उल्टी
उल्टी क्या है?
उल्टी एक अनियंत्रित, अनैच्छिक क्रिया है जिसमें पेट की सामग्री को मुंह के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। यह एक लक्षण है जो कई अलग-अलग कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- संक्रमण: गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू) जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण उल्टी का कारण बन सकते हैं।
- भोजन विषाक्तता: दूषित भोजन खाने से उल्टी हो सकती है।
- मोशन सिकनेस: कार, नाव या हवाई जहाज में यात्रा करने से कुछ लोगों को उल्टी होती है।
- गर्भावस्था: मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में एक आम समस्या है।
- दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि कीमोथेरेपी, उल्टी का कारण बन सकती हैं।
- माइग्रेन: माइग्रेन के सिरदर्द के साथ अक्सर मतली और उल्टी होती है।
- अन्य कारण: तनाव, चिंता, सिर में चोट, और कुछ चिकित्सा स्थितियां भी उल्टी का कारण बन सकती हैं।
उल्टी के साथ अन्य लक्षण:
उल्टी के साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मतली
- पेट दर्द
- दस्त
- चक्कर आना
- बुखार
- निर्जलीकरण
उल्टी के लिए घरेलू उपचार:
- थोड़ा-थोड़ा करके साफ तरल पदार्थ पिएं, जैसे कि पानी, स्पष्ट शोरबा, या इलेक्ट्रोलाइट समाधान।
- जब तक आप बेहतर महसूस न करें तब तक ठोस भोजन से बचें।
- अदरक मतली को शांत करने में मदद कर सकता है। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक के कैंडी चबा सकते हैं।
- पुदीना भी मतली को शांत करने में मदद कर सकता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं या पुदीने की कैंडी चबा सकते हैं।
डॉक्टर को कब देखें:
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण है तो आपको डॉक्टर को देखना चाहिए:
- गंभीर निर्जलीकरण
- खून की उल्टी
- तेज बुखार
- गंभीर पेट दर्द
- लगातार उल्टी जो 24 घंटे से अधिक समय तक चलती है
उल्टी के कारण क्या हैं?
उल्टी कई कारणों से हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
- संक्रमण:
- गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू) जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण उल्टी का कारण बन सकते हैं।
- कान में संक्रमण भी उल्टी का कारण बन सकता है।
- भोजन विषाक्तता:
- दूषित भोजन खाने से उल्टी हो सकती है।
- मोशन सिकनेस:
- कार, नाव या हवाई जहाज में यात्रा करने से कुछ लोगों को उल्टी होती है।
- गर्भावस्था:
- मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में एक आम समस्या है।
- दवाएं:
- कुछ दवाएं, जैसे कि कीमोथेरेपी, उल्टी का कारण बन सकती हैं।
- माइग्रेन:
- माइग्रेन के सिरदर्द के साथ अक्सर मतली और उल्टी होती है।
- अन्य कारण:
- तनाव, चिंता, सिर में चोट, और कुछ चिकित्सा स्थितियां भी उल्टी का कारण बन सकती हैं।
- अत्यधिक शराब का सेवन।
- पेट का अल्सर।
- अपच।
- अत्यधिक भोजन करना।
- पित्ताशय की थैली की बीमारी।
अगर उल्टी लगातार हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
उल्टी के संकेत और लक्षण क्या हैं?
