मोच
मोच क्या है?
मोच एक सामान्य चोट है जो तब लगती है जब एक जोड़ के आसपास के स्नायुबंधन (लिगामेंट्स) खिंच जाते हैं या फट जाते हैं। स्नायुबंधन ऊतकों के मजबूत बैंड होते हैं जो हड्डियों को एक साथ जोड़ते हैं। मोच आमतौर पर टखने, कलाई या घुटने में लगती है।
मोच के लक्षण:
- दर्द: मोच लगने पर तेज दर्द होता है, खासकर जब आप प्रभावित जोड़ को हिलाते हैं।
- सूजन: प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ जाती है।
- खरोंच: त्वचा नीली या बैंगनी हो सकती है।
- गति की कमी: प्रभावित जोड़ को हिलाने में कठिनाई हो सकती है।
- अस्थिरता: जोड़ अस्थिर महसूस हो सकता है।
मोच के कारण:
- गिरना या मुड़ना: अचानक गिरने या मुड़ने से स्नायुबंधन खिंच सकते हैं या फट सकते हैं।
- खेलकूद की चोटें: खेलकूद के दौरान मोच लगना आम बात है।
- गलत तरीके से चलना: असमान सतहों पर चलने या गलत जूते पहनने से मोच लग सकती है।
मोच का इलाज:
मोच का इलाज आमतौर पर R.I.C.E. विधि से किया जाता है:
- आराम (Rest): प्रभावित जोड़ को आराम दें और उसे हिलाने से बचें।
- बर्फ (Ice): सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं।
- संपीड़न (Compression): सूजन को कम करने के लिए एक संपीड़न पट्टी बांधें।
- ऊंचाई (Elevation): सूजन को कम करने के लिए प्रभावित जोड़ को अपने हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं।
अन्य उपचार:
- दर्द निवारक दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं लें।
- फिजियोथेरेपी: गंभीर मोच के लिए, फिजियोथेरेपी आवश्यक हो सकती है।
- सर्जरी: दुर्लभ मामलों में, फटे हुए स्नायुबंधन की मरम्मत के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
मोच से बचाव:
- वार्म-अप और स्ट्रेचिंग: व्यायाम करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग करें।
- सही जूते पहनें: खेलकूद करते समय या असमान सतहों पर चलते समय उचित जूते पहनें।
- संतुलन बनाए रखें: संतुलन बनाए रखने के लिए व्यायाम करें।
- सावधान रहें: चलते समय या खेलकूद करते समय सावधान रहें।
डॉक्टर को कब दिखाएं:
मोच के कारण क्या हैं?
मोच कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
- गिरना या मुड़ना:
- अचानक गिरने या मुड़ने से स्नायुबंधन खिंच सकते हैं या फट सकते हैं।
- अनजाने में पैर मुड़ जाना या फिसल जाना।
- खेलकूद की चोटें:
- खेलकूद के दौरान तेज गति से दौड़ने, कूदने या दिशा बदलने से मोच लग सकती है।
- फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे खेलों में मोच लगने का खतरा अधिक होता है।
- गलत तरीके से चलना:
- असमान सतहों पर चलने या गलत जूते पहनने से मोच लग सकती है।
- ऊँची एड़ी के जूते पहनने से टखने में मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- अचानक गति या दिशा बदलना:
- जब कोई व्यक्ति अचानक अपनी गति या दिशा बदलता है, तो इससे टखने के लिगामेंट्स और मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ सकता है, जिससे मोच आ सकती है।
- अस्थिर या फिसलने वाली सतह पर चलना:
- अस्थिर या फिसलन वाली सतह पर चलने से टखने में मोच हो सकती है।
- गड्ढे में पैर फंसना:
- जब पैर किसी गड्ढे में फंस जाता है, और शरीर की बाकी की दिशा में गति होती है, तो इससे टखने में मोच हो सकती है।
मोच के संकेत और लक्षण क्या हैं?
मोच के संकेत और लक्षण गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसमें शामिल हैं:
- दर्द:
- यह मोच का सबसे आम लक्षण है।
- दर्द तेज या हल्का हो सकता है, और प्रभावित जोड़ को हिलाने पर बढ़ सकता है।
- सूजन:
- प्रभावित क्षेत्र में सूजन आ जाती है।
- सूजन चोट लगने के तुरंत बाद या कुछ घंटों के भीतर हो सकती है।
- खरोंच या चोट:
- त्वचा नीली, बैंगनी या लाल हो सकती है।
- यह स्नायुबंधन के फटने के कारण रक्त वाहिकाओं के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है।
- गति की कमी:
- प्रभावित जोड़ को हिलाने में कठिनाई हो सकती है।
- गंभीर मोच में, जोड़ को बिल्कुल भी हिलाना संभव नहीं हो सकता है।
- अस्थिरता:
- जोड़ अस्थिर या ढीला महसूस हो सकता है।
- प्रभावित जोड़ पर भार डालने में असमर्थता।
- गर्मी और कोमलता:
- चोट वाली जगह को छूने पर गर्म और कोमल महसूस हो सकता है।
- प्रभावित जोड़ में अकड़न:
- प्रभावित जोड़ में अकड़न महसूस होना और जोड़ को हिलाने में कठिनाई।
- कभी-कभी फटने की आवाज:
- गंभीर मोच में, स्नायुबंधन के फटने की आवाज सुनाई दे सकती है।
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव होता है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर से मिलें।
मोच का खतरा किसे अधिक होता है?
