भूख न लगना
भूख न लगना क्या है?
भूख न लगना, जिसे चिकित्सकीय भाषा में एनोरेक्सिया कहा जाता है, भोजन करने की इच्छा में कमी है। यह एक सामान्य समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। भूख न लगने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
शारीरिक कारण:
- संक्रमण: फ्लू, निमोनिया या अन्य संक्रमण भूख कम कर सकते हैं।
- पुरानी बीमारियाँ: कैंसर, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी या अन्य पुरानी बीमारियाँ भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- दवाएँ: कुछ दवाएँ, जैसे एंटीबायोटिक्स या कीमोथेरेपी, भूख कम कर सकती हैं।
- पाचन संबंधी समस्याएँ: कब्ज, दस्त, पेट में दर्द या अन्य पाचन समस्याएँ भूख को प्रभावित कर सकती हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन: गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या थायरॉयड विकार भूख में बदलाव ला सकते हैं।
मानसिक कारण:
- तनाव: तनाव, चिंता या अवसाद भूख कम कर सकते हैं।
- मानसिक विकार: एनोरेक्सिया नर्वोसा या अन्य मानसिक विकार भूख में गंभीर कमी का कारण बन सकते हैं।
अन्य कारण:
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ भूख कम हो सकती है।
- गर्मी: गर्म मौसम में भूख कम लग सकती है।
- कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति अरुचि।
भूख न लगने के लक्षण:
- भोजन करने की इच्छा में कमी
- वजन घटना
- थकान
- कमजोरी
- मतली या उल्टी
भूख न लगने के उपचार:
भूख न लगने का उपचार इसके कारण पर निर्भर करता है। यदि भूख न लगने का कारण कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है, तो उस स्थिति का इलाज किया जाना चाहिए। कुछ मामलों में, डॉक्टर भूख बढ़ाने वाली दवा लिख सकते हैं।
घरेलू उपचार:
- छोटे, बार-बार भोजन करें।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
- तनाव कम करने के लिए व्यायाम करें या योग करें।
- पर्याप्त नींद लें।
भूख न लगना के कारण क्या हैं?
भूख न लगने के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बाँट सकते हैं:
1. शारीरिक कारण:
- संक्रमण:
- फ्लू, निमोनिया या अन्य संक्रमण भूख कम कर सकते हैं।
- पुरानी बीमारियाँ:
- कैंसर, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी या अन्य पुरानी बीमारियाँ भूख में कमी का कारण बन सकती हैं।
- दवाएँ:
- कुछ दवाएँ, जैसे एंटीबायोटिक्स या कीमोथेरेपी, भूख कम कर सकती हैं।
- पाचन संबंधी समस्याएँ:
- कब्ज, दस्त, पेट में दर्द या अन्य पाचन समस्याएँ भूख को प्रभावित कर सकती हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन:
- गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या थायरॉयड विकार भूख में बदलाव ला सकते हैं।
- उम्र:
- उम्र बढ़ने के साथ भूख कम हो सकती है।
- दर्द:
- शारीरिक असुविधा या दर्द जिसके कारण खाना खाना मुश्किल हो जाता है।
2. मानसिक कारण:
- तनाव:
- तनाव, चिंता या अवसाद भूख कम कर सकते हैं।
- मानसिक विकार:
- एनोरेक्सिया नर्वोसा या अन्य मानसिक विकार भूख में गंभीर कमी का कारण बन सकते हैं।
- भावनात्मक स्थिति:
- जब आप उदास, अवसादग्रस्त, परेशान या चिंतित होते हैं तो भूख कम हो सकती है।
- बोरियत और तनाव:
- बोरियत और तनाव दोनों ही भूख कम होने से जुड़े हुए हैं।
3. अन्य कारण:
- गर्मी:
- गर्म मौसम में भूख कम लग सकती है।
- कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति अरुचि:
- कुछ विशेष खाद्यों के प्रति अरुचि होने से भी भूख कम हो जाती है।
भूख न लगना के संकेत और लक्षण क्या हैं?