उल्टी के संकेत और लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं, और ये व्यक्ति और अंतर्निहित कारण के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य संकेतों और लक्षणों में शामिल हैं:
उल्टी से पहले के लक्षण:
- मतली: उल्टी से पहले अक्सर मतली महसूस होती है, जो पेट में एक असहज और बेचैन करने वाली भावना होती है।
- पेट में बेचैनी: पेट में दर्द, ऐंठन या बेचैनी महसूस हो सकती है।
- पसीना आना: कुछ लोगों को उल्टी से पहले पसीना आ सकता है।
- चक्कर आना: चक्कर आना या हल्कापन महसूस हो सकता है।
- लार का अधिक उत्पादन: मुंह में अधिक लार बन सकती है।
- तेज हृदय गति: हृदय गति में वृद्धि हो सकती है।
उल्टी के दौरान या बाद के लक्षण:
- निर्जलीकरण: उल्टी से शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है, जिससे निर्जलीकरण हो सकता है।
- कमजोरी: उल्टी के बाद कमजोरी महसूस हो सकती है।
- सिरदर्द: कुछ लोगों को उल्टी के बाद सिरदर्द हो सकता है।
- मांसपेशियों में दर्द: उल्टी के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द हो सकता है।
- पेट में दर्द: उल्टी के बाद पेट में दर्द या संवेदनशीलता बनी रह सकती है।
गंभीर लक्षण (इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें):
- खून की उल्टी: उल्टी में खून आना एक गंभीर संकेत है।
- तेज बुखार: तेज बुखार के साथ उल्टी होना संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- गंभीर पेट दर्द: गंभीर पेट दर्द के साथ उल्टी होना एक गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।
- चेतना की हानि: उल्टी के साथ बेहोशी होना एक आपातकालीन स्थिति है।
- गर्दन में अकड़न: गर्दन में अकड़न के साथ उल्टी होना मेनिन्जाइटिस का संकेत हो सकता है।
- निर्जलीकरण के गंभीर लक्षण: जैसे कि बहुत कम या बिल्कुल पेशाब न आना, शुष्क मुंह, और अत्यधिक कमजोरी।
उल्टी का खतरा किसे अधिक होता है?
उल्टी का खतरा उन लोगों को अधिक होता है जो निम्नलिखित स्थितियों से पीड़ित हैं:
- गर्भावस्था:
- गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस के कारण उल्टी का अनुभव हो सकता है।
- छोटे बच्चे:
- छोटे बच्चों को वायरल संक्रमण, खाद्य विषाक्तता और मोशन सिकनेस के कारण उल्टी होने का खतरा अधिक होता है।
- यात्रा करने वाले लोग:
- जो लोग अक्सर यात्रा करते हैं, उन्हें मोशन सिकनेस के कारण उल्टी हो सकती है।
- माइग्रेन से पीड़ित लोग:
- माइग्रेन के दौरान उल्टी एक आम लक्षण है।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियों वाले लोग:
- जैसे कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस, पेट का अल्सर, और पित्ताशय की थैली की बीमारी।
- दवाएँ लेने वाले लोग:
- कुछ दवाएँ, जैसे कि कीमोथेरेपी, उल्टी का कारण बन सकती हैं।
- खाने की विषाक्तता:
- दूषित भोजन खाने से उल्टी हो सकती है।
- कान के संक्रमण:
- कान के संक्रमण के कारण उल्टी हो सकती है।
- मानसिक तनाव:
- मानसिक तनाव के कारण भी उल्टी हो सकती है।
उल्टी से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
उल्टी कई बीमारियों का एक लक्षण हो सकती है, जिनमें शामिल हैं:
पाचन तंत्र से संबंधित बीमारियाँ:
- गैस्ट्रोएंटेराइटिस (पेट का फ्लू): यह एक आम संक्रमण है जो उल्टी, दस्त और पेट दर्द का कारण बनता है।
- भोजन विषाक्तता: दूषित भोजन खाने से उल्टी और दस्त हो सकते हैं।
- पेट का अल्सर: पेट के अल्सर से उल्टी, पेट दर्द और सीने में जलन हो सकती है।
- पित्ताशय की थैली की बीमारी: पित्ताशय की थैली की बीमारी से उल्टी, पेट दर्द और बुखार हो सकता है।
- अपेंडिसाइटिस: अपेंडिसाइटिस से उल्टी, पेट दर्द और बुखार हो सकता है।
- आंतों में रुकावट: आंतों में रुकावट से उल्टी, पेट दर्द और कब्ज हो सकता है।
तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियाँ:
- माइग्रेन: माइग्रेन के सिरदर्द के साथ अक्सर उल्टी और मतली होती है।
- मेनिन्जाइटिस: मेनिन्जाइटिस से उल्टी, बुखार और गर्दन में अकड़न हो सकती है।
- सिर में चोट: सिर में चोट लगने से उल्टी और चेतना की हानि हो सकती है।
- मोशन सिकनेस: मोशन सिकनेस से उल्टी, चक्कर आना और मतली हो सकती है।
अन्य बीमारियाँ:
- गर्भावस्था: मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में एक आम समस्या है।
- दवाओं के दुष्प्रभाव: कुछ दवाएं उल्टी का कारण बन सकती हैं।
- कान का संक्रमण: कान का संक्रमण उल्टी का कारण बन सकता है।
- गुर्दे की बीमारी: गुर्दे की बीमारी से उल्टी, मतली और थकान हो सकती है।
- लीवर की बीमारी: लीवर की बीमारी से उल्टी, पीलिया और पेट में सूजन हो सकती है।
- कैंसर: कुछ प्रकार के कैंसर उल्टी का कारण बन सकते हैं, खासकर कीमोथेरेपी के दौरान।
उल्टी का निदान कैसे करें?