मोच का खतरा निम्नलिखित लोगों को अधिक होता है:
- खिलाड़ी:
- खेलकूद के दौरान तेज गति से दौड़ने, कूदने या दिशा बदलने के कारण मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- फुटबॉल, बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे खेलों में मोच लगने का खतरा अधिक होता है।
- वृद्ध लोग:
- उम्र के साथ, स्नायुबंधन कमजोर हो जाते हैं, जिससे मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- वृद्ध लोगों में संतुलन की कमी के कारण गिरने का खतरा भी अधिक होता है।
- अधिक वजन वाले लोग:
- अधिक वजन वाले लोगों पर जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- पहले से मोच लगी हो:
- जिन लोगों को पहले से मोच लगी हो, उन्हें दोबारा मोच लगने का खतरा अधिक होता है।
- गलत जूते पहनने वाले लोग:
- ऊँची एड़ी के जूते पहनने या खराब फिटिंग वाले जूते पहनने से मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- असमान सतहों पर चलने वाले लोग:
- असमान सतहों पर चलने या गड्ढों में पैर फंसने से मोच लग सकती है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ:
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे कि गठिया, स्नायुबंधन को कमजोर कर सकती हैं, जिससे मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- जो लोग व्यायाम करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग नहीं करते हैं:
- व्यायाम करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग न करने से स्नायुबंधन और मांसपेशियाँ अकड़ जाती है, जिससे मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
मोच से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
मोच अपने आप में एक चोट है, लेकिन यह कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हो सकती है या उन्हें जन्म दे सकती है:
- लिगामेंट की चोटें:
- मोच का सीधा संबंध लिगामेंट की चोटों से होता है। गंभीर मोच में लिगामेंट पूरी तरह से फट सकता है।
- जोड़ों में अस्थिरता:
- बार-बार मोच आने से जोड़ों में अस्थिरता आ सकती है, जिससे भविष्य में मोच लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- गठिया:
- गंभीर मोच या बार-बार मोच आने से जोड़ों में गठिया विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
- फ्रैक्चर:
- कभी-कभी, मोच के साथ-साथ हड्डी में फ्रैक्चर भी हो सकता है, खासकर गंभीर चोटों में।
- मांसपेशियों में खिंचाव:
- मोच के कारण आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव या क्षति हो सकती है।
- क्रोनिक दर्द:
- कुछ मामलों में, मोच ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक दर्द बना रह सकता है, जिसे क्रोनिक दर्द कहा जाता है।
- जोड़ों में रक्तस्राव (हिमआरथ्रोसिस):
- मोच लगने पर, जोड़ों में रक्तस्राव होने की संभावना रहती है। इससे जोड़ बहुत तेजी से सूज जाते हैं, और जोड़ों को हिलाने-डुलाने में परेशानी होती है।
- तंत्रिका क्षति:
- टखने में बहुत गंभीर मोचों से टखने के जोड़ में अस्थियों के सिरे पर मौजूद कार्टिलेज में फ्रैक्चर हो सकता है। इससे तंत्रिकाएं भी क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप लंबे समय का दर्द, सूजन और कभी-कभी चलने में समस्याएं हो सकती हैं।
मोच का निदान कैसे करें?