भूख न लगने के कई संकेत और लक्षण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
शारीरिक लक्षण:
- भोजन में रुचि की कमी: भोजन करने की इच्छा न होना या पहले पसंद आने वाले भोजन में रुचि कम हो जाना।
- वजन घटना: बिना किसी प्रयास के वजन कम होना।
- थकान और कमजोरी: ऊर्जा की कमी और शारीरिक कमजोरी महसूस होना।
- मतली और उल्टी: जी मिचलाना और उल्टी आना।
- पेट में असुविधा: पेट में दर्द, सूजन या भरा हुआ महसूस होना।
- स्वाद में बदलाव: भोजन का स्वाद बदला हुआ या बेस्वाद लगना।
- जल्दी पेट भर जाना: थोड़ी मात्रा में भोजन करने पर भी पेट भरा हुआ महसूस होना।
- कब्ज या दस्त: पाचन क्रिया में बदलाव।
मानसिक और भावनात्मक लक्षण:
- तनाव और चिंता: लगातार तनाव या चिंता में रहना।
- अवसाद: उदासी, निराशा या रुचि की कमी महसूस होना।
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई: किसी काम पर ध्यान लगाने में परेशानी होना।
- चिड़चिड़ापन: बिना किसी कारण के चिड़चिड़ा महसूस करना।
अन्य संभावित लक्षण:
- नींद में बदलाव: नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना।
- सिरदर्द: बार-बार सिरदर्द होना।
- चक्कर आना: चक्कर आना या हल्कापन महसूस हो
भूख न लगना का खतरा किसे अधिक होता है?
भूख न लगने का खतरा कई कारकों पर निर्भर करता है, और कुछ लोगों में यह समस्या दूसरों की तुलना में अधिक आम है। यहाँ कुछ समूह दिए गए हैं जिनमें भूख न लगने का खतरा अधिक होता है:
1. बुजुर्ग लोग:
- उम्र बढ़ने के साथ, स्वाद और गंध की इंद्रियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे भोजन का आनंद कम हो जाता है।
- पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है।
- पुरानी बीमारियों और दवाओं के कारण भी भूख कम हो सकती है।
2. बीमार लोग:
- कैंसर, एचआईवी/एड्स, किडनी रोग, और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में भूख कम हो सकती है।
- संक्रमण, जैसे कि फ्लू या निमोनिया, भी अस्थायी रूप से भूख कम कर सकते हैं।
- कीमोथेरेपी और विकिरण थेरेपी जैसे कैंसर के उपचार भूख को प्रभावित कर सकते हैं।
3. मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोग:
- तनाव, चिंता, और अवसाद भूख को कम कर सकते हैं।
- एनोरेक्सिया नर्वोसा और अन्य खाने के विकार भूख में गंभीर कमी का कारण बन सकते हैं।
4. दवाएँ लेने वाले लोग:
- कुछ दवाएँ, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, दर्द निवारक, और अवसादरोधी, भूख को कम कर सकती हैं।
5. गर्भवती महिलाएँ:
- गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में, मतली और उल्टी के कारण भूख कम हो सकती है।
6. बच्चे:
- बच्चे जब बीमार होते हैं, तो उन्हें भूख कम लगती है।
- कुछ बच्चों को खाने के प्रति अरुचि होती है।
7. अन्य जोखिम कारक:
- धूम्रपान
- शराब का सेवन
- निर्जलीकरण
भूख न लगना से कौन सी बीमारियां जुड़ी हैं?
भूख न लगना कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक लक्षण हो सकता है। यह आमतौर पर एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत है और कभी-कभी कुछ बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। भूख न लगने से जुड़ी कुछ सामान्य बीमारियाँ इस प्रकार हैं:
शारीरिक रोग:
- संक्रमण:
- जैसे कि फ्लू, निमोनिया, या अन्य वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण।
- पुरानी बीमारियाँ:
- कैंसर, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी, यकृत रोग, हृदय रोग, और थायरॉयड विकार।
- पाचन संबंधी समस्याएँ:
- जैसे कि गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस), और सूजन आंत्र रोग (आईबीडी)।
- हार्मोनल परिवर्तन:
- गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति, और थायरॉयड असंतुलन।
- दवाओं के दुष्प्रभाव:
- कुछ दवाएँ, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, कीमोथेरेपी दवाएँ, और कुछ दर्द निवारक दवाएँ।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ:
- तनाव और चिंता:
- लगातार तनाव या चिंता में रहना।
- अवसाद:
- उदासी, निराशा, और रुचि की कमी।
- खाने के विकार:
- जैसे कि एनोरेक्सिया नर्वोसा।
अन्य संभावित कारण:
- उम्र बढ़ना:
- बुजुर्ग लोगों में भूख कम हो सकती है।
- दवाओं का सेवन:
- कुछ दवाएं भूख को कम कर सकती हैं।
- लगातार दर्द:
- लगातार दर्द भी भूख को कम कर सकता है।
भूख न लगना का निदान कैसे करें?