उल्टी का निदान करने के लिए, डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित चरणों का पालन करते हैं:
- चिकित्सा इतिहास:
- डॉक्टर आपसे आपके लक्षणों, चिकित्सा इतिहास और किसी भी दवा के बारे में पूछेंगे जो आप ले रहे हैं।
- वे आपसे यह भी पूछ सकते हैं कि आपने क्या खाया है, आपको कब से उल्टी हो रही है, और क्या आपको कोई अन्य लक्षण हैं।
- शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपके पेट की जांच करेंगे और आपके महत्वपूर्ण संकेतों की जांच करेंगे, जैसे कि आपका तापमान, रक्तचाप और हृदय गति।
- परीक्षण:
- कुछ मामलों में, डॉक्टर अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं। इन परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- रक्त परीक्षण: संक्रमण, निर्जलीकरण या अन्य चिकित्सा स्थितियों की जांच के लिए।
- मूत्र परीक्षण: निर्जलीकरण, संक्रमण या अन्य चिकित्सा स्थितियों की जांच के लिए।
- इमेजिंग परीक्षण: जैसे कि एक्स-रे, सीटी स्कैन या अल्ट्रासाउंड, पेट या मस्तिष्क में समस्याओं की जांच के लिए।
- एंडोस्कोपी: पेट के अंदर देखने के लिए।
- कुछ मामलों में, डॉक्टर अंतर्निहित कारण का पता लगाने के लिए परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं। इन परीक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
उल्टी के निदान में मदद करने वाले सवाल:
- आपको कितनी बार उल्टी होती है?
- उल्टी में क्या है? क्या इसमें खून या पित्त है?
- क्या आपको पेट में दर्द है?
- क्या आपको बुखार है?
- क्या आपको दस्त हैं?
- क्या आपको चक्कर आ रहे हैं?
- क्या आप कोई दवा ले रहे हैं?
- क्या आप गर्भवती हैं?
- क्या आपको कोई चिकित्सीय स्थिति है?
उल्टी का इलाज क्या है?
उल्टी का इलाज अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार दिए गए हैं:
1. निर्जलीकरण का उपचार:
- उल्टी से शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है, इसलिए निर्जलीकरण को रोकना महत्वपूर्ण है।
- थोड़ा-थोड़ा करके साफ तरल पदार्थ पिएं, जैसे कि पानी, स्पष्ट शोरबा, या इलेक्ट्रोलाइट समाधान।
- गंभीर निर्जलीकरण के मामलों में, अंतःशिरा तरल पदार्थ की आवश्यकता हो सकती है।
2. दवाएं:
- कुछ दवाएं उल्टी को रोकने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि एंटीमैटिक्स।
- डॉक्टर अंतर्निहित कारण के आधार पर दवा लिख सकते हैं।
3. घरेलू उपचार:
- अदरक: अदरक मतली को शांत करने में मदद कर सकता है। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक के कैंडी चबा सकते हैं।
- पुदीना: पुदीना भी मतली को शांत करने में मदद कर सकता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं या पुदीने की कैंडी चबा सकते हैं।
- हल्का भोजन: जब तक आप बेहतर महसूस न करें तब तक ठोस भोजन से बचें। फिर धीरे-धीरे हल्का भोजन खाना शुरू करें, जैसे कि टोस्ट, पटाखे या केला।
- आराम: पर्याप्त आराम करें।
4. अंतर्निहित कारण का उपचार:
- यदि उल्टी किसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति के कारण होती है, तो उस स्थिति का इलाज करना महत्वपूर्ण है।
- उदाहरण के लिए, यदि आपको गैस्ट्रोएंटेराइटिस है, तो आपको संक्रमण से लड़ने के लिए दवा दी जा सकती है।
डॉक्टर को कब देखें:
यदि आपको निम्न में से कोई भी लक्षण है तो आपको डॉक्टर को देखना चाहिए:
- गंभीर निर्जलीकरण
- खून की उल्टी
- तेज बुखार
- गंभीर पेट दर्द
- लगातार उल्टी जो 24 घंटे से अधिक समय तक चलती है
उल्टी का घरेलू इलाज क्या है?