मोच का निदान आमतौर पर डॉक्टर द्वारा शारीरिक परीक्षण और कुछ मामलों में इमेजिंग परीक्षणों के माध्यम से किया जाता है। निदान प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हो सकते हैं:
- चिकित्सा इतिहास:
- डॉक्टर आपसे आपकी चोट के बारे में पूछेंगे, जैसे कि यह कैसे हुई और आपको क्या लक्षण महसूस हो रहे हैं।
- वे आपके पिछले चिकित्सा इतिहास के बारे में भी पूछ सकते हैं, जैसे कि आपको पहले कभी मोच लगी है या नहीं।
- शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपके प्रभावित जोड़ की जांच करेंगे, जिसमें सूजन, खरोंच और कोमलता जैसे लक्षणों की तलाश करना शामिल है।
- वे आपके जोड़ की गति की सीमा का भी आकलन करेंगे और यह देखेंगे कि क्या यह अस्थिर है।
- डॉक्टर यह भी देख सकते हैं की चलने में कोई दिक्कत है या नहीं।
- इमेजिंग परीक्षण:
- कुछ मामलों में, डॉक्टर एक्स-रे या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं।
- एक्स-रे हड्डियों के फ्रैक्चर का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- एमआरआई स्नायुबंधन और अन्य कोमल ऊतकों की चोटों का पता लगाने में मदद कर सकता है।
- अन्य परीक्षण:
- डॉक्टर कुछ विशेष मामलों में अन्य परीक्षणो का भी सहारा ले सकते हैं।
यहां कुछ अतिरिक्त जानकारी दी गई है:
- मोच का निदान आमतौर पर शारीरिक परीक्षण के माध्यम से किया जा सकता है।
- इमेजिंग परीक्षण केवल तभी आवश्यक होते हैं जब डॉक्टर को हड्डी के फ्रैक्चर या अन्य गंभीर चोट का संदेह होता है।
मोच का इलाज क्या है?
मोच का इलाज चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्के मोच का इलाज आमतौर पर घर पर किया जा सकता है, जबकि गंभीर मोच के लिए डॉक्टर से इलाज की आवश्यकता हो सकती है।
हल्के मोच का इलाज:
- R.I.C.E. विधि:
- आराम (Rest): प्रभावित जोड़ को आराम दें और उसे हिलाने से बचें।
- बर्फ (Ice): सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं।
- संपीड़न (Compression): सूजन को कम करने के लिए एक संपीड़न पट्टी बांधें।
- ऊंचाई (Elevation): सूजन को कम करने के लिए प्रभावित जोड़ को अपने हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं।
- दर्द निवारक दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवाएं लें।
- हल्के व्यायाम: जैसे-जैसे दर्द और सूजन कम होती है, आप हल्के व्यायाम करना शुरू कर सकते हैं।
गंभीर मोच का इलाज:
- डॉक्टर से इलाज: गंभीर मोच के लिए डॉक्टर से इलाज की आवश्यकता हो सकती है।
- फिजियोथेरेपी: फिजियोथेरेपी से आपको प्रभावित जोड़ की गति और शक्ति को बहाल करने में मदद मिल सकती है।
- सर्जरी: दुर्लभ मामलों में, फटे हुए स्नायुबंधन की मरम्मत के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
घरेलू उपाय:
- हल्दी का लेप: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- सरसों के तेल की मालिश: सरसों के तेल की मालिश से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है और दर्द कम हो सकता है।
- सेंधा नमक: सेंधा नमक सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं:
- यदि दर्द गंभीर है।
- यदि आप प्रभावित जोड़ को हिला नहीं सकते हैं।
- यदि सूजन कम नहीं होती है।
- यदि आपको बुखार है।
- यदि आपको लगता है कि हड्डी टूट गई है।
मोच से बचाव:
- व्यायाम करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग करें।
- खेलकूद करते समय या असमान सतहों पर चलते समय उचित जूते पहनें।
- संतुलन बनाए रखने के लिए व्यायाम करें।
- चलते समय या खेलकूद करते समय सावधान रहें।
मोच का घरेलू इलाज क्या है?
मोच का घरेलू इलाज कई तरह से किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:
R.I.C.E. विधि:
- आराम (Rest): प्रभावित जोड़ को आराम दें और उसे हिलाने से बचें।
- बर्फ (Ice): सूजन को कम करने के लिए दिन में कई बार 15-20 मिनट के लिए बर्फ लगाएं। बर्फ को सीधे त्वचा पर न लगाएं, बल्कि इसे कपड़े में लपेटकर लगाएं।
- संपीड़न (Compression): सूजन को कम करने के लिए एक संपीड़न पट्टी बांधें। पट्टी को बहुत कसकर न बांधें, क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
- ऊंचाई (Elevation): सूजन को कम करने के लिए प्रभावित जोड़ को अपने हृदय के स्तर से ऊपर उठाएं।
अन्य घरेलू उपाय:
- हल्दी का लेप: हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। हल्दी पाउडर को पानी या दूध में मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
- सरसों के तेल की मालिश: सरसों के तेल की मालिश से रक्त परिसंचरण में सुधार हो सकता है और दर्द कम हो सकता है। सरसों के तेल को हल्का गर्म करें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर मालिश करें।
- सेंधा नमक: सेंधा नमक सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। एक टब में गर्म पानी भरें और इसमें एक कप सेंधा नमक मिलाएं। प्रभावित जोड़ को 15-20 मिनट के लिए इस पानी में भिगोएं।
- एलोवेरा जेल: एलोवेरा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। एलोवेरा जेल को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और इसे सूखने दें।
- प्याज का रस: प्याज में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्याज का रस निकालें और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
मोच में क्या खाएं और क्या न खाएं?