भूख न लगने का निदान करने के लिए, डॉक्टर कई तरीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. चिकित्सा इतिहास और शारीरिक परीक्षण:
- डॉक्टर आपके चिकित्सा इतिहास के बारे में पूछेंगे, जिसमें आपके लक्षण, दवाएं, और कोई भी मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं।
- वे आपका शारीरिक परीक्षण भी करेंगे ताकि किसी भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का पता लगाया जा सके।
2. रक्त परीक्षण:
- रक्त परीक्षण एनीमिया, संक्रमण, या थायरॉयड समस्याओं जैसी स्थितियों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
3. इमेजिंग परीक्षण:
- एक्स-रे, सीटी स्कैन, या एमआरआई जैसे इमेजिंग परीक्षण पेट या अन्य अंगों में किसी भी असामान्यता का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
4. मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन:
- यदि डॉक्टर को संदेह है कि भूख न लगने का कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, तो वे आपको मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के पास भेज सकते हैं।
5. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परीक्षण:
- यदि डॉक्टर को संदेह है कि भूख न लगने का कारण पाचन समस्या है, तो वे एंडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी जैसे परीक्षणों का आदेश दे सकते हैं।
निदान की प्रक्रिया में शामिल चरण:
- लक्षणों का विवरण: डॉक्टर आपसे आपकी खाने की आदतों, वजन में बदलाव, और अन्य लक्षणों के बारे में पूछेंगे।
- शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके वजन, रक्तचाप, और अन्य महत्वपूर्ण संकेतों की जांच करेंगे।
- रक्त परीक्षण: रक्त परीक्षण एनीमिया, संक्रमण, या अन्य चिकित्सा स्थितियों का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
- इमेजिंग परीक्षण: एक्स-रे, सीटी स्कैन, या एमआरआई जैसे परीक्षण पेट या अन्य अंगों में समस्याओं का पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन: यदि डॉक्टर को संदेह है कि आपकी भूख न लगने का कारण मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, तो वे आपको एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के पास भेज सकते हैं।
भूख न लगना का इलाज क्या है?
भूख न लगने का इलाज इसके मूल कारण पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य उपचार दिए गए हैं:
1. अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का इलाज:
- यदि भूख न लगने का कारण कोई चिकित्सा स्थिति है, जैसे कि संक्रमण, कैंसर, या थायरॉयड समस्या, तो उस स्थिति का इलाज करना महत्वपूर्ण है।
- एक बार अंतर्निहित स्थिति का इलाज हो जाने पर, भूख में सुधार होना चाहिए।
2. दवाएं:
- कुछ दवाएं भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकती हैं, जैसे कि मेगेस्ट्रोल एसीटेट या साइप्रोहेप्टाडाइन।
- ये दवाएं आमतौर पर केवल गंभीर मामलों में उपयोग की जाती हैं और इन्हें डॉक्टर की देखरेख में लिया जाना चाहिए।
3. पोषण संबंधी सहायता:
- यदि भूख न लगने से वजन कम हो रहा है या कुपोषण हो रहा है, तो पोषण संबंधी सहायता आवश्यक हो सकती है।
- इसमें उच्च-कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ खाना, पोषण संबंधी पूरक लेना, या गंभीर मामलों में, अंतःशिरा पोषण शामिल हो सकता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य उपचार:
- यदि भूख न लगने का कारण तनाव, चिंता, या अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, तो चिकित्सा या परामर्श मदद कर सकता है।
5. जीवनशैली में बदलाव:
- छोटे, बार-बार भोजन करें: बड़े भोजन के बजाय, दिन भर में कई छोटे भोजन खाने की कोशिश करें।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने पर ध्यान दें।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं: निर्जलीकरण भूख को कम कर सकता है, इसलिए दिन भर में खूब पानी पिएं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है।
- तनाव का प्रबंधन करें: तनाव भूख को कम कर सकता है, इसलिए योग या ध्यान जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।
6. घरेलू उपचार:
- अदरक: अदरक भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या भोजन में अदरक मिला सकते हैं।
- नींबू: नींबू पाचन को उत्तेजित करने और भूख को बढ़ाने में मदद कर सकता है। आप नींबू पानी पी सकते हैं या भोजन में नींबू का रस मिला सकते हैं।
- अजवाइन: अजवाइन भूख को उत्तेजित करने और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकती है। आप अजवाइन को कच्चा खा सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
भूख न लगना का घरेलू इलाज क्या है?
