ संकेत और लक्षण इस प्रकार हैं:

  • व्हाइटहेड्स: छोटे, सफेद धब्बे जो त्वचा की सतह के नीचे दिखाई देते हैं।
  • ब्लैकहेड्स: छोटे, काले धब्बे जो त्वचा की सतह पर दिखाई देते हैं।
  • फुंसी: लाल, सूजे हुए धब्बे जिनमें मवाद होता है।
  • सिस्ट: बड़े, दर्दनाक गांठ जो त्वचा की सतह के नीचे होती हैं।
  • त्वचा का तैलीय होना
  • रोमछिद्रों का बढ़ना
  • त्वचा पर लालिमा और सूजन
  • खुजली और जलन
  • दर्द और संवेदनशीलता

मुँहासे का खतरा किसे अधिक है?

मुँहासे किसी को भी हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। यहाँ कुछ जोखिम कारक दिए गए हैं:

  • किशोरावस्था: हार्मोनल परिवर्तन के कारण किशोरों में मुँहासे सबसे आम हैं।
  • हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था, मासिक धर्म और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) जैसी स्थितियां मुँहासे को बढ़ा सकती हैं।
  • पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में किसी को मुँहासे हैं, तो आपको भी होने की संभावना अधिक होती है।
  • तैलीय त्वचा: तैलीय त्वचा वाले लोगों में मुँहासे होने की संभावना अधिक होती है।
  • कुछ दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और लिथियम, मुँहासे का कारण बन सकती हैं।
  • तनाव: तनाव मुँहासे को बढ़ा सकता है।
  • आहार: कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे कि डेयरी उत्पाद और उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ, मुँहासे को बढ़ा सकते हैं।
  • सौंदर्य प्रसाधन: कुछ सौंदर्य प्रसाधन छिद्रों को बंद कर सकते हैं और मुँहासे का कारण बन सकते हैं।
  • घर्षण: तंग कपड़े या हेलमेट पहनने से त्वचा में घर्षण हो सकता है, जिससे मुँहासे हो सकते हैं।
  • पर्यावरण: प्रदूषण और उच्च आर्द्रता मुँहासे को बढ़ा सकती है।

मुँहासे से कौन सी बीमारियाँ जुड़ी हैं?

मुँहासे एक आम त्वचा की समस्या है, लेकिन कुछ मामलों में, यह अन्य बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। यहाँ कुछ बीमारियाँ दी गई हैं:

  • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस):
    • पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, बालों का बढ़ना और मुँहासे शामिल हैं।
  • कुशिंग सिंड्रोम:
    • कुशिंग सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है जो तब होता है जब शरीर में बहुत अधिक कोर्टिसोल होता है। इसके लक्षणों में वजन बढ़ना, उच्च रक्तचाप और मुँहासे शामिल हैं।
  • एंड्रोजन अधिकता:
    • एंड्रोजन पुरुष हार्मोन हैं जो महिलाओं और पुरुषों दोनों में पाए जाते हैं। एंड्रोजन का उच्च स्तर मुँहासे का कारण बन सकता है।
  • इंसुलिन प्रतिरोध:
    • इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं करता है। यह मुँहासे का कारण बन सकता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं:
    • मुँहासे चिंता, अवसाद और कम आत्मसम्मान जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं।

मुँहासे का निदान कैसे करें?

मुँहासे का निदान आमतौर पर एक त्वचा विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। निदान में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

  • शारीरिक परीक्षण:
    • त्वचा विशेषज्ञ आपकी त्वचा की जांच करेंगे और मुँहासे के प्रकार और गंभीरता का आकलन करेंगे।
    • वे आपकी त्वचा पर व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, फुंसी और सिस्ट जैसे लक्षणों की तलाश करेंगे।
  • चिकित्सा इतिहास:
    • त्वचा विशेषज्ञ आपके चिकित्सा इतिहास के बारे में पूछेंगे, जिसमें आपके लक्षण, दवाएं और कोई भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति शामिल है।
    • वे आपके पारिवारिक इतिहास के बारे में भी पूछ सकते हैं, क्योंकि मुँहासे आनुवंशिक हो सकते हैं।
  • अन्य परीक्षण:
    • कुछ मामलों में, त्वचा विशेषज्ञ अन्य परीक्षण कर सकते हैं, जैसे कि रक्त परीक्षण, हार्मोनल असंतुलन या अन्य चिकित्सा स्थितियों की जांच के लिए।

यहाँ कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:

  • मुँहासे का निदान आमतौर पर एक दृश्य परीक्षा के साथ किया जा सकता है।
  • त्वचा विशेषज्ञ मुँहासे के प्रकार और गंभीरता के आधार पर उपचार योजना तैयार करेंगे।

मुँहासे का इलाज क्या है?