मोच लगने पर सही खान-पान चोट को जल्दी ठीक करने और सूजन कम करने में मदद कर सकता है। यहाँ बताया गया है कि आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:
क्या खाएं:
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ:
- प्रोटीन ऊतकों की मरम्मत और नए ऊतकों के निर्माण में मदद करता है।
- अच्छे स्रोतों में दुबला मांस, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद, नट्स, बीज और फलियाँ शामिल हैं।
- विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ:
- विटामिन सी कोलेजन बनाने में मदद करता है, जो त्वचा की मजबूती और लचीलेपन के लिए जरूरी है।
- अच्छे स्रोतों में संतरा, नींबू, आंवला, हरी मिर्च, पपीता, टमाटर और ब्रोकली शामिल हैं।
- जिंक युक्त खाद्य पदार्थ:
- जिंक हड्डियों के पुनर्जनन को बढ़ावा देता है।
- अच्छे स्रोतों में मांस, बीज, फलियाँ, मेवे और साबुत अनाज शामिल हैं।
- कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ:
- कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं।
- दूध, दही, पनीर और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ:
- एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- अच्छे स्रोतों में हल्दी, अदरक, लहसुन, और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।
- पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ:
- पोटैशियम शरीर में कैल्शियम को बनाए रखने में मदद करता है।
- केले, आलू, संतरे और दूध इसके बेहतरीन स्रोत हैं।
- पानी:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना ज़रूरी है, क्योंकि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और सूजन को कम करने में मदद करता है।
क्या न खाएं:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अक्सर उच्च मात्रा में चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा होती है, जो सूजन को बढ़ा सकती है।
- चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय: चीनी सूजन को बढ़ा सकती है और उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकती है।
- अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थ: अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्थ सूजन को बढ़ा सकते हैं और उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं।
- शराब: शराब सूजन को बढ़ा सकती है और उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकती है।
- कैफीन: कैफीन निर्जलीकरण का कारण बन सकता है, जो उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकता है।
अतिरिक्त सुझाव:
- अपने आहार में फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ाएँ।
- साबुत अनाज का सेवन करें।
- स्वस्थ वसा का सेवन करें, जैसे कि जैतून का तेल और एवोकाडो।
- अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से बात करें यदि आपको अपनी आहार संबंधी आवश्यकताओं के बारे में कोई प्रश्न हैं।
मोच के जोखिम को कैसे कम करें?
मोच के जोखिम को कम करने के लिए कई सावधानियां बरती जा सकती हैं:
- वार्म-अप और स्ट्रेचिंग:
- व्यायाम करने से पहले वार्म-अप और स्ट्रेचिंग करें। इससे मांसपेशियों और स्नायुबंधन को लचीला बनाने में मदद मिलती है।
- सही जूते पहनें:
- खेलकूद करते समय या असमान सतहों पर चलते समय उचित जूते पहनें।
- ऊँची एड़ी के जूते पहनने से बचें, खासकर जब आप दौड़ रहे हों या खेल रहे हों।
- संतुलन बनाए रखें:
- संतुलन बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
- योग और ताई ची जैसे व्यायाम संतुलन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
- सावधान रहें:
- चलते समय या खेलकूद करते समय सावधान रहें।
- असमान सतहों पर चलते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें:
- अतिरिक्त वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे मोच का खतरा बढ़ जाता है।
- नियमित व्यायाम:
- नियमित व्यायाम से मांसपेशियों और स्नायुबंधन को मजबूत बनाने में मदद मिलती है, जिससे मोच का खतरा कम हो जाता है।
- सही तकनीक का उपयोग करें:
- खेलकूद करते समय या व्यायाम करते समय सही तकनीक का उपयोग करें।
- गलत तकनीक से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- पर्याप्त आराम करें:
- अपने शरीर को पर्याप्त आराम दें।
- थकान से मांसपेशियों और स्नायुबंधन कमजोर हो सकते हैं, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
- सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करें:
- खेलकूद करते समय सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग करें, जैसे कि टखने के ब्रेसिज़ या कलाई के गार्ड।
- संतुलित आहार लें:
- कैल्शियम और विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लें, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं।
- शराब और तंबाकू से बचें:
- शराब और तंबाकू हड्डियों और मांसपेशियों को कमजोर कर सकते हैं, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
सारांश
मोच एक ऐसी चोट है जो तब लगती है जब एक लिगामेंट, जो हड्डियों को जोड़ता है, में खिंचाव या फटना होता है। यह अक्सर अचानक मोड़ या गिरने के कारण होता है। मोच के लक्षणों में दर्द, सूजन, खरोंच और प्रभावित जोड़ को हिलाने में असमर्थता शामिल है। उपचार में आराम, बर्फ, संपीड़न और ऊंचाई (RICE) शामिल हैं।