भूख न लगने की समस्या से निपटने के लिए कई घरेलू उपाय हैं, जो आपकी मदद कर सकते हैं। यहाँ कुछ उपाय दिए गए हैं:
1. अदरक:
- अदरक पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप अदरक की चाय पी सकते हैं या भोजन में अदरक मिला सकते हैं।
- आप अदरक के छोटे टुकड़े को नींबू के रस और काले नमक के साथ मिलाकर भी खा सकते हैं।
2. नींबू:
- नींबू पाचन को उत्तेजित करता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप नींबू पानी पी सकते हैं या भोजन में नींबू का रस मिला सकते हैं।
- आप नींबू के रस को शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं।
3. अजवाइन:
- अजवाइन भूख को उत्तेजित करता है और पाचन में सुधार करता है।
- आप अजवाइन को कच्चा खा सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
- आप अजवाइन को पानी में उबालकर भी पी सकते हैं।
4. धनिया:
- धनिया पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप धनिया की चटनी बना सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
- आप धनिया के पत्तों को पानी में उबालकर भी पी सकते हैं।
5. आंवला:
- आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है और पाचन क्रिया को सुधारता है।
- आप आंवला का रस पी सकते हैं या इसे कच्चा खा सकते हैं।
- आप आंवला को शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं।
6. हींग:
- हींग पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप हींग को पानी में मिलाकर पी सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
7. पुदीना:
- पुदीना पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप पुदीना की चाय पी सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
8. दालचीनी:
- दालचीनी पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप दालचीनी की चाय पी सकते हैं या इसे भोजन में मिला सकते हैं।
9. त्रिफला:
- त्रिफला पाचन क्रिया को सुधारता है और भूख को बढ़ाने में मदद करता है।
- आप त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ ले सकते हैं।
10. जीवनशैली में बदलाव:
- छोटे, बार-बार भोजन करें।
- तनाव कम करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
भूख न लगना क्या खाएं और क्या न खाएं?
भूख न लगने पर सही आहार का चुनाव करना महत्वपूर्ण है ताकि आपका शरीर आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त कर सके और आपकी भूख में सुधार हो सके। यहाँ कुछ खाद्य पदार्थ दिए गए हैं जिन्हें आपको खाना चाहिए और जिनसे आपको बचना चाहिए:
क्या खाएं:
- छोटे, बार-बार भोजन: बड़े भोजन के बजाय, दिन भर में कई छोटे भोजन करें। इससे आपके पाचन तंत्र पर दबाव कम होगा और भूख बढ़ेगी।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ:
- फल और सब्जियां: विटामिन और खनिजों के लिए।
- साबुत अनाज: ऊर्जा के लिए।
- लीन प्रोटीन: मांसपेशियों के लिए। जैसे मछली, चिकन या दालें।
- तरल पदार्थ:
- पानी: निर्जलीकरण से बचने के लिए।
- सूप और शोरबा: पोषक तत्वों और तरल पदार्थों के लिए।
- अदरक की चाय: पाचन को उत्तेजित करने के लिए।
- मसाले:
- अदरक, नींबू, अजवाइन, धनिया, हींग और पुदीना जैसे मसाले भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकते हैं।
क्या न खाएं:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: इनमें अक्सर कम पोषक तत्व होते हैं और ये पाचन के लिए कठिन हो सकते हैं।
- वसायुक्त और तले हुए खाद्य पदार्थ: ये पाचन को धीमा कर सकते हैं और पेट में भारीपन महसूस करा सकते हैं।
- मीठे खाद्य पदार्थ और पेय: ये अस्थायी रूप से भूख को कम कर सकते हैं और पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकते हैं।
- कैफीन और शराब: ये भूख को कम कर सकते हैं और निर्जलीकरण का कारण बन सकते हैं।
- भारी भोजन: एक बार में बहुत अधिक भोजन करने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और भूख कम हो जाती है।
अतिरिक्त सुझाव:
- अपने भोजन को आकर्षक बनाएं: रंगीन और स्वादिष्ट भोजन खाने की इच्छा को बढ़ा सकता है।
- अपने खाने के समय को नियमित रखें: नियमित समय पर भोजन करने से आपके शरीर को भूख लगने की आदत हो जाएगी।
- तनाव कम करें: तनाव भूख को कम कर सकता है, इसलिए योग या ध्यान जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।
- अपने डॉक्टर से बात करें: यदि आपकी भूख में कमी गंभीर है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो अपने डॉक्टर से बात करें।
भूख न लगना के जोखिम को कैसे कम करें?