उल्टी के घरेलू इलाज कई तरह के हो सकते हैं। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:
- अदरक:
- अदरक मतली को शांत करने में मदद कर सकता है।
- आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक के कैंडी चबा सकते हैं।
- अदरक को छोटे टुकड़े में काटकर खाया भी जा सकता है, या इसे पानी में कुछ देर गर्म करके चाय की तरह भी पिया जा सकता है।
- पुदीना:
- पुदीना भी मतली को शांत करने में मदद कर सकता है।
- आप पुदीने की चाय पी सकते हैं या पुदीने की कैंडी चबा सकते हैं।
- नींबू:
- नींबू का रस उल्टी को रोकने में मदद कर सकता है।
- आप नींबू पानी पी सकते हैं या नींबू के रस की कुछ बूँदें चाट सकते हैं।
- यदि आपको सीने में हरारत सी महसूस हो रही है और लग रहा है कि उल्टी आने वाली है तो आप नींबू का पानी पी सकते हैं। नींबू का पानी पीने पर उल्टी से छुटकारा मिल जाता है। इससे जी मितलाने और सीने में होने वाली हरारत की दिक्कत भी दूर हो जाती है।
- लौंग:
- लौंग उल्टी को रोकने में मदद कर सकती है।
- आप लौंग को चबा सकते हैं या लौंग की चाय पी सकते हैं।
- लौंग को चूस सकते हैं।
- लौंग और दालचीनी का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
- ढाई सौ ग्राम पानी में 5 लौंग डालकर काढ़ा बनाएं।
- सौंफ:
- सौंफ भी उल्टी को रोकने में मदद कर सकती है।
- आप सौंफ चबा सकते हैं या सौंफ की चाय पी सकते हैं।
- उल्टी महसूस होने पर पेट को आराम देने के लिए सौंफ एक अच्छा नुस्खा साबित होता है। इसके अनेक गुणों को देखते हुए ही खाना खाने के बाद सौंफ के सेवन की सलाह दी जाती है। जी मिचलाने या उल्टी जैसा लगने की स्थिति में सौंफ को चबाया जा सकता है।
- तरल पदार्थ:
- उल्टी से शरीर में तरल पदार्थ की कमी हो सकती है, इसलिए निर्जलीकरण को रोकना महत्वपूर्ण है।
- थोड़ा-थोड़ा करके साफ तरल पदार्थ पिएं, जैसे कि पानी, स्पष्ट शोरबा, या इलेक्ट्रोलाइट समाधान।
- हल्का भोजन:
- जब तक आप बेहतर महसूस न करें तब तक ठोस भोजन से बचें।
- फिर धीरे-धीरे हल्का भोजन खाना शुरू करें, जैसे कि टोस्ट, पटाखे या केला।
- आराम:
- पर्याप्त आराम करें।
सावधानियाँ:
- यदि उल्टी लगातार हो रही है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को उल्टी होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
उल्टी क्या खाएं और क्या न खाएं?