मुँहासे का इलाज मुँहासे की गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार दिए गए हैं:

1. ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दवाएं:

  • बेंज़ोयल पेरोक्साइड: यह बैक्टीरिया को मारता है और छिद्रों को खोलता है।
  • सैलिसिलिक एसिड: यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है और छिद्रों को खोलता है।
  • अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए): यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है और त्वचा की बनावट में सुधार करता है।

2. डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं:

  • एंटीबायोटिक्स: यह बैक्टीरिया को मारते हैं और सूजन को कम करते हैं।
  • रेटिनोइड्स: यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं और छिद्रों को खोलते हैं।
  • हार्मोनल थेरेपी: यह हार्मोनल असंतुलन को ठीक करती है जो मुँहासे का कारण बन सकते हैं।
  • आइसोट्रेटिनॉइन: यह एक शक्तिशाली दवा है जिसका उपयोग गंभीर मुँहासे के इलाज के लिए किया जाता है।

3. प्रक्रियाएं:

  • केमिकल पील्स: यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाते हैं और त्वचा की बनावट में सुधार करते हैं।
  • लेजर थेरेपी: यह बैक्टीरिया को मारती है और सूजन को कम करती है।
  • एक्सट्रैक्शन: यह व्हाइटहेड्स और ब्लैकहेड्स को हटाने के लिए किया जाता है।

4. घरेलू उपचार:

  • चाय के पेड़ का तेल: इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
  • शहद: इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  • एलोवेरा: यह सूजन को कम करता है और त्वचा को शांत करता है।

5. जीवनशैली में बदलाव:

  • अपनी त्वचा को दिन में दो बार धोएं: हल्के क्लींजर का उपयोग करें और अपनी त्वचा को रगड़ने से बचें।
  • तेल-मुक्त सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करें: ऐसे उत्पादों की तलाश करें जो “गैर-कॉमेडोजेनिक” हों।
  • अपने चेहरे को छूने से बचें: अपने हाथों से बैक्टीरिया को त्वचा पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
  • स्वस्थ आहार खाएं: फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं।
  • तनाव कम करें: तनाव मुँहासे को बढ़ा सकता है।
  • पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी से मुँहासे बढ़ सकते हैं।
  • पानी अधिक पिएं: पानी से त्वचा में नमी रहती है।

मुँहासे का घरेलू इलाज क्या है?

मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए कई घरेलू उपचार हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • शहद और दालचीनी: शहद में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, और दालचीनी सूजन को कम करने में मदद करती है। इन दोनों को मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और इसे मुंहासों पर लगाएं।
  • एलोवेरा: एलोवेरा त्वचा को शांत करता है और सूजन को कम करता है। एलोवेरा जेल को सीधे मुंहासों पर लगाएं।
  • नींबू का रस: नींबू के रस में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो मुंहासों को सुखाने में मदद कर सकते हैं। नींबू के रस को सीधे मुंहासों पर लगाएं, लेकिन ध्यान रखें कि यह त्वचा को सूखा बना सकता है, इसलिए इसे सावधानी से उपयोग करें।
  • टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मुंहासों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे नारियल तेल जैसे कैरियर ऑयल के साथ पतला करें और मुंहासों पर लगाएं।
  • बर्फ: बर्फ सूजन को कम करने और मुंहासों को सिकोड़ने में मदद कर सकती है। एक साफ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा लपेटें और इसे कुछ मिनटों के लिए मुंहासों पर लगाएं।

अन्य उपाय:

  • अपने चेहरे को दिन में दो बार धोएं।
  • तेल-मुक्त और गैर-कॉमेडोजेनिक सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करें।
  • अपने चेहरे को छूने से बचें।
  • स्वस्थ आहार खाएं और खूब पानी पिएं।
  • तनाव कम करें।

मुँहासे में क्या खाएं और क्या न खाएं?