भूख न लगने के जोखिम को कम करने के लिए आप कई उपाय कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं:
- नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है।
- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी भूख को कम कर सकती है।
- तनाव का प्रबंधन करें: तनाव भूख को कम कर सकता है, इसलिए योग या ध्यान जैसी तनाव कम करने वाली गतिविधियों का अभ्यास करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये दोनों भूख को कम कर सकते हैं।
2. स्वस्थ आहार लें:
- छोटे, बार-बार भोजन करें: बड़े भोजन के बजाय, दिन भर में कई छोटे भोजन खाएं।
- पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन जैसे स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाने पर ध्यान दें।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएं: निर्जलीकरण भूख को कम कर सकता है, इसलिए दिन भर में खूब पानी पिएं।
- मीठे और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें: ये भूख को कम कर सकते हैं और पोषक तत्वों की कमी का कारण बन सकते हैं।
3. अपनी दवाओं की समीक्षा करें:
- यदि आप कोई दवा ले रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपकी भूख को प्रभावित नहीं कर रहे हैं।
4. अपनी मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें:
- यदि आप तनाव, चिंता या अवसाद का अनुभव कर रहे हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से बात करें।
5. नियमित रूप से डॉक्टर से मिलें:
- नियमित जांच से किसी भी अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति का पता लगाने में मदद मिल सकती है जो भूख न लगने का कारण बन सकती है।
6. घरेलू उपचार:
- अदरक, नींबू, अजवाइन, धनिया, हींग और पुदीना जैसे मसाले भूख को उत्तेजित करने में मदद कर सकते हैं।
7. अन्य सुझाव:
- अपने भोजन को आकर्षक बनाएं: रंगीन और स्वादिष्ट भोजन खाने की इच्छा को बढ़ा सकता है।
- अपने खाने के समय को नियमित रखें: नियमित समय पर भोजन करने से आपके शरीर को भूख लगने की आदत हो जाएगी।
सारांश
भूख न लगना, जिसे एनोरेक्सिया भी कहा जाता है, एक सामान्य समस्या है जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक दोनों कारण शामिल हैं।
मुख्य बातें:
- कारण:
- संक्रमण, पुरानी बीमारियाँ, दवाएँ, पाचन समस्याएँ, हार्मोनल परिवर्तन, तनाव, मानसिक विकार, और उम्र।
- लक्षण:
- भोजन में रुचि की कमी, वजन घटना, थकान, कमजोरी, मतली, और उल्टी।
- निदान:
- चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण, और मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन।
- उपचार:
- अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियों का इलाज, दवाएँ, पोषण संबंधी सहायता, मानसिक स्वास्थ्य उपचार, और जीवनशैली में बदलाव।
- घरेलू उपचार:
- अदरक, नींबू, अजवाइन, धनिया, आंवला, हींग, पुदीना, और दालचीनी जैसे खाद्य पदार्थ।
- रोकथाम:
- स्वस्थ जीवनशैली, स्वस्थ आहार, दवाओं की समीक्षा, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान, और नियमित रूप से डॉक्टर से मिलना।