उल्टी होने पर क्या खाएं और क्या न खाएं, यह आपकी स्थिति पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं:
क्या खाएं:
- हल्का भोजन:
- टोस्ट, पटाखे, केला, चावल, सादा दही, और दलिया जैसे खाद्य पदार्थ खाएं।
- ये खाद्य पदार्थ पचाने में आसान होते हैं और आपके पेट को शांत करने में मदद कर सकते हैं।
- स्पष्ट तरल पदार्थ:
- पानी, स्पष्ट शोरबा, इलेक्ट्रोलाइट समाधान, और हर्बल चाय पिएं।
- ये तरल पदार्थ आपको निर्जलीकरण से बचाने में मदद करेंगे।
- अदरक:
- अदरक मतली को शांत करने में मदद कर सकता है।
- अदरक की चाय पिएं या अदरक की कैंडी चबाएं।
- पुदीना:
- पुदीना भी मतली को शांत करने में मदद कर सकता है।
- पुदीने की चाय पिएं या पुदीने की कैंडी चबाएं।
- केला:
- केले में पोटेशियम होता है, जो उल्टी के कारण खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने में मदद कर सकता है।
- चावल:
- चावल आसानी से पच जाता है और आपके पेट को शांत करने में मदद कर सकता है।
क्या न खाएं:
- तैलीय और मसालेदार भोजन:
- ये खाद्य पदार्थ आपके पेट को परेशान कर सकते हैं और मतली को बढ़ा सकते हैं।
- डेयरी उत्पाद:
- कुछ लोगों को उल्टी होने पर डेयरी उत्पाद पचाने में मुश्किल होती है।
- कैफीन और शराब:
- ये पेय निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
- कच्चे फल और सब्जियां:
- ये खाद्य पदार्थ पचाने में मुश्किल हो सकते हैं।
- खट्टे फल:
- संतरा और अंगूर जैसे खट्टे फल उल्टी को उत्तेजित कर सकते हैं।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अक्सर ऐसे तत्व होते हैं जो पेट को परेशान कर सकते हैं।
अतिरिक्त सुझाव:
- थोड़ा-थोड़ा करके खाएं।
- धीरे-धीरे चबाएं।
- खाने के बाद तुरंत न लेटें।
- पर्याप्त आराम करें।
उल्टी के जोखिम को कैसे कम करें?
उल्टी के जोखिम को कम करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं:
- स्वच्छता:
- अपने हाथों को बार-बार धोएं, खासकर भोजन तैयार करने या खाने से पहले।
- खाने को अच्छी तरह से पकाएं और दूषित भोजन से बचें।
- ताजा भोजन खाएं।
- आहार:
- धीरे-धीरे और कम मात्रा में खाएं।
- तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें।
- शराब और कैफीन का सेवन सीमित करें।
- हाइड्रेटेड रहें: उल्टी को रोकने के लिए, खासकर जब आप बीमार हों, तो भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पीना ज़रूरी है।
- यात्रा:
- यदि आपको मोशन सिकनेस है, तो यात्रा से पहले दवा लें।
- यात्रा के दौरान आगे की सीट पर बैठें और ताजी हवा लें।
- तनाव:
- तनाव कम करने के लिए योग या ध्यान करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- दवाएं:
- कुछ दवाएं उल्टी का कारण बन सकती हैं। यदि आपको कोई दवा लेने के बाद उल्टी होती है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- अन्य उपाय:
- तेज गंध से बचें।
- अच्छी तरह हवादार जगहों पर रहें।
- यदि आप गर्भवती हैं, तो मॉर्निंग सिकनेस से निपटने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- बीमार लोगों से दूर रहें।
सारांश
उल्टी एक आम समस्या है जो कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि संक्रमण, भोजन विषाक्तता, मोशन सिकनेस, गर्भावस्था, दवाएं, माइग्रेन, और अन्य चिकित्सा स्थितियाँ। उल्टी के साथ मतली, पेट दर्द, दस्त, चक्कर आना, बुखार और निर्जलीकरण जैसे लक्षण हो सकते हैं।
उल्टी का इलाज अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। घरेलू उपचार में थोड़ा-थोड़ा करके साफ तरल पदार्थ पीना, हल्का भोजन खाना, और अदरक या पुदीना का सेवन करना शामिल है। यदि उल्टी गंभीर है या लगातार हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
उल्टी के जोखिम को कम करने के लिए:
- स्वच्छता बनाए रखें।
- भोजन को अच्छी तरह से पकाएं।
- धीरे-धीरे और कम मात्रा में खाएं।
- तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें।
- शराब और कैफीन का सेवन सीमित करें।
- हाइड्रेटेड रहें।
- तनाव कम करें।
- पर्याप्त नींद लें।
उल्टी होने पर क्या खाएं:
- हल्का भोजन: टोस्ट, पटाखे, केला, चावल, सादा दही, और दलिया।
- स्पष्ट तरल पदार्थ: पानी, स्पष्ट शोरबा, इलेक्ट्रोलाइट समाधान, और हर्बल चाय।
- अदरक या पुदीना।
उल्टी होने पर क्या न खाएं:
- तैलीय और मसालेदार भोजन।
- डेयरी उत्पाद।
- कैफीन और शराब।
- कच्चे फल और सब्जियां।
- खट्टे फल।
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ।
यदि आपको लगातार उल्टी हो रही है, या यदि आपको कोई गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।