मुंहासों से बचने और उन्हें कम करने के लिए सही आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। यहां बताया गया है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:

क्या खाएं:

  • जिंक युक्त खाद्य पदार्थ:
    • यह त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जसे की ओटमील, दही, काला चना, मशरूम, पनीर, बाजरा आदि।
  • विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ:
    • यह त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करता है। जैसे कि गाजर, पालक, कद्दू, चुकंदर और बीन्स।
  • लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ:
    • यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है, जो मुंहासों को कम कर सकता है। जैसे कि जौ, पास्ता, दलिया, फलियां, और हरी सब्जियां।
  • स्वस्थ वसा:
    • जैसे कि एवोकाडो, नट्स, और बीज, जो त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • पानी:
    • खूब पानी पीने से त्वचा हाइड्रेटेड रहती है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

क्या न खाएं:

  • उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ:
    • जैसे कि चीनी, सफेद ब्रेड, और मीठे पेय, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं और मुंहासों को बढ़ाते हैं।
  • डेयरी उत्पाद:
    • कुछ लोगों में, दूध और अन्य डेयरी उत्पाद मुंहासों को बढ़ा सकते हैं।
  • तला हुआ और प्रसंस्कृत भोजन:
    • जैसे कि फास्ट फूड, चिप्स, और कैंडी, जिनमें अस्वास्थ्यकर वसा और चीनी होती है।
  • चॉकलेट:
    • कुछ लोगों में, चॉकलेट मुंहासों को बढ़ा सकती है।

मुँहासे के खतरे को कैसे कम करें?

मुंहासों के खतरे को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकते हैं:

  • त्वचा की सफाई:
    • दिन में दो बार अपने चेहरे को हल्के क्लींजर से धोएं।
    • तेल-मुक्त और गैर-कॉमेडोजेनिक सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करें।
    • मेकअप को रात में सोने से पहले जरूर हटा दें।
  • खानपान:
    • स्वस्थ आहार खाएं, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों।
    • उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों, डेयरी उत्पादों और तले हुए भोजन से बचें।
    • पानी खूब पिएं।
  • अन्य उपाय:
    • अपने चेहरे को छूने से बचें।
    • तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान करें।
    • पर्याप्त नींद लें।
    • धूम्रपान से बचें।
  • ध्यान देने योग्य बातें:
    • अपने चेहरे को जोर से न रगड़ें।
    • मुंहासों को फोड़ने से बचें, क्योंकि इससे निशान पड़ सकते हैं।
    • तेज धूप में जाने से बचें।
  • विशेषज्ञ की सलाह:
    • यदि आपके मुंहासे गंभीर हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
    • त्वचा विशेषज्ञ आपको व्यक्तिगत सलाह और उपचार दे सकते हैं।

सारांश

मुंहासों से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार, खान-पान और बचाव के तरीकों का सारांश इस प्रकार है:

घरेलू उपचार:

  • शहद और दालचीनी का पेस्ट लगाएं।
  • एलोवेरा जेल का उपयोग करें।
  • नींबू का रस लगाएं (सावधानी से)।
  • टी ट्री ऑयल का उपयोग करें (पतला करके)।
  • बर्फ लगाएं।

खान-पान:

  • क्या खाएं:
    • जिंक युक्त खाद्य पदार्थ।
    • विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ।
    • लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ।
    • स्वस्थ वसा।
    • खूब पानी पिएं।
  • क्या न खाएं:
    • उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ।
    • डेयरी उत्पाद (कुछ लोगों में)।
    • तला हुआ और प्रसंस्कृत भोजन।
    • चॉकलेट (कुछ लोगों में)।
    • जंक फ़ूड।

बचाव के तरीके:

  • त्वचा को दिन में दो बार धोएं।
  • तेल-मुक्त और गैर-कॉमेडोजेनिक उत्पादों का उपयोग करें।
  • चेहरे को छूने से बचें।
  • स्वस्थ आहार खाएं और खूब पानी पिएं।
  • तनाव कम करें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • धूम्रपान से बचें।
  • मुंहासों को फोड़ने से बचें।
  • तेज धूप में जाने से बचें।
  • गंभीर मुंहासों के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

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